हाईकोर्ट
आर्यन खान की सीरीज़ पर रोक की सामीर वानखेडे की मांग का नेटफ्लिक्स ने दिल्ली हाईकोर्ट में किया विरोध
नेटफ्लिक्स ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में IRS अधिकारी सामीर वानखेडे द्वारा दायर उस मानहानि मुकदमे का कड़ा विरोध किया, जिसमें उन्होंने आर्यन खान निर्देशित नेटफ्लिक्स सीरीज़ “Ba*ds of Bollywood” में अपनी कथित नकारात्मक छवि को लेकर आपत्ति जताई।जस्टिस पुरुषेन्द्र कुमार कौरव के समक्ष नेटफ्लिक्स की ओर से सीनियर एडवोकेट राजीव नायर ने दलील दी कि इस प्रकार के मामलों में मानहानि का पैमाना बहुत ऊंचा होता है, जिसे अंतरिम चरण में साबित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि वानखेडे को मुकदमे के दौरान यह...
कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम | EPFO देनदार को पहले नोटिस दिए बिना धारा 8-F के तहत रोक लगाने का आदेश जारी नहीं कर सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 की धारा 8-F के तहत, नियोक्ता के देनदार को पहले नोटिस दिए बिना और धारा 8-F(3)(i) और (vi) के तहत अनिवार्य रूप से शपथ पत्र पर बयान दर्ज करने का अवसर दिए बिना रोक लगाने का आदेश जारी नहीं कर सकता। कोर्ट ने पाया कि विवादित आदेश वैधानिक योजना और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पूरी तरह से उल्लंघन करते हुए पारित किया गया।जस्टिस एन.जे. जमादार बी.टी. कडलाग कंस्ट्रक्शंस द्वारा दायर याचिका पर...
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक्टर अजय देवगन के पर्सनैलिटी राइट्स की रक्षा की, अश्लील कंटेंट हटाने का आदेश दिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन के पर्सनैलिटी राइट्स की रक्षा करते हुए अंतरिम आदेश पारित किया।जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने प्रतिवादियों को एक्टर की सहमति के बिना उनकी पर्सनैलिटी से जुड़ी चीज़ों, जिसमें उनकी तस्वीरें और अन्य पर्सनल चीज़ें शामिल हैं का इस्तेमाल करने से रोक दिया।प्रतिवादियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डीपफेक टेक्नोलॉजी के साथ-साथ अश्लील कंटेंट का इस्तेमाल करके एक्टर की पर्सनैलिटी से जुड़ी चीज़ों का गलत इस्तेमाल करने से भी रोका गया।एक्टर की ओर से...
तलाक के बाद भरण–पोषण का अधिकार पत्नी के पुनर्विवाह से समाप्त नहीं होता: केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने एक महत्त्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट किया कि मुस्लिम महिला संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 3(1) के तहत दायर याचिका का लंबा लंबित रह जाना उसके अधिकारों को प्रभावित नहीं कर सकता। अदालत ने कहा कि तलाक की तारीख पर महिला को जो लाभ प्राप्त हो चुके थे, वे उसके बाद विवाह करने पर भी समाप्त नहीं होते।डॉ. जस्टिस काउसर एडप्पगथ ने यह निर्णय पूर्व पति द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका व मूल याचिका को खारिज करते हुए दिया। पति ने आदेशों को चुनौती दी, जिनमें उसे तलाकशुदा पत्नी और नाबालिग बेटी के लिए...
गुजरात हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी FIR मामले में पत्रकार महेश लांगा की अग्रिम जमानत रद्द करने याचिका पर नोटिस जारी किया
गुजरात हाईकोर्ट ने गुरुवार (27 नवंबर) को पत्रकार महेश लांगा को नोटिस जारी किया, जिसमें राज्य ने पिछले साल एक धोखाधड़ी मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई अग्रिम जमानत रद्द करने की मांग की।जस्टिस उत्कर्ष ठाकोरभाई देसाई ने कहा,"स्वीकार करें, नोटिस जारी करें।"राज्य ने 25 नवंबर 2024 को पारित आदेश को चुनौती दी, जिसमें विज्ञापन एजेंसी चलाने वाले व्यक्ति द्वारा दायर शिकायत के आधार पर पत्रकार को धोखाधड़ी FIR में जमानत दी गई।एडिशनल सेशंस जज हेमांगकुमार गिरीशकुमार पंड्या ने लांगा को अग्रिम जमानत देते हुए...
राष्ट्रपति की रेफरेंस मामले में सुप्रीम कोर्ट की राय ने संविधान को पूरी तरह बदल दिया
यह प्रसिद्ध रूप से कहा गया है कि किसी भी मामले का अंत में तब तक निर्णय नहीं लिया जाता है जब तक कि यह सही निर्णय नहीं लिया जाता है। नवीनतम राष्ट्रपति संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट की राय - पुन: राज्यपाल और भारत के राष्ट्रपति 2025 लाइव लॉ (SC) 1124 (राय) द्वारा बिलों की सहमति, रोक या आरक्षण उस श्रेणी में आती है। इसने संविधान को उसके सिर पर बदल दिया है। "अनुच्छेद 143 के तहत संदर्भ कानून या तथ्य के किसी संवैधानिक या अन्य प्रश्न को उजागर करने और हल करने के लिए बनाए जाते हैं, जहां कोई संदेह है और इस मामले...
नकली दस्तावेज़ अदालत के साथ धोखा, मुकदमे का उद्देश्य सत्य की खोज: राजस्थान हाईकोर्ट ने सेल डीड की जांच का आदेश बरकररार रखा
राजस्थान हाईकोर्ट ने यह कहते हुए कि हर मुकदमा सत्य को उजागर करने की प्रक्रिया है और अदालत में झूठे दस्तावेज़ दाखिल करना न्यायालय के साथ धोखा है, एक कथित जाली सेल डीड की सत्यता की जांच कराने के आदेश को सही ठहराया। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि अदालत का मूल उद्देश्य सत्य की खोज है और जब सत्य विफल होता है न्याय भी विफल हो जाता है।जस्टिस अनूप कुमार ढांड की पीठ ने अपनी टिप्पणी में कहा कि सत्य न्याय की नींव है, पूरा न्यायिक तंत्र वास्तविक सत्य को खोजने और स्थापित करने के लिए निर्मित किया गया। न्यायालय ने आगे...
आदिवासी क्षेत्रों के लिए विज्ञापित भर्ती से वैध उम्मीद पैदा होती है, राज्य बिना किसी कारण उम्मीदवार को कहीं और पोस्ट नहीं कर सकता: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य भर्ती के समय एक आकर्षक वादा करके बाद में बिना किसी उचित कारण के उससे पूरी तरह पीछे नहीं हट सकता।जस्टिस फरजंद अली की बेंच ने कहा कि सेवा में शामिल होने के समय उम्मीदवारों के मन में निश्चित रूप से एक वैध उम्मीद पैदा हो सकती है कि उनकी पोस्टिंग उन क्षेत्रों में या उसके आसपास होगी जिनके लिए भर्ती की गई थी खासकर जब विज्ञापन इस तरह से बनाया गया था जो ऐसे क्षेत्रों से जुड़ाव दिखाता था।2013 में मिनरल्स प्रोटेक्शन फोर्स में कांस्टेबल के पदों के लिए विज्ञापन जारी किया...
रिटायरमेंट के बाद सेवा विस्तार संभव नहीं, परंतु पदोन्नति के आधार पर सीमित वित्तीय लाभ मिलेंगे: गुवाहाटी हाईकोर्ट
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण निर्णय में स्पष्ट किया कि रिटायरमेंट के बाद पदोन्नति के आधार पर सेवा अवधि बढ़ाना कानून के अनुरूप नहीं है। ऐसी किसी भी सिफारिश को कर्मचारी के रिटायरमेंट हो जाने के बाद प्रभावी नहीं किया जा सकता। हालांकि, न्यायालय ने यह भी कहा कि कैरियर उन्नयन योजना के तहत की गई पदोन्नति को केवल पेंशन रूप से मान्य कर वित्तीय लाभ दिए जा सकते हैं। भले ही कर्मचारी वास्तविक रूप से उच्च पद पर कार्यभार ग्रहण न कर पाया हो।चीफ जस्टिस अशुतोष कुमार और जस्टिस अरुण देव चौधरी की खंडपीठ ने यह...
अगर सच है तो समाज को चौंकाने वाली गवाही: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 1971 के युद्ध में शहीद हुए सैनिक की विधवा को ज़मीन अलॉट करने में 51 साल की देरी पर चिंता जताई
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को 1971 के युद्ध में शहीद हुए सैनिक की विधवा की हालत पर गहरी चिंता जताई। विधवा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उसे 5 बीघा ज़मीन मिलनी चाहिए थी लेकिन उसे सिर्फ़ 2.5 बीघा ज़मीन दी गई और वह 1974 से अपने हक के लिए संघर्ष कर रही है।जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनीश कुमार गुप्ता की बेंच ने टिप्पणी की कि अगर उसकी याचिका में किए गए दावे सही हैं, तो यह स्थिति पूरे समाज की हालत की एक चौंकाने वाली गवाही है।बेंच ने यह कहा,"यह एक ऐसा मामला है, जहां 1971 के युद्ध में शहीद...
न्याय के लिए आवश्यक शांति, निजता, खुलापन और डिजिटल कोर्ट पर जस्टिस मारिया ने जो कहा, वह पढ़ा जाना चाहिए
समस्या, स्पष्ट रूप से कही गई।मुझे याद है। ऐसी सुनवाई होती है जहां तथ्य निर्विवाद रूप से खड़े होते हैं, पुलिस पीछे हट जाती है, और राज्य मौन चुनता है। अदालत कक्ष अपनी स्थिति रखता है। कोई नाटक नहीं। कानून को केवल अर्थ में तर्क दिया जा रहा है।फिर भी, उस स्थान के बाहर, सुनवाई की क्लिप बनाई जा सकती है और इसे ऑनलाइन साझा किया जा सकता है, संदर्भ से बाहर और अनुपात से बाहर। एक आवारा रेखा एक नारा बन जाती है। एक तनावपूर्ण आदान-प्रदान एक शीर्षक बन जाता है। तब जिस चीज का उल्लंघन किया जाता है वह निजता नहीं...
BNSS | नॉन-कॉग्निजेबल अपराध में पुलिस रिपोर्ट को 'शिकायत' माना जाता है, ऐसे मामलों में समन से पहले आरोपी की बात सुनी जानी चाहिए: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि नॉन-कॉग्निजेबल अपराध के लिए फाइल की गई पुलिस रिपोर्ट (चार्जशीट) को मजिस्ट्रेट द्वारा 'शिकायत' माना जाना चाहिए, न कि पुलिस केस/स्टेट केस के तौर पर। यह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (BNSS) के सेक्शन 2(1)(h) के एक्सप्लेनेशन के अनुसार है।कोर्ट ने आगे कहा कि ऐसे मामलों में ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट आरोपी को सुनवाई का मौका दिए बिना समन जारी नहीं कर सकता, जैसा कि BNSS की धारा 223(1) के पहले प्रोविज़ो के तहत ज़रूरी है।जस्टिस प्रवीण कुमार गिरी की बेंच ने शाहजहांपुर...
कर्मचारी सिर्फ़ इसलिए ऊंचे पद की सैलरी का दावा नहीं कर सकता, क्योंकि वह ऐसे काम करने के काबिल है: जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट
जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने कहा कि कोई कर्मचारी सिर्फ़ इसलिए ऊंचे पद की सैलरी का दावा नहीं कर सकता, क्योंकि वह उस पद से जुड़े काम करने के काबिल या सक्षम है।कोर्ट ने साफ़ किया कि सैलरी पद से जुड़ी होती है, कर्मचारी की क्वालिफ़िकेशन से नहीं।कोर्ट एक पिटीशन पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें "स्किल्ड" कैटेगरी के तहत सैलरी के दावे को खारिज करने को चुनौती दी गई, जबकि याचिकाकर्ता ने कहा कि वह कंप्यूटर ऑपरेटर का काम कर रहा था।जस्टिस संजय धर की बेंच ने यह देखते हुए कि याचिकाकर्ता ने कंप्यूटर-लिटरेट...
पर्सनैलिटी राइट्स की सुरक्षा के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंची शिल्पा शेट्टी
बॉलीवुड एक्टर शिल्पा शेट्टी ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया, जिसमें उन्होंने अपनी पर्सनैलिटी राइट्स की सुरक्षा की मांग की ताकि कई जाने-माने और अनजान प्लेटफॉर्म्स द्वारा उनकी आवाज़ के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) वर्शन, डीपफेक इमेज वगैरह का इस्तेमाल करके और मुनाफ़ा कमाकर गैर-कानूनी तरीके से कमर्शियलाइज़ न किया जा सके।शेट्टी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि वह तीन दशकों से ज़्यादा समय से इंडियन एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में सबसे मशहूर और इंटरनेशनल लेवल पर पहचानी जाने वाली पर्सनैलिटी में से एक हैं और एक...
रेड चिलीज़ ने कहा—'Bads of Bollywood' पर वानखेड़े का मानहानि मुकदमा गलत अदालत में, उचित मंच बॉम्बे हाईकोर्ट
रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में IRS अधिकारी समीर वानखेड़े द्वारा नेटफ्लिक्स सीरीज़ “Ba***ds of Bollywood” में उनकी कथित मानहानिकारक छवि को लेकर दायर किए गए मानहानि मुकदमे का विरोध करते हुए कहा कि यह मामला क्षेत्राधिकार के हिसाब से गलत अदालत में दाखिल किया गया है और इसे दिल्ली नहीं, बल्कि बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर किया जाना चाहिए था।जस्टिस पुरषेंद्र कुमार कौरव की अदालत में पेश सीनियर एडवोकेट नीरज किशन कौल ने वानखेड़े की अंतरिम निषेधाज्ञा याचिका का विरोध करते हुए कहा कि...
भोपाल में पेड़ काटने पर लगी रोक बढ़ाई; हाईकोर्ट ने कहा—राज्य ने 'पेड़ नहीं, सिर्फ तने लगाए'
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है कि अब तक कितने पेड़ काटे गए, आगे कितने पेड़ काटने की योजना है और उनका प्रत्यारोपण कहाँ किया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पेड़ों की कीमत, खासकर ऑक्सीजन उत्पादन के संदर्भ में, कई बार जोर देकर बताया है और बिना उचित प्रक्रिया पेड़ काटना स्वीकार्य नहीं है।कोर्ट ने अपने पहले के आदेश को जारी रखते हुए सरकार को भोपाल में किसी भी पेड़ को काटने, छाँटने या ले जाने से मना किया है जब तक कि अदालत से अनुमति न ली जाए। यह मामला एक रिपोर्ट पर लिए गए...
कस्टम में SCN का मौखिक वेवर अवैध; सामान की लगातार जब्ती गैरकानूनी: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि शो कॉज नोटिस (SCN) या व्यक्तिगत सुनवाई को केवल मौखिक रूप से माफ किया गया हो, तो कस्टम विभाग द्वारा माल को लगातार जब्त रखना कानूनन मान्य नहीं है। जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस शैल जैन की खंडपीठ उस मामले की सुनवाई कर रही थी जिसमें याचिकाकर्ता की 54 ग्राम की सोने की चेन कस्टम विभाग ने जब्त कर ली थी।याचिकाकर्ता दुबई की निवासी प्रमाणपत्र धारक हैं और उनका कहना था कि 16 अप्रैल 2025 को भारत आगमन पर उनकी निजी उपयोग की ज्वेलरी को कस्टम ने रोक लिया, जबकि उन्हें कोई शो...
दूसरी पत्नी का खर्च बताकर पहली पत्नी का भरण-पोषण नहीं टाला जा सकता: केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि पहली शादी के दौरान दूसरी शादी करने वाला मुस्लिम पति यह तर्क नहीं दे सकता कि उसके पास पहली पत्नी का भरण-पोषण करने के साधन नहीं हैं। जस्टिस डॉ. काउसर एडप्पगाथ यह टिप्पणी उस मामले में कर रहे थे, जिसमें पति ने फैमिली कोर्ट द्वारा पहली पत्नी को भरण-पोषण देने और बेटे के खिलाफ उसकी याचिका खारिज करने के आदेश को चुनौती दी थी। पति ने दावा किया कि वह बेरोजगार है, जबकि पत्नी ब्यूटी पार्लर चलाती है, और यह भी कहा कि वह दूसरी पत्नी का भरण-पोषण कर रहा है, इसलिए पहली पत्नी को...
घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत शिकायत आपराधिक कार्यवाही नहीं; मजिस्ट्रेट को समन वापस लेने का अधिकार: हाईकोर्ट
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 की धारा 12 के तहत की गई कार्यवाही को फौजदारी शिकायत दर्ज करने या आपराधिक मुकदमा शुरू करने के बराबर नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने कहा कि ट्रायल मजिस्ट्रेट, जब पति या उसके संबंधियों से जवाब प्राप्त कर लेता है, तो वह चाहें तो समन वापस ले सकता है या अगर पाता है कि पक्षकारों को बिना कारण शामिल किया गया है, तो पूरी कार्यवाही भी ख़त्म कर सकता है।यह मामला धारा 12 के तहत शुरू हुई कार्यवाही और मजिस्ट्रेट द्वारा पत्नी एवं नाबालिग...
दिल्ली हाईकोर्ट ने सेटलमेंट के बाद आपराधिक धमकी की FIR रद्द की, आरोपी को बेसहारा लड़कियों के फायदे के लिए 25 हजार देने को कहा
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में चोट पहुंचाने और आपराधिक धमकी के आरोपों वाली FIR रद्द की, क्योंकि पीड़ित और आरोपी दोनों के बीच एक सेटलमेंट एग्रीमेंट हो गया था।जस्टिस अमित महाजन ने आरोपी को बेसहारा लड़कियों के फायदे के लिए आर्य कन्या सदन, पटौदी हाउस दरियागंज में 25,000 रुपये और पीड़ित को मुआवजे के तौर पर 25,000 रुपये जमा करने का निर्देश दिया।FIR भारतीय दंड संहिता 1860 (IPC) की धारा 324 और 506 के तहत अपराधों के लिए दर्ज की गई।यह मामला सागर बॉम्बे ड्राईक्लीनर नाम की दुकान के मालिक के बेटे ने दर्ज...



















