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भारत के कड़े अधिनियमों में से एक अधिनियम है एनडीपीएस एक्ट 1985, जानिए प्रमुख बातें
भारत के कड़े अधिनियमों में से एक अधिनियम है एनडीपीएस एक्ट 1985, जानिए प्रमुख बातें

भारतीय संसद में 1985 में एनडीपीएस एक्ट पारित किया गया, जिसका पूरा नाम नारकोटिक्स ड्रग्स साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट 1985 है। नारकोटिक्स का अर्थ नींद से है और साइकोट्रोपिक का अर्थ उन पदार्थों से है जो मस्तिष्क के कार्यक्रम को परिवर्तित कर देता है। कुछ ड्रग और पदार्थ ऐसे है जिनका उत्पादन और विक्रय ज़रूरी है, लेकिन उनका अनियमित उत्पादन तथा विक्रय नहीं किया जा सकता। उन पर सरकार का कड़ा प्रतिबंध होता है और रेगुलेशन है, क्योंकि ये पदार्थ अत्यधिक मात्रा में उपयोग में लाने से नशे में प्रयोग होने लगते...

प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंंचाने के मामलों पर क्या कहता है कानून?
प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंंचाने के मामलों पर क्या कहता है कानून?

कई बार देश में विरोध प्रदर्शन, हिंसक हो जाते हैं और जिसके परिणामस्वरूप लोक संपत्ति को काफी नुकसान पहुचंता है। हाल के समय में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और असम के कुछ हिस्सों में इसी प्रकार की हिंसा देखने को मिली, जहाँ लोक संपत्ति को नुकसान पहुंंचाया गया। हम एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते यह समझते हैं कि इस तरह की हिंसा में न केवल लोक संपत्ति को नुकसान पहुंंचता है, बल्कि टैक्स अदा करने वाले नागरिकों के धन का नुकसान होता है, सरकार के खर्चों पर बोझ बढ़ता है, अशांति फैलती है और आमजन का जीवन...

[धारा 151 CrPC] जानिए संज्ञेय अपराध को रोकने के लिए पुलिस की गिरफ्तार करने की शक्ति
[धारा 151 CrPC] जानिए संज्ञेय अपराध को रोकने के लिए पुलिस की गिरफ्तार करने की शक्ति

सामान्य अर्थ में गिरफ्तारी की शक्ति,हमेशा किसी को पुलिस हिरासत में लेने से जुड़ी रही है। हालाँकि एक मजिस्ट्रेट और एक आम व्यक्ति भी कुछ मामलों में किसी की गिरफ्तारी करने में सक्षम हैं। आपराधिक कानूनों में गिरफ्तारी एक महत्वपूर्ण उपकरण है, जिसका उद्देश्य अदालत के सामने एक अपराधी को पेश करना और उसे कानून की पकड़ से भागने से रोकना है। गिरफ्तारी का मतलब किसी ऐसे व्यक्ति को पकड़ना है, जिसने अपराध किया है या उसके द्वारा अपराध किये जाने की संभावना है। गिरफ्तारी के जरिये, इस आशंका को खत्म किया जाता है कि...

क्या अदालत अग्रिम जमानत के लिए नगद राशि जमा कराने का आदेश दे सकती है? जानिए सुप्रीम कोर्ट की राय
क्या अदालत अग्रिम जमानत के लिए नगद राशि जमा कराने का आदेश दे सकती है? जानिए सुप्रीम कोर्ट की राय

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में एक ही याचिकाकर्ता की चार याचिकाओं की संयुक्त सुनवाई करते हुए कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 438 (2) के तहत अग्रिम जमानत देने की शर्त के रूप में नकदी जमा करने की अनुमति है, लेकिन इस तरह के अधिकार का इस्तेमाल पूर्ण संयम से साथ किया जाना चाहिए तथा जमा की जाने वाली राशि अत्यधिक या दुष्कर नहीं होनी चाहिए। मौजूदा मामले में महिला याचिकाकर्ता भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत अपराध की अभियुक्त थी। यह आरोप लगाया गया था कि याचिकाकर्ता ने कारोबार के...

जानिए वकीलों को अपनी सेवाओं का विज्ञापन देने की अनुमति क्यों नहीं है? समझिये प्रतिबंध से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें
जानिए वकीलों को अपनी सेवाओं का विज्ञापन देने की अनुमति क्यों नहीं है? समझिये प्रतिबंध से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें

भारत में हर साल बड़ी संख्या में लोग, बार काउंसिल में वकील के तौर पर नामांकित होने के लिए आवेदन करते हैं। इसके पश्च्यात, इस पेशे में अपना नाम बनाने की आकांक्षा के साथ वे वकालत शुरू करते हैं। लेकिन न तो कानून पेशा अपनाने वाले लोगों को और न ही लॉ फर्मों को अपने पेशे का विज्ञापन करने का अधिकार प्राप्त है। दरअसल वकीलों को ऐसा कुछ भी करने से प्रतिबंधित किया जाता है, जो भावी मुवक्किलों को प्रभावित कर सकता है। भारत में अधिवक्ताओं को बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा तैयार किए गए नियमों के तहत उनकी सेवाओं या...

क्या वकील क्लाइंट द्वारा फीस न दिए जाने की स्थिति में उसके कागज़ात वापस करने से मना कर सकते हैं?
क्या वकील क्लाइंट द्वारा फीस न दिए जाने की स्थिति में उसके कागज़ात वापस करने से मना कर सकते हैं?

जैसा कि हम जानते हैं कि वकालत एक पेशा है, यह कोई व्यवसाय नहीं और इस पेशे का उद्देश्य, लोगों की सेवा करना है। एक पेशे की अहमियत को समझाते हुए, रोस्को पाउंड ने कहा था: "ऐतिहासिक रूप से, पेशे में 3 विचार शामिल हैं: संगठन (Organisation), सीखने और सार्वजनिक सेवा की भावना। ये आवश्यक हैं। इसके अलावा, आजीविका प्राप्त करने का विचार, इसके साथ है (पर अधिक महत्वपूर्ण नहीं)।" कानूनी पेशा अपनाने वाले व्यक्तियों पर, समाज में कानून के शासन को बनाए रखने की एक बड़ी जिम्मेदारी होती है। सत्ता के दुरुपयोग के खिलाफ...