राज शमानी के पर्सनालिटी राइट्स की सुरक्षा के लिए अंतरिम आदेश जारी करेगा हाईकोर्ट
Amir Ahmad
17 Nov 2025 5:52 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह पॉडकास्टर राज शमानी के नाम, छवि, आवाज़ और व्यक्तित्व के अनधिकृत उपयोग पर रोक लगाने के लिए अंतरिम आदेश पारित करेगी। इसके साथ ही अदालत ने गूगल, मेटा और टेलीग्राम के खिलाफ दायर पर्सनालिटी राइट्स संरक्षण संबंधी मुकदमे में समन भी जारी किया।
सुनवाई के दौरान सीनियर एडवोकेट दिक्षा कपूर ने अदालत को बताया कि शमानी के नाम पर AI-जनित डीपफेक, फर्जी एंडोर्समेंट, अनधिकृत चैटबॉट और टेलीग्राम चैनल चलाए जा रहे हैं जो उनकी पहचान का इस्तेमाल करके सलाह दे रहे हैं, धन जुटा रहे हैं क्रिप्टो स्कीम्स का प्रचार कर रहे हैं और किताबों की बिक्री तक कर रहे हैं, मानो शमानी स्वयं इसमें शामिल हों।
उन्होंने यह भी बताया कि कई यूट्यूब चैनल उनके पॉडकास्ट Figuring Out with Raj Shamani के क्लिप, लोगो और स्क्रिप्ट बिना अनुमति उपयोग कर रहे हैं।
दूसरी ओर, गूगल की ओर से पेश एडवोकेट ने कहा कि यूट्यूब पर मौजूद कुछ वीडियो महज़ पैरोडी हैं और शमानी की पहचान का दोहन नहीं करते। टेलीग्राम की ओर से कहा गया कि वे कुछ फर्जी चैनलों को हटाने के लिए तैयार हैं, लेकिन याचिका में की गई कुछ मांगें अत्यधिक व्यापक हैं।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने कहा कि कुछ मांगे तो इस मुकदमे में स्वीकार की जा सकती हैं लेकिन अन्य मुद्दों को अलग कार्यवाही में उठाया जाना चाहिए।
अदालत ने यह भी टिप्पणी की कि पैरोडी वीडियो को लेकर दायर दावे और व्यक्तित्व अधिकारों के उल्लंघन से जुड़े दावे एक साथ सुनना मुकदमे को जटिल कर सकता है, क्योंकि उनके कारण-कार्य और बचाव के आधार अलग होंगे। इसी कारण व्यंग्य, आलोचना या पैरोडी की श्रेणी में आने वाले कंटेंट के लिए अलग कार्रवाई उचित होगी।
हैशटैग के दुरुपयोग के मुद्दे पर अदालत ने कहा कि इसे फिलहाल राहत का आधार नहीं बनाया जा सकता, क्योंकि हैशटैग का उपयोग प्रशंसकों और सामान्य उपयोगकर्ताओं द्वारा भी किया जाता है।
अदालत ने कहा कि कोई व्यापक आदेश पारित करने से प्लेटफॉर्म-स्तर पर अनुचित प्रतिबंध लग सकते हैं।
अब यह मामला आगामी 24 दिसंबर को रजिस्ट्री के समक्ष सूचीबद्ध होगा।

