जमानत देते समय बैंक गारंटी प्रस्तुत करने की शर्त लगाना अवैध: कर्नाटक हाईकोर्ट
Amir Ahmad
12 July 2024 12:59 PM IST

कर्नाटक हाईकोर्ट ने दोहराया है कि निचली अदालत द्वारा जमानत देने के लिए आरोपी को किसी भी मात्रा की बैंक गारंटी प्रस्तुत करने की शर्त लगाना पहली नज़र में अवैध है।
जस्टिस एम नागप्रसन्ना की एकल न्यायाधीश पीठ ने कहा कि उनके सामने ऐसे बहुत से मामले आए हैं, जहाँ संबंधित अदालतें जमानत देते समय बैंक गारंटी प्रस्तुत करने की शर्तें लगा रही हैं।
उन्होने कहा,
"मैं यह देखना उचित समझता हूं कि संबंधित अदालत जमानत दिए जाने पर आरोपी की रिहाई के लिए बैंक गारंटी प्रस्तुत करने पर जोर नहीं देगी। इसके अलावा, संबंधित अदालत कोई भी अन्य कानूनी रूप से मान्य शर्तें लगाने के लिए स्वतंत्र होगी।"
वैभवराज उत्सव द्वारा दायर याचिका स्वीकार करते हुए यह टिप्पणी की गई। उत्सव ने 50 लाख रुपये की बैंक गारंटी प्रस्तुत करने की जमानत शर्त में संशोधन की मांग करने वाली अपनी याचिका खारिज होने के बाद अदालत का दरवाजा खटखटाया।
पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के कई निर्णयों का हवाला दिया, जिसमें अदालत ने माना है कि जमानत पर रिहाई या जमानत जारी रखने के लिए एक शर्त के रूप में बैंक गारंटी प्रस्तुत करने का निर्देश पहली नजर में अवैध है।
अदालत ने कहा,
"संबंधित अदालत का आदेश जो याचिकाकर्ता को बैंक गारंटी प्रस्तुत करने का निर्देश देता है, भले ही वह रिहाई के तीन महीने के भीतर हो पहली नजर में अवैध है।"
याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को बताया कि 50 लाख रुपये का जमानत बांड पहले ही प्रस्तुत किया जा चुका है। अदालत ने बैंक गारंटी प्रस्तुत करने का निर्देश देने वाले 23-01-2024 के विवादित आदेश को खारिज कर दिया और स्पष्ट किया कि जमानत देने वाले 14.03.2023 के आदेश में निर्धारित अन्य सभी शर्तें बरकरार हैं।
केस टाइटल- वैभवराज उत्सव और राज्य चंद्र लेआउट पी.एस.

