जानिए हमारा कानून
स्टॉकिंग: अगर कोई पीछा करे तो कहां करें शिकायत?
What to do if you are being stalked- केस रूपन देओल बजाज बनाम केपीएस गिल। पहले दोनों जन का परिचय जान लीजिए। 1980 के दशक के अंतिम दौर में सुपरकॉप के नाम से जाने जानेवाले पुलिस अधिकारी केपीएस गिल की तूती बोलती थी। वहीं, रूपन देओल बजाज एक सीनियर महिला आईएएस अधिकारी थी।तारीख आती है 18 जुलाई 1988। उस समय गिल पंजाब के पुलिस महानिदेशक थे। रूपन देओल बजाज पंजाब के फाइनेंस डिपार्टमेंट में विशेष सचिव के पद पर कार्यरत थीं। गृह सचिव की मेज़बानी में एक पार्टी का आयोजन होता है। पार्टी में रुपन देओल भी गई थीं। ...
चेक बाउंस केस में सज़ा होने पर क्या किया जाए
चेक बाउंस के केस दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे हैं। अदालतों में चेक बाउंस केस की अधिकता हो गई है। चेक बाउंस का प्रकरण परिवादी के परिवाद पर निगोशिएबल इंट्रूमेंट एक्ट,1881 की धारा 138 के अंतर्गत दर्ज करवाया जाता है। इस केस में अदालत यह उपधारणा लेकर चलती है कि अभियुक्त ने चेक किसी आर्थिक जिम्मेदारी के बदले ही दिया होगा। इस कारण चेक बाउंस के अधिकतर प्रकरणों में राजीनामा नहीं होने पर अदालत द्वारा अभियुक्त को सज़ा दे दी जाती है। चेक बाउंस के बहुत कम प्रकरण ऐसे होते है जिनमे अभियुक्त बरी किए जाते है।कितनी...
क्या उम्रकैद की सजा 14 साल की होती है?
Episode 2- पिछले एपिसोड में हमने भारत में कितनी तरह की जेलें हैं? उस पर बात की थी। इस एपिसोड में हम उम्रकैद की सजा पर बात करेंगे। आम तौर पर लोगों के बीच ये धारणा है कि उम्रकैद की सजा 14 साल की होती है। यानी 14 साल के बाद आरोपी जेल से छूट जाएगा। उनमें से एक ये भी है कि जेल में दिन और रात अलग-अलग गिने जाते हैं.किसी आरोपी का जुर्म तय हो जाने के बाद कोर्ट उसके गुनाहों के आधार पर सजा देता है। गुनाह जितना बड़ा होगा सजा उतनी ज्यादा होगी। इसमें कुछ साल की जेल, फांसी, उम्रकैद जैसी सजा आते हैं। फांसी की...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 37: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत चीज़,जानकारी मांगने एवं परीक्षा लेने की शक्ति
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 67 धारा 42 के अंतर्गत राज्य एवं केंद्रीय सरकार द्वारा प्राधिकृत किसी व्यक्ति को यह शक्ति देती है कि वह इस अधिनियम के अंतर्गत किसी भी व्यक्ति से जानकारी मांग सकता है, उसकी परीक्षा कर सकता है एवं चीज़े मांग सकता है जो किसी प्रकरण में आवश्यक है। इस आलेख के अंतर्गत धारा 67 पर विवेचना प्रस्तुत की जा रही है।यह इस अधिनियम में प्रस्तुत धारा का मूल रूप हैधारा 67. जानकारी आदि मांगने की शक्ति-धारा 42 में निर्दिष्ट कोई ऐसा...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 36: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत अवैध औषधियों, पदार्थों, पौधों, वस्तुओं और प्रवहणों का ज़ब्त किया जाना
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 60 अवैध दवाईयों, पदार्थों, पौधों,वस्तुओं और प्रवहणों के ज़ब्त किये जाने के संबंध में उल्लेख करती है। एनडीपीएस एक्ट अत्यंत विस्तृत अधिनियम है, इस अधिनियम के अंतर्गत निकाली गई अधिसूचना के अधीन अनेक पदार्थ,औषधि, पौधों को प्रतिबंधित किया गया है। धारा 60 इन प्रतिबंधित प्रदार्थो को सीज करने का अधिकार पुलिस एवं अन्य अधिकारियों को देती है। इस आलेख के अंतर्गत धारा 60 पर विवेचना प्रस्तुत की जा रही है।यह अधिनियम में प्रस्तुत...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 35: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत पुलिस अधिकारी को गिरफ्तारी और सीज़िंग की रिपोर्ट देना
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 57 इस अधिनियम की महत्वपूर्ण आज्ञापक प्रावधान करती धारा है। इस धारा के प्रावधान यह स्पष्ट करते हैं कि गिरफ्तारी करने वाले किसी भी अधिकारी को ऐसी गिरफ्तारी या अभिग्रहण की रिपोर्ट अपने वरिष्ठ अधिकारी को करेगा। यह धारा अभियुक्त पर असत्य आधारों पर प्रकरण बनाए से रोक लगाती है। यह आलेख के अंतर्गत धारा 57 पर न्याय दृष्टांत सहित विवेचना प्रस्तुत की जा रही है।यह अधिनियम में प्रस्तुत धारा का मूल रूप हैधारा 57गिरफ्तारी और...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 34: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत गांजा ज़ब्ती का मामला
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 55 पुलिस को जप्त की गई वस्तु को अपने भार साधन में लेने का अधिकार देती है। इस धारा पर विस्तृत टिप्पणी पिछले आलेख में प्रस्तुत की गई है। इस आलेख के अंतर्गत गांजा से संबंधित महत्वपूर्ण प्रकरण का उल्लेख किया जा रहा है।शिव कुमार बनाम स्टेट ऑफ छत्तीसगढ़, 2006 (2) क्राइम्स 323 छत्तीसगढ़ के मामले में गाँजा जब्ती का मामला था। अधिनियम की धारा 55 के प्रावधानों का पूरी तौर पर अपालन होना पाया गया। दोषमुक्ति किए जाने का अभिमत दिया...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 33: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत अभिगृहीत वस्तुओं का पुलिस द्वारा अपने भार साधन में लेना
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 55 प्रक्रिया के संबंध में प्रावधान करती है। इस धारा के अनुसार पुलिस इस अधिनियम के अंतर्गत अभिगृहीत की गई वस्तुओं का कब्ज़ा या भार साधन अपने हाथ में ले सकती है। इस प्रावधान का उद्देश्य वस्तुओं की सुरक्षा है एवं उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी किसी निर्दिष्ट व्यक्ति को दी जानी है। इस आलेख के अंतर्गत धारा 55 पर टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही है।यह अधिनियम में प्रस्तुत मूल धारा हैधारा 55अभिगृहीत और परिदत्त वस्तुओं का पुलिस द्वारा...
क्या होता है फ्लोर टेस्ट, सदन में कैसे साबित होता है बहुमत?
बात महाराष्ट्र की। तारीख 29 जून 2022। महाराष्ट्र में राजननीतिक संकट चरम पर पहुंच गया था। सुप्रीम कोर्ट ने ठाकरे की नेतृत्व वाली 31 महीने पुरानी महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार का फ्लोर टेस्ट यानी बुहमत परीक्षण कराने के राज्यपाल के निर्देश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट का सामना नहीं करने का फैसला किया और मुख्यमंत्री पद से इस्पीफा दिया। इसकी के चलते जुलाई 2022 में महाराष्ट्र में सरकार बदल गई। और एकनाथ शिंदे की सरकार बनी, जो कि वर्तमान में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं।दोनों...
भारत में कितनी तरह की जेलें हैं?
जेल में बंद कैदी की जिंदगी को लेकर कई तरह की बातें सुनने को मिलती हैं। या यू कहें किस्से सुनने को मिलते हैं। सजा काट रहे कैदी के लिए जेल में दिन-रात अलग अलग गिने जाने का किस्सा या फिर उम्रकैद की सजा में केवल 14 साल तक की जेल की सजा का किस्सा। जेल में कैदी कैसे रहते हैं? क्या खाते हैं? वीआईपी लोगों को क्या अलग से कोई सुविधा मिलती है? कैदी क्या काम करते हैं? कितने पैसे मिलते हैं? कुल मिलाकर सवाल ये है कि जेल के अंदर कैदियों की जिंदगी कैसी होती है? हम इन सभी सवालों का जवाब देंगे। लेकिन एक...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 32: एनडीपीएस एक्ट के उपधारणा से संबंधित प्रावधान
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 54 उपधारणा के संबंध में प्रावधान करती है। एनडीपीएस एक्ट एक विशेष अधिनियम है, इसमे अभियुक्तों के विरुद्ध उपधारणा की जाती है अर्थात अभियोजन पर सिद्ध का भार नहीं होता है अपितु अभियुक्त पर यह साबित करने का भार होता है कि वह निर्दोष है। इस अधिनियम की धारा 54 यह स्पष्ट करती है कि अवैध वस्तुओं के संबंध में क्या उपधारणा की जाएगी। इस आलेख के अंतर्गत धारा 54 पर विवेचना प्रस्तुत की जा रही है।यह अधिनियम में प्रस्तुत धारा 54 का...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 31: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत जब्त की गई एनडीपीएस का डिस्पोजल
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 52(क) के अंतर्गत किसी एनडीपीएस वस्तु के डिस्पोजल के संबंध में प्रक्रिया दी गई है। अनेक दफ़ा यह होता है कि शासन ऐसी जब्त की गई वस्तुओं को समाप्त करना चाहता है क्योंकि इन्हें रखने के स्थान नहीं होते या फिर इनकी कोई आवश्यकता नहीं होती है। इन स्थितियों में इन वस्तुओं का डिस्पोजल कर दिया जाता है। इस आलेख के अंतर्गत धारा 52(क) टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही है।यह अधिनियम में प्रस्तुत धारा का मूल रूप हैधारा 52(क)अभिगृहीत स्वापक...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 30: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत तलाशी एवं गिरफ्तारी के पंचसाक्षी
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) के अधीन होने वाली गिरफ्तारी में पंचसाक्षी का भी महत्व है। बगैर किसी साक्षी के गिरफ्तारी संभव नहीं है। इस अधिनियम के अंतर्गत आने वाले प्रकरण अनेक बार पंचसाक्षी के पलट जाने के कारण अप्रमाणित माने गए हैं। इस आलेख के अंतर्गत पंचसाक्षी से संबंधित न्यायलयीन निर्णयों पर विमर्श किया जा रहा है।उस्मान हैदर खान बनाम स्टेट ऑफ महाराष्ट्र, 1991 (1) क्राइम्स 777:1991 क्रिलॉज 232 बम्बई के मामले में पंचसाक्षीगण की साक्ष्य का मूल्यांकन किया...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 29: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत धारा 50 के अपालन पर अपराध अप्रमाणित होना
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 50 अधिनियम के प्रक्रिया अध्याय की एक महत्वपूर्ण धारा है। पुलिस अधिकारियों द्वारा इस धारा के अपालन की दशा में दशा में अभियुक्त पर अपराध प्रमाणित नहीं होता है। किसी भी अभियुक्त को तब ही दंडित किया जा सकता है जब उस पर अभियोजन अपराध प्रमाणित करने में सफल होता है। धारा 50 से संबंधित अनेक प्रकरण है जो भारत के विभिन्न हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट में गए है। इस आलेख के अंतर्गत अप्रमाणित अपराध से संबंधित कुछ प्रकरणों के साथ...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 28: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत तलाशी की शर्तों का पालन न करना
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा की धारा 50 अभियुक्त की तलाशी के संबंध में शर्ते निर्धारित करती है। यह अधिनियम के आज्ञापक प्रावधान है जिनका पालन पुलिस अधिकारियों को करना होता है। धारा 50 की शर्तों के अपालन की दशा में क्या परिणाम होंगे इसे अदालत द्वारा समय समय पर दिए निर्णयों के माध्यम से समझा जा सकता है। इस आलेख के अंतर्गत तलाशी की शर्तों के अपालन की विवेचना करते हुए निर्णय प्रस्तुत किये जा रहे हैं।बानो बी बनाम स्टेट आफ महाराष्ट्र, 2000 क्रिलॉज...
Same-Sex Marriage: ये हैं वो देश जहां सेम सेक्स मैरिज है लीगल
सेम-सेक्स मैरिज (Same-Sex Marriage) का मामला सुप्रीम कोर्ट में है। न सिर्फ भारत में, बल्कि दुनियाभर में सेम-सेक्स मैरिज पर लंबे समय से बहस हो रही है। भारत में सेम सेक्स को अनुमति तो मिल गई, लेकिन सेम सेक्स मैरिज को मान्यता देने का मुद्दा कानूनी दांवपेच में फंसा हुआ है। दुनिया के 32 देशों में ऐसे विवाह को कानूनी मान्यता मिल चुकी है।सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में फैसला सुनाया था कि होमोसेक्सुएलिटी अपराध नहीं है। कोर्ट ने IPC के सेक्शन 377 पर फैसला सुनाते हुए होमोसेक्सुएलिटी को अपराध की श्रेणी से बाहर...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 27: एनडीपीएस एक्ट की वे शर्तें जिनके अधीन व्यक्तियों की तलाशी ली जाएगी
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा की धारा 50 अभियुक्तों के संबंध में महत्वपूर्ण धारा है। यह इस अधिनियम की प्रक्रिया के संबंध में धारा है जहां व्यक्तियों की गिरफ्तारी के संबंध में प्रक्रिया निर्धारित की गई है। गिरफ्तारी के संबंध में कुछ शर्तें विधायिका ने निर्धारित की है जिनका पालन अभियोजन पक्ष द्वारा किया जाना आवश्यक है, इन शर्तों के पालन न होने के कारण अभियोजन संदेह के घेरे में आ जाता है। इस आलेख के अंतर्गत धारा 50 पर विवेचना प्रस्तुत की जा रही...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 26: एनडीपीएस एक्ट धारा 42 का पालन कब आवश्यक नहीं है
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 42 का पालन आवश्यक है और आदेशात्मक है किंतु फिर भी कुछ परिस्थिति ऐसी है जहां इसका पालन आवश्यक नहीं होता है। इससे संबंधित अदालतों के दिए हुए न्याय निर्णय है। इस आलेख के अंतर्गत इस प्रावधान पर चर्चा की जा रही है।एम. प्रभूलाल बनाम द असिस्टेंट डायरेक्टर, डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंसी, 2003 (4) क्राइम्स 217 सुप्रीम कोर्ट के मामले में अभियुक्तगण की ओर से यह तर्क दिया गया था कि अधिनियम की धारा 42 के प्रावधान के अपालन...
सीआरपीसी की धारा 313 : सुप्रीम कोर्ट ने अच्छी तरह से स्थापित 10 सिद्धांतों का सारांश दिया
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (सीआरपीसी) की धारा 313 के संबंध में स्थापित सिद्धांतों को संक्षेप में प्रस्तुत किया। यह प्रावधान आरोपी की जांच करने की शक्ति से संबंधित है। ट्रायल कोर्ट को अभियुक्त से मुकदमे के किसी भी स्तर पर प्रश्न पूछने की शक्ति निहित है, ताकि वह उसके विरुद्ध साक्ष्य में प्रकट होने वाली किन्हीं भी परिस्थितियों को स्पष्ट कर सके। एक बार अभियोजन पक्ष के गवाहों की जांच हो जाने के बाद और अभियुक्त को अपने बचाव के लिए बुलाए जाने से पहले अदालत का यह कर्तव्य है...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 25: एनडीपीएस एक्ट धारा 42 के आदेशात्मक प्रावधान
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 42 के अधीन पुलिस अधिकारियों एवं अन्य शासन द्वारा प्राधिकृत अधिकारियों को बगैर वारंट के गिरफ्तारी एवं जप्ती की शक्तियां दी गई है। इस धारा के अंतर्गत दी गई प्रक्रिया का पालन आदेशात्मक है अर्थात उसका किसी भी स्थिति में होना चाहिए अन्यथा शासन अपना प्रकरण संदेह से परे प्रमाणित करने में असफल मानी जाती है। इस आलेख के अंतर्गत इस धारा के ऐसे ही आदेशात्मक प्रावधानों से संबंधित निर्णय पर विमर्श किया जा रहा है।अधिनियम की धारा 42...