संपादकीय

यदि ज़मानत देने की तारीख से एक महीने के भीतर ज़मानत बॉन्ड नहीं  दिया जाता तो ट्रायल कोर्ट स्वतः संज्ञान लेकर शर्तों  में छूट दे सकता है : सुप्रीम कोर्ट
यदि ज़मानत देने की तारीख से एक महीने के भीतर ज़मानत बॉन्ड नहीं दिया जाता तो ट्रायल कोर्ट स्वतः संज्ञान लेकर शर्तों में छूट दे सकता है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने उन विचाराधीन कैदियों के मुद्दे पर सुनवाई की जो जमानत का लाभ दिए जाने के बावजूद हिरासत में हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश की जेलों में हर महीने 5000 लोगों का अत्यधिक बोझ है, क्योंकि वे केवल जमानत बॉन्ड भरने में असमर्थ हैं। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय एस ओक की सुप्रीम कोर्ट की बेंच स्वत: संज्ञान रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसे ज़मानत देने के लिए एक व्यापक नीति रणनीति जारी करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी एडवोकेट गौरव अग्रवाल ने...

जमानत मिलने के बाद कैदियों की रिहाई में देरी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जारी किए निर्देश
जमानत मिलने के बाद कैदियों की रिहाई में देरी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जारी किए निर्देश

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उन विचाराधीन कैदियों के मुद्दे पर निम्नलिखित दिशा-निर्देश जारी किए हैं जो जमानत आदेश में निर्धारित शर्तों को पूरा करने में असमर्थता के कारण जमानत का लाभ दिए जाने के बावजूद हिरासत में हैं।1. कोर्ट जब एक अंडरट्रायल कैदी/दोषी को जमानत देता है, उसे उसी दिन या अगले दिन जेल अधीक्षक के माध्यम से कैदी को ई-मेल द्वारा जमानत आदेश की सॉफ्ट कॉपी भेजनी होगी। जेल अधीक्षक को ई-जेल सॉफ्टवेयर [या कोई अन्य सॉफ्टवेयर जो जेल विभाग द्वारा उपयोग किया जा रहा है] में जमानत देने की...

कानून बनाना संसद का काम’: सुप्रीम कोर्ट ने दो सीटों पर चुनाव लड़ने से रोकने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से किया इनकार
'कानून बनाना संसद का काम’: सुप्रीम कोर्ट ने दो सीटों पर चुनाव लड़ने से रोकने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक साथ दो लोकसभा सीट या विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने से रोकने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार किया।याचिका में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 33 (7) की संवैधानिकता को चुनौती दी गई थी।जन प्रतिनिधित्व कानून अधिनियम की धारा-33 (7) के तहत प्रावधान है कि एक उम्मीदवार 2 सीटों से चुनाव लड़ सकता है। वहीं धारा-70 कहती है कि 2 सीटों से चुनाव लड़ने के बाद अगर उम्मीदवार दोनों सीटों पर विजयी रहता है तो उसे 1 सीट से इस्तीफा देना होगा क्योंकि वो 1 सीट ही अपने पास रख...

हमारे पास नाम और फोन नंबर के अलावा कोई यूजर्स डेटा नहीं; हम सेंसिटिव पर्सनल डेटा प्रोसेस नहीं करते: सुप्रीम कोर्ट में व्हाट्सएप ने कहा
हमारे पास नाम और फोन नंबर के अलावा कोई यूजर्स डेटा नहीं; हम सेंसिटिव पर्सनल डेटा प्रोसेस नहीं करते: सुप्रीम कोर्ट में व्हाट्सएप ने कहा

सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को व्हाट्सएप ने कहा कि पॉलिसी के अनुसार वह अपने यूजर्स का सेंसिटिव पर्सनल डेटा प्रोसेस नहीं करता है।जस्टिस केएम जोसेफ, जस्टिस अजय रस्तोगी, जस्टिस अनिरुद्ध बोस, जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस सीटी रविकुमार की संविधान खंडपीठ व्हाट्सएप की 2016 की प्राइवेसी पॉलिसी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। मामला 2017 में संविधान पीठ को भेजा गया था।सुनवाई की पिछली तिथि पर खंडपीठ को अवगत कराया गया कि बजट सत्र, 2023 की दूसरी छमाही में संसद में डेटा संरक्षण विधेयक पेश किया...

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति के लिए इलाहाबाद एचसी सीजे राजेश बिंदल और गुजरात एचसी सीजे अरविंद कुमार के नाम की सिफारिश की
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति के लिए इलाहाबाद एचसी सीजे राजेश बिंदल और गुजरात एचसी सीजे अरविंद कुमार के नाम की सिफारिश की

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और गुजरात हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार के नामों को मंज़ूरी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट में वर्तमान में 34 न्यायाधीशों की स्वीकृत शक्ति है और ये फिलहाल 27 न्यायाधीशों के साथ कार्य कर रहा है। इस प्रकार, सात स्पष्ट रिक्तियां हैं।कॉलेजियम ने 13 दिसंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए पांच नामों की सिफारिश की थी, जो इस प्रकार हैं।(i) जस्टिस पंकज...

याचिकाकर्ता को चयनात्मक नहीं, बल्‍कि निरपेक्ष होना चाहिए: धार्मिक नामों वाले राजनीतिक दलों पर प्रतिबंध लगाने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा
याचिकाकर्ता को चयनात्मक नहीं, बल्‍कि निरपेक्ष होना चाहिए: धार्मिक नामों वाले राजनीतिक दलों पर प्रतिबंध लगाने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि धार्मिक नामों और प्रतीकों वाले राजनीतिक दलों पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली जनहित याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ता को अपने दृष्टिकोण में चयनात्मक नहीं होना चाहिए।याचिकाकर्ता को "सभी के लिए निष्पक्ष" और "धर्मनिरपेक्ष" होना चाहिए और इस आरोप के लिए जगह नहीं देनी चाहिए कि केवल एक विशेष समुदाय को लक्षित किया गया था।अदालत ने यह मौखिक टिप्पणी यह आपत्ति जताने के बाद की कि याचिकाकर्ता केवल मुस्लिम नामों वाले पक्षों को निशाना बना रहा है।जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस...

Supreme Court
आईपीसी की धारा 497 को रद्द करने के बावजूद सशस्‍त्र बल कर्मी को व्यभिचार के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना होगा: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण है फैसले में स्पष्ट किया कि शीर्ष अदालत ने 2018 में एक फैसले में आईपीसी की धारा 497 को रद्द कर दिया था, ‌जिसके तहत व्यभिचार को अपराध माना जाता था, इसके बाद भी व्यभिचार के लिए सशस्त्र बल में कार्यरत व्यक्ति के खिलाफ शुरू की गई कोर्ट मार्शल की कार्यवाही प्रभावित नहीं होगी।पीठ ने कहा कि जोसेफ शाइन बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले में 2018 का फैसला सशस्त्र बल अधिनियमों के प्रावधानों से बिल्कुल भी संबंधित नहीं था। पीठ ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद...

पीएम केयर्स फंड भारत सरकार का फंड नहीं, इस पर पब्लिक अथॉरिटी का लेबल नहीं लगाया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट में पीएमओ ने कहा
पीएम केयर्स फंड भारत सरकार का फंड नहीं, इस पर 'पब्लिक अथॉरिटी' का लेबल नहीं लगाया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट में पीएमओ ने कहा

दिल्ली हाईकोर्ट को प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बताया कि पीएम केयर्स फंड भारत के संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत "स्टेट" नहीं है और सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत "पब्लिक अथॉरिटी" के रूप में इसका गठन नहीं किया गया है।पीएमओ के अवर सचिव द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया कि पीएम केयर्स फंड को सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट के रूप में स्थापित किया गया और यह भारत के संविधान या संसद या किसी राज्य विधानमंडल द्वारा या उसके तहत नहीं बनाया गया।हलफनामा में आगे कहा गया,"यह ट्रस्ट न तो इरादा है और न ही...

पार्टी के नाम में महज मुस्लिमीन शब्द  मतदाताओं से धर्म के आधार पर अपील के समान नहीं हो सकता: सुप्रीम कोर्ट में AIMIM ने कहा
पार्टी के नाम में महज 'मुस्लिमीन' शब्द मतदाताओं से धर्म के आधार पर अपील के समान नहीं हो सकता: सुप्रीम कोर्ट में AIMIM ने कहा

सुप्रीम कोर्ट के समक्ष असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) ने जवाबी हलफनामा दायर किया, जिसमें उन राजनीतिक दलों को आवंटित किए गए चुनाव-चिह्न और नाम रद्द करने के लिए जनहित याचिका का विरोध किया गया, जो अपने नाम पर धर्म का उपयोग कर रहे हैं या अपने चुनाव-चिह्न में धार्मिक अर्थ ले रहे हैं।AIMIM का दावा है कि पार्टी के नाम में केवल 'मुस्लिमीन' शब्द का उल्लेख धर्म के आधार पर मतदाताओं से कोई विशेष अपील नहीं कर सकता है। इसे धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों का उल्लंघन...

केवल अंग्रेजी ट्रांसलेशन में ही गवाहों की गवाही रिकॉर्ड न करें; सीआरपीसी की धारा 277 का पालन करें: सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से कहा
केवल अंग्रेजी ट्रांसलेशन में ही गवाहों की गवाही रिकॉर्ड न करें; सीआरपीसी की धारा 277 का पालन करें: सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से कहा

सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के जजों द्वारा उस गवाह के बयान का अनुवाद करके केवल अंग्रेजी भाषा में दर्ज करने की प्रथा को अस्वीकार कर दिया, जो अलग भाषा में गवाही देता है।गवाह के साक्ष्य को कोर्ट की भाषा में या गवाह की भाषा में, जैसा भी संभव हो, दर्ज किया जाना चाहिए और फिर रिकॉर्ड का हिस्सा बनाने के लिए कोर्ट की भाषा में इसका अनुवाद किया जाना चाहिए।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गवाह की गवाही को केवल अंग्रेजी भाषा में अनूदित रूप में रिकॉर्ड पर रखने की अनुमति नहीं है, यदि गवाह कोर्ट की भाषा में या अपनी...

धारा 482 सीआरपीसी। वाद के लंबित होने को छिपाया गया, सिविल विवाद को अपराध का लबादा पहनाने का प्रयास किया गया : सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक कार्यवाही रद्द की
धारा 482 सीआरपीसी। वाद के लंबित होने को छिपाया गया, सिविल विवाद को अपराध का लबादा पहनाने का प्रयास किया गया : सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक कार्यवाही रद्द की

सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि धारा 482 सीआरपीसी के तहत शक्तियों के प्रयोग में आपराधिक कार्यवाही को रद्द किया जा सकता है, जब यह पाया जाता है कि किसी विवाद को "आपराधिक कृत्य का लबादा" पहनाने का प्रयास किया गया था जो अनिवार्य रूप से सिविल प्रकृति का है।अदालत ने यह कहते हुए आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया कि धारा 156 (3), सीआरपीसी के तहत दायर आवेदन कथित अपराधों को आकर्षित करने के लिए आवश्यक सामग्री को संतुष्ट नहीं करता है और वे अस्पष्ट हैं। साथ ही, आवेदन में आकस्मिक घटना पर लंबित सिविल विवाद के...

शादी करने के वादे का हर उल्लंघन  बलात्कार  नहीं : सुप्रीम कोर्ट ने दस साल के सजायाफ्ता व्यक्ति को बरी किया
शादी करने के वादे का हर उल्लंघन ' बलात्कार ' नहीं : सुप्रीम कोर्ट ने दस साल के सजायाफ्ता व्यक्ति को बरी किया

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि शादी करने के वादे के हर उल्लंघन को झूठा वादा मानना और आईपीसी की धारा 376 के तहत बलात्कार के अपराध के लिए किसी व्यक्ति पर मुकदमा चलाना मूर्खता होगी।जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने बलात्कार के मामले में समवर्ती रूप से दोषी ठहराए गए एक व्यक्ति को बरी करते हुए कहा, कोई भी इस संभावना से इनकार नहीं कर सकता है कि आरोपी ने पूरी गंभीरता के साथ उससे शादी करने का वादा किया होगा, और बाद में उसके द्वारा अप्रत्याशित कुछ परिस्थितियों या उसके नियंत्रण से बाहर...

BBC Documentary
नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर बैन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अगले सप्ताह सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' को ब्लॉक करने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) छह फरवरी को सुनवाई करेगा।एक याचिका सीरियल वादी एडवोकेट एमएल शर्मा ने दायर की है। एक अन्य याचिका पत्रकार एन. राम, एडवोकेट प्रशांत भूषण और कुछ अन्य ने दायर की है।शर्मा ने तत्काल लिस्टिंग के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के समक्ष याचिका का उल्लेख किया। सीजेआई इस मामले को अगले हफ्ते सूचीबद्ध करने पर सहमत हुए।सीनियर एडवोकेट सीयू सिंह...

Supreme Court
जब एक बेटे ने पिता की स्व-अर्जित संपत्ति पर अपना अधिकार छोड़ दिया तो उसके बेटों को हिस्से का दावा करने से वर्जित किया जाएगा : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा कि संपत्ति पर दावा करने से एस्टॉपेल यानी विबंधन के प्रभाव को उन व्यक्तियों द्वारा दावा नहीं किया जा सकता है जिनके आचरण ने एस्टॉपेल उत्पन्न किया है।जस्टिस के एम जोसेफ और जस्टिस हृषिकेश रॉय ने कहा कि जब एक बेटा पिता की स्व-अर्जित संपत्ति पर अपना अधिकार छोड़ देता है; और विबंधन का सिद्धांत इस आचरण पर प्रतिफल की प्राप्ति के साथ बेटे और उसके उत्तराधिकारियों पर लागू होगा।तथ्यात्मक पृष्ठभूमिमामला एक व्यक्ति की दूसरी शादी से दो बच्चों द्वारा दायर संपत्ति के बंटवारे के...

बॉम्बे हाईकोर्ट, मुंबई
‘सेटलमेंट की कोशिशों के बाद पति के व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया, पत्नी को दोष नहीं दिया जा सकता’: बॉम्बे हाईकोर्ट ने तलाकशुदा महिला को भरण-पोषण देने के आदेश को बरकरार रखा

बॉम्बे हाईकोर्ट ने उस महिला को भरण-पोषण देने के आदेश को बरकरार रखा है, जिसके पति की तलाक की याचिका को फैमिली कोर्ट ने परित्याग और क्रूरता के आधार पर स्वीकार कर लिया था। इस तर्क से निपटते हुए कि तलाक की डिक्री से पहले उसने पर्याप्त कारण के बिना पति के साथ रहने से इनकार कर दिया था और इस तरह वह भरण-पोषण पाने की हकदार नहीं है, अदालत ने कहा कि वह अपने वैवाहिक घर वापस गई थी, लेकिन संभवतः उसने अपने पति के व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं देखा और उसने फिर से वैवाहिक घर छोड़ दिया, तो यह नहीं कहा जा...

सरकार अदालतों को ऐसे लोगों से भर देना चाहती है जो उनकी बात मानें, उनकी आलोचना न करें और उनके हर कार्य का समर्थन करें : पूर्व न्यायाधीश जस्टिस दीपक गुप्ता
सरकार अदालतों को ऐसे लोगों से भर देना चाहती है जो उनकी बात मानें, उनकी आलोचना न करें और उनके हर कार्य का समर्थन करें' : पूर्व न्यायाधीश जस्टिस दीपक गुप्ता

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस दीपक गुप्ता ने हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित दूसरे बीआर अंबेडकर मेमोरियल लेक्चर 2023 में अतिथि व्याख्यान देते हुए कहा कि सरकार अदालतों को ऐसे पुरुषों और महिलाओं से भर देना चाहती है जो उनकी बात मानें और जो उनकी आलोचना न करें और उनके हर कार्य का समर्थन करें। जस्टिस दीपक गुप्ता ने 'लोगों की इच्छा या कानून का शासन' (Will of the People or Rule of Law') विषय पर अपना व्याख्यान देते हुए बहुमत की शक्ति के दुरुपयोग पर रोक के रूप में 'मूल संरचना...