संपादकीय

AIADMK पार्टी विवाद: ओ पन्नीरसेल्वम को सुप्रीम कोर्ट से झटका, कोर्ट ने पलानीस्वामी को अंतरिम महासचिव के पद पर बहाल रखने के मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा
AIADMK पार्टी विवाद: ओ पन्नीरसेल्वम को सुप्रीम कोर्ट से झटका, कोर्ट ने पलानीस्वामी को अंतरिम महासचिव के पद पर बहाल रखने के मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा

AIDAMK पार्टी विवाद से संबंधित मामलों में ओ पन्नीरसेल्वम को झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एडप्पादी पलानीस्वामी को अंतरिम महासचिव के पद पर बहाल रखने के मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा।न्यायालय ने ये भी स्पष्ट किया कि उसकी टिप्पणियां उच्च न्यायालय द्वारा पारित अंतरिम आदेशों से संबंधित हैं और उनका ओ पन्नीरसेल्वम और पलानीस्वामी के बीच विवादों के संबंध में उच्च न्यायालय में लंबित मुकदमे पर कोई असर नहीं पड़ेगा।अदालत ने मुकदमे में फैसला करने के लिए अन्य सभी मुद्दों को खुला छोड़ दिया है। ...

शिवसेना मामले में चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, उद्धव की याचिका पर नोटिस जारी
शिवसेना मामले में चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, उद्धव की याचिका पर नोटिस जारी

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को भारत के चुनाव आयोग के उस फैसले को चुनौती देने वाली उद्धव ठाकरे की याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसने एकनाथ शिंदे गुट को आधिकारिक शिवसेना के रूप में मान्यता दी थी।भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की 3-न्यायाधीशों की पीठ ने हालांकि इस मौके पर ईसीआई के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।पीठ ने हालांकि उद्धव ग्रुप को मामले के लंबित रहने के दौरान ईसीआई आदेश के पैराग्राफ 133 (IV) के संदर्भ में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब...

आपको आसमान के नीचे खड़े होकर हर किसी की आलोचना करने की आज़ादी है, जज के तौर पर हमें अनुशासन का पालन करना हैः सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे से कहा
'आपको आसमान के नीचे खड़े होकर हर किसी की आलोचना करने की आज़ादी है, जज के तौर पर हमें अनुशासन का पालन करना हैः सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे से कहा

सुप्रीम कोर्ट में तमिलनाडु से नौकरी के बदले नकद घोटाले से जुड़े मामलों की लिस्टिंग विवाद का विषय बन गई।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ के समक्ष एडवोकेट प्रशांत भूषण ने बुधवार को तत्काल लिस्टिंग के लिए मामले का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि सितंबर 2022 में जस्टिस अब्दुल नज़ीर और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन की बेंच ने हाईकोर्ट के फैसले को दरकिनार करते हुए डीएमके (DMK) विधायक सेंथिल बालाजी के खिलाफ आपराधिक आरोपों को बहाल कर दिया।भूषण ने स्पष्ट किया कि न्यायालय ने आगे निर्देश दिया कि...

Hijab Case: मुस्लिम छात्रों ने हिजाब पहनकर परीक्षा में बैठने की अनुमति मांगी, सीजेआई चंद्रचूड़ ने सुनवाई का आश्वासन दिया
Hijab Case: मुस्लिम छात्रों ने हिजाब पहनकर परीक्षा में बैठने की अनुमति मांगी, सीजेआई चंद्रचूड़ ने सुनवाई का आश्वासन दिया

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वो मुस्लिम छात्रों को हिजाब (Hijab) पहन कर सरकारी कॉलेजों की परीक्षा में बैठने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के लिए जल्द ही तीन जजों की बेंच का गठन करेंगे।एडवोकेट शादान फ़रास्ट ने सीजेआई के समक्ष मामले की जल्द सुनवाई की मांग करते हुए कहा कि परीक्षाएं 9 मार्च से शुरू होने वाली हैं।CJI ने पूछा,"उन्हें परीक्षा देने से क्यों रोका जा रहा है?"फरासत ने कहा,"क्योंकि उन्होंने हेडस्कार्फ़ पहन रखा है।"CJI ने जवाब दिया,"मैं इस पर फैसला लूंगा।"23 जनवरी को,...

सीआरपीसी के सेक्शन 406 के तहत चेक मामलों को एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसफर किया जा सकता है: सुप्रीम कोर्ट
सीआरपीसी के सेक्शन 406 के तहत चेक मामलों को एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसफर किया जा सकता है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि उसके पास सीआरपीसी की धारा 406 के तहत चेक मामलों को एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसफर करने की शक्ति है।जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने कहा कि एनआई अधिनियम की धारा 142(1) में गैर-अस्थिर क्लॉज के बावजूद, सीआरपीसी की धारा 406 के तहत आपराधिक मामलों को ट्रांसफर करने की इस अदालत की शक्ति अधिनियम 1881 की धारा 138 के तहत अपराधों के संबंध में बरकरार है, अगर यह न्याय के उद्देश्य के लिए समीचीन पाया जाता है।इस मामले में, छह में से चार मामले...

शिवसेना पार्टी और चुनाव चिन्ह को लेकर चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ उद्धव ठाकरे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनवाई करेगा
शिवसेना पार्टी और चुनाव चिन्ह को लेकर चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ उद्धव ठाकरे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनवाई करेगा

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एकनाथ शिंदे गुट को आधिकारिक शिवसेना के रूप में मान्यता देने के भारत के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली उद्धव ठाकरे की याचिका पर कल यानी बुधवार को सुनवाई करेगा।उद्धव ठाकरे की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने भारत के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए मामले का उल्लेख किया।सिब्बल ने प्रस्तुत किया कि तत्काल सुरक्षात्मक आदेश आवश्यक हैं क्योंकि शिंदे गुट चुनाव आयोग के आदेश के आधार पर पार्टी के कार्यालयों और खातों को अपने कब्जे में ले रहा है।सीजेआई...

वैवाहिक विवादों में नाबालिग बच्चे का डीएनए परीक्षण नियमित रूप से नहीं किया जाना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट ने डीएनए टेस्ट के आदेश देने की शक्ति पर कहा
वैवाहिक विवादों में नाबालिग बच्चे का डीएनए परीक्षण नियमित रूप से नहीं किया जाना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट ने डीएनए टेस्ट के आदेश देने की शक्ति पर कहा

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वैध विवाह के निर्वाह के दौरान पैदा हुए बच्चों का डीएनए टेस्ट केवल तभी निर्देशित किया जा सकता है जब साक्ष्य अधिनियम की धारा 112 के तहत अनुमान को खारिज करने के लिए पर्याप्त प्रथम दृष्ट्या सामग्री हो।जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन और जस्टिस बी वी नागरत्ना की पीठ ने कहा, "बच्चों को यह अधिकार है कि उनकी वैधता पर न्यायालय के समक्ष हल्के ढंग से सवाल न उठाए जाएं। यह निजता के अधिकार का एक अनिवार्य गुण है।"अदालत ने यह भी कहा कि साक्ष्य अधिनियम की धारा 114 के तहत हर उस मामले में...

चुनाव हलफनामे में शैक्षिक योग्यता के बारे में झूठी जानकारी देना लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत भ्रष्ट आचरण नहीं: सुप्रीम कोर्ट
चुनाव हलफनामे में शैक्षिक योग्यता के बारे में झूठी जानकारी देना लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत 'भ्रष्ट आचरण' नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि भारत में कोई भी शैक्षिक योग्यता के आधार पर वोट नहीं देता है और इसलिए चुनाव उम्मीदवार की शैक्षिक योग्यता के बारे में गलत जानकारी प्रदान करना लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123(4) और धारा 123 (2) के तहत 'भ्रष्ट आचरण' नहीं कहा जा सकता है।जस्टिस के.एम. जोसेफ और जस्टिस बी.वी. नागरत्ना पूर्व आईएनवीसी विधायक अनुग्रह नारायण सिंह द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। याचिका में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें कहा गया था कि...

हेट स्पीच केस- हिंदू युवा वाहिनी के कार्यक्रम की जांच अंतिम चरण में है, दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट को बताया
हेट स्पीच केस- हिंदू युवा वाहिनी के कार्यक्रम की जांच अंतिम चरण में है, दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बताया कि दिसंबर 2021 में दिल्ली में सुदर्शन न्यूज टीवी के संपादक सुरेश चव्हाणके के नेतृत्व में आयोजित हिंदू युवा वाहिनी कार्यक्रम में हेट स्पीच मामले की जांच अंतिम चरण में है।अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पीठ को बताया,"जांच अंतिम चरण में है। फोरेंसिक लैब से वाइस सैंपल की रिपोर्ट आने की जरूरत है।"जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच एक्टिविस्ट तुषार गांधी द्वारा दायर...

उद्धव ठाकरे गुट ने एकनाथ शिंदे को आधिकारिक शिवसेना के रूप में मान्यता देने के चुनाव आयोग के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी
उद्धव ठाकरे गुट ने एकनाथ शिंदे को आधिकारिक 'शिवसेना' के रूप में मान्यता देने के चुनाव आयोग के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी

उद्धव ठाकरे गुट (Uddhav Thackeray) ने एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को आधिकारिक 'शिवसेना (Shiv Sena)' के रूप में मान्यता देने के चुनाव आयोग के आदेश को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चुनौती दी है।सीनियर एडवोकेट डॉ अभिषेक मनु सिंघवी ने भारत के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष मामले का उल्लेख किया, इसे कल संविधान पीठ के समक्ष चल रहे मामलों के साथ सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया।हालांकि, सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने सिंघवी के उल्लेख की अनुमति नहीं दी, क्योंकि मामला आज की उल्लेख सूची में शामिल नहीं था।सीजेआई ने...

अदानी- हिंडनबर्ग: सुप्रीम कोर्ट ने फोर्ब्स की रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लेने से इनकार किया
अदानी- हिंडनबर्ग: सुप्रीम कोर्ट ने फोर्ब्स की रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लेने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले में फोर्ब्स द्वारा गौतम अडानी ग्रुप के शेयर सौदों के बारे में प्रकाशित एक रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लेने से इनकार कर दिया।17 फरवरी को, भारत के मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली बेंच ने भारतीय निवेशकों की सुरक्षा के लिए नियामक उपायों की समीक्षा करने के लिए एक समिति गठित करने का आदेश सुरक्षित रखा था।आज याचिकाकर्ताओं में से एक डॉ. जया ठाकुर के वकील एडवोकेट वरुण ठाकुर ने बेंच से फोर्ब्स की रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लेने का अनुरोध करते हुए कहा कि इसे बाद...

हत्या का ट्रायल - एक बार अभियोजन पक्ष ने आखिरी बार देखे जाने के सिद्धांत को स्थापित कर दिया तो आरोपी इसका स्पष्टीकरण देने को बाध्य है : सुप्रीम कोर्ट
हत्या का ट्रायल - एक बार अभियोजन पक्ष ने "आखिरी बार देखे जाने के सिद्धांत" को स्थापित कर दिया तो आरोपी इसका स्पष्टीकरण देने को बाध्य है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल ही में दिए गए एक फैसले में हत्या के मामलों में "आखिरी बार देखे जाने के सिद्धांत" के आवेदन पर उल्लेखनीय चर्चा हुई है। हत्या के मामले में एक अभियुक्त की दोषसिद्धि को बरकरार रखते हुए, अदालत ने स्पष्ट किया कि एक बार अभियोजन पक्ष ने यह साबित कर दिया कि पीड़िता को आखिरी बार आरोपी के साथ देखा गया था, तो आरोपी को इसका स्पष्टीकरण देना होगा।जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की एक पीठ ने कहा, "एक बार अभियोजन पक्ष द्वारा "आखिरी बार साथ देखे जाने" का सिद्धांत स्थापित हो...

यदि जज रिटायरमेंट के बाद की नियुक्तियों की तलाश करते हैं तो हमारे पास स्वतंत्र न्यायपालिका नहीं हो सकती : जस्टिस दीपक गुप्ता
यदि जज रिटायरमेंट के बाद की नियुक्तियों की तलाश करते हैं तो हमारे पास स्वतंत्र न्यायपालिका नहीं हो सकती : जस्टिस दीपक गुप्ता

कैम्पेन फॉर ज्यूडिशियल एकाउंटेबिलिटी एंड रिफॉर्म्स (CJAR) द्वारा आयोजित सेमिनार ऑन ज्यूडिशियल अपॉइंटमेंट्स एंड रिफॉर्म्स में एक पारदर्शी और जवाबदेह कॉलेजियम बनाने के मुद्दे पर शनिवार को बोलते हुए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस दीपक गुप्ता ने अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने रिटायरमेंट के बाद के लाभों से न्यायिक स्वतंत्रता से समझौता करने पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा - "रिटायरमेंट के बाद कोई लाभ नहीं होना चाहिए। यदि इस तरह के लाभ हैं तो हमारी न्यायपालिका स्वतंत्र नहीं हो सकती। यदि...

अगर सरकार दखल दे रही है तो न्यायपालिका को पलटवार करना चाहिए : सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे
अगर सरकार दखल दे रही है तो न्यायपालिका को पलटवार करना चाहिए : सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे

सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे ने कैंपेन फॉर ज्यूडिशियल अकाउंटेबिलिटी एंड रिफॉर्म्स (CJAR) की ओर से आयोजित एक सेमिनार में न्यायिक नियुक्तियों में कार्यपालिका के बढ़ते हस्तक्षेप पर चिंता जताई और न्यायपालिका से अपनी स्वतंत्रता पर जोर देने का आग्रह किया।उन्होंने कहा,"यदि सरकार हस्तक्षेप कर रही है, तो न्यायपालिका की ओर से जवाबी कार्रवाई करने की पूरी जिम्मेदारी है। न्यायपालिका यह नहीं कह सकती है कि एक कार्यकारी हस्तक्षेप है और इसलिए हम कुछ नहीं कर सकते। न्यायपालिका को खड़ा होना चाहिए। उसे भीतर आना होगा।"...

प्रक्रिया के ढहने पर क्या हो सकता है, विक्टोरिया गौरी मामला इसका प्रमुख उदाहरण : जस्टिस एपी शाह
प्रक्रिया के ढहने पर क्या हो सकता है, विक्टोरिया गौरी मामला इसका प्रमुख उदाहरण : जस्टिस एपी शाह

कैम्पेन फॉर ज्यूडिशियल एकाउंटेबिलिटी एंड रिफॉर्म्स (CJAR) द्वारा आयोजित न्यायिक नियुक्ति और सुधार पर सेमिनार में बोलते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अजीत प्रकाश शाह ने मद्रास हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में जस्टिस विक्टोरिया गौरी की विवादास्पद नियुक्ति के बारे में अपनी राय व्यक्त की। पारदर्शी और जवाबदेह कॉलेजियम के निर्माण के मुद्दे पर प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए पूर्व न्यायाधीश ने माना कि जस्टिस गौरी की नियुक्ति कॉलेजियम प्रणाली की प्रक्रियाओं के पतन को...

संविधान की तुलना में धर्म में कानून का स्रोत खोजने वाले धार्मिक न्यायाधीशों में तेजी से वृद्धि हुई है : डॉक्टर मोहन गोपाल
संविधान की तुलना में धर्म में कानून का स्रोत खोजने वाले धार्मिक न्यायाधीशों में तेजी से वृद्धि हुई है : डॉक्टर मोहन गोपाल

प्रसिद्ध कानूनी शिक्षाविद डॉक्टर मोहन गोपाल ने "न्यायिक नियुक्तियों में कार्यकारी हस्तक्षेप" विषय पर कैम्पेन फॉर ज्यूडिशियल एकाउंटेबिलिटी एंड रिफॉर्म्स (CJAR) द्वारा आयोजित एक सेमिनार में अपने विचार व्यक्त किये। डॉ. गोपाल ने अपने भाषण में राजनीतिक पक्षपात वाले जजों की नियुक्ति पर चिंता जताई। उन्होंने कॉलेजियम से केवल संविधान के प्रति प्रतिबद्ध न्यायाधीशों को जानबूझकर नियुक्त करके संस्था की रक्षा करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि "मुझे विश्वास है कि जो चल रहा है वह संविधान को उखाड़ फेंकने के...

जजों की नियुक्ति का मौजूदा मॉडल लगभग आदर्श: कॉलेजियम सिस्टम पर बोले पूर्व सीजेआई यूयू ललित
जजों की नियुक्ति का मौजूदा मॉडल लगभग आदर्श: कॉलेजियम सिस्टम पर बोले पूर्व सीजेआई यूयू ललित

पूर्व चीफ ज‌स्टिस ऑफ इंडिया उदय उमेश ललित ने कहा कि जजों की नियुक्ति के लिए ‌फिलहाल कॉलेजियम प्रणाली की से बेहतर प्रणाली उपलब्ध नहीं है।न्यायिक उत्तरदायित्व और सुधार अभियान (सीजेएआर) की ओर से आयोजित एक संगोष्ठी में जस्टिस ललित ने जजो की नियुक्‍ति प्रक्रिया में विभिन्न स्तरों पर शामिल जांच और परामर्श पर विस्तार से चर्चा की, और कहा कि यह "बिल्कुल सही है" "।उन्होंने कहा, "मेरे मुताबिक, कॉलेजियम प्रणाली से बेहतर कोई प्रणाली हमारे पास नहीं है। अगर हमारे पास कॉलेजियम प्रणाली से गुणात्मक रूप से बेहतर...