हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने 21 साल पुराने संपत्ति विवाद में देरी की रणनीति अपनाने के लिए वादी पर 25,000 का जुर्माना लगाया
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक वादी पर 21 साल पुराने संपत्ति विवाद में निर्णय में देरी की मांग करते हुए पुनर्विचार याचिका दायर करने पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया। यह विवाद ट्रायल कोर्ट में सुनवाई के अंतिम चरण में है।जस्टिस तारा वितस्ता गंजू ने मुकदमे में प्रतिवादी कृष्णा देवी द्वारा दायर याचिका खारिज की, जिसमें उन्होंने ट्रायल कोर्ट द्वारा सीपीसी के आदेश VII नियम 11(डी) के तहत दायर अपने आवेदन को खारिज करने को चुनौती दी थी।यह मुकदमा 2004 में दायर किया गया जिसमें 14 मई, 2003 के सेल डीड को अमान्य घोषित...
कोमा में गए कर्मचारी को दो साल से वेतन न देना अमानवीय, अनुच्छेद 21 का उल्लंघन: राजस्थान हाईकोर्ट ने 7 दिन में बकाया देने का आदेश दिया
राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की उस बेरुखी पर कड़ी नाराज़गी जताई, जिसमें एक सरकारी कर्मचारी, जो 2023 से कोमा में है, उसको दो साल से वेतन नहीं दिया जा रहा और उसके इलाज के बिलों की अदायगी भी नहीं की गई। अदालत ने इसे अमानवीय मनमाना और अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार का उल्लंघन बताया।जस्टिस रवि चिरानिया की पीठ ने कहा कि राज्य का यह रवैया न केवल संवेदनहीन है बल्कि कानून द्वारा स्थापित सिद्धांतों के भी विपरीत है। अदालत ने बिना राज्य का जवाब मांगे सीधे निर्देश दिया कि कर्मचारी के वेतन और चिकित्सीय...
वैवाहिक स्थिति की घोषणा समाज के मूल को प्रभावित करती है, केवल सक्षम न्यायालय द्वारा ही हो सकती है: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में यह टिप्पणी की कि वैवाहिक स्थिति की घोषणा समाज के मूल को प्रभावित करती है और यह केवल हिन्दू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 11 के तहत सक्षम न्यायालय द्वारा ही की जा सकती है।जस्टिस राजेश सिंह चौहान और जस्टिस सैयद क़मर हसन रिज़वी की खंडपीठ ने अवलोकन किया,"यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि पक्षकारों की वैवाहिक स्थिति की घोषणा समाज के मूल को प्रभावित करती है। हिन्दू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 11 के आलोक में घोषणा केवल पक्षों के बीच उपयुक्त कार्यवाही में और कानून की अन्य...
दिल्ली हाईकोर्ट ने JAG महिला सेना अधिकारियों को परमानेंट कमीशन के लिए याचिका पर जल्द सुनवाई के निर्देश दिए
दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय सेना की जज एडवोकेट जनरल JAG शाखा की महिला अधिकारियों की याचिका पर सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (AFT) को जल्द से जल्द फैसला करने का निर्देश दिया। ये अधिकारी सेना में स्थायी कमीशन की मांग कर रही हैं।वर्तमान में ये महिला अधिकारी शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) पर कार्यरत हैं।जस्टिस सी. हरि शंकर और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने कहा कि चूंकि ये अधिकारी सेवा में हैं, इसलिए वे सेना अधिनियम 1950 के प्रावधानों के अधीन हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सशस्त्र बल न्यायाधिकरण अधिनियम,...
रिटायरमेंट के बाद अनुशासनात्मक कार्यवाही अमान्य: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के जस्टिस संजीव कुमार और जस्टिस संजय परिहार की खंडपीठ ने कहा कि रिटायरमेंट के बाद किसी सरकारी कर्मचारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती और पेंशन से वसूली तभी संभव है, जब लापरवाही या धोखाधड़ी के कारण सरकार को वित्तीय नुकसान पहुंचाने का कोई विशिष्ट आरोप विधिवत रूप से स्थापित और सिद्ध हो जाए।पृष्ठभूमि तथ्ययाचिकाकर्ता को 11 नवंबर, 1990 को जम्मू-कश्मीर पुलिस में उप-निरीक्षक के पद पर नियुक्त किया गया था। 31 मार्च, 2000 को उन्हें निरीक्षक के पद पर पदोन्नत...
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने NEET-UG स्टूडेंट्स की सीट रद्द होने के बाद ज़ब्त किए गए 10 लाख वापस करने की याचिका पर नोटिस जारी किया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सोमवार (6 अक्टूबर) को 2024 NEET-UG मेडिकल उम्मीदवारों द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें प्राइवेट कॉलेज द्वारा आवंटित सीटों को रद्द करने के लिए आवेदन करने के बाद काउंसलिंग के दौरान जमा किए गए ₹10-10 लाख वापस करने की मांग की गई।इस याचिका में मध्य प्रदेश निजी व्यावसायिक शैक्षणिक संस्थान (प्रवेश विनियमन एवं शुल्क निर्धारण) अधिनियम, 2007 (जिसे 2018 में संशोधित किया गया) के नियम 12(7)(ga) की वैधता को भी चुनौती दी गई, जिसके तहत याचिकाकर्ताओं द्वारा जमा किए गए ₹10 लाख...
'फादर स्टेन स्वामी की स्वाभाविक मृत्यु हुई, उन्हें शीघ्र मेडिकल ट्रीटमेंट दिया गया': राज्य ने बॉम्बे हाईकोर्ट में बताया
बॉम्बे हाईकोर्ट को सोमवार को सूचित किया गया कि फादर स्टेन स्वामी की मृत्यु पर अनिवार्य मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट मई की शुरुआत में महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग (MSHRC) के समक्ष प्रस्तुत की गई, जिसमें निष्कर्ष निकाला गया कि उनकी मृत्यु 'स्वाभाविक' है।जस्टिस अजय गडकरी और जस्टिस रंजीतसिंह भोंसले की खंडपीठ को राज्य द्वारा सूचित किया गया कि MSHRC के अध्यक्ष जस्टिस (रिटायर) अनंत बदर और सदस्य संजय कुमार की पीठ ने 2 मई, 2025 को मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट स्वीकार की थी, जिसमें निष्कर्ष निकाला गया कि स्वामी...
कोर्ट समन में जालसाज़ी न्यायपालिका में जनता के विश्वास को कम करती है: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने समझौते के बावजूद अग्रिम ज़मानत देने से किया इनकार
न्यायिक दस्तावेज़ों में जालसाज़ी की गंभीरता पर ज़ोर देते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कोर्ट समन में जालसाज़ी करने की आरोपी महिला को अग्रिम ज़मानत देने से इनकार किया। कोर्ट ने कहा कि इस तरह के कृत्यों से "न्यायपालिका में जनता के विश्वास पर गंभीर प्रभाव पड़ता है और जनता के विश्वास को कमज़ोर करता है।"याचिकाकर्ता पर एक सह-अभियुक्त के प्रकटीकरण बयान के आधार पर मामला दर्ज किया गया, जिसने कथित तौर पर हिसार के एडिशनल सेशन जज की कोर्ट द्वारा जारी किए गए न्यायिक समन में जालसाज़ी की, जिसमें फर्जी UID...
बीमा कंपनी मुआवज़ा देने से इनकार करने के लिए छिपे या अज्ञात प्रावधानों का इस्तेमाल नहीं कर सकती: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि कोई बीमा कंपनी मुआवज़ा देने से इनकार करने के लिए उन प्रावधानों का सहारा नहीं ले सकती, जो समझौते पर हस्ताक्षर करते समय बीमित व्यक्ति को नहीं बताए गए।सद्भावना के सिद्धांत पर ज़ोर देते हुए अदालत ने टिप्पणी की कि बीमा कंपनी का यह कर्तव्य है कि वह बीमित व्यक्ति को सभी प्रावधानों के बारे में सूचित करे।ब्लू पेंसिल सिद्धांत (जो आपत्तिजनक प्रावधान को शुरू से ही अमान्य घोषित कर देता है) को लागू करते हुए और टेक्सको मार्केटिंग (प्रा.) लिमिटेड बनाम टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस...
नौकरशाही की चूक के लिए कोई क्षमादान नहीं: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य द्वारा अपील दायर करने में 992 दिनों की देरी खारिज की
यह दोहराते हुए कि पर्याप्त न्याय की आड़ में समय-सीमा के कानून को पराजित नहीं किया जा सकता, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अपील दायर करने में 992 दिनों की देरी के लिए क्षमादान की मांग करने वाली राज्य की याचिका खारिज की।जस्टिस सुदीप्ति शर्मा ने कहा,"अब यह एक सुस्थापित सिद्धांत बन गया कि न्यायालय पर्याप्त न्याय के पक्ष में तो झुकते हैं। हालांकि, वे समय-सीमा के कानून को पराजित करके या विरोधी पक्ष को गंभीर नुकसान पहुंचाकर ऐसा नहीं कर सकते। समय-सीमा का कानून सार्वजनिक नीति पर आधारित होने के कारण...
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अनिवार्य हाईकोर्ट नियमों की अवहेलना करने पर पुलिसकर्मी के खिलाफ चालान दाखिल करने का आदेश रद्द किया
प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपायों की अनिवार्य प्रकृति को दोहराते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट का आदेश रद्द कर दिया, जिसमें हाईकोर्ट नियमों में निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना एक पुलिस अधिकारी के खिलाफ चालान दाखिल करने का निर्देश दिया गया।अदालत ने कहा कि किसी पुलिस अधिकारी के खिलाफ कोई भी कार्रवाई या आलोचना हाईकोर्ट नियमों के अध्याय 1, भाग H, नियम 6 का कड़ाई से पालन करना चाहिए, जिसके अनुसार निर्णय की कॉपी जिला मजिस्ट्रेट को भेजनी होती है, जिन्हें इसे हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को...
शराब लाइसेंस मामले में FIR के खिलाफ समीर वानखेड़े की याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने नया नोटिस जारी किया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को विवादास्पद IRS अधिकारी समीर वानखेड़े द्वारा 2022 में दायर याचिका पर नया नोटिस जारी किया। इस याचिका में नवी मुंबई में एक होटल शुरू करने के लिए शराब लाइसेंस प्राप्त करने हेतु अपनी उम्र कथित रूप से गलत बताने के आरोप में उनके खिलाफ दर्ज FIR रद्द करने की मांग की गई। वानखेड़े ने नाबालिग रहते हुए नवी मुंबई में एक होटल शुरू करने के लिए शराब लाइसेंस प्राप्त किया।बता दें, ठाणे के कोपरी पुलिस स्टेशन ने वानखेड़े के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 181 (लोक सेवक को झूठा...
व्हाट्सएप मैसेज पर न्यायिक अधिकारी पर लगाया राजद्रोह का आरोप, हाईकोर्ट ने तय किए अवमानना के आरोप
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक अवमानना के आरोप तय किए, जो प्रथम दृष्टया वकीलों के बीच एक व्हाट्सएप मैसेज प्रसारित करने का दोषी पाया गया, जिसमें बस्ती में तैनात एडिशनल जिला जज पर फर्जी और जाली आदेश पत्र लिखने के लिए रिश्वत लेने और देशद्रोह करने का आरोप लगाया गया।जस्टिस जे.जे. मुनीर और जस्टिस प्रमोद कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने निर्देश दिया कि कथित अवमाननाकर्ता (कृष्ण कुमार पांडे) पर न्यायालय की अवमानना अधिनियम, 1971 की धारा 2(सी) के अंतर्गत अदालत की प्रतिष्ठा को...
Section 336(2) Municipalities Act | ट्रांसफर ऑर्डर के लिए अधिकारी की सहमति आवश्यक नहीं, प्रतिनियुक्ति से भिन्न: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य नगर पालिका अधिनियम, 2009 की धारा 336(2) के अंतर्गत ट्रांसफर ऑर्डर प्रतिनियुक्ति के माध्यम से ट्रांसफर नहीं माना जा सकता, क्योंकि इस प्रावधान में अधिकारी की सहमति का प्रावधान नहीं है, जो प्रतिनियुक्ति के लिए आवश्यक है।अदालत ने कहा कि धारा 336(2) के अंतर्गत आदेश जारी होने के बाद अधिकारी/कर्मचारी के पास स्थानांतरित स्थान पर कार्यभार ग्रहण करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता।बता दें, धारा 336 किसी अधिकारी या सरकारी कर्मचारी के नगर पालिका से दूसरी नगर पालिका में...
'7 साल की उम्र में सबसे कम उम्र का सर्जन, 12 साल की उम्र में IIT': मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने CBSE की याचिका पर विचार करते हुए प्रतिभाशाली बच्चों का हवाला दिया
क्लास 9 में 10 साल के एक बच्चे को दिए गए अस्थायी एडमिशन के खिलाफ CBSE की अपील पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सोमवार (6 अक्टूबर) को असाधारण प्रतिभाओं का संज्ञान लिया और 7 साल की उम्र में सबसे कम उम्र का सर्जन बनने वाले एक बच्चे और 12 साल की उम्र में IIT में पढ़ने वाले एक बच्चे का उदाहरण दिया।इस प्रकार, अदालत ने असाधारण प्रतिभा के मामलों में कठोर आयु सीमा लगाने के औचित्य पर सवाल उठाया और केंद्र सरकार को संबंधित मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करने के लिए समय दिया।चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस...
पीड़िता का आरोपी से परिचित होना और स्वेच्छा से उसके कमरे में जाना, उसे यौन उत्पीड़न के लिए ज़िम्मेदार ठहराने का आधार नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि किसी महिला का आरोपी से परिचित होना, उसे आरोपी द्वारा उसके साथ किए गए कथित यौन उत्पीड़न के लिए ज़िम्मेदार ठहराने का कोई आधार नहीं है।जस्टिस अमित महाजन ने कहा,"सिर्फ़ इसलिए कि पीड़िता आरोपी को जानती थी या उसके साथ उसके मधुर संबंध थे, उसे यौन उत्पीड़न के लिए ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।"अदालत एक पत्रकार और जेएनयू की पीएचडी स्टूडेंट शिकायतकर्ता द्वारा दायर याचिका पर विचार कर रही थी, जिसमें उसने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी, जिसमें बलात्कार के मामले में आरोपी को...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने घरेलू टूर्नामेंट खेलने के इच्छुक OCI क्रिकेटरों को अंतरिम राहत देने से इनकार किया
यह देखते हुए कि OCI कार्डधारकों को भारत में घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंटों में खेलने की अनुमति देना भारतीय नागरिकों की कीमत पर होगा, बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में भारतीय प्रवासी नागरिकों (OCI) के एक समूह को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के उस प्रस्ताव को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें ऐसे टूर्नामेंटों में भाग लेने से प्रतिबंधित किया गया।जस्टिस एम एस सोनक और जस्टिस अद्वैत एम सेठना की खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने स्पष्ट मनमानी का मामला नहीं बनाया या...
डिजिटल धोखाधड़ी के मामले बढ़े, अपराधियों ने कानून से बचने के लिए तकनीक का किया दुरुपयोग: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी और फ्रॉड के मामले में आरोपी को पूर्व गिरफ्तारी जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि डिजिटल फ्रॉड के मामले बढ़ रहे हैं और तकनीक का दुरुपयोग अपराधियों द्वारा कानून से बचने के लिए किया जा रहा है।जस्टिस अमित महाजन ने कहा, “यह मामले गंभीर डिजिटल धोखाधड़ी से जुड़े हैं, जिसमें जटिल तकनीकी तरीकों का इस्तेमाल करके भोले-भाले पीड़ितों को ठगा गया। ऐसे अपराध बढ़ रहे हैं और इन्हें पकड़ना कठिन है क्योंकि तकनीक का गलत इस्तेमाल करके अपराधी कानून को चकमा देते हैं। जांच एजेंसी का काम...
अवैध हिरासत आदेश को मंज़ूरी देने पर MP हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फटकारा, जुर्माने की चेतावनी
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक पिता की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के प्रति कड़ी नाराज़गी व्यक्त की। यह याचिका बेटे की अवैध हिरासत से संबंधित थी। कोर्ट ने पाया कि राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत पारित हिरासत आदेश में तथ्यात्मक गलतियां होने के बावजूद राज्य सरकार ने उसे मंज़ूरी दी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार ने बिना किसी विवेक के इस्तेमाल के आदेश को अनुमोदित किया।जस्टिस विवेक अग्रवाल और अवनिंद्र कुमार सिंह की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि अगर राज्य सरकार आदेश को पढ़ने की...
बार एसोसिएशन के सदस्यों को हटाने को चुनौती देने वाली राज्य बार काउंसिल के समक्ष याचिका सुनवाई योग्य नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि एक बार एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा अपने अवैध निष्कासन के खिलाफ उत्तर प्रदेश राज्य बार काउंसिल के समक्ष दायर याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।जस्टिस सरल श्रीवास्तव और जस्टिस अमिताभ कुमार राय की खंडपीठ ने नरेश कुमार मिश्रा और तीन अन्य द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया, जिन्हें एकीकृत बार एसोसिएशन, माटी, कानपुर देहात की आम सभा के सदस्यों के पद से हटा दिया गया।याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट के समक्ष उत्तर प्रदेश राज्य बार काउंसिल (प्रतिवादी नंबर 1) द्वारा...



















