हाईकोर्ट
S.3(k) Patents Act| दिल्ली हाईकोर्ट ने पी2पी नेटवर्क पर 'संवेदनशील सामग्री' शेयर करने वाले यूजर्स का पता लगाने वाली प्रणाली का पेटेंट देने से किया इनकार
दिल्ली हाईकोर्ट ने अमेरिका स्थित क्रोल इंफॉर्मेशन एश्योरेंस द्वारा दायर याचिका खारिज की, जिसमें पीयर टू पीयर नेटवर्क के माध्यम से यूजर्स का पता लगाने की प्रणाली को पेटेंट देने की मांग की गई थी।जस्टिस अमित बंसल ने पेटेंट अधिनियम, 1970 की धारा 3(क) का हवाला दिया, जो 'एल्गोरिदम' और कंप्यूटर प्रोग्राम पर से संबंधित आविष्कारों को पेटेंट योग्य नहीं मानता।पीठ ने टिप्पणी की,“किसी सॉफ़्टवेयर या कंप्यूटर प्रोग्राम को धारा 3(क) के तहत पेटेंट योग्य विषय वस्तु बनने के लिए यह केवल निर्देशों की एक श्रृंखला...
MACT अवॉर्ड का 43 साल से भुगतान नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीएम को 'आपत्तिजनक' औचित्य के लिए फटकार लगाई, अधिकारियों पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाने पर विचार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले हफ़्ते, लगभग 43 साल पहले, अगस्त 1982 में पारित मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (MACT) के एक आदेश के तहत 2011 में जारी किए गए वसूली प्रमाणपत्र का निष्पादन न करने पर सुल्तानपुर प्रशासन की कड़ी आलोचना की। मामले की सुनवाई के दौरान, जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की पीठ ने सुल्तानपुर के ज़िला मजिस्ट्रेट के रुख़ पर आपत्ति जताई, जिन्होंने यह तर्क देकर मुआवजे का भुगतान न करने को उचित ठहराने की कोशिश की कि वसूली पुलिस अधीक्षक से की जानी थी, क्योंकि दुर्घटना में...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने गेटवे ऑफ इंडिया के पास यात्री जेटी के लिए रास्ता साफ किया; कोलाबा निवासियों की याचिका खारिज
बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज कोलाबा के निवासियों द्वारा दायर उन याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिनमें दक्षिण मुंबई में रेडियो क्लब के पास, प्रतिष्ठित ताज महल पैलेस होटल के पास और गेटवे ऑफ इंडिया के पास एक जेटी सुविधा के निर्माण को चुनौती दी गई थी। चीफ जस्टिस आलोक अराधे और जस्टिस संदीप वी. मार्ने की खंडपीठ ने महाराष्ट्र सरकार और राज्य के समुद्री बोर्ड के फैसले की वैधता बरकरार रखी। पीठ ने कहा,"रिकॉर्ड में मौजूद सामग्री, विशेषज्ञों की राय, वैधानिक मंज़ूरी आदि पर विचार करने के बाद, हम परियोजना के निर्माण के...
Customs Act | निर्णायक प्राधिकारी CA के प्रमाण पत्र की उपस्थिति में अतिरिक्त शुल्क की वापसी से इनकार नहीं कर सकता: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि सीमा शुल्क प्राधिकरण, किसी भी साक्ष्य के अभाव में, किसी व्यापारी द्वारा चुकाए गए अतिरिक्त शुल्क की वापसी से इनकार नहीं कर सकता, बशर्ते कि व्यापारी अपने मामले के समर्थन में किसी योग्य चार्टर्ड अकाउंटेंट से प्रमाण पत्र प्रस्तुत करे। इस प्रकार, जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस रजनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने नोकिया के खिलाफ विभाग की अपील खारिज कर दी।नोकिया ने मोबाइल हैंडसेट के आयात पर चुकाए गए अतिरिक्त शुल्क की वापसी की मांग की थी। हालांकि केंद्र सरकार ने...
अभद्र भाषा वाले टेक्स्ट संदेश भेजना आईपीसी की धारा 354डी के तहत पीछा करने का अपराध नहीं: कर्नाटक हाईकोर्ट
कर्नाटक हाईकोर्ट ने हाल ही में एक व्यक्ति पर लगे पीछा करने के आरोपों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि शिकायतकर्ता (पीड़िता) को केवल अभद्र भाषा वाले टेक्स्ट संदेश भेजना भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354डी के तहत पीछा करने का अपराध नहीं बनता। धारा 354-डी पीछा करने से संबंधित है। कोई भी पुरुष जो किसी महिला का पीछा करता है और व्यक्तिगत संपर्क बढ़ाने के लिए उससे संपर्क करता है या संपर्क करने का प्रयास करता है या इंटरनेट, ईमेल या इलेक्ट्रॉनिक संचार के माध्यम से उस महिला पर नज़र रखता है, वह पीछा...
जब बर्खास्तगी अवैध हो तो 'काम नहीं तो वेतन नहीं' का सिद्धांत लागू नहीं होता: J&K हाईकोर्ट ने पूर्व बस कंडक्टर को वेतन वापस करने का आदेश दिया
जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने राज्य सड़क परिवहन निगम (एसआरटीसी) द्वारा गलत तरीके से बर्खास्त किए गए एक कंडक्टर को बहाल करने के निर्देश देने वाले एक रिट अदालत के आदेश को आंशिक रूप से बरकरार रखा है। न्यायालय ने कहा कि कर्मचारी बहाली का हकदार है, लेकिन लाभकारी रोजगार से संबंधित दलीलों के अभाव में उसे पूरा बकाया वेतन नहीं दिया जा सकता।जस्टिस संजय परिहार और जस्टिस संजीव कुमार की खंडपीठ ने रिट अदालत के फैसले में संशोधन करते हुए एसआरटीसी को निर्देश दिया कि वह मृतक कर्मचारी के कानूनी उत्तराधिकारियों को...
बेंगलुरु भगदड़ मामला: हाईकोर्ट ने राज्य को RCB के साथ स्टेटस रिपोर्ट साझा करने का निर्देश दिया, 'सीलबंद लिफाफे' से इनकार
कर्नाटक हाईकोर्ट ने आज आईपीएल क्रिकेट टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास हुई भगदड़ के संबंध में राज्य सरकार द्वारा दायर स्थिति रिपोर्ट को 'सीलबंद लिफाफे' में रखने से इनकार कर दिया। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी. कामेश्वर राव और जस्टिस सीएम जोशी की खंडपीठ ने कहा कि स्थिति रिपोर्ट में जो कुछ कहा गया है, वह सरकार द्वारा "अनुभूत तथ्य" हैं।पीठ ने आगे कहा कि यह मामला तीन श्रेणियों - जनहित, राष्ट्रीय सुरक्षा या निजता के अधिकार - में नहीं आता, जहाँ सीलबंद लिफाफा अपनाया जा सकता...
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य को एक ही तरह के मामलों में बार-बार अपील दायर करने के खिलाफ आगाह किया; कहा- इससे गरीब वादियों को अनुचित परेशानी हो रही है
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को समान मामलों में समान अपील दायर करने के प्रति आगाह किया है, क्योंकि इससे समाज के निम्नतम तबके के लोगों को अनुचित उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। जस्टिस विवेक सिंह ठाकुर और जस्टिस रंजन शर्मा ने कहा,"प्रतिवादी-राज्य सरकार समान मामलों में बार-बार समान अपील दायर कर रही है, जिससे न केवल न्यायालय और राज्य दोनों का समय, ऊर्जा और संसाधन बर्बाद हो रहे हैं, बल्कि वर्तमान याचिकाकर्ता जैसे समाज के निम्नतम तबके के लोगों को भी अनुचित उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा...
जानबूझकर पात्रता से अधिक वेतन प्राप्त करने पर कर्मचारी से वसूली की जा सकती है: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई कर्मचारी जानबूझकर अपने कानूनी अधिकार से अधिक वेतन या वित्तीय लाभ प्राप्त करता है, तो नियोक्ता द्वारा ऐसी अतिरिक्त राशि की वसूली उचित रूप से की जा सकती है। न्यायालय ने इस बात पर ज़ोर दिया कि पंजाब राज्य बनाम रफ़ीक मसीह (2015) का ऐतिहासिक निर्णय—जिसने कुछ परिस्थितियों में कर्मचारियों से वसूली पर प्रतिबंध लगाए थे—जानबूझकर अधिक भुगतान के ऐसे मामलों में सुरक्षा प्रदान नहीं करता।जस्टिस हरसिमरन सिंह सेठी ने कहा, "यद्यपि यह कानून का एक स्थापित...
वकील की लापरवाही के कारण पक्षकार को परिणाम भुगतने की अनुमति नहीं: राजस्थान हाईकोर्ट ने गैर-हाजिरी के कारण खारिज की गई आपराधिक अपील बहाल की
राजस्थान हाईकोर्ट ने सेशन कोर्ट का आदेश रद्द कर दिया, जिसमें अपीलकर्ता के वकील की गैर-हाजिरी के कारण NI Act की धारा 138 के तहत दोषसिद्धि के खिलाफ अपील खारिज कर दी गई थी।मनोज कुमार गर्ग की पीठ ने इस फैसले को यांत्रिक और सरसरी तौर पर बिना सोचे-समझे और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के विरुद्ध बताते हुए कहा कि किसी पक्षकार को वकील की लापरवाही के परिणाम भुगतने की अनुमति नहीं दी जा सकती।"कई फैसले इस बात की पुष्टि करते हैं कि किसी पक्षकार को अपने कानूनी वकील की लापरवाही या कदाचार के कारण दंडित या...
नए हाईकोर्ट भवन के निर्माण के लिए वैकल्पिक स्थल तलाशें: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रशासन को निर्देश दिया
बढ़ती यातायात संख्या और स्थान की कमी को देखते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) प्रशासन को नए हाईकोर्ट भवन के निर्माण के लिए वैकल्पिक स्थल तलाशने का निर्देश दिया।हाईकोर्ट राजधानी चंडीगढ़ में शिवालिक पर्वतमाला की तलहटी में स्थित है। इसे प्रसिद्ध फ्रांसीसी वास्तुकार ली कॉर्बूसियर ने डिज़ाइन किया था। इस प्रकार यह एक वास्तुशिल्प चमत्कार होने का दावा करता है।चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने कहा,"केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन को चंडीगढ़ के आईटी...
जांच के दौरान अभियुक्त की मात्र चुप्पी असहयोग नहीं मानी जा सकती: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि जांच के दौरान अभियुक्त की चुप्पी को असहयोग नहीं माना जा सकता, क्योंकि आत्म-दोष के विरुद्ध अधिकार संवैधानिक रूप से संरक्षित है।न्यायालय ने NDPS Act मामले में अग्रिम ज़मानत इस आधार पर अस्वीकार करने से इनकार कर दिया कि अभियुक्त जांच के दौरान कुछ तथ्यों का खुलासा करने में विफल रहा।जस्टिस मंजरी नेहरू कौल ने कहा,"मात्र चुप्पी या आत्म-दोषपूर्ण खुलासे न करने को असहयोग के बराबर नहीं माना जा सकता, जिसके लिए हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता हो। आत्म-दोष के विरुद्ध अधिकार...
पक्षकारों को जवाब देने का अवसर दिए बिना रेस जुडिकाटा के आधार पर मुकदमा खारिज नहीं किया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि सिविल प्रक्रिया संहिता (CPC) की धारा 11 के तहत रेस जुडिकाटा के प्रतिबंध को किसी मुद्दे को तय किए बिना या पक्षों को जवाब देने का अवसर दिए बिना अंतिम निर्णय में पहली बार लागू नहीं किया जा सकता। इसने एकल जज का फैसला रद्द कर दिया, जिसमें बिना किसी पूर्व सूचना के डिक्री चरण में रेस जुडिकाटा का हवाला देते हुए मुकदमा खारिज कर दिया गया था।जस्टिस एम.एस. सोनक और जस्टिस जितेंद्र जैन की खंडपीठ मूल वादी यूनिक इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट एंड मैनेजमेंट कंसल्टेंसीज़ प्राइवेट...
वक्फ ट्रिब्यूनल नहीं है तो दीवानी अदालतें वक्फ विवादों की सुनवाई कर सकती हैं: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने यह माना कि यदि वक्फ अधिनियम की धारा 83 के अंतर्गत वक्फ ट्रिब्यूनल का गठन नहीं हुआ है तो धारा 85 के अंतर्गत दीवानी अदालत के क्षेत्राधिकार पर रोक लागू नहीं होती। कोर्ट ने कहा कि जब वक्फ से संबंधित विवादों की सुनवाई के लिए कोई मंच मौजूद नहीं है तो वादियों को न्याय से वंचित नहीं किया जा सकता।जस्टिस संजय धर की पीठ ने दीवानी वाद की स्वीकार्यता को चुनौती देने वाली पुनर्विचार याचिका खारिज की, जो वक्फ संपत्ति से संबंधित थी।कोर्ट ने ज़ोर देकर कहा कि वक्फ अधिनियम की धारा 85 में...
प्रेस की आज़ादी के लिए आगे आया हाईकोर्ट, कहा- मीडिया रिपोर्टों की व्याख्या के आधार पर आपराधिक शिकायत दर्ज नहीं की जा सकती
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने 'साक्षी' दैनिक समाचार पत्र के सीनियर जर्नालिस्ट और एडिटर के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही रद्द की। उन पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 353(2) के तहत "उम्मादि कृष्णजिल्लालो अराचकम" शीर्षक से लेख प्रकाशित करने का आरोप लगाया गया था। लेख में कथित तौर पर झूठी जानकारी दी गई थी, जिससे हिंसक दंगे भड़कने और जनता को गुमराह करने की संभावना थी।बता दें, BNS की धारा 353(2) किसी भी व्यक्ति को धर्म, नस्ल, जन्म स्थान, निवास, भाषा, जाति या समुदाय या किसी भी अन्य आधार पर विभिन्न धार्मिक,...
अगर कमियां ठीक कर दी जाएं तो तेल कंपनियों को डीलरों से जमीन लेने में नरम रवैया अपनाना चाहिए: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा है कि तेल कंपनियों को तब लचीला रुख अपनाना चाहिए जब वितरक के लिए प्रस्तावित भूमि के साथ मामूली तकनीकी मुद्दे उत्पन्न होते हैं, खासकर जब आवेदक समय पर दोष को दूर कर लेता है।जस्टिस जीएस संधावालिया और जस्टिस रंजन शर्मा ने कहा, "अपीलकर्ता ने भूमि पर बिजली के तारों जैसी कमियों को भी दूर किया था, जो भूमि का एक बहुत बड़ा हिस्सा है और अगर निगम ने इस पहलू को ध्यान में रखा होता, तो उक्त भूमि का हिस्सा गोदाम के निर्माण के लिए उपयोग किया जा सकता था। मामले की पृष्ठभूमि: 13...
झारखंड हाईकोर्ट में फैसले में देरी को लेकर 10 दोषियों, जिनमें 6 को मौत की सज़ा, ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया
सुप्रीम कोर्ट ने दस दोषियों की उस याचिका पर नोटिस जारी किया है जिसमें आरोप लगाया गया है कि झारखंड उच् च न् यायालय ने दो-तीन साल बीत जाने के बावजूद उनकी आपराधिक अपीलों पर फैसला सुरक्षित रखते हुए नहीं सुनाया है।विशेष रूप से, दोषियों को मौत की सजा या आजीवन कठोर कारावास का सामना करना पड़ रहा है। 10 में से छह को मौत की सजा सुनाई गई थी और उनकी अपील 2018-19 से उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित हैं। एक दोषी 16 साल से अधिक समय से जेल में है, जबकि अन्य 6 से 16+ साल की वास्तविक हिरासत अवधि भी बिता चुके हैं। ...
नार्को-आतंकवाद से जुड़े मामलों में सिर्फ ट्रायल में देरी के कारण नहीं मिल सकती जमानत: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने पुष्टि की है कि UAPA Act और NDPS Act के तहत मामलों में जमानत सख्त कानूनी शर्तों के अधीन है क्योंकि ये कानून विशेष रूप से तब लागू होते हैं जब अपराध में आतंकवाद या नार्को-आतंकवाद शामिल हो।कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मुकदमे में देरी या लंबे समय तक कैद में रहना ही इन प्रतिबंधों में ढील देने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसमें जोर देकर कहा गया कि यदि प्रथम दृष्टया आरोपी की संलिप्तता के सबूत हैं, तो जमानत के कड़े प्रावधानों का पालन किया जाना चाहिए। दोनों कानूनों के तहत...
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने JEE (एडवांस्ड) परीक्षा में तकनीकी गड़बड़ियों के कारण बाधा का सामने करने वाले ITT अभ्यर्थी की याचिका पर विचार करने को कहा
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 9 जुलाई को एक IIT अभ्यर्थी की याचिका का निपटारा किया। इस याचिका में अभ्यर्थी ने आरोप लगाया कि 18 मई 2025 को हुई JEE (Advanced) की परीक्षा के पेपर 2 के दौरान उसके कंप्यूटर में तकनीकी खराबी आ गई, जिससे उसकी परफॉर्मेंस पर असर पड़ा।कोर्ट ने मामले का निपटारा करते हुए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को निर्देश दिया कि वह स्टूडेंट की शिकायत पर विचार करे।अभ्यर्थी ने कहा कि उसे जो कंप्यूटर मिला था, उसमें लगातार माउस लैग करता रहा स्क्रीन झपकती रही और माउस काम नहीं कर रहा था, जिससे वह...
कर्नल हमला मामला: चंडीगढ़ पुलिस की निष्क्रियता की जांच CBI को सौंपने की याचिका पर हाईकोर्ट ने SIT प्रमुख को तलब किया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ पुलिस के विशेष जांच दल (SIT) के प्रमुख को तलब किया। यह SIT उस मामले की जांच के लिए गठित की गई थी, जिसमें मार्च में पंजाब पुलिस द्वारा कर्नल पर कथित रूप से बर्बर हमला किया गया था। यह याचिका निष्पक्ष जांच में विफलता का आरोप लगाते हुए CBI को जांच सौंपने की मांग करते हुए दायर की गई थी।नई दिल्ली स्थित सेना मुख्यालय में तैनात कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाथ ने आरोप लगाया कि 13 मार्च की रात को पंजाब पुलिस के चार इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों और उनके हथियारबंद अधीनस्थों ने...




















