संपादकीय
लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 भाग 32: बालक के साक्ष्य अभिलिखित करने एवं प्रकरण का निपटारा करने हेतु अवधि
लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 (The Protection Of Children From Sexual Offences Act, 2012) अधिनियम एक विशेष अधिनियम है, इस अधिनियम का उद्देश्य लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण है। इस अधिनियम के अंर्तगत बनाए गए प्रावधान बालकों को शीघ्र न्याय देने हेतु प्रयास करते है। उक्त अधिनियम की धारा 35 में ऐसी अवधि का उल्लेख किया गया है जिसमें बालकों के कथन अभिलिखित किए जाएंगे और मामले का निपटान किया जाएगा। इस आलेख में धारा 35 पर विवेचना प्रस्तुत की जा रही है।यह अधिनियम में प्रस्तुत...
हत्या का ट्रायल : सुप्रीम कोर्ट ने " निरंतर उकसावे के सिद्धांत" को लागू किया, दुर्व्यवहार के इतिहास पर " उकसावे" की गंभीरता का आंकलन किया जा सकता है
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि धारा 300 आईपीसी के अपवाद 1 के उद्देश्य के लिए, पिछले उकसावे के कृत्यों या शब्दों के आलोक में अंतिम उकसावे पर विचार किया जाना चाहिए, जो इतना गंभीर हो कि आरोपी आत्म-नियंत्रण खो दे।जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि यह सिद्धांत तत्काल या अंतिम उकसावे के कृत्य, शब्दों या हावभाव की आवश्यकता को समाप्त नहीं करता है। इसके अलावा, यह बचाव उपलब्ध नहीं होगा यदि किसी विचार या योजना का सबूत है क्योंकि वे सोचे समझे और पूर्व नियोजित तैयारी को...
"कोई राजनीतिक दल मुफ्त उपहारों के मुद्दे पर बहस नहीं करेगा": सुप्रीम कोर्ट ने सुझावों के लिए विशेषज्ञ निकाय बनाने के लिए कहा
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि नीति आयोग, वित्त आयोग, विधि आयोग, भारतीय रिजर्व बैंक, सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के सदस्यों जैसे विभिन्न हितधारकों से युक्त विशेषज्ञ निकाय को चुनाव प्रचार के दौरान मुफ्त के वादे के मुद्दे को हल करने के लिए सुझाव देने की आवश्यकता होगी।न्यायालय को ऐसी संस्था के गठन के लिए आदेश पारित करने में सक्षम बनाने के लिए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एनवी रमाना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने याचिकाकर्ता, केंद्र सरकार और भारत के चुनाव आयोग को सुझाव देने...
उद्धव बनाम शिंदे: 'शिवसेना किसकी' मसले पर सुप्रीम कोर्ट में दी गईं दलीलें पढ़ें
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और सीएम एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) के बीच शिवसेना (Shiv Sena) राजनीतिक दल के भीतर दरार से उत्पन्न विवाद से संबंधित मामलों में प्रारंभिक दलीलें सुनीं।एक घंटे से अधिक समय तक दोनों पक्षों की ओर से पेश हुए सीनियर वकीलों को सुनने के बाद पीठ ने मामले को सुनवाई कल सुबह तक के लिए स्थगित कर दी।कोर्ट ने सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे (जो एकनाथ शिंदे गुट की ओर से पेश हुए) को अधिक स्पष्टता से साथ लिखित प्रस्तुतियां फिर से तैयार करने...
केरल हाईकोर्ट ने ड्यूटी पर मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते पाए गए ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया
केरल हाईकोर्ट (Kerala High Court) ने मंगलवार को कोच्चि के पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया कि वह ड्यूटी के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वाले ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें।जस्टिस अम्त रावल ने यह भी कहा कि जो कोई भी अधिकारी को आपातकालीन या आधिकारिक कॉल के अलावा मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हुए पात है, वह टोल-फ्री नंबरों पर इसकी सूचना दे सकता है जिसे जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा।कोर्ट ने कहा,"पुलिस कमिश्नर को सभी ट्रैफिक पुलिस को सतर्क रहने के लिए जागरूक करने का निर्देश दिया जाता...
सीआरपीसी की धारा 482 - अंतरिम राहत/जांच पर रोक केवल दुर्लभतम मामलों में ही लगाई जा सकती है: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर कहा है कि कोई हाईकोर्ट सीआरपीसी की धारा 482 के तहत शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए, केवल दुर्लभतम मामलों में ही जांच या किसी अन्य अंतरिम राहत पर रोक लगा सकता है।पीठ ने इस प्रकार गुजरात हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेशों को खारिज करते हुए संविधान के अनुच्छेद 226 के साथ पठित सीआरपीसी की धारा 482 के तहत दायर याचिकाओं पर विचार के दौरान आगे की आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाते हुए अंतरिम राहत प्रदान की और परिणामस्वरूप आगे की जांच पर रोक लगा दी।पीठ ने कहा कि आपराधिक कार्यवाही में,...
एनआई एक्ट की धारा 143 ए के तहत आरोपी को अंतरिम मुआवजा जमा करने में विफल पर शिकायतकर्ता की ओर से गवाहों से जिरह करने से रोका नहीं जा सकता : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 143 ए के तहत किसी आरोपी को अंतरिम मुआवजा जमा करने में विफल रहने के लिए शिकायतकर्ता की ओर से गवाहों से जिरह करने के अधिकार से इनकार नहीं किया जा सकता है।जस्टिस उदय उमेश ललित, जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा, "अधिकार को बंद करने का ऐसा कोई भी आदेश अदालत को दी गई शक्तियों के भीतर नहीं होगा और वास्तव में, शक्ति के स्वीकार्य अभ्यास से परे होगा।"इस मामले में (चेक बाउंस शिकायत) ट्रायल कोर्ट द्वारा एक आदेश पारित...
नाम बदलने का अधिकार भारत के संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत मौलिक अधिकार का एक पहलू है: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि नाम बदलने का अधिकार भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत गारंटीकृत मौलिक अधिकार का एक पहलू है और इस तरह के अधिकार से इनकार नहीं किया जा सकता। जस्टिस पंकज भाटिया की पीठ ने एक महिला (रजनी श्रीवास्तव नामक) की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह देखा, जो अपना नाम बदलकर 'रश्मि श्रीवास्तव' करना चाहती थी, हालांकि, इस संबंध में उसके आवेदन को यूपी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने खारिज कर दिया था।बोर्ड ने कहा कि उसके आवेदन को इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि...
सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र, देखें वीडियो
सुप्रीम कोर्ट में पिछले सप्ताह (25 जुलाई, 2022 से 29 जुलाई, 2022) तक क्या कुछ हुआ, जानने के लिए देखते हैं सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप। पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र। देखिये वीडियो
हाईकोर्ट ने जिला उत्तरकाशी के उप-नियमों के तहत गंगा के किनारे से 500 मीटर के भीतर मांस बेचने पर रोक लगाने को कहा
उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने जिला पंचायत उत्तरकाशी के उप-नियम के साथ सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि गंगा नदी (Ganga) के किनारे से 500 मीटर के भीतर जानवरों को काटने और मांस बेचने की किसी भी दुकान को अनुमति नहीं दी जाएगी।जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की पीठ ने कहा कि उत्तराखंड की "विशेष स्थिति" और जिला उत्तरकाशी से निकलने वाली गंगा नदी और उत्तराखंड की अधिकांश आबादी द्वारा गंगा नदी से जुड़ी पवित्रता को ध्यान में रखते हुए जिला पंचायत द्वारा लिया गया निर्णय उक्त उप-नियम बनाकर भारत के...
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी निदेशक का कार्यकाल बढ़ाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र को नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल एक साल और बढ़ाने के केंद्र सरकार द्वारा 17 नवंबर 2021 को जारी आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर मंगलवार को नोटिस जारी किया।याचिकाओं में केंद्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) अधिनियम 2021 को भी चुनौती दी गई है जो निदेशालय के प्रवर्तन निदेशक के कार्यकाल को 5 साल तक बढ़ाने की अनुमति देता है।भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ कांग्रेस नेता डॉ जया ठाकुर, आरएस सुरजेवाला, तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ...
हिजाब केस की लिस्टिंग में देरी- 'जजों की तबीयत ठीक नहीं, जल्द ही बेंच का गठन करेंगे': सीजेआई एनवी रमना ने कहा
हिजाब मामले (Hijab Case) को आज भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमना (CJI Ramana) के समक्ष तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए फिर से उल्लेख किया गया।सीनियर एडवोकेट मीनाक्षी अरोड़ा, जो उल्लेख करने के लिए वहां मौजूद थीं, ने अपना सबमिशन शुरू करने से पहले, सीजेआई एनवी रमना ने उनसे कहा- "मैं बेंच का गठन करूंगा। जजों में से एक की तबीयत ठीक नहीं है।"अरोड़ा ने कहा कि याचिकाएं मार्च में बहुत पहले दायर की गई थीं। कम से कम अगर एक तारीख दी जा सकती थी।सीजेआई रमना ने कहा,"अगर जज ठीक होते, तो मामला आ जाता।"शैक्षणिक संस्थानों...
बाबरी विध्वंस मामला: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीबीआई और राज्य सरकार को बरी करने के आदेश के खिलाफ दायर अपील पर आपत्ति दर्ज करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को सीबीआई और राज्य सरकार को लखनऊ में विशेष सीबीआई अदालत के आदेश के खिलाफ दायर आपराधिक अपील पर अपनी आपत्ति दर्ज करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया। इस अपील में सभी 32 व्यक्तियों को 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस की आपराधिक साजिश रचने के आरोप से बरी किया था।आपराधिक पुनर्विचार याचिका के रूप में मूल में 2021 में दायर की गई याचिका को 18 जुलाई, 2022 को जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की पीठ द्वारा आपराधिक अपील के रूप में मानने का निर्देश दिया गया।विशेष सीबीआई न्यायाधीश एस के...
धारा 141 एनआई एक्ट : ये कथन देने की जरूरत नहीं है कि निदेशक कंपनी के संचालन के लिए जिम्मेदार है : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह कथन जरूरी नहीं है कि नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 की धारा 141 के तहत प्रबंध निदेशक या संयुक्त प्रबंध निदेशक किसी कंपनी के व्यवसाय के संचालन के लिए जिम्मेदार हैं और उन्हें आरोपी बनाया जाया जाना चाहिए।अदालत ने दोहराया कि किसी कंपनी के स्वतंत्र और गैर-कार्यकारी निदेशकों को इल इस बयान के आधार पर आरोपित करना कि वे कंपनी के व्यवसाय के संचालन के लिए जिम्मेदार हैं और बिना किसी और चीज के, धारा 141 एनआई अधिनियम की आवश्यकताओं को पूरा नहीं करते हैं।जस्टिस इंदिरा बनर्जी...
ललित मोदी पारिवारिक विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने दूसरे दौर की मध्यस्थता की इजाजत दी, जस्टिस आरवी रवींद्रन को मध्यस्थ नियुक्त किया
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिजनेसमैन ललित मोदी, उनकी मां बीना मोदी और उनके भाई-बहनों के बीच चल रहे पारिवारिक विवाद में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस आरवी रवींद्रन को मध्यस्थ नियुक्त किया।भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने पक्षों से मध्यस्थता की कार्यवाही के दौरान गोपनीयता बनाए रखने और मामले के संबंध में सोशल मीडिया का उपयोग नहीं करने को कहा।पिछले मध्यस्थता प्रयास की विफलता के बाद मामले में मध्यस्थता का ये दूसरा दौर है। इससे पहले, कोर्ट ने...
"मैंने पहले याचिका दायर की, इसलिए मुझे प्रमुख याचिकाकर्ता बनना चाहिए": एमएल शर्मा ने ईडी डायरेक्टर के कार्यकाल के खिलाफ जनहित याचिकाओं के आदेश पर आपत्ति जताई
सुप्रीम कोर्ट में एक अप्रत्याशित विवाद तब पैदा हो गया जब कोर्ट प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के डायरेक्टर के कार्यकाल के विस्तार के खिलाफ दायर जनहित याचिकाओं के बैच पर विचार कर रहा था। इस दौरान विवाद खड़ा हुआ कि मामले में मुख्य याचिकाकर्ता कौन होना चाहिए?चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) की अगुवाई वाली पीठ प्रवर्तन निदेशालय के मौजूदा निदेशक संजय कुमार मिश्रा को दिए गए विस्तार को चुनौती देने वाली सात याचिकाओं पर विचार कर रही थी। याचिकाकर्ताओं में कांग्रेस नेता डॉ जया ठाकुर, रणदीप सिंह सुरजेवाला,...
'प्रक्रिया सजा न बन जाए, ये सोचकर कि आरोपी की दोषसिद्धि नहीं हो पाएगी, जमानत से इनकार न करें' : जस्टिस कौल की ट्रायल जजों को सलाह
सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संजय किशन कौल ने रविवार को प्रथम अखिल भारतीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बैठक के समापन समारोह में अपना भाषण देते हुए, सभी उपस्थित लोगों, विशेष रूप से अधीनस्थ न्यायपालिका के सदस्यों को पहले पारंपरिक कानूनी प्रणाली के भीतर उपलब्ध साधनों का उपयोग करते हुए 'आउट ऑफ द बॉक्स थिंकिंग' का सहारा लेकर मुकदमेबाजी को समाप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया अन्यथा, उन्होंने चिंता व्यक्त की कि 500 वर्ष भी लंबित मामलों के मुद्दे को समाप्त करने के लिए पर्याप्त नहीं होंगे।"मेरे दिमाग में...
सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र
सुप्रीम कोर्ट में पिछले सप्ताह (25 जुलाई, 2022 से 29 जुलाई, 2022) तक क्या कुछ हुआ, जानने के लिए देखते हैं सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप। पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र।एक ही धार्मिक संप्रदाय के विवाद में पूजा स्थल अधिनियम को लागू करने के लिए अनुच्छेद 32 लागू नहीं कर सकते: सुप्रीम कोर्ट ने जैन संप्रदाय से कहासुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को श्वेतांबर मूर्तिपुजक जैन धर्म के तपगछ संप्रदाय के मोहिजीत समुदाय के सदस्यों द्वारा संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर याचिका पर विचार...
लीगल सिस्टम में लोगों का विश्वास बढ़ाने के लिए युवा और प्रतिभावान वकीलों की सेवाएं ली जानी चाहिए : जस्टिस यूयू ललित
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (National Legal Services Authority) के कार्यकारी अध्यक्ष, प्रथम अखिल भारतीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बैठक के समापन सत्र के मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचार व्यक्त किये। जस्टिस ललित ने शुरुआत में कानूनी सहायता प्रणाली के भविष्य पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि पहला मुद्दा भारत में कानूनी सहायता के संबंध में स्पष्टता लाना है, दूसरा इसके लिए रणनीति तैयार करना है और तीसरा उक्त रणनीति को लागू करने के साधनों और...
'संविधान के बारे में जानकारी जनसंख्या के छोटे वर्ग तक सीमित ': सीजेआई ने लॉ ग्रेजुएट्स से जागरूकता फैलाने का आग्रह किया
भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने संविधान के बारे में ज्ञान भारतीय आबादी के एक छोटे से हिस्से तक सीमित होने पर अफसोस जताते हुए कानून स्नातकों (Law Graduates) से आम लोगों के बीच "संविधान" के बारे में जागरूकता फैलाने के मिशन को अपनाने का आग्रह किया। हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, रायपुर में दीक्षांत समारोह में बोलते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने ग्रेजुएट्स से कहा कि संवैधानिक प्रावधानों को सरल शब्दों में समझाने और लोगों के मन में इसके लोकाचार को आत्मसात करने का उनका प्रयास होना चाहिए।उन्होंने...