हाईकोर्ट

फैंटेसी स्पोर्ट्स को नए ऑनलाइन मनी गेम्स कानून से छूट देने की याचिका पर एमपी हाईकोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी किया
फैंटेसी स्पोर्ट्स को नए ऑनलाइन मनी गेम्स कानून से छूट देने की याचिका पर एमपी हाईकोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी किया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बुधवार (3 सितंबर) को ऑनलाइन गेमिंग अधिनियम 2025 के संवर्धन और विनियमन को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें दावा किया गया था कि यह संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (g) का उल्लंघन करते हुए न्यायिक रूप से मान्यता प्राप्त कौशल-आधारित खेलों सहित "ऑनलाइन मनी गेम्स" पर प्रतिबंध लगाता है।अदालत अधिनियम के खिलाफ क्लबबूम 11 स्पोर्ट्स एंड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दावा किया गया था कि यह "कौशल के खेल और मौका के खेल के...

अमित शाह के भतीजे बनकर व्यापारी से ठगी के आरोपी को जमानत से दिल्ली हाईकोर्ट ने किया इंकार
अमित शाह के भतीजे बनकर व्यापारी से ठगी के आरोपी को जमानत से दिल्ली हाईकोर्ट ने किया इंकार

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भांजा बनकर एक कारोबारी से 3.90 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोपी व्यक्ति को जमानत देने से इनकार कर दिया है।जस्टिस गिरीश कठपालिया ने आरोपों की प्रकृति और विस्तार पर विचार करते हुए आदेश पारित किया, साथ ही आजीवन कारावास के साथ दंडनीय दस्तावेजों के साथ जाली दस्तावेजों के अपराधों को शामिल करने के लिए प्रभारी संशोधन के लंबित विचार के साथ आदेश पारित किया। प्राथमिकी के अनुसार, व्यक्ति ने खुद को गृह मंत्री का भतीजा अजय शाह बताया और शिकायतकर्ता को...

पति की आय और जीवनयापन खर्च बढ़ना, पत्नी का भरण-पोषण बढ़ाने के सही आधार: दिल्ली हाईकोर्ट
पति की आय और जीवनयापन खर्च बढ़ना, पत्नी का भरण-पोषण बढ़ाने के सही आधार: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने व्यवस्था दी है कि पति की आय में वृद्धि के साथ उसके जीवनयापन के खर्च में उल्लेखनीय वृद्धि परिस्थितियों में स्पष्ट बदलाव है और पत्नी के गुजारा भत्ते की राशि को बढ़ाना जरूरी है।जस्टिस स्वर्ण कांत शर्मा ने एक पारिवारिक अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली पत्नी को राहत दी, जिसमें गुजारा भत्ता बढ़ाने की मांग करने वाली उसकी अर्जी खारिज कर दी गई थी। दोनों पति-पत्नी 60 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक थे। उनकी शादी 1990 में हुई थी। पति ने तलाक की कार्यवाही शुरू की और परिवार अदालत ने...

चेक बाउंस केस में फर्म को पक्षकार न बनाने की कमी दूर की जा सकती है: दिल्ली हाईकोर्ट
चेक बाउंस केस में फर्म को पक्षकार न बनाने की कमी दूर की जा सकती है: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत अपने पार्टनर के खिलाफ लगाए गए चेक बाउंस मामले में फर्म का पक्षकार नहीं होना एक इलाज योग्य दोष है।इस प्रकार शिकायतकर्ता/आदाता को 35,000/- रुपये की लागत के अधीन दलीलों में संशोधन करने की अनुमति देते हुए, जस्टिस अमित महाजन ने कहा, "इस न्यायालय का विचार है कि फर्म का गैर-पक्षकार एक इलाज योग्य दोष है ... प्रभावी परीक्षण का चरण अभी शुरू नहीं हुआ है। आरोपी को अभी तक दलील, सबूत या जिरह की रिकॉर्डिंग की प्रक्रिया का सामना नहीं...

राहुल गांधी की याचिका पर आदेश सुरक्षित, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिख टिप्पणी मामले में कार्यवाही रोकी
राहुल गांधी की याचिका पर आदेश सुरक्षित, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 'सिख टिप्पणी' मामले में कार्यवाही रोकी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिखों पर उनकी कथित टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर फिर से सुनवाई करने के वाराणसी की अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी पुनरीक्षण याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।जस्टिस समीर जैन की पीठ ने यह भी कहा कि उसे उम्मीद है कि मजिस्ट्रेट अदालत फैसला सुनाए जाने तक मामले में आगे नहीं बढ़ेगी। संक्षेप में, जुलाई में वाराणसी में एक अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायालय ने मजिस्ट्रेट अदालत के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें सितंबर 2024 में...

राजस्थान हाईकोर्ट ने डेंटल कॉलेज पर लगाई गई 7.5 लाख रुपये प्रति स्टूडेंट जुर्माने की कार्यवाही पर लगाई रोक
राजस्थान हाईकोर्ट ने डेंटल कॉलेज पर लगाई गई 7.5 लाख रुपये प्रति स्टूडेंट जुर्माने की कार्यवाही पर लगाई रोक

राजस्थान हाईकोर्ट ने एकल पीठ के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें व्‍यास डेंटल कॉलेज पर शैक्षणिक सत्र 2018-19 और 2019-20 के दौरान डेंटल स्टूडेंट्स को अनियमित दाखिले देने के लिए प्रति स्टूडेंट 7.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था।चीफ जस्टिस मुन्नुरी लक्ष्मण और जस्टिस बिपिन गुप्ता की खंडपीठ ने कॉलेज की अपील पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।कॉलेज की ओर से दलील दी गई कि इतनी बड़ी और असंगत सजा बिना किसी पूर्व सूचना या प्रार्थना के दी गई, जबकि इसी मामले में राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (RUHS)...

आसाराम बापू की अस्थायी ज़मानत बढ़ाने की अर्जी पर सुनवाई टली, अब 22 सितंबर को होगी सुनवाई
आसाराम बापू की अस्थायी ज़मानत बढ़ाने की अर्जी पर सुनवाई टली, अब 22 सितंबर को होगी सुनवाई

गुजरात हाईकोर्ट ने बुधवार (3 सितंबर) को बलात्कार मामले में दोषी आसाराम बापू की अस्थायी ज़मानत बढ़ाने की अर्जी पर सुनवाई टाल दी। अदालत ने याचिका को 22 सितंबर को नियमित ज़मानत पर होने वाली सुनवाई के साथ सूचीबद्ध करने का आदेश दिया।जस्टिस इलेशकुमार वोरा और जस्टिस पी.एम. रावल की खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट पहले ही आसाराम की अंतरिम ज़मानत याचिका खारिज कर चुका है। उन्हें सरेंडर करने का आदेश दिया था। ऐसे में अस्थायी ज़मानत पर ज़ोर देने से नियमित ज़मानत पर असर पड़ेगा।अदालत ने टिप्पणी...

कथित तौर पर जाली दस्तावेज जमा करने के आपराधिक मामले में बरी होने से सेवा के लिए पात्रता नहीं मिलती: राजस्थान हाईकोर्ट
कथित तौर पर जाली दस्तावेज जमा करने के आपराधिक मामले में बरी होने से सेवा के लिए पात्रता नहीं मिलती: राजस्थान हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान जाली दस्तावेज़ प्रस्तुत करने के आरोप में याचिकाकर्ता की बर्खास्तगी को बरकरार रखा, जबकि संबंधित विभाग द्वारा दर्ज जालसाजी, मनगढ़ंत और धोखाधड़ी के एक आपराधिक मामले में याचिकाकर्ता को बरी कर दिया गया था। जस्टिस आनंद शर्मा ने कहा कि सिर्फ़ इसलिए कि याचिकाकर्ता को बरी कर दिया गया था, यह अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि इस तरह की बरी किए जाने से याचिकाकर्ता को संबंधित पद पर रहने की पात्रता प्राप्त हो जाती है।"वैसे भी, सिर्फ़ इस तथ्य से कि याचिकाकर्ताओं को...

यूपी सरकार ने हाईकोर्ट में कहा: राहुल गांधी ने विदेश में की सिखों पर टिप्पणी, मजिस्ट्रेट तय करेंगे कि अपराध बनता है या नहीं
यूपी सरकार ने हाईकोर्ट में कहा: राहुल गांधी ने विदेश में की सिखों पर टिप्पणी, मजिस्ट्रेट तय करेंगे कि अपराध बनता है या नहीं

सिखों पर कथित टिप्पणी से संबंधित विपक्ष के नेता राहुल गांधी की याचिका का विरोध करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दलील दी कि मजिस्ट्रेट को यह आकलन करने के लिए अपने 'स्वतंत्र विचार' का प्रयोग करने की अनुमति दी जानी चाहिए कि उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध बनता है या नहीं।जस्टिस समीर जैन की पीठ के समक्ष राज्य सरकार ने दलील दी कि पुनर्विचार क्षेत्राधिकार में अदालतों को बचाव पक्ष की दलीलों पर विचार करने की अनुमति नहीं है। यदि मजिस्ट्रेट को लगता है कि संज्ञेय अपराध बनता है तो...

सेवा रिकॉर्ड में जन्मतिथि में सुधार को सेवा के अंतिम चरण में अधिकार के रूप में दावा नहीं किया जा सकता: झारखंड हाईकोर्ट
सेवा रिकॉर्ड में जन्मतिथि में सुधार को सेवा के अंतिम चरण में अधिकार के रूप में दावा नहीं किया जा सकता: झारखंड हाईकोर्ट

झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने कहा कि सेवा अभिलेखों में जन्मतिथि में सुधार को अधिकार के रूप में दावा नहीं किया जा सकता, भले ही इसके लिए मैट्रिकुलेशन प्रमाणपत्र जैसे वास्तविक दस्तावेज़ ही क्यों न हों, खासकर जब ऐसा अनुरोध अत्यधिक विलंब (दो दशकों से अधिक) के बाद और सेवानिवृत्ति की तिथि के निकट किया गया हो। तथ्यअपीलकर्ता को मेसर्स भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) के अंतर्गत 02.12.1986 को अस्थायी भूमिगत लोडर के रूप में नियुक्त किया गया था। अपनी...

बिना दोषसिद्धि के लंबित आपराधिक कार्यवाही पेंशन और ग्रेच्युटी जैसे वैधानिक अधिकारों को रोकने का आधार नहीं हो सकती: झारखंड हाईकोर्ट
बिना दोषसिद्धि के लंबित आपराधिक कार्यवाही पेंशन और ग्रेच्युटी जैसे वैधानिक अधिकारों को रोकने का आधार नहीं हो सकती: झारखंड हाईकोर्ट

झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने कहा कि बिना दोषसिद्धि के आपराधिक कार्यवाही का लंबित रहना पेंशन, ग्रेच्युटी या अवकाश नकदीकरण रोकने का आधार नहीं हो सकता क्योंकि ये कर्मचारी के वैधानिक अधिकार हैं। तथ्यप्रतिवादी को 01.11.1984 को बी.एन.जे. कॉलेज में अस्थायी आधार पर एक वर्ष की अवधि के लिए हिंदी व्याख्याता के रूप में नियुक्त किया गया था। इसमें एक प्रावधान था कि बिना कारण बताए उनकी सेवाएं कभी भी समाप्त की जा सकती हैं। उन्होंने 07.01.1985 को कॉलेज में...

सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप: हाईकोर्ट ने मनोज जरांगे से पूछा, क्या आपने प्रदर्शनकारियों को भड़काया?
सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप: हाईकोर्ट ने मनोज जरांगे से पूछा, क्या आपने प्रदर्शनकारियों को भड़काया?

मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान मुंबई में सार्वजनिक संपत्ति को कथित नुकसान पहुंचाने के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को बड़ा आदेश दिया। अदालत ने आंदोलन के नेता मनोज जरांगे और अन्य आयोजकों से हलफनामा दायर करने को कहा कि क्या उन्होंने प्रदर्शनकारियों को उकसाया था या नहीं।एक्टिंग चीफ जस्टिस चंद्रशेखर और जस्टिस आरती साठे की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि इस मामले में गंभीर आरोप लगे हैं और बिना हलफनामे के याचिका का निस्तारण संभव नहीं।अदालत ने कहा,“आप हलफनामे में स्पष्ट करें कि आप किसी भी नुकसान...

Land Acquisition Act | पुनर्वास योजना के तहत लाभ तभी मिल सकता है जब अधिग्रहण के दौरान पंचायत रजिस्टर में नाम हो: HP हाईकोर्ट
Land Acquisition Act | पुनर्वास योजना के तहत लाभ तभी मिल सकता है जब अधिग्रहण के दौरान पंचायत रजिस्टर में नाम हो: HP हाईकोर्ट

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एक रिट याचिका को खारिज करते हुए कहा कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन योजना का लाभ तब तक नहीं दिया जा सकता जब तक भूमि अधिग्रहण के समय पंचायत के परिवार रजिस्टर में कोई प्रविष्टि न हो। जस्टिस अजय मोहन गोयल ने कहा कि, "एक तथ्य जो स्पष्ट है... वह यह है कि वर्ष 2000 में जब याचिकाकर्ता की भूमि अधिग्रहित की गई थी, उस समय उसका नाम संबंधित गांव के पंचायत परिवार रजिस्टर में दर्ज नहीं था, जो कि योजना के खंड 2.2.3 के अनुसार योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए...

हाईकोर्ट ने रिटायर्ड पब्लिक प्रॉसिक्यूटर्स को APP बनाने वाले विज्ञापन पर लगाई रोक
हाईकोर्ट ने रिटायर्ड पब्लिक प्रॉसिक्यूटर्स को APP बनाने वाले विज्ञापन पर लगाई रोक

हाईकोर्ट ने रिटायर्ड पब्लिक प्रॉसिक्यूटर्स को APP बनाने वाले विज्ञापन पर लगाई रोकदिल्ली हाईकोर्ट ने उस विज्ञापन पर रोक लगा दी, जिसमें केवल रिटायर्ड पब्लिक प्रॉसिक्यूटर्स को असिस्टेंट पब्लिक प्रॉसिक्यूटर (APP) के रूप में नियुक्त करने का प्रावधान किया गया था।जस्टिस सचिन दत्ता ने विकस वर्मा की याचिका पर यह आदेश दिया। 22 अगस्त को दिल्ली सरकार के अभियोजन निदेशालय ने 196 पदों पर संविदा आधार पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया था जिसमें केवल रिटायर्ड प्रॉसिक्यूटर्स को ही आवेदन का पात्र माना...

कलकत्ता हाईकोर्ट ने SSC पुन: परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र रद्द करने को चुनौती देने वाली दागी उम्मीदवारों की याचिका खारिज की
कलकत्ता हाईकोर्ट ने SSC पुन: परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र रद्द करने को चुनौती देने वाली 'दागी' उम्मीदवारों की याचिका खारिज की

कलकत्ता हाईकोर्ट ने एसएससी भर्ती प्रक्रिया में 'दागी उम्मीदवारों' की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जो 'नौकरी के बदले नकदी' घोटाले में उलझे हुए हैं। इन उम्मीदवारों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा आदेशित पुनर्परीक्षा में शामिल होने के लिए अपने प्रवेश पत्र रद्द किए जाने को चुनौती दी थी। कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा राज्य को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को लागू करने और निर्धारित समय-सीमा का पालन करने का निर्देश दिए जाने के बाद, दागी उम्मीदवारों को नई भर्ती प्रक्रिया से बाहर रखने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के...

शैक्षणिक व्यवस्था के आधार पर नियुक्ति एक अलग वर्ग है, जो जम्मू-कश्मीर सिविल सेवा अधिनियम के तहत नियमितीकरण के लिए पात्र नहीं है: J&K हाईकोर्ट
शैक्षणिक व्यवस्था के आधार पर नियुक्ति एक अलग वर्ग है, जो जम्मू-कश्मीर सिविल सेवा अधिनियम के तहत नियमितीकरण के लिए पात्र नहीं है: J&K हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने कहा कि शैक्षणिक व्यवस्था के आधार पर नियुक्त व्याख्याता, स्पष्ट रिक्तियों के विरुद्ध तदर्थ, संविदात्मक या समेकित आधार पर नियुक्त व्याख्याताओं से अलग एक अलग वर्ग का गठन करते हैं, और इसलिए वे जम्मू और कश्मीर सिविल सेवा (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 2010 के तहत नियमितीकरण के पात्र नहीं हैं। जस्टिस संजीव कुमार और जस्टिस संजय परिहार की खंडपीठ ने 2010 के अधिनियम की धारा 3(बी), धारा 10(2) और धारा 10(2ए) की वैधता को चुनौती देने वाली और ऐसे नियुक्त व्याख्याताओं के नियमितीकरण के...