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बच्चन सिंह के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा मृत्युदंड पर लगाई गई महत्वपूर्ण सीमाएं
बच्चन सिंह के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा मृत्युदंड पर लगाई गई महत्वपूर्ण सीमाएं

मृत्युदंड पर ऐतिहासिक मामलाभारत के सुप्रीम कोर्ट ने 1980 में बचन सिंह से जुड़े मामले में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया। यह फैसला पांच जजों की बेंच ने किया, जिसमें जस्टिस वाईसी चंद्रचूड़, ए गुप्ता, एन उंटवालिया, पीएन भगवती और आर सरकारिया शामिल थे। मामले की पृष्ठभूमि बच्चन सिंह को अपनी पत्नी की हत्या का दोषी पाया गया और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। अपनी सज़ा पूरी करने और रिहा होने के बाद, वह अपने चचेरे भाई के परिवार के साथ रहता था। बचन सिंह पर तब तीन लोगों, देसा, दुर्गा और वीरन की हत्या का आरोप...

किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के मूलभूत सिद्धांत
किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के मूलभूत सिद्धांत

किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015, जरूरतमंद बच्चों के लिए सुरक्षा और समर्थन का प्रतीक है। इसके ढांचे में अंतर्निहित आवश्यक सिद्धांत हैं जो न्याय प्रशासन और किशोरों की देखभाल का मार्गदर्शन करते हैं। किशोर न्याय अधिनियम (जेजेए) भारत में कानून के उल्लंघन में पाए जाने वाले बच्चों के प्रावधानों से संबंधित है। यह देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चों के लिए प्रावधान भी देता है।धारा 3 अधिनियम के उद्देश्य को पूरा करने के लिए अपनाए जाने वाले सामान्य सिद्धांतों के बारे में बात...

गुरबख्श सिंह सिब्बिया के मामले में अग्रिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश
गुरबख्श सिंह सिब्बिया के मामले में अग्रिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश

परिचय: गुरबख्श सिंह सिब्बिया बनाम पंजाब राज्य (1980) के मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 438 के तहत अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) के संबंध में महत्वपूर्ण दिशानिर्देश जारी किए। इन दिशानिर्देशों का उद्देश्य अग्रिम जमानत प्रावधानों के दायरे और अनुप्रयोग को स्पष्ट करना है।गुरबख्श सिंह सिब्बिया मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित दिशानिर्देश अग्रिम जमानत के आवेदन पर स्पष्टता और मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। इन सिद्धांतों का पालन करके, अदालतें न्याय और...