“धर्मनिरपेक्ष देश में हेट क्राइम के लिए कोई जगह नहीं”: जस्टिस केएम जोसेफ

Brij Nandan

7 Feb 2023 2:35 AM GMT

  • “धर्मनिरपेक्ष देश में हेट क्राइम के लिए कोई जगह नहीं”: जस्टिस केएम जोसेफ

    “धर्मनिरपेक्ष देश में हेट क्राइम के लिए कोई जगह नहीं है।"

    ये टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस केएम जोसेफ ने की। दरअसल, उनके नेतृत्व वाली बेंच एक व्यक्ति द्वारा यूपी पुलिस की निष्क्रियता के खिलाफ दायर रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में शिकायत की गई थी कि वह जुलाई 2021 में नोएडा में हेट क्राइम का शिकार हुआ था।

    इस मामले में यूपी पुलिस ने घटना के डेढ़ साल बाद ही प्राथमिकी दर्ज की, वह भी तब जब सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई की तारीख पर केस डायरी पेश करने को कहा। पीठ ने यूपी पुलिस की 'ढिलाई' पर 'दुख' जताया।

    हेट स्पीच के दुष्परिणामों की ओर इशारा करते हुए जस्टिस जोसेफ ने मौखिक रूप से टिप्पणी की,

    जब आप एक ऐसा माहौल बनाते हैं जहां आप हेट स्पीच को बढ़ावा देते हैं, इसे प्रोत्साहित करते हैं, इसे रोकते नहीं हैं, तो यह बहुत गंभीर बात हो जाती है। इसे अपने जीवन से जड़ से खत्म करना होगा। इसमें कोई जगह नहीं है। अगर यह हेट क्राइम है तो हमें इसका सामने से सामना करना होगा और तेजी से कार्रवाई करनी होगी। हम इसमें लीपापोती नहीं कर सकते। हर राज्य अधिकारी की कार्रवाई कानून के प्रति सम्मान बढ़ाती है।“

    जस्टिस जोसेफ ने यह भी कहा,

    "जब आप कानून के शासन को प्रभावित करते हैं, तो इसका प्रभाव समाज, इसकी राजनीति और सबसे महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। रुपये में उतार-चढ़ाव का एक कारण, आर्थिक सिद्धांत में, वे इसे कानून और व्यवस्था कहते हैं। कानून और व्यवस्था का मुद्रा पर प्रभाव पड़ता है। हमें इसे रोकना होगा।"

    राजस्थान की एक हालिया घटना का जिक्र करते हुए जस्टिस जोसेफ ने कहा,

    "हाल ही में राजस्थान में एक गूंगे आदमी को पीटा गया और फिर पता चला कि वह हिंदू है।"

    जस्टिस जोसेफ ने चिंताजनक रूप से कहा,

    "आप इसे अनदेखा नहीं कर सकते हैं। आम आदमी पर इसका असर पड़ता है। हम उनकी सुरक्षा से समझौता नहीं कर सकते। अल्पसंख्यक हों या बहुसंख्यक, कुछ अधिकार ऐसे होते हैं जो मनुष्य में निहित होते हैं। आप एक परिवार में पैदा हुए हैं और उसी में पले-बढ़े हैं। लेकिन हम एक राष्ट्र के रूप में खड़े हैं। आपको इसे गंभीरता से लेना होगा।“

    राज्य को सलाह देते हुए जस्टिस जोसेफ ने आगे टिप्पणी की,

    "समाधान तभी पाया जा सकता है जब आप समस्या को पहचानते हैं। पहला कदम समस्या को पहचानना और स्वीकार करना है। अगर कोई समस्या है तो कानून समाधान प्रदान करता है।”

    जस्टिस जोसेफ ने कहा,

    “घृणास्पद भाषण के बारे में आम सहमति बढ़ रही है। अगर कोई व्यक्ति आता है और कहता है कि मैंने टोपी पहनी है, मैं मुस्लिम हूं, मुझ पर आरोप लगाया गया है और दाढ़ी खींची गई है, इस तरह से व्यवहार किया गया है और फिर भी कोई शिकायत दर्ज नहीं की जाती है .. तो यह एक समस्या।"

    कई बार जस्टिस केएम जोसेफ हेट स्पीच को लेकर चिंता व्यक्त कर चुके हैं।

    केस: काज़ीम अहमद शेरवानी बनाम यूपी राज्य डब्ल्यू.पी.(क्रिमिनल) नंबर 391/2021


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