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दिल्ली हाईकोर्ट, दिल्ली
मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट के तहत पर्याप्त भ्रूण असामान्यताएं क्या हैं? दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को मेडिकल बोर्ड की राय को खारिज करते हुए ने एक 26 वर्षीय महिला को 33 सप्ताह की गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति दी।महिला के पहली तीन अल्ट्रासाउंड रिपोर्टों में भ्रूण में कोई असामान्यता नहीं पाई गई थी, जबकि 12 नवंबर की रिपोर्ट में "मस्तिष्क के बाएं पांर्श्व वेंट्रिकल को फैला हुआ" पाया गया। सेरेब्रल एबनॉर्मलटी के बावजूद, लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल के एक मेडिकल बोर्ड ने सोमवार को महिला के मामले को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि भ्रूण उन्नत अवस्था में है।जस्टिस प्रतिभा...

आपराधिक कानून में नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों का क्या महत्व है
आपराधिक कानून में नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों का क्या महत्व है

कानून पार्लियामेंट द्वारा बनाया जाता है। इसे सामान्य बोध में विधायिका द्वारा कानून निर्माण कहा जाता है। लेकिन कानून केवल वही नहीं होता जो विधायिका द्वारा बना दिया जाए अपितु उसमे नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों का भी दखल होता है। यह वैश्विक अवधारणा है कि कोई भी कानून इस प्रकार नहीं बनाया जाएगा कि उसमे नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों का अभाव हो। न्याय प्रशासन में प्राकृतिक न्याय के सिद्धान्तों का महत्वपूर्ण स्थान है। न्याय की सार्थकता प्राकृतिक न्याय के सिद्धान्तों पर ही निर्भर करती है। प्राकृतिक न्याय...

संक्षिप्त विचारण क्या होता है और किन मामलों में यह लागू होता है जानिए प्रावधान
संक्षिप्त विचारण क्या होता है और किन मामलों में यह लागू होता है जानिए प्रावधान

आपराधिक मामलों का त्वरित विचारण आवश्यक है। विचारण में अत्यधिक विलम्ब से प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता के मूल अधिकार का अतिक्रमण होता है। मामलों का उचित एवं त्वरित विचारण न्याय प्रशासन की एक अहम आवश्यकता एवं अपेक्षा है। यहां पर असमंजस की स्थिति का जन्म होता है क्योंकि एक तरफ उचित ट्रायल भी करना है और दूसरी तरफ मामलों को शीघ्र निपटाने की भी मांग है। कानूनी प्रक्रिया विशद होती है, उचित न्याय के लिए इस प्रक्रिया से गुजरना होता है। जल्दी विचारण समाप्त कर देगा थोड़ा कठिन कार्य है लेकिन दंड प्रक्रिया...