संपादकीय

ब्रेकिंग: सीजेआई की अगुवाई वाली बेंच 12 सितंबर को नागरिकता संशोधन अधिनियम की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगी
ब्रेकिंग: सीजेआई की अगुवाई वाली बेंच 12 सितंबर को नागरिकता संशोधन अधिनियम की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगी

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) 12 सितंबर को नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा।सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिसंबर 2019 में मामले में नोटिस जारी करने के बाद भारत के चीफ जस्टिस यूयू ललित की बेंच मामले की सुनवाई करने के लिए तैयार है। सीएए 10 जनवरी 2020 को लागू हुआ।मई, 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (सीएए) की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक बैच पर नोटिस जारी किया था।मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे और...

सुप्रीम कोर्ट ने भर्ती घोटाला मामले में डीएमके विधायक सेंथिल बालाजी पर दर्ज आपराधिक केस रद्द करने के मद्रास हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील की अनुमति दी
सुप्रीम कोर्ट ने भर्ती घोटाला मामले में डीएमके विधायक सेंथिल बालाजी पर दर्ज आपराधिक केस रद्द करने के मद्रास हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील की अनुमति दी

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भर्ती घोटाला मामले में डीएमके विधायक सेंथिल बालाजी पर दर्ज आपराधिक केस रद्द करने के मद्रास हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील की अनुमति दी। घोटाले के समय बालाजी 2011 और 2015 के बीच अन्नाद्रमुक सरकार में परिवहन मंत्री थे।जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की पीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द कर दिया और डीएमके नेता सेंथिल बालाजी के खिलाफ दायर आपराधिक शिकायत को बहाल कर दिया। अदालत मद्रास उच्च न्यायालय के आदेशों की...

पट्टे की अवधि समाप्त होने के बाद भी अवैध कब्जाधारक किरायेदार मध्यवर्ती मुनाफे के भुगतान के लिए उत्तरदायी है: सुप्रीम कोर्ट
पट्टे की अवधि समाप्त होने के बाद भी 'अवैध कब्जाधारक किरायेदार' मध्यवर्ती मुनाफे के भुगतान के लिए उत्तरदायी है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पट्टे की समाप्ति के बाद भी अपने कब्जे में सम्पत्ति रखने वाला किरायेदार मध्यवर्ती मुनाफे के भुगतान के लिए उत्तरदायी है।जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने कहा, "यद्यपि (पट्टे की समाप्ति के बाद भी) सम्पत्ति पर कब्जा रखने वाले किरायेदार को जबरन बेदखल नहीं किया जा सकता है, लेकिन यह उचित तरीके से सम्पत्ति में प्रवेश लेने वाले किरायेदार के पट्टे की समाप्ति पर कब्जा बनाये रखने को गैर-कानूनी साबित करने से नहीं रोक सकता।"पीठ ने इस प्रकार इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
नाबालिग लड़की को म्यांमार सीमा पर कैसे भेजा जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने रोहिंग्या लड़की के निर्वासन के खिलाफ याचिका पर केंद्र से पूछा

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक गैर सरकारी संगठन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से पूछा कि एक 14 वर्षीय नाबालिग लड़की को म्यांमार सीमा पर कैसे भेजा जा सकता है, खासकर जब बांग्लादेश में शरण मांगने वाले उसके माता-पिता उसे वापस ले जाना चाहते हैं।याचिका में लड़की, एक रोहिंग्या शरणार्थी की देखभाल प्रदान करने की अनुमति मांगी गई है।कोर्ट ने केंद्र से पूछा,"एक नाबालिग लड़की को म्यांमार की सीमा पर छोड़ देना, क्या यह एक विकल्प है? जब माता-पिता लड़की को वापस ले जाना चाहते हैं?"साथ...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
' पॉक्सो के तहत" बच्चे "की परिभाषा के कारण गंभीर कठिनाइयां हैं ' : सुप्रीम कोर्ट ने जवान व्यस्कों के बीच संबंधों के केस में पॉक्सो लागू करने पर कहा

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि इसे यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण, 2012 ( पॉक्सो) अधिनियम लागू पर विचार करते हुए कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है, जहां 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियां किसी अन्य वयस्क के साथ शारीरिक अंतरंगता में प्रवेश करती हैं।मारुथुपंडी बनाम राज्य में मद्रास हाईकोर्ट के एक आदेश के खिलाफ याचिका दायर की गई थी, जिसमें कहा गया था कि भले ही एक नाबालिग लड़की प्यार में पड़ जाती है और अपने साथी के साथ सहमति से संबंध विकसित करती है,साथी के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम के प्रावधान ...

केन्द्रीय विद्यालयों में धार्मिक प्रार्थना के खिलाफ याचिका: सुप्रीम कोर्ट ने जमीयत उलमा-ए-हिंद को हस्तक्षेप करने की अनुमति दी; अगले महीने सुनवाई होगी
केन्द्रीय विद्यालयों में धार्मिक प्रार्थना के खिलाफ याचिका: सुप्रीम कोर्ट ने जमीयत उलमा-ए-हिंद को हस्तक्षेप करने की अनुमति दी; अगले महीने सुनवाई होगी

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एडवोकेट विनायक शाह द्वारा दायर एक याचिका को अगले महीने के लिए स्थगित कर दिया, जिसमें प्रतिवादियों यानी भारत सरकार और केंद्रीय विद्यालय संगठनों को केंद्रीय विद्यालय में सुबह की असेंबली में प्रार्थना बंद करने और छात्रों के बीच वैज्ञानिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है।जस्टिस इंदिरा बनर्जी, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एम एम सुंदरेश की पीठ ने 2017 में एक विनायक शाह द्वारा दायर रिट याचिका पर विचार किया।याचिकाकर्ता की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट...

पोशाक के अधिकार में कपड़े उतारने का अधिकार भी शामिल है? जस्टिस हेमंत गुप्ता ने हिजाब मामले की सुनवाई में पूछा
पोशाक के अधिकार में कपड़े उतारने का अधिकार भी शामिल है? जस्टिस हेमंत गुप्ता ने हिजाब मामले की सुनवाई में पूछा

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की खंडपीठ ने बुधवार को हिजाब बैन मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई जारी रखी। कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य के कुछ स्कूलों और कॉलेजों में मुस्लिम छात्राओं द्वारा हिजाब पहनने पर प्रतिबंध को बरकरार रखा गया था, जिसके खिलाफ अपील पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। आज की सुनवाई में याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट देवदत्त कामत ने ऐशत शिफा बनाम कर्नाटक राज्य मामले का संर्दभ देते हुए दलीलें पेश...

हिजाब केस - धर्मनिरपेक्षता का मतलब यह नहीं है कि केवल एक धर्म के छात्र धर्म का प्रदर्शन नहीं करेंगे: देवदत्त कामत सुप्रीम कोर्ट के समक्ष तर्क पेश किये  [सुनवाई का दूसरा दिन ]
हिजाब केस - धर्मनिरपेक्षता का मतलब यह नहीं है कि केवल एक धर्म के छात्र धर्म का प्रदर्शन नहीं करेंगे: देवदत्त कामत सुप्रीम कोर्ट के समक्ष तर्क पेश किये [सुनवाई का दूसरा दिन ]

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को हिजाब बैन मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई जारी रखी। कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य के कुछ स्कूलों और कॉलेजों में मुस्लिम छात्राओं द्वारा हिजाब पहनने पर प्रतिबंध को बरकरार रखा गया था, जिसके खिलाफ अपील पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है।सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने की।याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट देवदत्त कामत ने तर्क दिया कि सरकार का आदेश "अहानिकर" नहीं...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने मनु के वर्णाश्रम सिद्धांतों और नियमों को खत्म करने की मांग वाली याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मनु (Manu) के वर्णाश्रम सिद्धांतों और नियमों को खत्म करने की मांग वाली रिट याचिका खारिज कर दी।जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हेमा कोहली की पीठ ने कहा कि याचिका पूरी तरह से गलत है।2020 में डॉ एम देवनायगम द्वारा भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर रिट याचिका में सुप्रीम कोर्ट से निम्नलिखित निर्देश मांगे गए:1. मनु के नियमों / वरश्रम के सिद्धांतों को समाप्त करें क्योंकि इससे भारत के लोगों में धर्म, जाति, भाषा, संप्रदाय आदि के आधार पर भेदभाव पैदा होता है।2....

उद्धव बनाम शिंदे : सुप्रीम कोर्ट  असली शिवसेना दावे पर चुनाव आयोग को फैसला करने से रोकने की अंतरिम अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट संविधान पीठ 27 सितंबर को करेगी सुनवाई
उद्धव बनाम शिंदे : सुप्रीम कोर्ट ' असली' शिवसेना दावे पर चुनाव आयोग को फैसला करने से रोकने की अंतरिम अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट संविधान पीठ 27 सितंबर को करेगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ ने बुधवार को उद्धव ठाकरे समूह द्वारा भारत के चुनाव आयोग को आधिकारिक शिवसेना पार्टी के रूप में मान्यता के लिए एकनाथ शिंदे समूह द्वारा उठाए गए दावे पर फैसला करने से रोकने के लिए दायर अंतरिम आवेदन पर 27 सितंबर को सुनवाई करने का फैसला किया।5 जजों की बेंच जिसमें जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एम आर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पी एस नरसिम्हा महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम के संबंध में स्पीकर/डिप्टी स्पीकर और राज्यपाल की विभिन्न कार्रवाइयों...

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ लोकसभा और विधानसभा में एससी/एसटी और एंग्लो-इंडियन के लिए आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका पर 1 नवंबर को सुनवाई करेगी
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ लोकसभा और विधानसभा में एससी/एसटी और एंग्लो-इंडियन के लिए आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका पर 1 नवंबर को सुनवाई करेगी

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की संविधान पीठ लोकसभा और राज्य विधानमंडल में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति और एंग्लो इंडियन समुदायों को दिए गए राजनीतिक आरक्षण को संविधान द्वारा निर्धारित मूल दस वर्षों से आगे बढ़ाने की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर 1 नवंबर को सुनवाई करेगी।मामला संविधान पीठ के समक्ष रखा गया था जिसमें जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस एम.आर. शाह, जस्टिस कृष्णा मुरारी, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा शामिल हैं।भारत के संविधान, 1950 के अनुच्छेद 330-334...

दिल्ली सरकार बनाम एलजी : सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ 11 अक्टूबर को संभावित रूप से सुनवाई शुरू करेगी
दिल्ली सरकार बनाम एलजी : सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ 11 अक्टूबर को संभावित रूप से सुनवाई शुरू करेगी

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच विवाद मामले में सुनवाई शुरू करने की संभावित तारीख 11 अक्टूबर 2022 तय की।5 जजों की बेंच जिसमें जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस एम.आर. शाह, जस्टिस कृष्णा मुरारी, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा ने सुनवाई के लिए समय सीमा तय करने के लिए मामले को 27 सितंबर को पोस्ट किया।पीठ को सूचित किया गया कि भारत के चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली 5 न्यायाधीशों की पीठ 13 सितंबर को...

फसल बीमा किसी व्यावसायिक पॉलिसी की तरह नहीं  : सुप्रीम कोर्ट ने बीमा कंपनी को फसल के नुकसान के लिए भरपाई करने के निर्देश की पुष्टि की
'फसल बीमा किसी व्यावसायिक पॉलिसी की तरह नहीं ' : सुप्रीम कोर्ट ने बीमा कंपनी को फसल के नुकसान के लिए भरपाई करने के निर्देश की पुष्टि की

सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश यू यू ललित और जस्टिस एस रवींद्र भट ने सोमवार, 5 सितंबर 2022 को, बॉम्बे हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत, महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले के 3,57,287 किसानों को फसल कटाई के बाद भारी वर्षा के कारण खरीफ सीजन 2020 में सोयाबीन की फसल के लिए हुए नुकसान की भरपाई करने का निर्देश दिया गया था।बजाज आलियांज की ओर से सीनियर एडवोकेट विवेक तन्खा ने संबोधित करते हुए कहा कि स्थानीय घटनाओं के विपरीत...

सही समाधान समाज को जातिविहीन बनाने में नहीं बल्कि जातिगत भेदभाव के शिकार लोगों को न्याय दिलाने में है: जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़
सही समाधान समाज को जातिविहीन बनाने में नहीं बल्कि जातिगत भेदभाव के शिकार लोगों को न्याय दिलाने में है: जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Justice DY ChandraChud) ने मंगलवार को आईआईटी दिल्ली में ऑफिस ऑफ डायवर्सिटी एंड इनक्लूजन का उद्घाटन भाषण दिया। उन्होंने "रियलाइजिंग डायवर्सिटी- मेकिंग डिफरेंसेस इन हायर एजुकेशन" विषय पर बात की।दिलचस्प बात यह है कि जस्टिस चंद्रचूड़ से पूछे गए प्रश्नों में से एक जाति भेदभाव की रोकथाम के लिए एक व्यवहार्य समाधान के रूप में "जाति उन्मूलन" पर था।हालांकि, जस्टिस चंद्रचूड़ ने जाति उन्मूलन को जातिगत भेदभाव के समाधान के रूप में नहीं देखा।उन्होंने...

वकीलों का न्यायाधीशों की सहानुभूति भुनाना शर्मनाक : सीजेआई ललित एक मामले में स्थगन के अनुरोध पर कहा
वकीलों का न्यायाधीशों की सहानुभूति भुनाना शर्मनाक : सीजेआई ललित एक मामले में स्थगन के अनुरोध पर कहा

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित और जस्टिस रवींद्र भट की खंडपीठ ने मंगलवार को मामलों को स्थगित करने के लिए न्यायाधीशों की सहानुभूति भुनाने वाले वकीलों पर नाराजगी व्यक्त की। इसी का संदर्भ यह है कि एक एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड ने अपने मामले को दो दिनों के लिए स्थगित करने का अनुरोध यह कहते हुए किया कि उनके सीनियर जो इस मामले में उनका नेतृत्व कर रहे हैं, इस समय अनुपलब्ध हैं। सीजेआई ललित ने इस पर कहा-" ये 2015 के मामले हैं..कृपया हम पर कुछ दया करें..जजों की सहानुभूति भुनाना शर्मनाक है।"हालांकि,...

लखीमपुर खीरी केस: सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया
लखीमपुर खीरी केस: सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को लखमीपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की याचिका पर उत्तर प्रदेश राज्य को नोटिस जारी किया।जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 26 जुलाई के आदेश को चुनौती देने वाली मिश्रा की याचिका पर विचार कर रही थी जिसमें उनकी नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। राज्य को 26 सितंबर तक जवाब दाखिल करने को कहा गया है।मिश्रा की ओर से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने प्रस्तुत किया कि आरोप...

सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामला रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामला रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट (IPS Sanjiv Bhatt) की उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामला रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी।बता दें, गुजरात हाईकोर्ट ने भट्ट के खिलाफ दर्ज शिकायत को रद्द करने से इनकार कर दिया था। इसी फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की गई थी।पीठ ने विशेष अनुमति याचिका का निपटारा कर दिया और अपने आदेश में कहा कि उन्हें मामले में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं मिला।पीठ ने कहा,"याचिकाकर्ता आरोपी को तलब करने के मजिस्ट्रेट के आदेश और उच्च...

सिद्दीकी कप्पन के पीएफआई जैसे आतंकी फंडिंग संगठनों के साथ गहरे संबंध हैं: यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया
सिद्दीकी कप्पन के पीएफआई जैसे आतंकी फंडिंग संगठनों के साथ गहरे संबंध हैं: यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बताया है कि केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन (Siddique Kappan) के पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और उसके छात्र विंग कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे आतंकी फंडिंग संगठनों के साथ "गहरे संबंध" हैं। कप्पन हाथरस साजिश मामले के सिलसिले में अक्टूबर 2020 से हिरासत में है।इन संगठनों को कथित तौर पर तुर्की में IHH जैसे अल कायदा से जुड़े संगठनों के साथ संबंध पाया गया है।सरकार ने कप्पन को जमानत दिए जाने का विरोध करते हुए अपने जवाबी हलफनामे में कहा कि निचली अदालतों के...

ईडब्ल्यूएस कोटा मामला : सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने सुनवाई के लिए 5 दिन का समय तय किया, कोर्ट 13 सितंबर से सुनवाई शुरू करेगा
ईडब्ल्यूएस कोटा मामला : सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने सुनवाई के लिए 5 दिन का समय तय किया, कोर्ट 13 सितंबर से सुनवाई शुरू करेगा

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की संविधान पीठ ने मंगलवार को आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाले मामलों की सुनवाई की।पिछली सुनवाई में, भारत के चीफ जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस एस रवींद्र भट, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पांच सदस्यीय पीठ ने अन्य पूर्व-सुनवाई चरणों को सुनना और पूरा करने के लिए समय सीमा निर्धारित करने के लिए मामले को आज (6 सितंबर) के लिए सूचीबद्ध करने का निर्णय लिया था।पीठ ने कहा कि मामलों की...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
धारा 239 सीआरपीसी : अदालत केवल प्रथम दृष्टया देख सकती है और तय कर सकती है कि अभियोजन का मामला आधारहीन है या नहीं : सुप्रीम कोर्ट

सोमवार (5 सितंबर 2022) को दिए गए एक फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 239 के तहत एक आरोपी को बरी करने के लिए शक्ति के प्रयोग के दायरे और सीमा को समझाया।अदालत ने कहा कि धारा 239/240 के स्तर पर एकमात्र विचार यह है कि आरोप/ चार्ज निराधार है या नहीं।जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि यह निर्धारित करने के लिए कि क्या आरोप को आधारहीन माना जाना चाहिए, यह परीक्षण लागू किया जा सकता है कि जहां सामग्री ऐसी है कि भले ही कोई खंडन न हो, कोई मामला नहीं बनता...