जानिए हमारा कानून
फ्लोर टेस्ट क्या होता है एवं क्या है इसकी उपयोगिता: जानिए सरकार कैसे साबित करती है बहुमत
महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन एवं उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (MAV) सरकार, आज राज्य के विधानसभा में एक फ्लोर टेस्ट (Floor Test) का सामना करेगी। हालांकि, महाराष्ट्र के राज्यपाल, भगत सिंह कोश्यारी ने बहुमत साबित करने के लिए उद्धव ठाकरे को 3 दिसंबर तक का वक्त दिया था। गौरतलब है कि एनसीपी नेता दिलीप वालसे पाटिल, जिनके नाम की सिफारिश मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल से की, वे इस दौरान सदन के प्रो-टेम स्पीकर होंगे। प्रो-टेम स्पीकर के पद और कार्य के बारे में जानने के...
घरेलू हिंसा कानून पर सुप्रीम कोर्ट के प्रमुख फैसले [2006-2019]
महिलाओं की सुरक्षा के लिए घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005, 26 अक्टूबर 2006 को लागू किया गया था। अधिनियम का उद्देश्य "परिवार के भीतर किसी भी तरह की हिंसा की शिकार महिलाओं को संविधान के तहत प्रत्याभूत अधिकारों को अधिक प्रभावी संरक्षण प्रदान करना" है।
प्रो-टेम स्पीकर कौन होता है और क्या होती हैं उसकी जिम्मेदारियां? जानिए महत्वपूर्ण बातें
'प्रो-टेम स्पीकर' में 'प्रो-टेम' (Pro-tem) शब्द लैटिन भाषा के शब्द 'प्रो टैम्पो र' (Pro Tempore) का संक्षिप्त रूप है, जिसका अर्थ होता है- 'कुछ समय के लिए'। वास्तव में, राज्य विधानसभाओं या लोकसभा के स्पीकर के पद पर आसीन कार्यचालक/कार्यवाहक (ऑपरेटिव) व्यक्ति, जो अस्थायी रूप से यह पद धारण करता है, उसे ही 'प्रो-टेम स्पीकर' कहा जाता है। एक 'प्रो-टेम स्पीकर' को, आम चुनाव या राज्य विधानसभा चुनावों के बाद, नए स्पीकर और डिप्टी स्पीकर चुने जाने तक सीमित अवधि के लिए कार्य करना होता है। यदि केंद्र में...
वयस्क महिला नाबालिग लड़के से शादी करने पर भी सजा से मुक्त क्यों है? सुप्रीम कोर्ट ने की व्याख्या
बाल विवाह निषेध अनिधियम, 2006 की धारा नौ में बाल विवाह करने वाले बालिग पुरुष के लिए सजा का प्रावधान है। इसके तहत "18 वर्ष से अधिक आयु का बालिग पुरुष बाल विवाह का अनुबंध करता है, उसे अधिकतम दो साल तक सश्रम कारावास की सजा, या एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है या दोनों ही सजा हो सकती है।" सुप्रीम कोर्ट ने हाल के एक फैसले में व्यवस्था दी है कि 2006 के अधिनियम की धारा 9 में लिखित '18 वर्ष से अधिक आयु का बालिग पुरुष बाल विवाह का 'अनुबंध' करता है' को '18 वर्ष से अधिक आयु का बालिग पुरुष बाल...
क्या एक नाबालिग को आवश्यकताओं की आपूर्ति करने वाला व्यक्ति प्रतिपूर्ति पाने का हकदार है? जानिए क्या कहता है कानून
जैसा कि हमने पिछले लेख अर्ध-संविदा क्या होती है एवं अनुचित सम्पन्नता के सिद्धांत का इससे क्या है संबंध? में जाना है कि 'अर्ध-संविदा' (Quasi Contract) एक ऐसी स्थिति है, जो पक्षों पर कानून के अनुसार दायित्वों या अधिकारों को लागू करती है, न कि पक्षों द्वारा तय संविदा की शर्तों के अनुसार। इसके अंतर्गत अदालत द्वारा एक पक्ष के दूसरे व्यक्ति के प्रति दायित्व का निर्धारण किया जाता है, जहां पक्षों के बीच कोई वास्तविक संविदा मौजूद नहीं है।यह पार्टियों के आचरण, आपसी संबंध और इस संभावना पर आधारित है...
प्रॉक्सी वकील को पैरवी करने का अधिकार है? जानिए क्या कहता है कानून
फाइलिंग काउंसेल (मुकदमा दायर करने वाले वकील) की ओर से प्रॉक्सी काउंसेल (प्रतिनिधि वकील) अक्सर खुद को पहचान के संकट में फंसे पाते हैं, क्योंकि 'प्रॉक्सी काउंसेल' शब्द का अधिवक्ता अधिनियम, 1961 में कोई उल्लेख नहीं है। अधिवक्ता अधिनियम या न्यायालय का कोई भी नियम किसी वकील को विधिवत वकालतनामा पर हस्ताक्षर किये बगैर किसी पक्ष की ओर से पेश होने का अधिकार नहीं देता। सुप्रीम कोर्ट की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने 2004 में स्पष्ट शब्दों में कहा था कि न तो कोई पक्ष और न ही कोई अधिवक्ता प्रॉक्सी वकील...
क्या कोई ऐसा व्यक्ति जो वक़ील नहीं है, अदालत में किसी मुक़दमे की पैरवी कर सकता है? जानिए क्या कहता है कानून
क्या कोई ग़ैर-वक़ील व्यक्ति किसी मुक़दमादार की पैरवी करने के लिए क़ानून की अदालत में पेश हो सकता है? या क्या कोई मुक़दमादार किसी ऐसे व्यक्ति को अदालत में अपनी पैरवी करने के लिए कह सकता है जो वक़ील नहीं है? इस आलेख में इन्हीं बातों को स्पष्ट किया गया है। क़ानूनी व्यवस्था एडवोकेट्स एक्ट की धारा 30 में कहा गया है कि ऐसा कोई भी वक़ील जिसका नाम राज्य की सूची में शामिल है उसे सुप्रीम कोर्ट सहित किसी भी अदालत में किसी भी ट्रिब्यूनल या व्यक्ति जिसको क़ानूनी तौर पर सबूत लेने को अधिकृत किया गया...
जानिए संपत्ति-अंतरण अधिनियम के अंतर्गत 'संपत्ति' का अर्थ और इसकी प्रमुख विशेषताएं
संपत्ति का वास्तविक अर्थ बहुत व्यापक है। इसमें न केवल मूर्त (Tangible) वस्तुएं शामिल हैं (जैसे भूमि, आवास या दुकान इत्यादि), बल्कि आय या स्रोत के तत्व के रूप में माने जाने वाली तमाम अमूर्त (Intangible) संपत्तियां भी शामिल हैं (जैसे बौद्धिक सम्पदा)। गौरतलब है कि 'संपत्ति' शब्द के अर्थ के अंतर्गत, केवल मूर्त या अमूर्त वस्तुएं ही नहीं आती हैं, बल्कि इसके अंतर्गत उन मूर्त एवं अमूर्त वस्तुओं से सम्बंधित किसी व्यक्ति विशेष के अधिकार एवं हित भी आते हैं। सामान्य अर्थ में, संपत्ति कोई भी भौतिक या...
अर्ध-संविदा क्या होती है एवं अनुचित सम्पन्नता के सिद्धांत का इससे क्या है संबंध?
एक 'अर्ध/कल्प अनुबंध' (Quasi Contract) का अर्थ उस कानूनी रूप से वैध समझौते (Agreement) से है, जहाँ दो या अधिक पक्षों के बीच पहले से कोई संविदात्मक दायित्व (Contractual Liability) तय नहीं होता है। यह एक ऐसी संविदा है जो अदालत द्वारा मान्यता प्राप्त है और इसका कानूनी प्रावधानों में भी उल्लेख मिलता है। यह कहा जा सकता है कि इस प्रकार की संविदा, अदालत के आदेश द्वारा बनायी/घोषित की जाती है, न कि पक्षों के द्वारा (हालाँकि अदालत की घोषणा पक्षों के कृत्यों पर आधारित होती है)। 'Quasi' शब्द का अर्थ आभासी...
साइबर अपराध के प्रमुख प्रकार क्या हैं और कैसे दिया जाता है इन्हें अंजाम?: 'साइबर कानून श्रृंखला' (भाग 2)
पिछले लेख साइबर अपराध क्या है एवं इसे किसके विरूद्ध अंजाम दिया जाता है?: 'साइबर कानून श्रृंखला' (भाग 1) में हमने यह समझा कि साइबर अपराध क्या है एवं इसे किस के विरुद्ध अंजाम दिया जाता है। जैसा कि हमने जाना और समझा है, साइबर अपराधों को ऐसे गैरकानूनी कृत्यों के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जहां कंप्यूटर का उपयोग या तो एक उपकरण या लक्ष्य या दोनों के रूप में किया जाता है। साइबर अपराध एक सामान्य शब्द है, जिसमें फ़िशिंग, स्पूफिंग, DoS हमला, क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी, ऑनलाइन लेन-देन धोखाधड़ी,...
साइबर अपराध क्या है एवं इसे किसके विरूद्ध अंजाम दिया जाता है?: 'साइबर कानून श्रृंखला' (भाग 1)
जिस गति से तकनीक ने उन्नति की है, उसी गति से मनुष्य की इंटरनेट पर निर्भरता भी बढ़ी है। एक ही जगह पर बैठकर, इंटरनेट के जरिये मनुष्य की पहुँच, विश्व के हर कोने तक आसान हुई है। आज के समय में हर वो चीज़ जिसके विषय में इंसान सोच सकता है, उस तक उसकी पहुँच इंटरनेट के माध्यम से हो सकती है, जैसे कि सोशल नेटवर्किंग, ऑनलाइन शॉपिंग, डेटा स्टोर करना, गेमिंग, ऑनलाइन स्टडी, ऑनलाइन जॉब इत्यादि। आज के समय में इंटरनेट का उपयोग लगभग हर क्षेत्र में किया जाता है। इंटरनेट के विकास और इसके संबंधित लाभों के साथ...
क्या एक नाबालिग संविदा करने में सक्षम है ? जानिए क्या कहता है कानून
स्पर्श उपाध्यायआज के दौर में अवयस्क/नाबालिग सार्वजनिक जीवन में पहले से भी अधिक सक्रिय दिखते हैं। नाबालिग, सिनेमा हॉल में जाते हैं, टिकट पर यात्रा करते हैं, साइकिल स्टैंड का इस्तेमाल करते हैं, अपने कपड़े सिलवाने या साफ करने के लिए सेवाओं का उपयोग करते हैं, शिक्षा संस्थानों में स्वयं फीस भरते हैं और जीवन और शिक्षा से जुड़ी बहुत सारी अन्य चीज़ों का दैनिक लेनदेन करते हैं। ऐसे में यह ज़रूरी हो जाता है कि हम अवयस्कों/नाबालिगों द्वारा किये जाने वाले करार या संविदा (Agreement) की वैधता को समझें। जैसा कि...
FIR दर्ज करवाने में अगर देरी होती है तो क्या होते हैं परिणाम और अभियोजन के मामले पर क्या होता इसका असर?
स्पर्श उपाध्याय दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 154 की उप-धारा (1) के तहत एक पुलिस थाने के भारसक अधिकारी को एक संज्ञेय अपराध (Cognizable offence) की दी गयी एक सूचना को, आमतौर पर प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) के रूप में जाना जात है, हालांकि इस शब्द का उपयोग कोड में नहीं किया गया है। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण दस्तावेज है। और जैसा कि इसके 'निक नेम' (FIR) से पता चलता है कि यह जल्द से जल्द, किसी पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी द्वारा दर्ज किए गए संज्ञेय अपराध की प्रथम सूचना है। यह आपराधिक कानून को...
रिवेंज पोर्न और भारतीय कानून, साइबर क्राइम एवं महिलाओं के विरुद्ध हिंसा- भाग-3
-चित्रांगदा शर्मा और सुरभि करवा21वीं सदी में टेक्नोलॉजी के बढ़ते प्रयोग के साथ रोमांटिक रिलेशनशिप में भी नए आयाम जुड़े हैं। आज रोमांटिक रिलेशनशिप के लिए कई तरह की डेटिंग साइट्स उपलब्ध हैं, जहां आप अपने पार्टनर के साथ इंटरनेट के माध्यम से जुड़े रह सकते हैं और वीडियो, फोटोज आदि शेयर कर सकते है। (यहां पार्टनर का अर्थ पति, बॉयफ्रेंड, दोस्त, डेट आदि हर तरह के अंतरंग सम्बन्ध से है।) कई बार अंतरंग फोट, न्यूड फोटोज़ भी पार्टनर एक दूसरे के साथ शेयर करते हैं। यही फोटो रिवेंज पोर्न के रूप में अंतरंग...
आपराधिक मामलों की 'केस डायरी' क्या होती है और कौन कर सकता है इसका उपयोग?
स्पर्श उपाध्याय केस डायरी (अभियोग दैनिकी), एक आपराधिक मामले की दैनिक जांच का एक रिकॉर्ड है, जिसे पुलिस अधिकारी द्वारा दर्ज किया जाता है। दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (सीआरपीसी) की धारा 172 के प्रावधान के तहत अन्वेषण (Investigation) करने वाले एक पुलिस अधिकारी को हर एक मामले में प्रत्येक दिन की गई जांच का रिकॉर्ड बनाए रखना आवश्यक होता है (जब वह दंड प्रक्रिया संहिता के अध्याय 12 के तहत अन्वेषण करता है)। इस प्रावधान को दंड प्रक्रिया संहिता में शामिल किये जाने का एक कारण यह भी प्रतीत होता है कि इसके...
क्या है ऑनलाइन ट्रोलिंग पर कानून (साइबर क्राइम एवं महिलाओं के विरुद्ध हिंसा- भाग-2)
चित्रांगदा शर्मा और सुरभि करवायह लेख साइबर स्पेस और महिलाओं के विरुद्ध हिंसा श्रेणी में दूसरा लेख है। पिछले लेख में हमने साइबर स्टाकिंग की बात की थी। आज हम ऑनलाइन ट्रोलिंग और उससे सम्बंधित कानून पर चर्चा करेंगे।क्या है साइबर स्टॉकिंग पर कानून, साइबर क्राइम एवं महिलाओं के विरुद्ध हिंसा- भाग-1क्या है ट्रोलिंग'ट्रोलिंग' का सीधे-सीधे शब्दों में अर्थ है किसी व्यक्ति को परेशान करने, खिझाने आदि उद्देश्यों से अपमानजनक सन्देश भेजना। ट्रोलिंग में जाति, लिंग, सेक्सुअल ओरिएंटेशन, धर्म आदि पूर्वाग्रहों के...





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