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राज्य बार काउंसिल में रजिस्टर्ड वकीलों के लिए मेडिक्लेम पॉलिसी बनाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका
इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई। उक्त याचिका में न्यायालय से राज्य बार काउंसिल में रजिस्टर्ड वकीलों के लिए विशेष रूप से व्यापक मेडिक्लेम/हेल्थकेयर पॉलिसी बनाने का निर्देश देने का आग्रह किया गया।याचिकाकर्ता आलोक कुमार मिश्रा द्वारा दायर की गई याचिका में कानूनी पेशेवरों को पर्याप्त स्वास्थ्य सेवा लाभ प्रदान करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया, जो अक्सर चिकित्सा बीमा कवरेज की कमी के कारण महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जोखिमों और वित्तीय बोझ का सामना करते हैं।जनहित याचिका में कहा...
UP Police Exam Paper Leak | 'उसके पास से कोई आपत्तिजनक वस्तु बरामद नहीं हुई': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी को जमानत दी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मोनू शर्मा उर्फ मोनू पंडित को जमानत दी। मोनू शर्मा को इस वर्ष की शुरुआत में पुलिस कांस्टेबल परीक्षा में हेराफेरी करने और प्रश्नपत्र लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।जस्टिस समीर जैन की पीठ ने उसे राहत देते हुए कहा कि उसके पास से कोई आपत्तिजनक वस्तु बरामद नहीं हुई और सह-आरोपी (मोनू कुमार और रजनीश रंजन), जिन्हें आवेदक के साथ पकड़ा गया, उनको हाईकोर्ट द्वारा पहले ही जमानत पर रिहा कर दिया गया।यद्यपि एकल न्यायाधीश ने आवेदक के चार अन्य मामलों से जुड़े आपराधिक इतिहास पर...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाबालिग से बलात्कार के मामले में पुलिस की 'खराब' जांच को लेकर फटकार लगाई, उत्तर प्रदेश के DGP से हलफनामा मांगा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में 14 वर्षीय लड़की से बलात्कार के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस की 'खराब' जांच की आलोचना की। न्यायालय ने जांच और पर्यवेक्षण अधिकारियों द्वारा मामले की जांच और पर्यवेक्षण में खामियों को उजागर किया।जस्टिस राजीव सिंह की पीठ ने कहा कि अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में लड़की के नौ सप्ताह की गर्भवती होने की पुष्टि होने के बावजूद, जांच अधिकारी ने उससे गर्भावस्था के बारे में महत्वपूर्ण सवाल नहीं पूछे, इस चूक को पर्यवेक्षण अधिकारी ने भी नजरअंदाज किया।न्यायालय ने टिप्पणी की,“यह जांच और...
NDPS Act | क्या पुलिस/DRI गवाहों की गवाही के आधार पर अभियुक्त को दोषी ठहराया जा सकता है: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (NDPS Act) के तहत किसी मामले में अभियुक्त की दोषसिद्धि पुलिस गवाहों या राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) के गवाहों की गवाही के आधार पर सुरक्षित रूप से की जा सकती है, यदि ऐसी गवाही विश्वास जगाती है।जस्टिस मोहम्मद फैज आलम खान की पीठ ने NDPS Act की धारा 8(सी)/20(बी)(ii)(सी)/25 के तहत अपराधों के लिए दोषी पाए गए तीन लोगों की दोषसिद्धि बरकरार रखी और उन्हें 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई।संक्षेप में मामलाउनके खिलाफ आरोपों के...
मनी लॉन्ड्रिंग के कारण नुकसान झेलने वाले वास्तविक व्यक्ति कुर्क की गई संपत्ति को वापस पाने के लिए स्पेशल कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
मनी लॉन्ड्रिंग के अपराधों के कारण सद्भावनापूर्वक कार्य करने वाले व्यक्तियों को सुरक्षा प्रदान करते हुए जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि वे कुर्क की गई संपत्तियों को वापस पाने के लिए स्पेशल कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के हकदार हैं।धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (PMLA Act) की धारा 8 की उपधारा 8 का हवाला देते हुए जस्टिस संजीव कुमार ने कहा,“कोई व्यक्ति, जिसने सद्भावनापूर्वक कार्य किया है और PMLA अपराध के परिणामस्वरूप उसे परिमाणात्मक नुकसान हुआ, सभी उचित सावधानियां बरतने के बावजूद और...
'पुलिस के लिए भारी मात्रा में प्रतिबंधित पदार्थ रखना असंभव': पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 25 किलोग्राम हेरोइन रखने के लिए दोषी ठहराए गए व्यक्तियों की अपील खारिज की
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 25 किलोग्राम हेरोइन रखने के लिए NDPS Act के तहत दोषसिद्धि को चुनौती देने वाली अपील खारिज की। न्यायालय ने इस तर्क को खारिज कर दिया कि प्रतिबंधित पदार्थ पुलिस द्वारा रखा गया था और आरोपी व्यक्तियों को मामले में झूठा फंसाया गया।जस्टिस गुरविंदर सिंह गिल और जस्टिस एन.एस. शेखावत ने कहा,"जमा किया गया प्रतिबंधित पदार्थ बहुत भारी है और दोनों अपीलकर्ताओं पर इस तरह का आरोप लगाना असंभव है। यहां तक कि धारा 313 सीआरपीसी के तहत अपने बयानों में भी अपीलकर्ताओं ने कोई स्पष्टीकरण...
हाईकोर्ट द्वारा जमानत पर रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे अरविंद केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शराब नीति मामले में उन्हें जमानत देने के आदेश पर रोक लगाने वाले हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।केजरीवाल के वकील मामले की तत्काल सुनवाई की मांग करेंगे। याचिका रविवार (23 जून) को शाम 5.52 बजे दायर की गई थी।ट्रायल जज ने 20 जून को केजरीवाल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी थी, क्योंकि पहली नजर में उन्हें पद का कोई दोष नहीं है। अगले दिन प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जमानत आदेश को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट...
NEET-PG 2024 के उम्मीदवार ने सुप्रीम कोर्ट से NBE को आंसर की, OMR शीट प्रकाशित करने और पुनर्मूल्यांकन विकल्प की अनुमति देने का निर्देश देने का आग्रह किया
राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) के माध्यम से पोस्ट-ग्रेजुएट (PG) मेडिकल कोर्स में एडमिशन के लिए उपस्थित होने वाले डॉक्टर ने NEET-PG परीक्षा के प्रश्न पत्र, आंसर की और उत्तर पुस्तिकाओं तक पहुंच देने से राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (NBE) के इनकार को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।याचिकाकर्ता ने NBE को उम्मीदवारों को अंकों के पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन करने की अनुमति देने का निर्देश देने की भी मांग की।जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एसवीएन भट्टी की वेकेशन बेंच ने 21 जून को...
एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट कब बाउंड भरवा सकता है
कार्यपालक मजिस्ट्रेट शहर में शांति व्यवस्था बनाए रखने का कार्य भी करते हैं। एडमिनिस्ट्रेशन पर यह ज़िम्मेदारी होती है कि वह किसी सिटी में पब्लिक के बीच शांति बनाए रखे। दंड प्रक्रिया संहिता में ऐसी व्यवस्था की गयी है जहां मजिस्ट्रेट संदेह होने पर लिखित में लेकर बांड भरवा सकता है। बांड में बांड भरने वाला व्यक्ति शर्तिया तौर पर यह कहता है कि मेरे द्वारा कोई भी ऐसा काम नहीं किया जाएगा जिससे सिटी में शांति व्यवस्था भंग हो और जनता परेशान हो। इसके लिए मजिस्ट्रेट ऐसे लोगों से सिक्युरिटी जमा करवाता है।समाज...
जमीन विवाद में मजिस्ट्रेट द्वारा उठाए जाने वाले कदम
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 145, 146, 147 के अंतर्गत किसी ज़मीन और मकान के विवाद से तत्कालीन रूप से निपटने हेतु एक्ज़ीक्यूटिव मजिस्ट्रेट को पॉवर्स दिए गए हैं। यह पॉवर्स किसी अंतिम निर्णय पर पहुंचने के लिए तो नहीं दिए गए हैं किंतु मजिस्ट्रेट इन पॉवर्स को इस्तेमाल करके तत्काल रूप से शांति ज़रूर स्थापित कर सकता है।धारा 145 में स्थावर संपत्ति विषयक विवादों के संबंध में जिससे लोक शांति भंग होने की संभावना हो निस्तारण की प्रक्रिया का उल्लेख है। धारा 145 की उपधारा (1) के अनुसार कार्यपालक मजिस्ट्रेट को इस...
सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र
सुप्रीम कोर्ट में पिछले सप्ताह (17 जून, 2024 से 21 जून, 2024 तक) तक क्या कुछ हुआ, जानने के लिए देखते हैं सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप। पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र।विलय का सिद्धांत सार्वभौमिक रूप से लागू नहीं होता, अनुच्छेद 142 की शक्तियां अपवाद: सुप्रीम कोर्टदिल्ली सरकार और उसकी संस्थाओं के पक्ष में भूमि अधिग्रहण के कई मामलों में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा कि विलय का सिद्धांत सार्वभौमिक रूप से लागू नहीं होता। कोर्ट ने कहा कि संविधान के...
हाईकोर्ट वीकली राउंड अप : पिछले सप्ताह के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र
देश के विभिन्न हाईकोर्ट में पिछले सप्ताह (17 जून, 2024 से 21 जून, 2024) तक क्या कुछ हुआ, जानने के लिए देखते हैं हाईकोर्ट वीकली राउंड अप। पिछले सप्ताह हाईकोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र।[NDPS Act] केवल आरोप पत्र दाखिल करने का कोई प्रेरक मूल्य नहीं है, आरोपी जमानत का हकदार नहीं: त्रिपुरा हाईकोर्ट त्रिपुरा हाईकोर्ट ने कहा कि केवल चार्जशीट दाखिल करने से नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 (NDPS Act) के तहत किसी आरोपी को जमानत नहीं मिल जाती और यह जमानत अधिनियम के तहत एक...
"एलन मस्क ने भी EVM का मुद्दा उठाया है": बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मुंबई उत्तर पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से रविंद्र वायकर की चुनावी जीत को चुनौती दी
लोकसभा चुनाव में मुंबई उत्तर पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार भरत खिमजी शाह ने शिवसेना के रविंद्र वायकर की जीत को चुनौती देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की।वकील असीम सरोदे के माध्यम से दायर याचिका में वायकर की जीत को अमान्य घोषित करने की मांग की गई, जिसमें मतगणना प्रक्रिया के दौरान पारदर्शिता और कथित कदाचार के बारे में कई चिंताओं का हवाला दिया गया।याचिका में कहा गया,"यह पहली बार है कि इस घटना के माध्यम से EVM के माध्यम से धोखाधड़ी की विशिष्ट प्रक्रिया सामने आई...
संवैधानिक न्यायालय नागरिकों के मौलिक अधिकारों के संरक्षक , व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन होने पर उन्हें अतिरिक्त संवेदनशील होना चाहिए: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
जम्मू-कश्मीर सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम 1978 के तहत निवारक निरोध आदेश रद्द करते हुए जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने हिरासत में लेने वाले अधिकारियों के लिए चेतावनी जारी की, जो मानते हैं कि अधिनियम के तहत उनकी शक्तियों पर कोई नियंत्रण नहीं है।जस्टिस राहुल भारती की पीठ ने कहा कि निरोध आदेश जारी करने के लिए अधिकारियों की व्यक्तिपरक संतुष्टि को शब्दों के खेल के रूप में नहीं समझा जा सकता, जबकि यह माना जाता है कि उनके पास किसी भी व्यक्ति को किसी भी समय निवारक निरोध में रखने की सर्वशक्तिमान शक्ति और...
वनोपज के परिवहन के संबंध में राजस्थान वन अधिनियम की धारा 41 के तहत बनाए गए नियमों का उल्लंघन गैर-संज्ञेय अपराध: हाईकोर्ट ने FIR रद्द की
राजस्थान हाईकोर्ट ने दोहराया है कि वन उपज के पारगमन को विनियमित करने के लिए राजस्थान वन अधिनियम, 1953 की धारा 41 के तहत राज्य सरकार द्वारा बनाए गए नियमों के उल्लंघन के संबंध में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकती है।अधिनियम की धारा 42 में नियमों के उल्लंघन के लिए छह माह तक के कारावास की सजा का प्रावधान है। जस्टिस अनिल कुमार उपमन की पीठ ने मौसम खान बनाम भारत संघ और अन्य के मामले में यह फैसला सुनाया, जहां एक समन्वय पीठ ने माना कि धारा 41 के तहत अपराध पर केवल अधिकृत/सक्षम अधिकारी द्वारा शिकायत दर्ज...
केरल हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन ने कोर्ट फीस में बढ़ोतरी का विरोध किया
केरल हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन ने जस्टिस वीके मोहनन की अध्यक्षता वाली एक्सपर्ट कमेटी को अपनी राय सौंपी है, जिसमें कोर्ट फीस में बढ़ोतरी का विरोध किया गया है।केरल हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन ने बताया कि विशेषज्ञ समिति ने जमीनी हकीकत को समझे बिना कोर्ट फीस में वृद्धि करने की सिफारिशें की हैं। कोर्ट फीस में संशोधन के प्रस्ताव की घोषणा 2024 के बजट भाषण के दौरान की गई थी। इस प्रस्ताव में परक्राम्य लिखत अधिनियम के तहत चेक मामलों के लिए न्यायालय शुल्क में 5% की वृद्धि के साथ-साथ फ़ैमिली कोर्ट याचिकाओं...
चुनाव बाद हिंसा: कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल सरकार को झड़पों के दौरान विस्थापित हुए लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों के बाद हुई हिंसा के दौरान झड़पों से विस्थापित हुए लोगों को सुरक्षित उनके घर लौटाया जाए।जस्टिस हरीश टंडन और जस्टिस हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने 21 जून तक तैनात केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बलों को भी निर्देश दिया कि उनकी तैनाती २६ जून तक बढ़ा दी जाए। इससे पहले, कोर्ट ने भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी की याचिका पर 21 जून तक केंद्रीय बलों की तैनाती बढ़ा दी थी , जिसमें आरोप लगाया गया था कि...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने भारी केस लोड पर निराशा व्यक्त करने के लिए 'Handicapped' शब्द का उपयोग करने के लिए जज की आलोचना की
बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में ए़डिशनल सेशन जज की भारी केस लोड पर निराशा व्यक्त करने के लिए 'Handicapped' शब्द का उपयोग करने के लिए आलोचना की।जस्टिस पृथ्वीराज के चव्हाण ने कहा,"भाषा का लहजा और भाव अनुचित और अस्वीकार्य है। इस अर्थ में न्यायिक अधिकारी को 'Handicapped' शब्दों का उपयोग करके अपनी निराशा और असमर्थता व्यक्त नहीं करनी चाहिए। साथ ही स्थगन देने की अनिच्छा भी व्यक्त नहीं करनी चाहिए।"विचाराधीन मुद्दा 24 अप्रैल, 2024 को मुंबई के सिटी सिविल कोर्ट के एडिशनल सेशन जज द्वारा पारित एक आदेश के...
IPC या Arms Act के तहत अपराधों को ईडी द्वारा FEMA के तहत तलाशी के दौरान पाया गया अपराध PMLA के तहत विनिर्दिष्ट अपराधों के रूप में माना जा सकता: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (FEMA) के तहत की गई तलाशी के आधार पर पीएमएलए के तहत दर्ज प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट को रद्द करने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है।प्रतिपादित अपराध धारा 472 (धारा 46 के तहत दंडनीय जालसाजी करने के इरादे से नकली मुहर आदि बनाना या रखना), 473 (जालसाजी करने के इरादे से नकली मुहर आदि बनाना या रखना) और शस्त्र अधिनियम के तहत वीजा धोखाधड़ी से संबंधित प्राथमिकी दर्ज की गई थी। याचिका खारिज करते हुए अदालत ने इस दलील को खारिज कर...
[NDPS Act] केवल आरोप पत्र दाखिल करने का कोई प्रेरक मूल्य नहीं है, आरोपी जमानत का हकदार नहीं: त्रिपुरा हाईकोर्ट
त्रिपुरा हाईकोर्ट ने कहा कि केवल चार्जशीट दाखिल करने से नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 (NDPS Act) के तहत किसी आरोपी को जमानत नहीं मिल जाती है और यह जमानत अधिनियम के तहत एक अपवाद है।एनडीपीएस अधिनियम से उत्पन्न एक मामले में विशेष ट्रायल कोर्ट द्वारा अभियुक्त/प्रतिवादी को जमानत दी गई थी। राज्य/याचिकाकर्ता ने ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई जमानत को चुनौती दी और इसे रद्द करने की प्रार्थना की। राज्य/याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि यह मानने का कोई उचित आधार नहीं है कि आरोपी ने अपराध नहीं...