संपादकीय
मोटर दुर्घटना दावे जो समझौता योग्य हैं, उन्हें लोक अदालत भेजा जाए : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को हाईकोर्ट और मोटर दुर्घटना दावा ट्रिब्युनल (एमएसीटी) से समझौता योग्य बीमा दावों, जो एक लाख 55 हजार मामले हो चुके हैं, को 13 , 2022 अगस्त को होने वाली लोक अदालत के समक्ष उचित आदेश के लिए भेजने के लिए कहा है। इसने लोक अदालतों के आयोजकों, हाईकोर्ट और बीमा कंपनियों के बीच इन सभी मामलों के निपटान की सुविधा के लिए पूर्व-चर्चा को भी प्रोत्साहित किया।विभिन्न हाईकोर्ट के समक्ष ऐसे 28000 समझौता योग्य दावे हैं, जबकि एमएसीटी के समक्ष ऐसे मामलों की संख्या 1,27,000 से कुछ अधिक...
हाईकोर्ट वीकली राउंड अप : पिछले सप्ताह के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र
देश के विभिन्न हाईकोर्ट में पिछले सप्ताह (25 जुलाई, 2022 से 29 जुलाई, 2022) तक क्या कुछ हुआ, जानने के लिए देखते हैं हाईकोर्ट वीकली राउंड अप। पिछले सप्ताह हाईकोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र।धारा 81(5) मोटर वाहन... मुख्य सुर्खियां धारा 81(5) मोटर वाहन अधिनियम | विलंब को माफ करने के बाद नवीनीकृत परमिट वास्तविक समाप्ति की तारीख से प्रभावी माना जाता है: कर्नाटक हाईकोर्टकर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा है कि एक बीमा कंपनी इस आधार पर बीमाकर्ता (वाहन मालिक) की देयता की क्षतिपूर्ति करने की अपनी जिम्मेदारी...
"जब तक हमें ईमानदार वकील नहीं मिलते, तब तक हम ईमानदार जजों की उम्मीद नहीं कर सकते ": चीफ जस्टिस डॉ मुरलीधर ने 22 वकीलों को 'प्रॉमिसिंग लॉयर ऑफ द ईयर' पुरस्कार दिया
उड़ीसा हाईकोर्ट के 75वें स्थापना दिवस के अवसर पर उड़ीसा हाईकोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश डॉ एस मुरलीधर के नेतृत्व में जिला न्यायालयों के 22 युवा वकीलों को 'द प्रॉमिसिंग लॉयर ऑफ द ईयर अवार्ड' प्रदान किया। इस कार्यक्रम में हाईकोर्ट के सभी न्यायाधीशों और ओडिशा राज्य के महाधिवक्ता श्री अशोक पारिजा सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। इस अवसर पर भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल और प्रख्यात वरिष्ठ वकील श्री गोपाल सुब्रमण्यम ने भी अपनी बात रखी।मुख्य न्यायाधीश मुरलीधर ने अपना संबोधन देते हुए युवा जिला वकीलों...
बार को रजिस्ट्री अधिकारियों की दया पर नहीं छोड़ा जा सकता: दुष्यंत दवे
सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवेमैं 1978 से बार में हूं। मैंने हमेशा न्यायपालिका का सम्मान किया है। बदले में, मुझे कई जजों से बहुत गर्मजोशी मिली है। चार दशकों से मैं न्यायालयों के गलियारों में होने वाली घटनाओं का गहराई से अवलोकन करता रहा हूं, पहले गुजरात हाईकोर्ट और 1986 से सुप्रीम कोर्ट, मुझे हमेशा संस्थाओं से अपनेपन का अहसास होता था।आज मैं पूरी तरह से अलग-थलग महसूस कर रहा था। आज मैंने सुप्रीम कोर्ट में जो देखा, उसने मुझे शब्दों से परे दुखी कर दिया। मुझे गहरा दुख हुआ है।जब मैं लगभग 9:50 बजे न्यायालय...
1.78 करोड़ मामले वर्चुअल कोर्ट ने निपटाए, 19.2 मिलियन मामले हाईकोर्ट और जिला अदालतों ने वीसी के माध्यम से सुने : जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़
प्रथम अखिल भारतीय जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण बैठक (All India District Legal Services Authorities Meet) के उद्घाटन समारोह में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश डॉ. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने भारत के नागरिकों के लिए न्याय तक पहुंच को आगे बढ़ाने पर टैक्नोलॉजी के प्रभाव पर प्रकाश डाला।न्यायपालिका की तकनीकी प्रगति पर जोर देते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि-" इस वर्ष के दौरान 28 जुलाई 2022 तक हमारी eTaal (इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजैक्शन एग्रीगेशन एंड एनालिसिस लेयर) वेबसाइट ने 250 करोड़ ई-लेन-देन दर्ज किए हैं। 30...
जिला न्यायपालिका को मजबूत करना समय की मांग: सीजेआई एनवी रमना
भारत के मुख्य न्यायाधीश, एनवी रमना ने नालसा ( National Legal Services Authority) द्वारा आयोजित अखिल भारतीय जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण की पहली बैठक में अपना भाषण देते हुए अधीनस्थ न्यायपालिका को फौरन मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। जिला न्यायालय न्यायपालिका के साथ लोगों के संपर्क का पहला बिंदु होने के कारण न्याय प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रत्येक प्रगतिशील नीति को एक मजबूत नींव की आवश्यकता होती है और वही न्यायपालिका के लिए जाता है, इसकी नींव को मजबूत करना अत्यावश्यक...
जस्टिस बी एस चौहान आयोग ने विकास दुबे के मामलों के रिकॉर्ड खोने के लिए लोक सेवकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने की सिफारिश की
गैंगस्टर विकास दुबे की मुठभेड़ की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) बी एस चौहान की अध्यक्षता में जांच आयोग ने गैंगस्टर विकास दुबे से संबंधित मामलों के रिकॉर्ड खोने के लिए दोषी लोक सेवकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने की सिफारिश की है । विकास दुबे 2020 में यूपी पुलिस द्वारा एक मुठभेड़ में मारा गया था।रिपोर्ट में की गई सिफारिशों को पुलिस सुधार, ट्रासंफर / पोस्टिंग, सीआरपीसी, अन्य कानूनी सुधार, सरकारी वकील / लोक अभियोजक, समन की सर्विस, हथकड़ी, विकास दुबे के...
धारा 306 आईपीसी : आत्महत्या के लिए उकसाना एक जघन्य अपराध; समझौते के आधार पर रद्द नहीं किया जा सकता : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि धारा 306 आईपीसी (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत प्राथमिकी को समझौते के आधार पर धारा 482 सीआरपीसी के तहत रद्द नहीं किया जा सकता है।जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की पीठ ने कहा कि 'आत्महत्या के लिए उकसाना' भी जघन्य और गंभीर अपराधों की श्रेणी में आता है और इसे समाज के खिलाफ अपराध के रूप में माना जाना चाहिए न कि केवल व्यक्ति के खिलाफ।पीठ ने कहा, "जघन्य या गंभीर अपराध, जो प्रकृति में निजी नहीं हैं और समाज पर गंभीर प्रभाव डालते हैं, उन्हें अपराधी और...
'विडंबना यह है कि हम सभी क्षेत्रों में महिलाओं के अधिकारों का जश्न मनाते हैं लेकिन उनके सम्मान के लिए थोड़े भी चिंतित नहीं हैं': रेप के बढ़ते मामलों पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने रेप के बढ़ते (Rape Case) मामलों पर कहा,"सामान्य रूप से महिलाओं के खिलाफ अपराध और विशेष रूप से बलात्कार के मामले बढ़ रहे हैं। यह एक विडंबना है कि जब हम सभी क्षेत्रों में महिलाओं के अधिकारों का जश्न मना रहे हैं, हम उनके सम्मान के लिए बहुत कम या कोई चिंता नहीं दिखाते हैं। यौन अपराधों की पीड़ितों की मानवीय गरिमा के उल्लंघन के प्रति समाज की उदासीन रवैया एक दुखद प्रतिबिंब है। "जस्टिस संजय कुमार सिंह की पीठ ने इस प्रकार देखा क्योंकि उसने एक अय्यूब खान उर्फ...
'केंद्रीय कानून के प्रतिकूल नहीं' : सुप्रीम कोर्ट ने केरल मोटर वाहन कराधान अधिनियम, 1976 की धारा 4(7), 4(8) और 15 को बरकरार रखा
सुप्रीम कोर्ट ने केरल मोटर वाहन कराधान अधिनियम, 1976 की धारा 4(7), 4(8) और 15 और केरल मोटर परिवहन श्रमिक कल्याण कोष अधिनियम, 1985 की धारा 8ए की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा।केरल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपीलों को खारिज करते हुए जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा कि ये प्रावधान मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के विरोध में नहीं हैं।पीठ ने कहा, "राज्य अधिनियम 1988 अधिनियम (केंद्रीय कानून) के तहत जारी किए गए परमिट के संबंध में कोई नया दायित्व या बाध्यता नहीं...
दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश, पवन खेरा और नेट्टा डिसूजा को स्मृति ईरानी और उनकी बेटी के खिलाफ सोशल मीडिया पोस्ट हटाने का निर्देश दिया
दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) द्वारा उनके और उनकी बेटी के खिलाफ लगाए गए कुछ आरोपों के संबंध में 2 करोड़ रुपये के दीवानी मानहानि मुकदमे में कांग्रेस नेता जयराम रमेश, पवन खेरा और नेट्टा डिसूजा को समन जारी किया।जस्टिस मिनी पुष्कर्ण ने कहा कि ईरानी ने प्रथम दृष्टया मामला बनाया है और सुविधा का संतुलन उनके पक्ष में और प्रतिवादी नेताओं के खिलाफ है।कोर्ट ने आदेश दिया,"मैं सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स/यूट्यूब/फेसबुक/इंस्टाग्राम और ट्विटर से प्रेस...
"समाधान के साथ आओ": सुप्रीम कोर्ट ने ललित मोदी और उनकी मां बीना मोदी के बीच चल रहे पारिवारिक संपत्ति विवाद मामले में कहा
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने व्यवसायी ललित मोदी (Lalit Modi), उनकी मां बीना मोदी (Bina Modi) और उनके भाई-बहनों के बीच चल रहे पारिवारिक संपत्ति विवाद मामले को 1 अगस्त, 2022 तक के लिए स्थगित कर दिया।भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हेमा कोहली की पीठ ने पक्षों से विवाद को सुलझाने के लिए एक समाधान के साथ आने को कहा।CJI ने कहा,"पिछली बार हमने मध्यस्थ नियुक्त किए थे, लेकिन आप फैसला नहीं कर सके। दोनों पक्षों को निष्पक्ष होना चाहिए, आप फायदा नहीं उठा सकते या अन्य पक्ष...
वह राहत जिसके लिए कोई प्रार्थना या याचना नहीं की गई, नहीं दी जानी चाहिए : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह राहत जिसके लिए कोई प्रार्थना या याचना नहीं की गई थी, उसे नहीं दिया जाना चाहिए।जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा कि यदि कोई न्यायालय प्रतिवादी को ऐसी राहत का विरोध करने के अवसर से वंचित कर ऐसी राहत पर विचार करता है या अनुदान देता है जिसके लिए कोई प्रार्थना या निवेदन नहीं किया गया था, तो यह न्याय का पतन होगा।अदालत ने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के उस फैसले को खारिज करते हुए इस प्रकार कहा, जिसमें एक मां को अपने बच्चे का सरनेम बदलने और अपने नए पति...
मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को शतरंज ओलंपियाड 2022 के सभी विज्ञापनों में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की तस्वीरें शामिल करने का निर्देश दिया
फेडरेशन इंटरनेशनेल डेस एचेक्स [FIDE] द्वारा आयोजित 44 वें शतरंज ओलंपियाड के विज्ञापनों में प्रधानमंत्री और भारत के राष्ट्रपति की तस्वीरों को शामिल करने की मांग करने वाली एक याचिका पर मद्रास हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सभी विज्ञापनों में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति शामिल हों। मुख्य न्यायाधीश मुनीश्वर नाथ भंडारी और जस्टिस एस अनंती की खंडपीठ ने सरकार को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि भविष्य में भी इन निर्देशों का पालन किया जाए।अदालत ने कहा,हम राज्य...
जैविक पिता की मौत के बाद मां द्वारा अपने बच्चे को दूसरे पति का सरनेम देने में कुछ भी असामान्य नहीं : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जैविक पिता की मृत्यु के बाद पुनर्विवाह करने वाली मां बच्चे का उपनाम (surname ) तय कर सकती है और उसे अपने नए परिवार में शामिल कर सकती है।जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया है जिसमें एक मां को अपने बच्चे का उपनाम बदलने और अपने नए पति का नाम केवल 'सौतेले पिता' के रूप में रिकॉर्ड में दिखाने का निर्देश दिया था। अदालत ने कहा कि इस तरह का निर्देश लगभग ''क्रूर और इस बात से बेखबर है कि यह बच्चे के मानसिक...
सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह के खिलाफ भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी द्वारा शुरू की गई मध्यस्थता की कार्यवाही पर रोक लगाई
इस हफ्ते की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह की कंपनियों के खिलाफ भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी द्वारा शुरू की गई मध्यस्थता की कार्यवाही पर रोक लगा दी।आम्रपाली समूह की अचल संपत्ति संपत्तियों से संबंधित मुद्दों को संभालने वाली जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ, जिसने 2019 में कोर्ट रिसीवर को नियुक्त किया था, ने ये आदेश पारित किया। पीठ ने ये आदेश रिसीवर के सीनियर एडवोकेट आर वेंकटरमणि द्वारा मध्यस्थता कार्यवाही में समूह का प्रतिनिधित्व करने में...
न्यायिक शक्तियों के प्रयोग में एडिशनल सीएमएम को सीएमएम के अधीनस्थ नहीं कहा जा सकता : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जहां तक न्यायिक शक्तियों के प्रयोग का संबंध है, एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट को चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के अधीनस्थ नहीं कहा जा सकता है।जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने कहा, "इसके अलावा चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के पास प्रशासनिक शक्तियां हो सकती हैं। हालांकि, अन्य सभी उद्देश्यों के लिए और विशेष रूप से सीआरपीसी के तहत प्रयोग की जाने वाली शक्तियां दोनों समान हैं।"बेंच ने बॉम्बे हाईकोर्ट के एक फैसले में व्यक्त विचार को बरकरार रखते हुए इस प्रकार...
"जजों को टारगेट करने की एक सीमा होती है": जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने जजों के खिलाफ निजी हमले की निंदा की
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Dy Chandrachud) ने जजों के खिलाफ निजी हमले करने के चलन की आलोचना की।एक वकील ने ईसाई समुदाय के खिलाफ हिंसा को उजागर करने वाली एक याचिका का उल्लेख किया और इसलिए इसे तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग की।यह सुनकर, जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि उन्हें न्यूज आर्टिकल मिले हैं जो दर्शाता है कि सुप्रीम कोर्ट उक्त मामले में सुनवाई में देरी कर रहा है।जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा,"मुझे COVID हुआ था, इसलिए इस मामले को नहीं लिया जा सका। लेकिन मैंने हाल ही में एक...
सीआरपीसी की धारा 226 : लोक अभियोजक का कर्तव्य है कि वह अभियोजन के मामले के संबंध में ट्रायल कोर्ट को एक उचित विचार दे: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी ट्रायल कोर्ट द्वारा आरोपी के खिलाफ आरोप तय करने से पहले, लोक अभियोजक का कर्तव्य है कि वह अभियोजन के मामले के संबंध में न्यायालय को एक उचित विचार दे। जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा सीआरपीसी की धारा 226 अभियोजन पक्ष को एक मामले के संबंध में पहली छाप बनाने की अनुमति देती है, जिसे दूर करना मुश्किल हो सकता है।अदालत ने इस प्रकार जम्मू और कश्मीर हाईकोर्ट के खिलाफ अपील की अनुमति देते हुए एक फैसले में कहा, जिसने एक ट्रायल...