झारखंड हाईकोट

झारखंड हाईकोर्ट ED की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली हेमंत सोरेन की याचिका पर 12 फरवरी को सुनवाई करेगा
झारखंड हाईकोर्ट ED की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली हेमंत सोरेन की याचिका पर 12 फरवरी को सुनवाई करेगा

झारखंड हाईकोर्ट ने भूमि घोटाले में कथित संलिप्तता के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई 12 फरवरी तक के लिए स्थगित की।एक्टिंग चीफ जस्टिस चन्द्रशेखर और जस्टिस राजेश कुमार की खंडपीठ ने ऐसा करते हुए सोरेन को याचिका वापस लेने की मांग करने वाला अपना आवेदन वापस लेने की अनुमति दी और ED को 9 फरवरी तक हेमंत की याचिका में संशोधन के लिए दायर आवेदन पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा।खंडपीठ ने आदेश दिया,"माननीय सुप्रीम...

हाईकोर्ट ने अधिकारियों की कानून-व्यवस्था संबंधी चिंताओं को किया खारिज, बागेश्वर धाम को हनुमंत कथा कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति दी
हाईकोर्ट ने अधिकारियों की कानून-व्यवस्था संबंधी चिंताओं को किया खारिज, बागेश्वर धाम को "हनुमंत कथा" कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति दी

झारखंड हाईकोर्ट ने हनुमंत कथा आयोजन समिति (समिति) को "हनुमंत कथा" कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति दे दी है। हालांकि राज्य के अधिकारियों ने शुरू में मंजूरी देने से इनकार किया था।कोर्ट ने समिति को अनुमति देते हुए कहा,"इसमें कोई संदेह नहीं है कि उत्तरदाता प्रतिबंध लगा सकते हैं, लेकिन ऐसे प्रतिबंधों का आधार संविधान के अनुच्छेद 19(3) में उल्लिखित आधार के अनुरूप होना चाहिए।"समिति ने रिट याचिका दायर कर मेदिनीनगर, जिला-पलामू में 10.02.2024 से 15.02.2024 तक "हनुमंत कथा" के आयोजन के लिए सहमति और अनुमति...

ED की गिरफ्तारी के खिलाफ हेमंत सोरेन की याचिका पर 5 फरवरी को सुनवाई करेगा झारखंड हाईकोर्ट
ED की गिरफ्तारी के खिलाफ हेमंत सोरेन की याचिका पर 5 फरवरी को सुनवाई करेगा झारखंड हाईकोर्ट

झारखंड हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई 5 फरवरी को निर्धारित की है।अदालत ने शुरुआत में मामले को 2 फरवरी के लिए निर्धारित किया था।हालांकि, उसी दिन सुनवाई के दौरान, सोरेन के वकील ने रिट याचिका वापस लेने का अनुरोध किया था, क्योंकि सोरेन ने उक्त गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें वापस हाईकोर्ट जाने के लिए कहा था।

झारखंड हाईकोर्ट ने ED की गिरफ्तारी के खिलाफ हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई स्थगित की
झारखंड हाईकोर्ट ने ED की गिरफ्तारी के खिलाफ हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई स्थगित की

झारखंड हाईकोर्ट ने गुरुवार (1 फरवरी) को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कल यानी शुक्रवार के लिए स्थगित की।एक्टिंग चीफ जस्टिस चन्द्रशेखर और जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की खंडपीठ ने सोरेन की याचिका पर आज सुबह 10:30 बजे सुनवाई शुरू की।सुनवाई के दौरान, सोरेन के वकील ने हाल के घटनाक्रमों का हवाला देते हुए, जिन्हें रिकॉर्ड पर लाने की जरूरत है, अदालत से मामले को दोपहर 12 बजे सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया।...

रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल द्वारा दुर्घटना की तिथि से विलंब माफी तक मुआवजे पर ब्याज रोकना अनुचित: झारखंड हाइकोर्ट
रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल द्वारा दुर्घटना की तिथि से विलंब माफी तक मुआवजे पर ब्याज रोकना अनुचित: झारखंड हाइकोर्ट

झारखंड हाइकोर्ट ने हाल ही में पाया कि रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल ने दुर्घटना की तारीख और उस तारीख के बीच की अवधि के लिए शोक संतप्त परिवार को देय मुआवजे पर ब्याज को रोककर गलती की, जिस दिन ट्रिब्यूनल के समक्ष दावा करने में देरी के लिए आवेदन की अनुमति दी गई।जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने कहा,''ट्रिब्यूनल ने नियमों के अनुसार मुआवजे की अधिकतम राशि दी। लेकिन दुर्घटना की तारीख से देरी की माफी की तारीख तक ब्याज रोकना कानून के तहत उचित नहीं है। इसलिए अपीलकर्ताओं को दुर्घटना की तारीख यानी 25/26-02-2018 से...

बूढ़े पिता का भरण-पोषण करना बेटे का कर्तव्य: झारखंड हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट का भरण-पोषण आदेश बरकरार रखा
'बूढ़े पिता का भरण-पोषण करना बेटे का कर्तव्य': झारखंड हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट का भरण-पोषण आदेश बरकरार रखा

झारखंड हाईकोर्ट ने हाल ही में फैमिली कोर्ट का आदेश बरकरार रखा। उक्त आदेस में एक व्यक्ति के छोटे बेटे को 3000 रुपये का मासिक गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया गया था।जस्टिस सुभाष चंद ने कहा,“हालांकि दोनों पक्षों द्वारा पेश किए गए सबूतों से यह पता चला है कि पिता के पास कुछ कृषि भूमि है, फिर भी वह उस पर खेती करने में सक्षम नहीं हैं। वह अपने बड़े बेटे पर भी निर्भर है, जिसके साथ वह रहता है। पिता ने पूरी संपत्ति में अपने छोटे बेटे मनोज साव को बराबर-बराबर हिस्सा दिया है, लेकिन 15 साल से अधिक समय से...

प्रतिवादी पक्ष साक्ष्य के अभाव में एमएसीटी मासिक आय के संबंध में दावेदार की गवाही पर अविश्वास नहीं कर सकता: झारखंड हाइकोर्ट
प्रतिवादी पक्ष साक्ष्य के अभाव में एमएसीटी मासिक आय के संबंध में दावेदार की गवाही पर अविश्वास नहीं कर सकता: झारखंड हाइकोर्ट

झारखंड हाइकोर्ट ने कहा है कि एक मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण किसी दावेदार की आय के संबंध में दी गई शपथपूर्ण गवाही को तब तक खारिज करने का हकदार नहीं है, जब तक कि प्रतिवादी द्वारा प्रस्तुत किए गए सबूत न हों।जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने कहा,''ऐसा प्रतीत होता है कि न्यायाधिकरण दावेदार की आय का निर्णय करते समय दावेदार की शपथ पर दिए गए साक्ष्यों पर ध्यान देने में विफल रहा और मासिक आय के संबंध में कोई संदेह पैदा करने के लिए प्रतिवादी की ओर से कोई खंडन साक्ष्य नहीं है। न्यायाधिकरण ने अपनी मर्जी...

पड़ोसी राज्यों से सीटीईटी और टीईटी परीक्षा पास करने वाले निवासियों को झारखंड में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया के लिए आवेदन करने की अनुमति है: झारखंड हाइकोर्ट
पड़ोसी राज्यों से सीटीईटी और टीईटी परीक्षा पास करने वाले निवासियों को झारखंड में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया के लिए आवेदन करने की अनुमति है: झारखंड हाइकोर्ट

एक महत्वपूर्ण फैसले में, झारखंड हाइकोर्ट ने पड़ोसी राज्यों से केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) और शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) सफलतापूर्वक पास करने वाले झारखंड के निवासियों को झारखंड में सहायक शिक्षक पदों के लिए भर्ती परीक्षा में भाग लेने की अनुमति दे दी है। अदालत ने यह निर्देश यह देखते हुए दिया कि झारखंड में कई वर्षों से सीटीईटी या टीईटी परीक्षा आयोजित नहीं हुई है, और राज्य को हर साल ऐसी परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया।चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने...

कर्मचारी के लिए अतिरिक्त प्रीमियम वसूलने वाला बीमाकर्ता किराए के ड्राइवर की मौत के लिए लापरवाही का हवाला देकर मुआवजा देने के दायित्व से नहीं कर सकता इनकार: झारखंड हाइकोर्ट
कर्मचारी के लिए अतिरिक्त प्रीमियम वसूलने वाला बीमाकर्ता किराए के ड्राइवर की मौत के लिए लापरवाही का हवाला देकर मुआवजा देने के दायित्व से नहीं कर सकता इनकार: झारखंड हाइकोर्ट

झारखंड हाइकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में माना कि बीमा एजेंसी मोटर वाहन दुर्घटना दावे के लिए किराए के ड्राइवर की मृत्यु की स्थिति में मुआवजा देने के लिए उत्तरदायी है, भले ही दुर्घटना चालक की लापरवाही के कारण हुई हो। यह दायित्व तब उत्पन्न होता है, जब बीमाकर्ता वाहन मालिक की क्षतिपूर्ति को कवर करने के लिए अतिरिक्त प्रीमियम स्वीकार कर लेता है।जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने कहा,''उपरोक्त चर्चा और कारणों के मद्देनजर, मेरी राय है कि बीमा कंपनी मोटर वाहन दुर्घटना दावे के लिए किराए के ड्राइवर की...