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राजस्थान और तेलंगाना में हुई भीषण सड़क दुर्घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती, NHAI और सड़क परिवहन मंत्रालय से रिपोर्ट तलब
राजस्थान और तेलंगाना में हुई भीषण सड़क दुर्घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती, NHAI और सड़क परिवहन मंत्रालय से रिपोर्ट तलब

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राजस्थान और तेलंगाना में हाल ही में हुई घातक सड़क दुर्घटनाओं पर स्वतः संज्ञान (suo motu) लेते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को सड़क किनारे बने ढाबों और सड़क रखरखाव की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।जस्टिस जे.के. महेश्वरी और जस्टिस विजय विश्नोई की खंडपीठ ने कहा कि दो सप्ताह के भीतर यह सर्वे किया जाए कि कितने ढाबे राजमार्गों के किनारे ऐसी भूमि पर बने हैं जो इस उपयोग के लिए अधिसूचित नहीं है। अदालत ने...

हाईकोर्ट जाइये: सुप्रीम कोर्ट ने सांसद अमृतपाल सिंह की NSA के तहत नज़रबंदी को चुनौती देने वाली याचिका पर कहा
हाईकोर्ट जाइये: सुप्रीम कोर्ट ने सांसद अमृतपाल सिंह की NSA के तहत नज़रबंदी को चुनौती देने वाली याचिका पर कहा

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के सांसद अमृतपाल सिंह द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980 (NSA) के तहत अपनी तीसरी नज़रबंदी को चुनौती देने वाली रिट याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने उन्हें पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट जाने की छूट दी और अनुरोध किया कि इस मामले का निपटारा अधिमानतः 6 सप्ताह के भीतर किया जाए।जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की खंडपीठ के समक्ष सीनियर एडवोकेट कॉलिन गोंजाल्विस ने सिंह की याचिका का उल्लेख किया। शुरुआत में जस्टिस कुमार ने उन्हें हाईकोर्ट जाने को...

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट का निर्देश: ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए छह माह में लागू करें आरक्षण लागू
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट का निर्देश: ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए छह माह में लागू करें आरक्षण लागू

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक निर्णय में राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह ट्रांसजेंडर समुदाय को सार्वजनिक रोजगार में आरक्षण प्रदान करे और इसे छह महीनों के भीतर लागू करे। जस्टिस न्यापथी विजय ने कहा कि ट्रांसजेंडर समुदाय सामाजिक-आर्थिक रूप से अत्यधिक पिछड़ा है और समाज द्वारा उपेक्षित किए जाने के कारण राज्य पर नैतिक व संवैधानिक दायित्व है कि वह उनके लिए सकारात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करे।न्यायालय ने टिप्पणी की,“भारत में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की समस्याओं की उत्पत्ति परिवार और समाज में उन्हें...

राजस्थान हाईकोर्ट ने दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए 45% न्यूनतम अंक नियम बरकरार रखा, विशेष अपील खारिज
राजस्थान हाईकोर्ट ने दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए 45% न्यूनतम अंक नियम बरकरार रखा, विशेष अपील खारिज

राजस्थान हाईकोर्ट ने पशु चिकित्सा अधिकारी भर्ती प्रक्रिया में दिव्यांग श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए निर्धारित 45% न्यूनतम उत्तीर्णांक को चुनौती देने वाली विशेष अपील खारिज की। अदालत ने स्पष्ट किया कि यह मानक पूर्ण आयोग द्वारा लिए गए निर्णय के बाद लागू किया गया और आयोग की वेबसाइट पर भी उपलब्ध था, इसलिए इसे नए सिरे से लागू किया गया मानना गलत है।डिवीजन बेंच डॉ. जस्टिस पुष्पेन्द्र सिंह भाटी और जस्टिस बिपिन गुप्ता ने सिंगल बेंच का निर्णय बरकरार रखा, जिसमें कहा गया कि 45% की पात्रता सीमा आयोग के...

सरकार को देरी माफ़ कराने का कोई विशेष अधिकार नहीं, सीमाबद्धता कानून को चुनिंदा लोगों के हित में नहीं बदला जा सकता: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
सरकार को देरी माफ़ कराने का कोई विशेष अधिकार नहीं, सीमाबद्धता कानून को चुनिंदा लोगों के हित में नहीं बदला जा सकता: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट किया कि देरी माफी कोई सामान्य नियम नहीं बल्कि एक अपवाद है। इसे सरकारी विभाग अपने विशेषाधिकार के रूप में नहीं मांग सकते। अदालत ने कहा कि कानून की सीमाबद्धता (Law of Limitation) सभी पर समान रूप से लागू होती है और इसे चुनिंदा पक्षों को लाभ पहुंचाने के लिए तोड़ा-मरोड़ा नहीं जा सकता।चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बिभु दत्ता गुरु की खंडपीठ ने कहा कि सरकारी विभागों पर विशेष दायित्व होता है कि वे अपने कार्यों को पूरी सतर्कता और प्रतिबद्धता के साथ...

धारा 104 के तहत अपील में पारित आदेशों के खिलाफ सीपीसी की धारा 100 के तहत दूसरी अपील स्वीकार्य नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
धारा 104 के तहत अपील में पारित आदेशों के खिलाफ सीपीसी की धारा 100 के तहत दूसरी अपील स्वीकार्य नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए स्पष्ट किया कि सिविल प्रक्रिया संहिता 1908 (CPC) की धारा 100 के तहत कोई भी सेकंड अपील उन आदेशों के खिलाफ दायर नहीं की जा सकती जो धारा 104 के तहत पारित किए गए हों।जस्टिस योगेंद्र कुमार श्रीवास्तव की पीठ ने कहा कि धारा 104(2) स्पष्ट शब्दों में एक पूर्ण और निरपेक्ष रोक प्रदान करती है।उन्होंने कहा,“इस धारा के तहत अपील में पारित किसी आदेश से कोई दूसरी अपील नहीं चलेगी।”CPC की धारा 100 के अनुसार सेकंड अपील केवल उस स्थिति में संभव है, जब कोई अधीनस्थ...

कोई वैधानिक आधार नहीं: राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदूषण बोर्ड द्वारा ईंट-भट्टों पर लगाए पर्यावरण क्षतिपूर्ति आदेश रद्द किए
कोई वैधानिक आधार नहीं: राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदूषण बोर्ड द्वारा ईंट-भट्टों पर लगाए पर्यावरण क्षतिपूर्ति आदेश रद्द किए

राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (RSPCB) द्वारा ईंट-भट्ठा संचालकों पर लगाई गई पर्यावरण क्षतिपूर्ति को अवैध ठहराते हुए सभी संबंधित आदेशों को रद्द कर दिया। अदालत ने स्पष्ट कहा कि जब तक विधिवत नियम और विनियम अधिसूचित नहीं किए जाते, बोर्ड के पास ऐसी क्षतिपूर्ति वसूलने का कोई वैधानिक अधिकार नहीं है।जस्टिस सुनील बेनिवाल की सिंगल बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के D.P.C.C. बनाम लॉधी प्रॉपर्टी कंपनी लिमिटेड के फैसले पर भारी निर्भरता जताते हुए कहा कि बिना विधायी अनुमति और बिना अधिसूचित...

जया बच्चन ने दिल्ली हाईकोर्ट में पर्सनैलिटी राइट्स की सुरक्षा के लिए याचिका दायर की
जया बच्चन ने दिल्ली हाईकोर्ट में पर्सनैलिटी राइट्स की सुरक्षा के लिए याचिका दायर की

प्रसिद्ध एक्ट्रेस और राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने अपने पर्सनैलिटी राइट्स की सुरक्षा के लिए दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया। वह इंटरनेट पर प्रसारित हो रही कथित रूप से मॉर्फ्ड पिक्चर्स, भ्रामक कंटेंट और उनकी छवि का अवैध उपयोग करते हुए बेचे जा रहे सामान के खिलाफ संरक्षण चाहती हैं।याचिका पर सुनवाई जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की बेंच ने की। सीनियर एडवोकेट संदीप सेठी जो बच्चन की ओर से पेश हुए ने कोर्ट को बताया कि पहले प्रतिवादी द्वारा एक्ट्रेस की मॉर्फ्ड तस्वीरें पोस्ट की गईं। उन्होंने यह भी...

सोशल मीडिया पर घूम रहा चीफ जस्टिस का मॉर्फ्ड वीडियो, बोले, AI के खतरों से वाकिफ हूं
सोशल मीडिया पर घूम रहा चीफ जस्टिस का मॉर्फ्ड वीडियो, बोले, AI के खतरों से वाकिफ हूं

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई ने सोमवार को टिप्पणी की कि उन्हें सोशल मीडिया पर प्रसारित मॉर्फ्ड वीडियो के बारे में पता है, जिसमें उनके कोर्ट रूम में जूता फेंकने की कोशिश को गलत तरीके से दर्शाया गया है।चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की खंडपीठ भारतीय न्यायपालिका में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उपयोग को विनियमित करने के लिए दिशानिर्देश या नीति तैयार करने के निर्देश देने की मांग वाली रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी।सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील ने दलील...

Assam NRC में शामिल लोगों को पहचान पत्र जारी करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस
Assam NRC में शामिल लोगों को पहचान पत्र जारी करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद और ऑल असम माइनॉरिटीज स्टूडेंट यूनियन (AAMSU) द्वारा दायर रिट याचिका पर नोटिस जारी किया। याचिका में भारत संघ और नागरिक पंजीकरण के महापंजीयक को असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) की प्रक्रिया को 31 अगस्त 2019 को अंतिम NRC के प्रकाशन के बाद से लंबित वैधानिक कदम उठाकर पूरा करने के निर्देश देने की मांग की गई।याचिकाकर्ता अंतिम NRC में शामिल लोगों को राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करने के निर्देश चाहते हैं। वे अस्वीकृति पर्चियां/आदेश जारी करने और बाहर रखे गए लोगों के...

अब कोई राजा नहीं: परिवारिक विवाद के बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बलवंत एजुकेशनल सोसाइटी के बोर्ड के पुनर्गठन का प्रस्ताव रखा
अब कोई राजा नहीं: परिवारिक विवाद के बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बलवंत एजुकेशनल सोसाइटी के बोर्ड के पुनर्गठन का प्रस्ताव रखा

दिवंगत राजा बलवंत सिंह (अवागढ़) के परिवार के सदस्यों के बीच राजा बलवंत सिंह कॉलेज और उससे जुड़े बलवंत एजुकेशनल सोसाइटी के प्रबंधन को लेकर चल रहे लंबे विवाद पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बोर्ड के पुनर्गठन के लिए संतुलित व्यवस्था का प्रस्ताव रखा।जस्टिस सौरभ श्याम शंश्यरी ने कहा कि किसी भी पक्ष को राजा होने का दावा मान्य नहीं है लेकिन दोनों भाई बोर्ड के सदस्य बन सकते हैं और सोसाइटी के उपाध्यक्ष पद पर नियुक्त किए जा सकते हैं। अदालत ने सुझाव दिया कि भाइयों के बीच उम्र (जन्मतिथि) के अनुसार...

पत्नी-एडवोकेट के प्रभाव के कारण वकील न मिलने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने पति का मामला जयपुर ट्रांसफर किया
पत्नी-एडवोकेट के प्रभाव के कारण वकील न मिलने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने पति का मामला जयपुर ट्रांसफर किया

राजस्थान हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा कि यदि किसी पक्षकार को स्थानीय स्तर पर वकील नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि उसके विरोधी पक्ष के प्रभाव के चलते बार एसोसिएशन ने उसके खिलाफ माहौल बना दिया है तो यह न्याय के बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन है। इसी आधार पर अदालत ने पति-पक्ष के वैवाहिक एवं आपराधिक मामलों को सवाई माधोपुर से जयपुर स्थानांतरित करने का निर्देश दिया।जस्टिस अनुप कुमार धंड की एकलपीठ ने कहा कि न्याय पाने का अधिकार और वकील की सहायता प्राप्त करना व्यक्ति का मौलिक अधिकार है। यदि किसी...

भारतीय वन अधिनियम के तहत केवल नोटिस जारी करने से महाराष्ट्र अधिनियम के तहत निजी वनों का स्वामित्व नहीं हो जाएगा: सुप्रीम कोर्ट
भारतीय वन अधिनियम के तहत केवल नोटिस जारी करने से महाराष्ट्र अधिनियम के तहत निजी वनों का स्वामित्व नहीं हो जाएगा: सुप्रीम कोर्ट

महाराष्ट्र के निजी वन भूमि स्वामियों को एक बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसला पलट दिया, जिसमें केवल भारतीय वन अधिनियम के तहत नोटिस जारी करने के आधार पर निजी वन भूमि का स्वामित्व राज्य सरकार को सौंप दिया गया था। न्यायालय ने निजी वन भूमि का स्वामित्व उसके स्वामियों को वापस कर दिया।न्यायालय ने माना कि हाईकोर्ट का यह निर्णय गोदरेज एंड बॉयस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड बनाम महाराष्ट्र राज्य (2014) 3 एससीसी 430 के मामले में दिए गए उदाहरण के विपरीत है, जिसमें यह स्पष्ट किया...

चीफ जस्टिस बीआर गवई ने विधिक सेवा प्राधिकरणों के न्यायिक अधिकारियों से सहानुभूतिपूर्वक कार्य करने का आग्रह किया, विधिक सहायता वालंटियर को भुगतान में देरी की ओर ध्यान दिलाया
चीफ जस्टिस बीआर गवई ने विधिक सेवा प्राधिकरणों के न्यायिक अधिकारियों से सहानुभूतिपूर्वक कार्य करने का आग्रह किया, विधिक सहायता वालंटियर को भुगतान में देरी की ओर ध्यान दिलाया

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) के मुख्य संरक्षक, भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने रविवार को विधिक सेवा संस्थानों में प्रतिनियुक्त न्यायिक अधिकारियों से न्यायिक अलगाव के बजाय करुणा, विनम्रता और सामुदायिक जुड़ाव के साथ अपनी भूमिका निभाने का आग्रह किया।नालसा द्वारा सुप्रीम कोर्ट में आयोजित "विधिक सहायता वितरण तंत्रों को सुदृढ़ बनाने" पर राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह में बोलते हुए, मुख्य न्यायाधीश ने दो सप्ताह में पद छोड़ने की तैयारी कर रहे न्यायिक अधिकारियों को एक भावपूर्ण संदेश...

अदालतों को बाध्यकारी मिसालों को लागू करना चाहिए, नाम में भेद करके उन्हें दरकिनार नहीं किया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक अनुशासन पर ज़ोर दिया
'अदालतों को बाध्यकारी मिसालों को लागू करना चाहिए, नाम में भेद करके उन्हें दरकिनार नहीं किया जा सकता': सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक अनुशासन पर ज़ोर दिया

न्यायिक पदानुक्रम और अनुशासन की एक मज़बूत पुष्टि करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने देश भर की अदालतों को याद दिलाया कि "न्यायपालिका अपनी शक्ति अनुशासन से प्राप्त करती है, प्रभुत्व से नहीं," और इस बात पर ज़ोर दिया कि बाध्यकारी मिसालों का पालन करना एक संवैधानिक कर्तव्य है।कोर्ट ने कहा,"हम अदालतों के सरल कर्तव्य को दोहराते हैं: मिसालों को वैसे ही लागू करें जैसे वे हैं और अपीलीय निर्देशों को वैसे ही लागू करें जैसे वे बनाए गए। इस अनुशासन में वादियों का विश्वास और अदालतों की विश्वसनीयता निहित है।"कोर्ट ने कहा...

मकान मालिक के किरायानामा के तहत परिसर में प्रवेश करने वाला किरायेदार बाद में उसके स्वामित्व पर विवाद नहीं कर सकता: सुप्रीम कोर्ट
मकान मालिक के किरायानामा के तहत परिसर में प्रवेश करने वाला किरायेदार बाद में उसके स्वामित्व पर विवाद नहीं कर सकता: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मकान मालिक द्वारा निष्पादित किरायानामा के माध्यम से किराए के परिसर पर कब्ज़ा करने वाला किरायेदार बाद में मकान मालिक के स्वामित्व को चुनौती नहीं दे सकता, खासकर दशकों तक किराया चुकाने के बाद।1953 में शुरू हुए सात दशक पुराने मकान मालिक-किरायेदार विवाद का निपटारा करते हुए कोर्ट ने पाया कि प्रतिवादियों (किरायेदारों) के पूर्ववर्तियों ने रामजी दास नामक व्यक्ति से दुकान किराए पर ली थी। उनकी मृत्यु के बाद भी उन्हें और उनके बेटे को किराया देते रहे। इसलिए कोर्ट ने फैसला सुनाया कि...

NALSA की पहुंच आज देश के सुदूर कोनों तक पहुंच गई, उन लोगों तक पहुंच गई, जो अनदेखे और अनसुने थे: जस्टिस सूर्यकांत
NALSA की पहुंच आज देश के सुदूर कोनों तक पहुंच गई, उन लोगों तक पहुंच गई, जो अनदेखे और अनसुने थे: जस्टिस सूर्यकांत

सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस सूर्यकांत ने रविवार को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) की परिवर्तनकारी पहुंच पर गर्व व्यक्त किया और कहा कि इसकी उपस्थिति अब भारत के सुदूर कोनों तक पहुंच गई और इसने उन लोगों के जीवन को छुआ है, जो अन्यथा अनदेखे और अनसुने रह जाते।NALSA द्वारा आयोजित "कानूनी सहायता वितरण तंत्र को सुदृढ़ बनाना" विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र में बोलते हुए जस्टिस सूर्यकांत, जो NALSA के कार्यकारी अध्यक्ष हैं, उसने संस्था के एक वैधानिक ढांचे से संवैधानिक सहानुभूति पर आधारित एक...