जानिए हमारा कानून
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 24: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत वारंट प्रवेश,तलाशी,अभिग्रहण और गिरफ्तार करने की शक्ति
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 42 अलग अलग तरह के अधिकारियों को बगैर वारंट के एनडीपीएस एक्ट से संबंधित अपराध की शंका के आधार पर तलाशी लेने एवं आरोपी को गिरफ्तार करने के अधिकार देती है। यह शक्ति दंड प्रक्रिया संहिता में एक पुलिस अधिकारी को दी गई शक्ति की तरह ही है। लेकिन इस धारा के अंतर्गत सरकारी विभागों के अन्य अधिकारियों को भी ऐसी शक्तियां दी गई है जो दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत एक पुलिस अधिकारी को दी गई है। इस आलेख के अंतर्गत धारा 42 पर...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 23: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत वारंट जारी करने की शक्ति
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 41 एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत होने वाले अपराधों के संबंध मजिस्ट्रेट और महानगर मजिस्ट्रेट को वारंट जारी करने की शक्ति देती है। मजिस्ट्रेट या महानगर मजिस्ट्रेट के पास जब विश्वास करने का यह कारण हो कि किसी व्यवस्था के कब्जे में कोई प्रतिबंधित प्रदार्थ है तब वह मजिस्ट्रेट उसकी गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी कर सकता है, इस हेतु धारा 41 मजिस्ट्रेट को शक्तिसंपन्न करती है। इस आलेख के अंतर्गत धारा 41 पर टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही...
करप्शन से हैं परेशान? ऐसे करें शिकायत
कानून के मुताबिक रिश्वत लेना और देना दोनों ही अपराध है। हमारे देश में भ्रष्टाचार से मुक्ति का दावा किया जाता है। कानून और दावा दोनों ही जमीनी स्तर पर नजर नहीं आ रहे हैं। रिश्वत लेने के मामलों में किसी भी तरह की कमी नहीं दिख रही है। सिस्टम से परेशान लोग सरकारी विभागों में छोटे-छोटे काम करवाने के लिए भी रिश्वत देने को मजबूर हैं।साल 2020 में ग्लोबल करप्शन बैरोमीटर की रिपोर्ट आई। इसके मुताबिक भारत में एशिया के रिश्वतखोरी के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए। हाल ही में उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित स्पेशल...
CBI रिमांड क्या होती है और कितने समय के लिए दी जाती है?
What is CBI Remand?- दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने शराब नीति घोटाला मामले में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को 4 मार्च तक के लिए सीबीआई हिरासत में भेज दिया है। सीबीआई ने कोर्ट सेसिसोदिया की 5 दिन की रिमांड की मांग की थी जिसे अदालत ने मान लिया है।सीबीआई ने साल 2021-22 की आबकारी नीति लागू करने में भ्रष्टाचार को लेकर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को रविवार शाम गिरफ्तार किया था। CBI रिमांड क्या होती है और कितने समय के लिए दी जाती है?रिमांड का सीधा-सीधा मतलब है पूछताछ। पुलिस आपको थाने ले जाकर...
एनडीपीएस मामलों में जमानत मिलने के महीनों बाद भी कुछ विदेशी कैदी जेल में क्यों हैं? व्याख्या
सोफी अहसाननारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टेंस (एनडीपीएस) एक्ट के तहत बड़ी संख्या में मामलों की सुनवाई में देरी, विशेष रूप से विदेशी नागरिकों के खिलाफ देरी को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 1994 में उन अभियुक्तों की रिहाई के लिए दिशा-निर्देश निर्धारित किए, जो उचित समय सीमा से परे जेल में बंद हैं।सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार,"आरोपी अपराध के लिए तय अधिकतम सजा का आधा कारावास में बिता चुका हो तो उसके बाद व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित करना अनुच्छेद 21 के तहत दिए गए मौलिक अधिकार...
किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी से पहले क्या उसे नोटिस दिया जाता है ? जानिए सीआरपीसी की धारा 41 A के प्रावधान
पवन खेड़ा। कांग्रेस के जाने माने नेता। 23 फरवरी यानी गुरूवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन में भाग लेने के लिए रायपुर जा रहे थे। तभी असम पुलिस ने उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि कोर्ट से उन्हें अंतरिम जमानत मिल गई।सुनवाई के दौरान CJI डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि दिल्ली में सक्षम मजिट्रेट के समाने पेश किए जाने पर खेड़ा को अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली की द्वारका कोर्ट ने पवन खेड़ा को अंतरिम जमानत दी। इसका मतलब...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 22: एनडीपीएस एक्ट की धारा 37 से संबंधित निर्णय
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 37 इस अधिनियम के अंतर्गत होने वाले अपराधों को संज्ञेय एवं गैर जमानती बनाती है। यह अधिनियम की एक प्रक्रियात्मक धारा है जो अभियुक्त के जमानत के संबंध में भी प्रावधान करती है जहां स्पष्ट किया गया है कि इस अधिनियम के अंतर्गत होने वाले अपराध गैर जमानती है। समय समय पर विभिन्न अदालतों द्वारा फैसले दिए गए हैं जो इस धारा से संबंधित है। इस आलेख के अंतर्गत ऐसे कुछ निर्णय प्रस्तुत किये जा रहे हैं।स्टेट ऑफ हिमाचल प्रदेश बनाम...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 21: एनडीपीएस एक्ट के सभी अपराधों का संज्ञेय और गैर जमानती होना
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 37 एनडीपीएस एक्ट के सभी अपराधों को संज्ञेय एवं गैर जमानती अपराध बनाती है। किसी अपराध का संज्ञेय एवं गैर जमानती होने का अर्थ यह है कि वे अपराध बड़ा अपराध है जहां पुलिस को बगैर वारंट के गिरफ्तार करने के अधिकार है एवं अभियुक्त के पास अधिकारपूर्वक जमानत लेने का अधिकार नहीं है अपितु यह न्यायालय के विवेक पर निर्भर है कि वह अभियुक्त जमानत पर निर्मुक्त करे या फिर नहीं करे। इस आलेख के अंतर्गत एनडीपीएस एक्ट की धारा 37 पर न्याय...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 20: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत स्पेशल कोर्ट में ट्रायल
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 36(क) इस अधिनियम की विशेष धारा है, जहां अभियुक्त का ट्रायल स्पेशल कोर्ट में किए जाने संबंधित प्रावधान किए गए हैं। यह धारा विस्तृत धारा है जो ट्रायल का स्पेशल कोर्ट द्वारा किए जाने के साथ ही अभियुक्त को पहली बार अदालत के समक्ष पेश किए जाने संबंधी प्रावधान भी करती है।सामान्य अपराधों में अभियुक्त को दंड प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों के अंतर्गत मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है लेकिन एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 19: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत होने वाले अपराधों की उपधारणा
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 35 इस अधिनियम की महत्वपूर्ण धाराओं में से एक है क्योंकि यह उपधारणा के संबंध में उल्लेख करती है। जैसा कि पूर्व में यह उल्लेख किया गया है कि एनडीपीएस एक्ट भारत में प्रचलित कठोर कानूनों में से एक है। ऐसा इसलिए कहा गया है क्योंकि इस अधिनियम के अंतर्गत होने वाले अपराधों में अभियोजन पक्ष को मामला युक्तियुक्त संदेह के परे साबित नहीं करना होता अपितु अभियुक्त को यह सिद्ध करना होता है कि वे प्रकरण में झूठा फंसाया गया है।...
जानिए 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाए जाने की वजह और इसके इतिहास के बारे में
गणतंत्र दिवस (Republic Day) हर साल 26 जनवरी को देशभर में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है, क्योंकि 26 जनवरी 1950 के दिन ही भारत का संविधान लागू किया गया था। गणतंत्र दिवस के दिन देश की राजधानी दिल्ली में राजपथ पर परेड का आयोजन किया जाता है। इसके साथ ही इस दिन राष्ट्रपति द्वारा तिरंगा झंडा फहराया जाता है और 21 तोपों की सलामी दी जाती है। साथ ही स्वतंत्रता सेनानियों और वीर योद्धाओं को स्मरण किया जाता है। 26 जनवरी को चुनने की वजह भारत की संविधान सभा की स्थापना 9 दिसंबर 1946 को भारत के संविधान को लिखने...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 18: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत होने वाले दंडादेश निलंबन, परिहार या लघुकरण
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 32(क) एनडीपीएस एक्ट के तहत होने वाले दंडादेश के निलंबन, परिहार या लघुकरण पर रोक लगाती है। यह प्रावधान इसलिए दिए गए हैं क्योंकि दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत किसी भी दंडादेश का निलंबन, परिहार या लघुकरण किया जा सकता है। जैसा कि पूर्व में ही यह उल्लेख किया गया था कि यह अधिनियम भारत में लागू कठोर अधिनियमों में एक है इसलिए इस अधिनियम में धारा 32(क) का प्रावधान किया गया है। इस आलेख के अंतर्गत इस धारा विवेचना की जा रही...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 17: एनडीपीएस एक्ट से संबंधित अपराधों का दुष्प्रेरण और आपराधिक षड्यंत्र
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 29 इस एक्ट से संबंधित अपराधों के दुष्प्रेरण एवं आपराधिक षड्यंत्र को कठोर दंडनीय अपराध बनाती है। जैसे कि भारतीय दंड संहिता में उल्लेखित अपराधों का दुष्प्रेरण या उनका आपराधिक षड्यंत्र बनाना भी अपराध की श्रेणी में है इस ही तरह एनडीपीएस एक्ट के तहत अपराध बताए गए सभी कृत्य का दुष्प्रेरण या आपराधिक षड्यंत्र भी धारा 29 के दायरे में अपराध बना दिया गया है। इस आलेख में धारा 29 पर विवेचना प्रस्तुत की जा रही है एवं उससे संबंधित...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 16: एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रतिबंधित पदार्थो का सेवन करने पर दंड का प्रावधान
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 27 प्रतिबंधित पदार्थो के सेवन पर दंड का प्रावधान करती है। जैसा कि पूर्व में यह स्पष्ट किया गया है कि यह अधिनियम वाणिज्यिक मात्रा से अधिक मात्रा जप्त होने पर अधिक दंड का प्रावधान करता है, किसी प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन करने वाला इस अधिनियम की दृष्टि में एक प्रकार का पीड़ित है हालांकि उसे पीड़ित मानकर दंड से छूट नहीं दी गई है उस पर भी एक निश्चित दंड है लेकिन अवधि कम है। इस आलेख में धारा 27 पर विमर्श किया जा रहा है।यह...
शपथपत्र किसे कहते हैं और क्या हैं इसके कानूनी प्रभाव
हमारी आम ज़िंदगी में दस्तावेजों से संबंधित मामलों में शपथपत्र (affidavit) शब्द कई बार सुनने को मिलता है एवं हमारे द्वारा भी कई बार शपथपत्र बनवाए जाते हैं।शपथपत्र की कानूनी वैधता क्या है और इसकी ज़रूरत कहाँ होती है?भारत में शपथपत्र का उल्लेख अलग अलग कानूनों में मिलता है लेकिन कहीं भी इसकी सटीक परिभाषा नहीं मिलती है। हालांकि शपथपत्र शब्द अत्यंत प्राचीन है। शपथ का अर्थ एक कमिटमेंट भी होता है मतलब किसी बात को करने या नहीं करने की प्रतिज्ञा लेना। जैसे एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को यह कहता है कि अमुक दिन...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 15: एनडीपीएस एक्ट के तहत होने वाले अपराधों की सहायता हेतु कमरा, भवन इत्यादि दिए जाने का परिणाम
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 25 इस अधिनियम के तहत होने वाले अपराधों को कारित करने में भवन या कक्ष इत्यादि जिस व्यक्ति द्वारा जान बूझकर दिया जाता है उसे भी दंडित करने के प्रावधान करती है। इस धारा में महत्वपूर्ण यह है कि ऐसा भवन जानबूझकर दिया गया हो या फिर इस उद्देश्य से ही दिया गया हो कि यहां प्रतिबंधित कार्यवाही संचालित की जाएगी। इस आलेख में धारा 25 से संबंधित प्रावधानों पर चर्चा की की जा रही है।यह अधिनियम में प्रस्तुत धारा का मूल रूप हैधारा...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 14: साइकोट्रॉपिक पदार्थो के उल्लंघन से संबंधित प्रकरण में धारा 42(2) का पालन
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 21 साइकोट्रॉपिक पदार्थो के उल्लंघन से संबंधित प्रावधान करती है। जब कभी साइकोट्रॉपिक पदार्थ से संबंधित प्रकरण बनाया जाता है तब एनडीपीएस एक्ट की धारा 42(2) का पालन किया जाना आवश्यक है। इस धारा के तहत तात्कालिक रूप से वरिष्ठ अधिकारी को सूचित किया जाता है। इससे संबंधित चर्चा इस आलेख में प्रस्तुत की जा रही है।धारा 42 (2) के अधीन तात्कालिक वरिष्ठ अधिकारी को सूचित करने की अपेक्षा साइकोट्रॉपिक पदार्थ बरामद होने वाले प्रकरण...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 13: साइकोट्रॉपिक पदार्थो के मामले में उल्लंघन करने पर दंड
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 21 साइकोट्रॉपिक पदार्थो जिसे हिंदी भाषा में मनः प्रभावी पदार्थ कहा जाता है के उल्लंघन के संबंध में दंड का प्रावधान करती है। यह अधिनियम की महत्वपूर्ण धारा है, इस धारा में भी बीस वर्ष तक का कारावास एवं दो लाख रुपए तक का जुर्माना अधिरोपित किया जा सकता है। दंड पदार्थ की मात्रा पर निर्भर करता है। साइकोट्रॉपिक पदार्थो उन्हें कहा जाता है जो मन को प्रभावित कर देते हैं एवं मनुष्य को क्षणिक खुशी देते हैं। समय समय पर सरकार...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 12: औषधियों के संबंध में अपराध पर जमानत से संबंधित प्रकरण
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 21 विनिर्मित औषधियों को नशीले पदार्थो के दायरे में रखकर दंड का प्रावधान करती है जहां वाणिज्यिक मात्रा से अधिक मात्रा पाए जाने पर अपराध प्रमाणित होने पर अधिकतम 20 वर्ष का कारावास प्रावधानित किया गया है। यह इस अधिनियम के अंतर्गत आने वाला अत्यंत संगीन अपराध है जहां पार्लियामेंट अत्यंत कड़े दंड का प्रयोजन करती है। अलग अलग अदालतों में इस अपराध के अभियोजन के दौरान जमानत पर विचार किया जाता रहता है एवं उससे संबंधित विधि...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 11: औषधियों के संबंध में अपराध
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 21 विनिर्मित औषधियों के संबंध में अपराध पर दंड का उल्लेख करती है। एनडीपीएस एक्ट ऐसा अधिनियम है जो हर तरह के नशीले पदार्थों को प्रतिबंधित करता है और उन पर दंड का प्रावधान करता है। इस अधिनियम के अंतर्गत कैनाबिस एवं अफीम के पौधे तक ही अपराध नहीं है अपितु इन पदार्थों से विनिर्मित पदार्थ भी इस अधिनियम की जद में आते है। इस आलेख के अंतर्गत धारा 21 जो विनिर्मित औषधियों से संबंधित है पर टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही है।यह...