संपादकीय
जब एक बेटे ने पिता की स्व-अर्जित संपत्ति पर अपना अधिकार छोड़ दिया तो उसके बेटों को हिस्से का दावा करने से वर्जित किया जाएगा : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा कि संपत्ति पर दावा करने से एस्टॉपेल यानी विबंधन के प्रभाव को उन व्यक्तियों द्वारा दावा नहीं किया जा सकता है जिनके आचरण ने एस्टॉपेल उत्पन्न किया है।जस्टिस के एम जोसेफ और जस्टिस हृषिकेश रॉय ने कहा कि जब एक बेटा पिता की स्व-अर्जित संपत्ति पर अपना अधिकार छोड़ देता है; और विबंधन का सिद्धांत इस आचरण पर प्रतिफल की प्राप्ति के साथ बेटे और उसके उत्तराधिकारियों पर लागू होगा।तथ्यात्मक पृष्ठभूमिमामला एक व्यक्ति की दूसरी शादी से दो बच्चों द्वारा दायर संपत्ति के बंटवारे के...
‘सेटलमेंट की कोशिशों के बाद पति के व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया, पत्नी को दोष नहीं दिया जा सकता’: बॉम्बे हाईकोर्ट ने तलाकशुदा महिला को भरण-पोषण देने के आदेश को बरकरार रखा
बॉम्बे हाईकोर्ट ने उस महिला को भरण-पोषण देने के आदेश को बरकरार रखा है, जिसके पति की तलाक की याचिका को फैमिली कोर्ट ने परित्याग और क्रूरता के आधार पर स्वीकार कर लिया था। इस तर्क से निपटते हुए कि तलाक की डिक्री से पहले उसने पर्याप्त कारण के बिना पति के साथ रहने से इनकार कर दिया था और इस तरह वह भरण-पोषण पाने की हकदार नहीं है, अदालत ने कहा कि वह अपने वैवाहिक घर वापस गई थी, लेकिन संभवतः उसने अपने पति के व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं देखा और उसने फिर से वैवाहिक घर छोड़ दिया, तो यह नहीं कहा जा...
सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र
सुप्रीम कोर्ट में पिछले सप्ताह (23 जनवरी, 2023 से 27 जनवरी, 2023 तक) तक क्या कुछ हुआ, जानने के लिए देखते हैं सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप। पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र।धर्म तभी महत्वपूर्ण है जब वह कानून के तहत प्रासंगिक हो, अन्यथा भारत धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र : सुप्रीम कोर्टसुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि हमारे देश में धर्म तभी महत्वपूर्ण है जब वह कानून के तहत प्रासंगिक हो, अन्यथा सभी उद्देश्यों के लिए भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। " धर्म महत्वपूर्ण है जब यह...
सरकार अदालतों को ऐसे लोगों से भर देना चाहती है जो उनकी बात मानें, उनकी आलोचना न करें और उनके हर कार्य का समर्थन करें' : पूर्व न्यायाधीश जस्टिस दीपक गुप्ता
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस दीपक गुप्ता ने हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित दूसरे बीआर अंबेडकर मेमोरियल लेक्चर 2023 में अतिथि व्याख्यान देते हुए कहा कि सरकार अदालतों को ऐसे पुरुषों और महिलाओं से भर देना चाहती है जो उनकी बात मानें और जो उनकी आलोचना न करें और उनके हर कार्य का समर्थन करें। जस्टिस दीपक गुप्ता ने 'लोगों की इच्छा या कानून का शासन' (Will of the People or Rule of Law') विषय पर अपना व्याख्यान देते हुए बहुमत की शक्ति के दुरुपयोग पर रोक के रूप में 'मूल संरचना...
मोहसिन शेख की हत्या के मामले में कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी किया, नमाज़ पढ़कर लौटते समय 21 लोगों ने किया था हमला
पुणे की एक सत्र अदालत ने 28 वर्षीय मुस्लिम युवक मोहसिन शेख की हत्या के सभी आरोपियों को बरी कर दिया, जिसमें कट्टरपंथी संगठन हिंदू राष्ट्र सेना (एचआरएस) प्रमुख धनंजय जयराम देसाई भी शामिल है। नौ साल पहले मोहसिन शेख की उस समय पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी, जब वह शाम के समय की नमाज़ पढ़कर लौट रहा था। सत्र न्यायाधीश एसबी सालुंखे ने 21 आरोपियों को सभी आरोपों से बरी कर दिया। हडपसर पुलिस ने आरोपियों पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 143 (गैरकानूनी सभा), 147/148 (दंगे, हथियार से...
कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित नामों को रोकना लोकतंत्र के खिलाफ: सेवानिवृत्त जज, जस्टिस आरएफ नरीमन ने कहा, सुप्रीम कोर्ट को कॉलेजियम प्रस्तावों के लिए सख्त समय-सीमा तय करनी चाहिए
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज (सेवानिवृत्त) जस्टिस रोहिंटन नरीमन ने शुक्रवार को कहा कि न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर के सभी ढीले सिरों को बांधने के लिए पांच-न्यायाधीशों की पीठ का गठन करना चाहिए और सरकार को कॉलेजियम के प्रस्तावों का जवाब देने के लिए सख्त समय सीमा निर्धारित करनी चाहिए। अन्यथा यह लिया जाना चाहिए सरकार के पास कहने के लिए कुछ नहीं है और नियुक्तियां की जानी चाहिए।जस्टिस नरीमन ने यह भी कहा कि कॉलेजियम पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सही या गलत हो सकता है, लेकिन कानून...
सीआरपीसी की धारा 125-बालिग अविवाहित बेटी केवल इस आधार पर पिता से भरण-पोषण पाने की हकदार नहीं है कि वह खुद का भरण-पोषण करने में असमर्थ हैः केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने बुधवार को दोहराया कि एक अविवाहित बेटी, जिसने वयस्कता प्राप्त कर ली है, अपने पिता पर सीआरपीसी की धारा 125 (1) के तहत केवल इस आधार पर भरण-पोषण का दावा नहीं कर सकती है कि उसके पास अपने भरण-पोषण के साधन नहीं हैं।न्यायालय ने कहा कि एक अविवाहित बेटी किसी भी शारीरिक, मानसिक असामान्यता या चोट के कारण खुद को बनाए रखने में असमर्थ है तो सीआरपीसी की धारा 125 (1) के तहत भरण-पोषण का दावा करने की हकदार है, हालांकि इस संबंध में दलील और सबूत अनिवार्य हैं।जस्टिस ए बदरुद्दीन ने यह भी स्पष्ट किया...
दिल्ली मेयर चुनाव में देरी के खिलाफ आप नेता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 3 फरवरी को करेगा सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली मेयर चुनाव समय पर कराने से संबंधित याचिका पर 3 फरवरी 2023 को सुनवाई करेगा।चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ के समक्ष सीनियर एडवोकेट एएम सिंघवी ने इस मामले का उल्लेख किया।दिल्ली में मेयर पद के चुनाव समय पर कराने की मांग को लेकर आम आदमी पार्टी की मेयर उम्मीदवार डॉ. शैली ओबेरॉय ने याचिका दायर की है।दिल्ली मेयर का चुनाव 24 जनवरी 2023 को होना था। हालांकि, कुछ पार्षदों के हंगामे के बाद एलजी द्वारा नियुक्त पीठासीन अधिकारी द्वारा सदन को...
'निजता और मानव गरिमा के अधिकार का पूर्ण उल्लंघन ': नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमेन ने सुप्रीम कोर्ट में आठ राज्यों के धर्मांतरण विरोधी कानूनों को चुनौती दी
नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमेन ने 8 राज्यों में बने धर्मांतरण कानूनों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर की।एओआर आकाश कामरा के माध्यम से दायर जनहित याचिका गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकारों द्वारा अधिनियमित कानूनों को चुनौती देती है।याचिका में आरोप लगाया गया है कि क़ानून "लुभाना" शब्द को व्यापक रूप से परिभाषित करते हैं, जो विवाह के उद्देश्य के लिए व्यक्तिगत निर्णयों को क्रियान्वित / राजी करने वाली अपनी...
'न्यायिक स्वतंत्रता पर हमले के बाद बार खामोश क्यों है?' सीनियर एडवोकेट आनंद ग्रोवर ने पूछा
न्यायिक नियुक्तियों और बुनियादी ढांचे के सिद्धांत के मुद्दे पर कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच बढ़ते विवाद पर सीनियर एडवोकेट और संयुक्त राष्ट्र के पूर्व विशेष दूत आनंद ग्रोवर ने कानूनी बिरादरी के सदस्यों से न्यायपालिका का समर्थन करने का आग्रह किया ताकि आजादी सुनिश्चित हो सके।इन मुद्दों पर बार एसोसिएशन की चुप्पी को 'त्रासदी' बताते हुए ग्रोवर ने कहा,'स्पष्ट रुख अपनाना बार की जिम्मेदारी है। बार न्यायपालिका को सुरक्षा की एक परत प्रदान करता है। लेकिन बार से जो समर्थन मिलना चाहिए था, दुर्भाग्य से...
हिरासत में टॉर्चर : डीके बसु मामले के दिशानिर्देश उच्च अधिकारियों को नहीं रोक सकते: सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से अतिरिक्त सुरक्षा उपायों को पारित करने का आग्रह किया
ऐतिहासिक मामले डीके बसु बनाम पश्चिम बंगाल राज्य में एमिकस क्यूरी सीनियर एडवोकेट डॉ अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से गिरफ्तार करने की शक्तियों के दुरुपयोग और हिरासत में यातना को रोकने के लिए अतिरिक्त दिशानिर्देश पारित करने का अनुरोध किया। जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ के समक्ष वे 24 जनवरी को इस मामले में आगे मांगे गए अतिरिक्त निर्देशों का विवरण देते हुए एक व्यापक नोट प्रस्तुत करने के लिए सहमत हुए।पीठ ने इस पर ध्यान देते हुए राज्यों, केंद्र और अन्य संबंधित पक्षों...
यूरोपीय संसद सदस्य ने भारत में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर जताई चिंता; कहा- 'भारत में एनजीओ को छुप-छुपकर काम करना पड़ रहा है'
फ़िनिश ग्रीन लीग की राजनीतिज्ञ और यूरोपीय संसद की सदस्य अल्विना अलामेत्सा ने कहा कि संविधान का लागू होना भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण है, लेकिन इस दिन के उत्सवों पर देश में वर्तमान में मानवाधिकारों के उल्लंघन का साया छाया हुआ है।आगे कहा कि उन्होंने हाल ही में पहली बार भारत का दौरा किया, जहां उन्होंने भारत के लोकतंत्र और मानवाधिकारों की स्थिति पर चर्चा करने के लिए मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, अधिकारियों, पत्रकारों और विद्वानों से मुलाकात की।उन्होंने कहा,“मैंने भारत में यात्रा के दौरान इन...
अगर रेप पीड़िता गर्भवती पाई जाती है और गर्भपात कराना चाहती है तो उसे उसी दिन मेडिकल बोर्ड के सामने पेश करें: दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस से कहा (वीडियो)
दिल्ली हाईकोर्ट ने मेडिकल जांच के बाद गर्भवती पाई गई रेप पीड़िता के संबंध में जांच अधिकारियों को कई दिशा-निर्देश दिए।कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा,“मेडिकल जांच में अगर रेप पीड़िता गर्भवती पाई जाती है और गर्भपात कराना चाहती है तो उसे उसी दिन मेडिकल बोर्ड के सामने पेश करें।“कोर्ट ने पीड़िता की मेडिकल जांच के समय ‘यूरिन प्रेगनेंसी टेस्ट’ कराना अनिवार्य बताया।कोर्ट को इसकी जानकारी दी गई कि प्रत्येक जिले के अस्पतालों में मेडिकल बोर्ड उपलब्ध नहीं हैं, जिससे जांच अधिकारियों के साथ-साथ पीड़ित को भी...
जानिए 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाए जाने की वजह और इसके इतिहास के बारे में
गणतंत्र दिवस (Republic Day) हर साल 26 जनवरी को देशभर में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है, क्योंकि 26 जनवरी 1950 के दिन ही भारत का संविधान लागू किया गया था। गणतंत्र दिवस के दिन देश की राजधानी दिल्ली में राजपथ पर परेड का आयोजन किया जाता है। इसके साथ ही इस दिन राष्ट्रपति द्वारा तिरंगा झंडा फहराया जाता है और 21 तोपों की सलामी दी जाती है। साथ ही स्वतंत्रता सेनानियों और वीर योद्धाओं को स्मरण किया जाता है। 26 जनवरी को चुनने की वजह भारत की संविधान सभा की स्थापना 9 दिसंबर 1946 को भारत के संविधान को लिखने...
अगर रेप पीड़िता गर्भवती पाई जाती है और गर्भपात कराना चाहती है तो उसे उसी दिन मेडिकल बोर्ड के सामने पेश करें: दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस से कहा
दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने बलात्कार के उन मामलों के संबंध में जांच अधिकारियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जहां पीड़िता मेडिकल जांच के बाद गर्भवती पाई जाती है।जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने निर्देश दिया कि यौन उत्पीड़न की पीड़िता की मेडिकल जांच के समय "यूरिन प्रेगनेंसी टेस्ट" कराना अनिवार्य होगा।अदालत ने आगे कहा कि जब पीड़िता, जो बालिग है और यौन उत्पीड़न के कारण गर्भवती पाई जाती है, गर्भपात कराना चाहती है, तो जांच अधिकारी यह सुनिश्चित करेगा कि उसे उसी दिन मेडिकल बोर्ड के समक्ष पेश...
‘आप वीडियो कॉन्फ्रेंस कॉन्फ्रेंसिंग फैसिलिटी के लिए कह सकते हैं': सुप्रीम कोर्ट ने धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट की एक बेंच गठित करने की मांग वाली याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट की पीठ के गठन की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।कांगड़ा जिला बार एसोसिएशन की याचिका की सुनवाई सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने की।सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने आदेश में कहा,"मुकदमेबाजों की सुविधा के लिए अतिरिक्त अदालतें स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा, अनुच्छेद 32 याचिका में उच्च न्यायालय के लिए एक पीठ की स्थापना के निर्देश पर विचार नहीं किया जा सकता...
सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी केस में आशीष मिश्रा को 8 हफ्ते की अंतरिम जमानत दी; मिश्रा को यूपी और दिल्ली छोड़ने को कहा
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में अक्टूबर 2021 में पांच लोगों की हत्या से संबंधित मामले में आठ सप्ताह की अंतरिम जमानत दी।किसानों का एक समूह जो कृषि कानूनों का विरोध कर रहा था उन पर कथित तौर पर गाड़ी चढ़ा दी गई थी।अदालत ने मिश्रा को अंतरिम जमानत के एक सप्ताह के भीतर उत्तर प्रदेश राज्य छोड़ने का निर्देश दिया और अंतरिम जमानत की अवधि के दौरान उसे न तो यूपी राज्य में और न ही दिल्ली के एनसीटी में रहने का निर्देश दिया।उसे...
सुप्रीम कोर्ट के फैसले चार क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध होंगे: सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा 'लीगल अवतार' में अंग्रेजी 99.9% नागरिकों की समझ से बाहर
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने मंगलवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का अब चार भाषाओं - हिंदी, गुजराती, ओडिया और तमिल में अनुवाद किया जाएगा। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि अंग्रेजी भाषा अपने "कानूनी अवतार" में 99.9% नागरिकों की समझ में नहीं आती है। उन्होंने कहा कि न्याय तक पहुंच तब तक सार्थक नहीं हो सकती जब तक कि नागरिक उस भाषा में समझने में सक्षम न हों, जिसे वे बोलते और समझते हैं।“एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहल जिसे हमने हाल ही में अपनाया है, क्षेत्रीय भाषाओं में सुप्रीम कोर्ट के...
पुलिस अधिकारियों को लोगों से बहुत गालियां मिलती हैं, उनका काम प्रशंसा और सम्मान के लायकः कलकत्ता हाईकोर्ट
कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि पुलिस अधिकारियों को लोगों से काफी गालियां मिलती हैं लेकिन उनका काम सराहना और प्रशंसा का पात्र है ताकि वे प्रभावी ढंग से और अधिक सेवा करने के लिए प्रेरित हो पाएं।जस्टिस शम्पा दत्त (पॉल) की खंडपीठ ने यह भी कहा कि पुलिस अधिकारी जो कठिन और खतरनाक काम करते हैं, उन पर किसी का ध्यान नहीं जाता है या कम से कम उन्हें पहचाना नहीं जाता है और ज्यादातर लोग वास्तव में यह नहीं सोचते हैं कि पुलिस उनके समुदाय में हर दिन क्या करती है जब तक कि उन्हें उनसे किसी प्रकार की सहायता...
वकीलों के हड़ताल पर जाने और अदालती कामकाज से दूर रहने को रोकने के लिए बीसीआई ठोस निवारक कदम उठाए : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राज्य बार एसोसिएशनों को हड़ताल पर जाने और अदालती कामकाज से दूर रहने को रोकने के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाने पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया ( बीसीआई) को फटकार लगाई।जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस बेला त्रिवेदी की पीठ ने एनजीओ, कॉमन कॉज़ द्वारा दायर एक अवमानना याचिका पर विचार करते हुए बीसीआई के ढुलमुल रवैये पर कड़ी आपत्ति जताई।"अगर बार काउंसिल ऑफ इंडिया कानूनी बिरादरी और विशेष रूप से बार के सदस्यों के लिए उन चीजों में तेज़ी नहीं ला सकती है, जो खुद करने की जरूरत है तो और...



















