लखीमपुर खीरी केस: सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया
Brij Nandan
6 Sept 2022 3:22 PM IST
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को लखमीपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की याचिका पर उत्तर प्रदेश राज्य को नोटिस जारी किया।
जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 26 जुलाई के आदेश को चुनौती देने वाली मिश्रा की याचिका पर विचार कर रही थी जिसमें उनकी नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। राज्य को 26 सितंबर तक जवाब दाखिल करने को कहा गया है।
मिश्रा की ओर से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने प्रस्तुत किया कि आरोप यह है कि मिश्रा ने कार से लोगों को कुचल दिया, लेकिन कार उनके ड्राइवर द्वारा चलाया जा रहा था।
आगे कहा कि मिश्रा के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज हैं। एक प्राथमिकी में, यह आरोप लगाया गया है कि मिश्रा कार से बाहर भाग गया था और गन्ने के खेत से गोलियां चलाई थीं। हालांकि, पहले शिकायतकर्ता ने कहा कि वह एक चश्मदीद गवाह नहीं है।
मिश्रा को पहले फरवरी 2022 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज़मानत दी थी। इसके बाद फिर से उसे हाईकोर्ट का रुख करना पड़ा क्योंकि हाईकोर्ट के पहले के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2022 में रद्द कर दिया था और उसकी जमानत याचिका पर नए सिरे से विचार करने का आदेश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश अपराध में मारे गए किसानों के परिजनों की अपील पर आया है।
यह अपराध 3 अक्टूबर को हुआ था, जब उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की लखीमपुर खीरी जिले की यात्रा के खिलाफ कई किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, और आशीष मिश्रा के एसयूवी द्वारा प्रदर्शन कर रहे किसानों को कुचले जाने के चलते चार प्रदर्शनकारी किसानों की मौत हो गई थी।
नवंबर 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच की निगरानी के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस राकेश कुमार जैन को नियुक्त किया था।
यह आदेश तत्कालीन भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ से आया था, जो 3 अक्टूबर की लखीमपुर खीरी हिंसा की निष्पक्ष जांच की मांग करने वाले दो वकीलों द्वारा भेजी गई एक पत्र याचिका के आधार पर दर्ज एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
सुप्रीम कोर्ट की आलोचनात्मक टिप्पणी के बाद यूपी पुलिस ने मिश्रा को गिरफ्तार किया था।