संपादकीय
हाथरस साजिश मामला: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूएपीए केस में सिद्दीकी कप्पन को जमानत देने से इनकार किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने हाथरस साजिश मामले (Hathras Case) में पत्रकार सिद्दीकी कप्पन (Siddque Kappan) की जमानत याचिका खारिज कर दी। जस्टिस कृष्ण पहल की पीठ ने मंगलवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था।उत्तर प्रदेश के मथुरा में एक स्थानीय अदालत द्वारा पिछले साल जुलाई में उनकी जमानत याचिका खारिज करने के बाद कप्पन ने अदालत का रुख किया था।कप्पन के खिलाफ यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम) के तहत दर्ज मामले को ध्यान देते हुए स्थानीय अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया था। ...
केवल खंड में "मध्यस्थता" या "मध्यस्थ" शब्द का उपयोग करने से ही यह एक मध्यस्थता समझौता नहीं बन जाएगा : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एक मध्यस्थता समझौते को विवादों को मध्यस्थता के लिए संदर्भित करने के लिए पक्षों की ओर से एक दृढ़ संकल्प और दायित्व का खुलासा करना चाहिए।जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि केवल किसी खंड में "मध्यस्थता" या "मध्यस्थ" शब्द का उपयोग करने से ही यह एक मध्यस्थता समझौता नहीं बन जाएगा, यदि यह मध्यस्थता करने के संदर्भ के लिए पक्षकारों की आगे या नई सहमति की आवश्यकता है या इसका विचार करता है।महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड और आईवीआरसीएल एएमआर ज्वाईंट वेंचर के...
कानून मंत्रालय ने सीजेआई रमना को पत्र लिखकर उनके उत्तराधिकारी के नाम का अनुरोध किया
भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना के सचिवालय को बुधवार रात 9.30 बजे केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू से एक पत्र प्राप्त हुआ, जिसमें उन्होंने सीजेआई के कार्यालय में अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करने का अनुरोध किया। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रमना 26 अगस्त, 2022 से सेवानिवृत्त हो रहे हैं। जस्टिस उदय उमेश ललित सुप्रीम कोर्ट के दूसरे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं और परंपरा के अनुसार वे भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश बनने की कतार में हैं।
कृष्ण जन्मभूमि विवाद : मथुरा कोर्ट में शाही ईदगाह मस्जिद हटाने की मांग वाले मुकदमे की लंबित कार्यवाही पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि की भूमि पर कथित रूप से बनी शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग करने वाले श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट और अन्य निजी पक्षों द्वारा दायर एक मुकदमे में मथुरा अदालत के समक्ष लंबित कार्यवाही पर रोक लगा दी है। जस्टिस सलिल कुमार राय की पीठ ने यह आदेश 19 मई, 2022 को जिला न्यायाधीश, मथुरा द्वारा पारित निर्णय और आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया, जिसमें जिला न्यायाधीश ने माना था कि कथित तौर पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि की भूमि पर बनी शाही...
लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 भाग 32: बालक के साक्ष्य अभिलिखित करने एवं प्रकरण का निपटारा करने हेतु अवधि
लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 (The Protection Of Children From Sexual Offences Act, 2012) अधिनियम एक विशेष अधिनियम है, इस अधिनियम का उद्देश्य लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण है। इस अधिनियम के अंर्तगत बनाए गए प्रावधान बालकों को शीघ्र न्याय देने हेतु प्रयास करते है। उक्त अधिनियम की धारा 35 में ऐसी अवधि का उल्लेख किया गया है जिसमें बालकों के कथन अभिलिखित किए जाएंगे और मामले का निपटान किया जाएगा। इस आलेख में धारा 35 पर विवेचना प्रस्तुत की जा रही है।यह अधिनियम में प्रस्तुत...
हत्या का ट्रायल : सुप्रीम कोर्ट ने " निरंतर उकसावे के सिद्धांत" को लागू किया, दुर्व्यवहार के इतिहास पर " उकसावे" की गंभीरता का आंकलन किया जा सकता है
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि धारा 300 आईपीसी के अपवाद 1 के उद्देश्य के लिए, पिछले उकसावे के कृत्यों या शब्दों के आलोक में अंतिम उकसावे पर विचार किया जाना चाहिए, जो इतना गंभीर हो कि आरोपी आत्म-नियंत्रण खो दे।जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि यह सिद्धांत तत्काल या अंतिम उकसावे के कृत्य, शब्दों या हावभाव की आवश्यकता को समाप्त नहीं करता है। इसके अलावा, यह बचाव उपलब्ध नहीं होगा यदि किसी विचार या योजना का सबूत है क्योंकि वे सोचे समझे और पूर्व नियोजित तैयारी को...
"कोई राजनीतिक दल मुफ्त उपहारों के मुद्दे पर बहस नहीं करेगा": सुप्रीम कोर्ट ने सुझावों के लिए विशेषज्ञ निकाय बनाने के लिए कहा
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि नीति आयोग, वित्त आयोग, विधि आयोग, भारतीय रिजर्व बैंक, सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के सदस्यों जैसे विभिन्न हितधारकों से युक्त विशेषज्ञ निकाय को चुनाव प्रचार के दौरान मुफ्त के वादे के मुद्दे को हल करने के लिए सुझाव देने की आवश्यकता होगी।न्यायालय को ऐसी संस्था के गठन के लिए आदेश पारित करने में सक्षम बनाने के लिए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एनवी रमाना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने याचिकाकर्ता, केंद्र सरकार और भारत के चुनाव आयोग को सुझाव देने...
उद्धव बनाम शिंदे: 'शिवसेना किसकी' मसले पर सुप्रीम कोर्ट में दी गईं दलीलें पढ़ें
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और सीएम एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) के बीच शिवसेना (Shiv Sena) राजनीतिक दल के भीतर दरार से उत्पन्न विवाद से संबंधित मामलों में प्रारंभिक दलीलें सुनीं।एक घंटे से अधिक समय तक दोनों पक्षों की ओर से पेश हुए सीनियर वकीलों को सुनने के बाद पीठ ने मामले को सुनवाई कल सुबह तक के लिए स्थगित कर दी।कोर्ट ने सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे (जो एकनाथ शिंदे गुट की ओर से पेश हुए) को अधिक स्पष्टता से साथ लिखित प्रस्तुतियां फिर से तैयार करने...
केरल हाईकोर्ट ने ड्यूटी पर मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते पाए गए ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया
केरल हाईकोर्ट (Kerala High Court) ने मंगलवार को कोच्चि के पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया कि वह ड्यूटी के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वाले ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें।जस्टिस अम्त रावल ने यह भी कहा कि जो कोई भी अधिकारी को आपातकालीन या आधिकारिक कॉल के अलावा मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हुए पात है, वह टोल-फ्री नंबरों पर इसकी सूचना दे सकता है जिसे जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा।कोर्ट ने कहा,"पुलिस कमिश्नर को सभी ट्रैफिक पुलिस को सतर्क रहने के लिए जागरूक करने का निर्देश दिया जाता...
सीआरपीसी की धारा 482 - अंतरिम राहत/जांच पर रोक केवल दुर्लभतम मामलों में ही लगाई जा सकती है: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर कहा है कि कोई हाईकोर्ट सीआरपीसी की धारा 482 के तहत शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए, केवल दुर्लभतम मामलों में ही जांच या किसी अन्य अंतरिम राहत पर रोक लगा सकता है।पीठ ने इस प्रकार गुजरात हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेशों को खारिज करते हुए संविधान के अनुच्छेद 226 के साथ पठित सीआरपीसी की धारा 482 के तहत दायर याचिकाओं पर विचार के दौरान आगे की आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाते हुए अंतरिम राहत प्रदान की और परिणामस्वरूप आगे की जांच पर रोक लगा दी।पीठ ने कहा कि आपराधिक कार्यवाही में,...
एनआई एक्ट की धारा 143 ए के तहत आरोपी को अंतरिम मुआवजा जमा करने में विफल पर शिकायतकर्ता की ओर से गवाहों से जिरह करने से रोका नहीं जा सकता : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 143 ए के तहत किसी आरोपी को अंतरिम मुआवजा जमा करने में विफल रहने के लिए शिकायतकर्ता की ओर से गवाहों से जिरह करने के अधिकार से इनकार नहीं किया जा सकता है।जस्टिस उदय उमेश ललित, जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा, "अधिकार को बंद करने का ऐसा कोई भी आदेश अदालत को दी गई शक्तियों के भीतर नहीं होगा और वास्तव में, शक्ति के स्वीकार्य अभ्यास से परे होगा।"इस मामले में (चेक बाउंस शिकायत) ट्रायल कोर्ट द्वारा एक आदेश पारित...
नाम बदलने का अधिकार भारत के संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत मौलिक अधिकार का एक पहलू है: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि नाम बदलने का अधिकार भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत गारंटीकृत मौलिक अधिकार का एक पहलू है और इस तरह के अधिकार से इनकार नहीं किया जा सकता। जस्टिस पंकज भाटिया की पीठ ने एक महिला (रजनी श्रीवास्तव नामक) की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह देखा, जो अपना नाम बदलकर 'रश्मि श्रीवास्तव' करना चाहती थी, हालांकि, इस संबंध में उसके आवेदन को यूपी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने खारिज कर दिया था।बोर्ड ने कहा कि उसके आवेदन को इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि...
सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र, देखें वीडियो
सुप्रीम कोर्ट में पिछले सप्ताह (25 जुलाई, 2022 से 29 जुलाई, 2022) तक क्या कुछ हुआ, जानने के लिए देखते हैं सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप। पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र। देखिये वीडियो
हाईकोर्ट ने जिला उत्तरकाशी के उप-नियमों के तहत गंगा के किनारे से 500 मीटर के भीतर मांस बेचने पर रोक लगाने को कहा
उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने जिला पंचायत उत्तरकाशी के उप-नियम के साथ सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि गंगा नदी (Ganga) के किनारे से 500 मीटर के भीतर जानवरों को काटने और मांस बेचने की किसी भी दुकान को अनुमति नहीं दी जाएगी।जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की पीठ ने कहा कि उत्तराखंड की "विशेष स्थिति" और जिला उत्तरकाशी से निकलने वाली गंगा नदी और उत्तराखंड की अधिकांश आबादी द्वारा गंगा नदी से जुड़ी पवित्रता को ध्यान में रखते हुए जिला पंचायत द्वारा लिया गया निर्णय उक्त उप-नियम बनाकर भारत के...
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी निदेशक का कार्यकाल बढ़ाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र को नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल एक साल और बढ़ाने के केंद्र सरकार द्वारा 17 नवंबर 2021 को जारी आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर मंगलवार को नोटिस जारी किया।याचिकाओं में केंद्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) अधिनियम 2021 को भी चुनौती दी गई है जो निदेशालय के प्रवर्तन निदेशक के कार्यकाल को 5 साल तक बढ़ाने की अनुमति देता है।भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ कांग्रेस नेता डॉ जया ठाकुर, आरएस सुरजेवाला, तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ...
हिजाब केस की लिस्टिंग में देरी- 'जजों की तबीयत ठीक नहीं, जल्द ही बेंच का गठन करेंगे': सीजेआई एनवी रमना ने कहा
हिजाब मामले (Hijab Case) को आज भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमना (CJI Ramana) के समक्ष तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए फिर से उल्लेख किया गया।सीनियर एडवोकेट मीनाक्षी अरोड़ा, जो उल्लेख करने के लिए वहां मौजूद थीं, ने अपना सबमिशन शुरू करने से पहले, सीजेआई एनवी रमना ने उनसे कहा- "मैं बेंच का गठन करूंगा। जजों में से एक की तबीयत ठीक नहीं है।"अरोड़ा ने कहा कि याचिकाएं मार्च में बहुत पहले दायर की गई थीं। कम से कम अगर एक तारीख दी जा सकती थी।सीजेआई रमना ने कहा,"अगर जज ठीक होते, तो मामला आ जाता।"शैक्षणिक संस्थानों...
बाबरी विध्वंस मामला: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीबीआई और राज्य सरकार को बरी करने के आदेश के खिलाफ दायर अपील पर आपत्ति दर्ज करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को सीबीआई और राज्य सरकार को लखनऊ में विशेष सीबीआई अदालत के आदेश के खिलाफ दायर आपराधिक अपील पर अपनी आपत्ति दर्ज करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया। इस अपील में सभी 32 व्यक्तियों को 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस की आपराधिक साजिश रचने के आरोप से बरी किया था।आपराधिक पुनर्विचार याचिका के रूप में मूल में 2021 में दायर की गई याचिका को 18 जुलाई, 2022 को जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की पीठ द्वारा आपराधिक अपील के रूप में मानने का निर्देश दिया गया।विशेष सीबीआई न्यायाधीश एस के...
धारा 141 एनआई एक्ट : ये कथन देने की जरूरत नहीं है कि निदेशक कंपनी के संचालन के लिए जिम्मेदार है : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह कथन जरूरी नहीं है कि नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 की धारा 141 के तहत प्रबंध निदेशक या संयुक्त प्रबंध निदेशक किसी कंपनी के व्यवसाय के संचालन के लिए जिम्मेदार हैं और उन्हें आरोपी बनाया जाया जाना चाहिए।अदालत ने दोहराया कि किसी कंपनी के स्वतंत्र और गैर-कार्यकारी निदेशकों को इल इस बयान के आधार पर आरोपित करना कि वे कंपनी के व्यवसाय के संचालन के लिए जिम्मेदार हैं और बिना किसी और चीज के, धारा 141 एनआई अधिनियम की आवश्यकताओं को पूरा नहीं करते हैं।जस्टिस इंदिरा बनर्जी...
ललित मोदी पारिवारिक विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने दूसरे दौर की मध्यस्थता की इजाजत दी, जस्टिस आरवी रवींद्रन को मध्यस्थ नियुक्त किया
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिजनेसमैन ललित मोदी, उनकी मां बीना मोदी और उनके भाई-बहनों के बीच चल रहे पारिवारिक विवाद में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस आरवी रवींद्रन को मध्यस्थ नियुक्त किया।भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने पक्षों से मध्यस्थता की कार्यवाही के दौरान गोपनीयता बनाए रखने और मामले के संबंध में सोशल मीडिया का उपयोग नहीं करने को कहा।पिछले मध्यस्थता प्रयास की विफलता के बाद मामले में मध्यस्थता का ये दूसरा दौर है। इससे पहले, कोर्ट ने...
"मैंने पहले याचिका दायर की, इसलिए मुझे प्रमुख याचिकाकर्ता बनना चाहिए": एमएल शर्मा ने ईडी डायरेक्टर के कार्यकाल के खिलाफ जनहित याचिकाओं के आदेश पर आपत्ति जताई
सुप्रीम कोर्ट में एक अप्रत्याशित विवाद तब पैदा हो गया जब कोर्ट प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के डायरेक्टर के कार्यकाल के विस्तार के खिलाफ दायर जनहित याचिकाओं के बैच पर विचार कर रहा था। इस दौरान विवाद खड़ा हुआ कि मामले में मुख्य याचिकाकर्ता कौन होना चाहिए?चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) की अगुवाई वाली पीठ प्रवर्तन निदेशालय के मौजूदा निदेशक संजय कुमार मिश्रा को दिए गए विस्तार को चुनौती देने वाली सात याचिकाओं पर विचार कर रही थी। याचिकाकर्ताओं में कांग्रेस नेता डॉ जया ठाकुर, रणदीप सिंह सुरजेवाला,...



















