संपादकीय

सुप्रीम कोर्ट में कितना क्षेत्रीय प्रतिनिधि है? सूची में दिल्ली, यूपी सबसे आगे, असम को छोड़कर उत्तर-पूर्वी राज्यों का प्रतिनिधित्व नहीं
सुप्रीम कोर्ट में कितना क्षेत्रीय प्रतिनिधि है? सूची में दिल्ली, यूपी सबसे आगे, असम को छोड़कर उत्तर-पूर्वी राज्यों का प्रतिनिधित्व नहीं

न्यायिक नियुक्तियों को लेकर केंद्र और सुप्रीम में चल रहे विवाद के बीच पिछले हफ्ते सरकार ने उच्च न्यायालयों के पांच मुख्य न्यायाधीशों और उप-न्यायाधीशों की सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति को अधिसूचित किया। इनके नामों को दिसंबर में कॉलेजियम ने मंजूरी दे दी थी।सोमवार को जस्टिस पंकज मिथल, जस्टिस संजय करोल, जस्टिस पी.वी. संजय कुमार, जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस मनोज मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में शपथ ली। हम देखते हैं कि देश के सुप्रीम कोर्ट में भारत के राज्यों और केंद्र शासित...

आप भले ही प्रेसिडेंट हो सकते हैं, अपनी आवाज मत उठाइए  : जस्टिस शाह ने एससीबीए प्रेसिडेंट से कहा
"आप भले ही प्रेसिडेंट हो सकते हैं, अपनी आवाज मत उठाइए " : जस्टिस शाह ने एससीबीए प्रेसिडेंट से कहा

जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने मंगलवार को एससीबीए के अध्यक्ष सीनियर एडवोकेट विकास सिंह से नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सिंह भले ही " प्रेसिडेंट हो सकते हैं", उन्हें "अपनी आवाज नहीं उठानी चाहिए" और " कोर्ट को धमकाने कोशिश" नहीं करनी चाहिए।पीठ जयपुर में राजस्थान हाईकोर्ट की एकल पीठ के नवंबर 2020 के फैसले के खिलाफ राजस्थान के विशेष न्यायाधीश ( पॉक्सो मामले) द्वारा एक एसएलपी पर सुनवाई कर रही थी, जहां यह माना गया था कि एसएलपी याचिकाकर्ता न्यायिक अधिकारी...

जरूरी नहीं है कि सरोगेट मां आनुवंशिक रूप से बच्चे से संबंधित हो  : केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में सरोगेसी कानून के प्रावधानों को स्पष्ट किया
'जरूरी नहीं है कि सरोगेट मां आनुवंशिक रूप से बच्चे से संबंधित हो ' : केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में सरोगेसी कानून के प्रावधानों को स्पष्ट किया

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र को तीन महत्वपूर्ण स्पष्टीकरणों को तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्देश दिया, जो केंद्र सरकार ने नेशनल असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी एंड सरोगेसी बोर्ड के परामर्श से सरोगेसी और सहायक प्रजनन तकनीकों पर मौजूदा नियमों के संबंध में जारी किए हैं।जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (रेगुलेशन) एक्ट, 2021, असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (रेगुलेशन) रूल्स, 2022, सरोगेसी ( (रेगुलेशन) एक्ट, 2021 और सरोगेसी (रेगुलेशन)...

न्यायिक अधिकारी पेंशन : सुप्रीम कोर्ट ने अनुपालन न करने वाले राज्यों के मुख्य सचिवों को तलब कर पूछा क्यों न अवमानना कार्यवाही शुरू की जाए
न्यायिक अधिकारी पेंशन : सुप्रीम कोर्ट ने अनुपालन न करने वाले राज्यों के मुख्य सचिवों को तलब कर पूछा क्यों न अवमानना कार्यवाही शुरू की जाए

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारियों की पेंशन बढ़ाने के संबंध में अपने पहले के निर्देशों का पालन नहीं करने वाले कुछ राज्यों को गंभीरता से लिया।जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने यह देखते हुए कि झारखंड, केरल, कर्नाटक, मिजोरम और उत्तर प्रदेश राज्यों ने पेंशन बकाया जमा करने में चूक की है, आदेश दिया कि इन राज्यों के मुख्य सचिव व्यक्तिगत रूप से सुनवाई की अगली तारीख 28 फरवरी पर उपस्थित होकर कारण बताएं कि इसके लिए अवमानना कार्यवाही क्यों शुरू नहीं की जानी चाहिए।सुनवाई...

आरोपी का वर्जिनिटी टेस्ट कराना असंवैधानिक: दिल्ली हाईकोर्ट ने सिस्टर सेफी को सीबीआई से मुआवजा मांगने की अनुमति दी
'आरोपी का वर्जिनिटी टेस्ट कराना असंवैधानिक': दिल्ली हाईकोर्ट ने सिस्टर सेफी को सीबीआई से मुआवजा मांगने की अनुमति दी

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने कहा कि 1992 में सिस्टर अभया मर्डर केस में सिस्टर सेफी का वर्जिनिटी टेस्ट असंवैधानिक है।जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा कि न्यायिक या पुलिस हिरासत में अन्वेषण के दौरान एक आरोपी का वर्जिनिटी टेस्ट भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के उल्लंघन के रूप में असंवैधानिक है।कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 21 को अन्वेषण के दौरान सस्पेंड नहीं किया गया है। अदालत ने आपराधिक मामला समाप्त होने के बाद अपने मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए मुआवजे की मांग करने के लिए सिस्टर सेफी को...

हाईकोर्ट के जज के रूप में विक्टोरिया गौरी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली सुनवाई से पहले सुप्रीम कोर्ट में हाई ड्रामा
हाईकोर्ट के जज के रूप में विक्टोरिया गौरी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली सुनवाई से पहले सुप्रीम कोर्ट में हाई ड्रामा

मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) के एडिशनल जज के रूप में एल विक्टोरिया गौरी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई से पहले सुप्रीम कोर्ट में हाई ड्रामा हुआ।याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने शीघ्र सुनवाई की मांग की क्योंकि मद्रास उच्च न्यायालय में शपथ ग्रहण समारोह सुबह 10.35 बजे निर्धारित किया गया था। याचिकाओं को मूल रूप से जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ के समक्ष आइटम नंबर 38 के रूप में सूचीबद्ध किया गया था।वकीलों को बताया गया कि मामले की सुनवाई पहली अदालत (CJI की बेंच)...

Victoria Gauri
सुप्रीम कोर्ट ने एडवोकेट लक्ष्मण चंद्र विक्टोरिया गौरी को मद्रास हाईकोर्ट में बतौर जज नियुक्ति के खिलाफ दायर याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एडवोकेट लक्ष्मण चंद्र विक्टोरिया गौरी को मद्रास हाईकोर्ट में बतौर जज नियुक्ति के खिलाफ दायर याचिका खारिज की।जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने कहा कि ये नहीं माना जा सकता है कि कॉलेजियम गौरी की राजनीतिक पृष्ठभूमि या उनके आर्टिकल से अवगत नहीं था जो बाद में सार्वजनिक डोमेन में सामने आए।पीठ ने कहा कि उन्हें केवल एक अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जा रहा है और ऐसे उदाहरण हैं जहां व्यक्तियों की पुष्टि नहीं की गई है।पीठ मद्रास हाईकोर्ट के वकीलों...

भारत के विदेशी नागरिकों के अधिकार: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से भारतीय डायस्पोरा पर प्रभाव को ध्यान में रखते हुए 2021 की अधिसूचना की जांच के लिए आग्रह किया
भारत के विदेशी नागरिकों के अधिकार: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से भारतीय डायस्पोरा पर प्रभाव को ध्यान में रखते हुए 2021 की अधिसूचना की जांच के लिए आग्रह किया

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को केंद्र सरकार द्वारा 2021 में जारी अधिसूचना को बरकरार रखा जिसने भारत के विदेशी नागरिकों (OCI) श्रेणी के छात्रों के सामान्य सीटों के लिए आवेदन करने के अधिकारों को छीन लिया और उनका अधिकार केवल अनिवासी भारतीयों (NRI) श्रेणी की सीटें तक सीमित कर दिया, लेकिन संभावित प्रभाव से।बेंच ने देखा कि 2021 की अधिसूचना का 'व्यापक प्रभाव' होगा। जस्टिस ए.एस. बोपन्ना और जस्टिस सी.टी. रविकुमार ने कहा कि केंद्र सरकार से उम्मीद की जाती है कि वह पिछली अधिसूचनाओं द्वारा पहले...

सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र
सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र

सुप्रीम कोर्ट में पिछले सप्ताह (30 जनवरी, 2023 से 3 फरवरी, 2023 तक) तक क्या कुछ हुआ, जानने के लिए देखते हैं सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप। पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र।वीआरएस लेने वाले कर्मचारी आयु प्राप्त करने पर सेवानिवृत्त होने वाले अन्य लोगों के साथ समानता का दावा नहीं कर सकते : सुप्रीम कोर्टसुप्रीम कोर्ट ने माना है कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) के तहत सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी वेतन संशोधन के उद्देश्यों के लिए सेवानिवृत्ति की आयु प्राप्त करने पर...

दिल्ली पुलिस ने उन्हें बलि का बकरा बनाया : दिल्ली कोर्ट ने शरजील इमाम और अन्य को जामिया हिंसा मामले में डिस्चार्ज किया
"दिल्ली पुलिस ने उन्हें बलि का बकरा बनाया" : दिल्ली कोर्ट ने शरजील इमाम और अन्य को जामिया हिंसा मामले में डिस्चार्ज किया

दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली में 2019 के जामिया हिंसा मामले में शरजील इमाम, सफूरा जरगर, आसिफ इकबाल तन्हा और आठ अन्य को डिस्चार्ज करते हुए शनिवार को कहा कि पुलिस "वास्तविक अपराधियों" को पकड़ने में असमर्थ रही और "निश्चित रूप से उन्हें बलि का बकरा बनाया गया।" अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरुल वर्मा ने गलत तरीके से चार्जशीट दायर करने के लिए अभियोजन पक्ष की खिंचाई करते हुए कहा कि पुलिस ने विरोध करने वाली भीड़ में से कुछ लोगों को आरोपी और अन्य को पुलिस गवाह के रूप में पेश करने के लिए "मनमाने ढंग से चुना"...

मरने का अधिकार: सुप्रीम कोर्ट ने इच्छामृत्यु चुनने के लिए लोगों शर्तें आसान कीं, अग्रिम चिकित्सा निर्देशों/ विल पर 2018 के निर्देशों में ढील दी
मरने का अधिकार: सुप्रीम कोर्ट ने इच्छामृत्यु चुनने के लिए लोगों शर्तें आसान कीं, अग्रिम चिकित्सा निर्देशों/ विल पर 2018 के निर्देशों में ढील दी

सुप्रीम कोर्ट ने 2018 के उस फैसले में अग्रिम चिकित्सा निर्देशों, या लिविंग विल से संबंधित निर्देशों में संशोधन किया है, जिसमें संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गरिमा के साथ जीने के अधिकार के एक अविच्छेद पहलू के रूप में गरिमा के साथ मरने के अधिकार को मान्यता दी गई थी और तदनुसार, इच्छामृत्यु की कानूनी वैधता को बरकरार रखा था।संशोधन आदेश उस संविधान पीठ द्वारा पारित किया गया था जिसमें जस्टिस के एम जोसेफ, जस्टिस अजय रस्तोगी, जस्टिस अनिरुद्ध बोस, जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस सी टी रविकुमार शामिल थे जो ...

धर्मनिरपेक्ष राज्य को किसी भी कीमत पर हेट स्पीच को रोकना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
धर्मनिरपेक्ष राज्य को किसी भी कीमत पर हेट स्पीच को रोकना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर जोर देते हुए कि भारत "धर्मनिरपेक्ष राज्य" है और हेट स्पीच की अनुमति नहीं दी जा सकती है, शुक्रवार को निर्देश दिया कि 5 फरवरी को मुंबई में 'सकल हिंदू समाज' द्वारा प्रस्तावित बैठक की पुलिस द्वारा वीडियोग्राफी की जानी चाहिए और न्यायालय को इसकी सूचना दी जानी चाहिए।न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि यदि हेट स्पीच या कानून और व्यवस्था की समस्याओं को रोकने के लिए गिरफ्तारी आवश्यक है तो पुलिस को सीआरपीसी की धारा 151 के आदेश के अनुसार कार्य करना चाहिए।खंडपीठ पिछले रविवार को इसी...

केंद्र बनाम कॉलेजियम : सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को चेताया, अगर ट्रांसफर सिफारिशों की मंज़ूरी  नहीं  दी  तो  असहज आदेश जारी हो सकते हैं
केंद्र बनाम कॉलेजियम : सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को चेताया, अगर ट्रांसफर सिफारिशों की मंज़ूरी नहीं दी तो " असहज' आदेश जारी हो सकते हैं

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को किसी स्पष्ट शब्दों में कहा कि अगर केंद्र सरकार की ओर से जजों के ट्रांसफर के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों पर विचार करने में और देरी होती है तो वह 'अप्रिय' न्यायिक और साथ ही प्रशासनिक कार्रवाई करने के लिए विवश होगा। जस्टिस एस के कौल और जस्टिस ए एस ओक ने पिछली सुनवाई में मौखिक रूप से कहा था, "स्थानांतरण के लिए दस सिफारिशें की गई हैं। ये सितंबर के अंत और नवंबर के अंत में की गई हैं। इसमें सरकार की बहुत सीमित भूमिका है। उन्हें लंबित रखने से बहुत...

‘सुनिश्चित करें कि हिंदू जन आक्रोश रेली में कोई हेट स्पीच नहीं दी जाएगी’: सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिए
‘सुनिश्चित करें कि हिंदू जन आक्रोश रेली में कोई हेट स्पीच नहीं दी जाएगी’: सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिए

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने महाराष्ट्र सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि अगर अधिकारी सकल हिंदू समाज को 5 फरवरी यानी रविवार को मुंबई में हिंदू जन आक्रोश रैली आयोजित करने की अनुमति देते हैं तो उसमें कोई हेट स्पीच नहीं दी जाएगी। इवेंट को रिकॉर्ड किया जाएगा।भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ के समक्ष अंडरटेकिंग दिया, जो संगठन की प्रस्तावित बैठक पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी।29 जनवरी को मुंबई में सकल हिंदू...

मोदी पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को बैन करने के खिलाफ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी किया
मोदी पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को बैन करने के खिलाफ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी किया

बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' को ब्लॉक करने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र को नोटिस जारी किया।जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की खंडपीठ ने निर्देश दिया कि केंद्र सुनवाई की अगली तारीख पर आदेश से संबंधित ओरिजिनल रिकॉर्ड पेश करे।अगली सुनवाई अप्रैल में होगी।पीठ पत्रकार एन राम, एडवोकेट प्रशांत भूषण और टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की ओर से दायर याचिका और एडवोकेट एमएल शर्मा की ओर से दायर एक अन्य याचिका पर विचार...

वैवाहिक विवादों से संबंधित अपराधों के मामलों में पक्षों के बीच आपराधिक कार्यवाही को रद्द किया जा सकता है अगर उन्होंने वैवाहिक विवादों को वास्तव में सुलझाया लिया है: सुप्रीम कोर्ट
वैवाहिक विवादों से संबंधित अपराधों के मामलों में पक्षों के बीच आपराधिक कार्यवाही को रद्द किया जा सकता है अगर उन्होंने वैवाहिक विवादों को वास्तव में सुलझाया लिया है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि वैवाहिक विवादों से संबंधित अपराधों के मामलों में पक्षों के बीच आपराधिक कार्यवाही को रद्द किया जा सकता है अगर उन्होंने वैवाहिक विवादों को वास्तव में सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाया लिया है।इस मामले में, पत्नी द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के अनुसार पति पर भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए, 427, 504 और 506 के तहत आरोप लगाया गया था। दंपति ने एक समझौता किया और आपसी सहमति से तलाक की डिक्री उन्हें मंजूर कर ली गई।पक्षकार इस बात पर भी सहमत हुए कि एफआईआर और उससे उत्पन्न...

वोट देने का अधिकार एक संवैधानिक अधिकार है; न केवल एक वैधानिक अधिकार: सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़
वोट देने का अधिकार एक संवैधानिक अधिकार है; न केवल एक वैधानिक अधिकार: सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़

जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 33(7) की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने इस विचार पर अपना व्यक्त किया कि वोट देने का अधिकार एक वैधानिक अधिकार है।कोर्ट ने एक साथ दो लोकसभा सीट या विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने से रोकने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया।इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट गोपाल शंकरनारायणन ने प्रस्तुत किया था कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 33 (7) प्रकृति में प्रतिबंधात्मक है और...