संपादकीय

मांसाहारी खानपान की आदतों के कारण शाकाहारी वर्ग कोरोना संकट का सामना कर रहा, केंद्र के मीट की खपत बढ़ाने का प्रचार करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका
'मांसाहारी खानपान की आदतों के कारण शाकाहारी वर्ग कोरोना संकट का सामना कर रहा', केंद्र के मीट की खपत बढ़ाने का प्रचार करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका

सुप्रीम कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) का दावा है कि मांस खाने वालों की खानपान की आदतों के कारण शाकाहारी लोगों का पूरा वर्ग कोरोना वायरस संकट का सामना कर रहा है। शाकाहारी लोगों के इस वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हुए, विश्व जैन संगठन का दावा है कि लोग घरेलू और जंगली जानवरों को केवल 'स्वाद में बदलाव' के लिए खाते हैं और ऐसा करने में उन्होंने मानवता को खतरे में डाल दिया है। याचिका में कहा गया है कि यह अत्याचार और बर्बर आदत कुछ 'सीधे' स्वाद बदलने के लिए है, जो पशु प्रेमियों के...

सुप्रीम कोर्ट में याचिका, COVID 19 से जुड़े मामलों मे धार्मिक और नस्लीय पहचान पर रोक लगाने की मांग
सुप्रीम कोर्ट में याचिका, COVID 19 से जुड़े मामलों मे धार्मिक और नस्लीय पहचान पर रोक लगाने की मांग

सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में धार्मिक, नस्लीय और जातिगत पहचान के आधार पर कुछ समुदायों पर हो रहे हमले और कलंकित करने के कृत्यों पर रोक लगाने के सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप करने और इस संबंध में केंद्र सरकार से दिशा निर्देश जारी करवाने की मांग की गई है। आंचल सिंह, दिशा वाडेकर और मोहम्मद वसीम की ओर से दायर याचिका में तत्काल कदम उठाने की प्रार्थना की गई है, जिससे COVID 19 के संबंध में फैलाए जा रहे "सामाजिक कलंकों" पर रोक लगाने के लिए एडवाइजरी जारी की जा सके ताकि किसी नागरिक को पहचान के आधार...

National Uniform Public Holiday Policy
NDPS-मिश्रण में तटस्‍थ पदार्थ की मात्रा को दवा के वास्तविक वजन के साथ विचार किया जाना च‌ा‌हिए, ताकि छोटी या व्यावसाय‌िक मात्रा तय हो सकेः सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सबस्टेंस एक्ट, 1985 के तहत नशीली दवाओं या साइकोट्रोपिक पदार्थ के मिश्रण में तटस्थ पदार्थों की मात्रा को, 'छोटी या व्यावसायिक मात्रा' निर्धारित करते हुए अपराधी दवा के वास्तविक वजन के साथ ध्यान दिया जाना चाहिए। तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने इसी दृष्टिकोण पर 2008 के ई माइकल राज बनाम इंटेलिजेंस ऑफिसर, नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो के मामले में दिए निर्णय को रद्द कर दिया, जिसमें माना गया था कि एनडीपीएस एक्ट के तहत...

ज़मानत के लिए कोरोना रिलीफ फंड में राशि जमा करने की शर्त रखना अनुचित और अन्यायपूर्ण : केरल हाईकोर्ट
ज़मानत के लिए कोरोना रिलीफ फंड में राशि जमा करने की शर्त रखना अनुचित और अन्यायपूर्ण : केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक मामले में सत्र न्यायाधीश द्वारा जमानत देने की कंडीशन में याचिकाकर्ता को कोरोना रिलीफ फंड में 25 हज़ार रुपए जमा कराने की शर्त को अनुचित एवं अन्यायपूर्ण कहा।सत्र न्यायाधीश ने ज़मानत की शर्त के रूप में कहा था कि याचिकाकर्ता को कोरोना रिलीफ फंड में 25,000 / - रुपये की राशि जमा करनी चाहिए। हाईकोर्ट ने इसे अनुचित और अन्यायपूर्ण कहा।एकल न्यायाधीश ने हाईकोर्ट के एक फैसले का संदर्भ दिया जिसमें मोती राम बनाम मध्यप्रदेश राज्य में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर भरोसा करते हुए...

अनुसूचित क्षेत्रों  के  स्कूलों में ST वर्ग से संबंधित शिक्षकों का 100 प्रतिशत आरक्षण असंवैधानिक : सुप्रीम कोर्ट संविधान पीठ 
अनुसूचित क्षेत्रों  के  स्कूलों में ST वर्ग से संबंधित शिक्षकों का 100 प्रतिशत आरक्षण असंवैधानिक : सुप्रीम कोर्ट संविधान पीठ 

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि "अनुसूचित क्षेत्रों " में स्थित स्कूलों में अनुसूचित जनजाति वर्ग से संबंधित शिक्षकों का 100 प्रतिशत आरक्षण संवैधानिक रूप से अमान्य है।न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली 5 न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने आंध्र प्रदेश के राज्यपाल द्वारा जारी किए गए सरकारी आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें ST शिक्षकों के लिए पूर्ण आरक्षण की पुष्टि की थी और आंध्र प्रदेश और तेलंगाना सरकार दोनों पर जुर्माना लगाया जो सरकार के लिए आरक्षण में 50% सीलिंग को तोड़ना चाहते थे। पीठ ने...

अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला : सुप्रीम कोर्ट ने   क्रिश्चियन मिशेल को जमानत देने से इनकार किया 
अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला : सुप्रीम कोर्ट ने  क्रिश्चियन मिशेल को जमानत देने से इनकार किया 

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में आरोपी क्रिश्चियन मिशेल को जमानत देने से इनकार कर दिया।न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति बीआर गवई की पीठ ने उसकी अंतरिम जमानत याचिका को खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा, जिसमें उल्लेख किया गया था कि मिशेल को जेल में भीड़भाड़ और बढ़ती उम्र के कारण COVID19 वायरस का शिकार होने की आशंका "निराधार" है। 11 अप्रैल को दिल्ली उच्च न्यायालय ने अंतरिम जमानत के लिए उनकी याचिका को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति मुक्ता...

COVID-19 और लॉकडाउन के कारण आर्थिक तंंगी का सामना कर रहे अधिवक्ताओंं को वित्तीय सहायता देने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्देश दिये
COVID-19 और लॉकडाउन के कारण आर्थिक तंंगी का सामना कर रहे अधिवक्ताओंं को वित्तीय सहायता देने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्देश दिये

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को एक निगरानी समिति का गठन किया, जिसमें हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (एचसीबीए) के विभिन्न पदाधिकारियों को रखा गया है। यह समिति वित्तीय लॉकडाउन के कारण वित्तीय संकट झेल रहे अधिवक्ताओं को वित्तीय सहायता के वितरण फंड की निगरानी की करेगी। मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर की अगुवाई वाली एक खंडपीठ ने यह आदेश आर्थिक रूप से कमजोर अधिवक्ताओं को वित्तीय सहायता देने के मुद्दे पर एक मुकदमे की सुनवाई करते हुए पारित किया। अदालत ने आदेश दिया है कि समिति एक पूर्ण योजना तैयार करने और...

आप PIL दाखिल करने के अलावा मजदूरों की मदद नहीं कर सकते :  SG,  आप हमें 15 लाख लोगों को खाना खिलाने के लिए कह रहे हैं ? : भूषण
'आप PIL दाखिल करने के अलावा मजदूरों की मदद नहीं कर सकते : SG, आप हमें 15 लाख लोगों को खाना खिलाने के लिए कह रहे हैं ? : भूषण

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को जब COVID-19 के कारण लॉकडाउन के दौरान प्रवासी कामगारों को मज़दूरी के भुगतान के लिए सरकार से निर्देश मांगने वाली एक याचिका पर सुनवाई शुरू की तो सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि "कुछ लोगों का सामाजिक कार्य केवल जनहित याचिका दाखिल करने तक ही सीमित है।" दरअसल जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस बीआर गवई की पीठ, एक्टिविस्ट हर्ष मंदर और अंजलि भारद्वाज द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन प्रवासी श्रमिकों को भोजन, बुनियादी जरूरतों और आश्रय तक...

सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर लॉकडाउन के दौरान वकीलों को दफ्तरों के किराए से छूट देने की मांग
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर लॉकडाउन के दौरान वकीलों को दफ्तरों के किराए से छूट देने की मांग

दिल्ली के एक वकील अल्जो के जोसेफ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर वकालत करने वालों के लिए उनके पेशेवर परिसर के किराए का भुगतान करने के लिए विशेष रूप से सहायता करने के लिए सरकार को एक निर्देश देने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि कई वकील अदालत के करीब रहने के लिए अपने पेशेवर स्थानों के लिए "अत्यधिक किराए" का भुगतान करते हैं। हालांकि, लॉकडाउन के बाद से, कई वकील जो नियमित आय पर निर्भर हैं, काम के नुकसान के कारण पीड़ित हैं और इस तरह उनके लिए अपने कार्यालय परिसर के लिए किराए का भुगतान करना...

लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, इन असामान्य हालात में सभी अपना सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश कर रहे हैं
लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, इन असामान्य हालात में सभी अपना सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश कर रहे हैं

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को COVID19 महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन के कारण सख्त परेशानी झेल रहे प्रवासी कामगारों की मजदूरी के भुगतान पर दायर याचिका पर सुनवाई की। जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने कहा कि देश असामान्य स्थिति का सामना कर रहा है और इसमें शामिल सभी हितधारक अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश कर रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर और अंजलि भारद्वाज द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत केंद्र सरकार द्वारा लगाया...

जम्मू-कश्मीर में 4G मोबाइल इंटरनेट सेवाओं की बहाली की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से जवाब दाखिल करने को कहा
जम्मू-कश्मीर में 4G मोबाइल इंटरनेट सेवाओं की बहाली की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से जवाब दाखिल करने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को COVID-19 महामारी के आलोक में, केंद्रशासित प्रदेश, जम्मू-कश्मीर में 4G मोबाइल इंटरनेट सेवाओं की बहाली की याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र को निर्देश दिया है। जस्टिस एन वी रमना, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस बी आर गवई ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को जो केंद्र की ओर से पेश हुए थे, को निर्देश दिया कि वो रविवार तक प्रत्येक याचिका पर अपनी प्रतिक्रिया दाखिल करें।मामला 27 अप्रैल, 2020 तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। पीठ ने...

पैदल यात्रा कर रहे, लॉकडाउन में फंसे प्रवासियों को आस-पास के आश्रित घरों में  शिफ्ट करने, भोजन और चिकित्सा की सुविधा देने के निर्देश देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका
पैदल यात्रा कर रहे, लॉकडाउन में फंसे प्रवासियों को आस-पास के आश्रित घरों में शिफ्ट करने, भोजन और चिकित्सा की सुविधा देने के निर्देश देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका

अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर एक अर्जी दायर की है। जिसमें मांग की गई है कि प्रवासी श्रमिकों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल अंतरिम दिशा-निर्देश दिए जाएं। वहीं देशव्यापी लाॅकडाउन दौरान उन्हें भोजन, पानी, आश्रय और चिकित्सा सहायता जैसी बुनियादी सुविधाएं भी प्रदान की जाएं। इस अर्जी में 31 मार्च, 2020 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा उसकी मूल याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए गए आदेश पर भी प्रकाश डाला गया है। उस आदेश में राज्य भर के अधिकारियों और पुलिस को...

नेटफ्लिक्स शो हसमुख के निर्माताओं को वकीलों पर टिप्पणी करने के लिए मानहानि नोटिस भेजा
नेटफ्लिक्स शो हसमुख के निर्माताओं को वकीलों पर टिप्पणी करने के लिए मानहानि नोटिस भेजा

दिल्ली के दो वकील अभिषेक भारद्वाज और हार्दिक वशिष्ठ ने नेटफ्लिक्स इंडिया को एक कानूनी नोटिस भेजा है, जिसमें "हसमुख" नामक कॉमेडी शो की स्ट्रीमिंग में वकील समुदाय के लिए अपमानजनक बातें कही गईं हैं। नोटिस के अनुसार, भारतीय कॉमेडियन वीर दास द्वारा किए गए शो के सीज़न 1 के एपिसोड नंबर 4 में वकीलों पर "चोर", "बदमाश" और "गुंडे" होने का आरोप लगाया गया है और यहां तक ​​कि वकीलों को "बलात्कारी" कहने की अभद्रता का भी समर्थन किया गया है।" नोटिस में कहा गया है कि इन आरोपों को कल्पना के किसी भी खंड द्वारा...

COVID 19 से निपटने के लिए मध्यप्रदेश में विशेष इंतजामों की जरूरत : सुप्रीम कोर्ट में याचिका   
COVID 19 से निपटने के लिए मध्यप्रदेश में विशेष इंतजामों की जरूरत : सुप्रीम कोर्ट में याचिका  

सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर केंद्र और मध्य प्रदेश सरकार को राज्य के लिए एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ निगरानी समिति का गठन करने कर प्रत्येक बीमार व्यक्ति को चिकित्सा सहायता प्रदान करने, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए पर्याप्त संख्या में PPE किट प्रदान करने, दूरस्थ क्षेत्रों में परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करने और परीक्षणों की मात्रा बढ़ाने का अनुरोध किया गया है। याचिकाकर्ता चिन्मय मिश्रा, मध्य प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा है कि "मध्य प्रदेश कोरोना वायरस से सबसे अधिक...

साक्ष्य अधिनियम: जानिए रेप पीड़िता की गवाही पर अदालत द्वारा कब भरोसा किया जा सकता है?
साक्ष्य अधिनियम: जानिए रेप पीड़िता की गवाही पर अदालत द्वारा कब भरोसा किया जा सकता है?

भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 का अध्याय 9, 'साक्षियों के विषय में' प्रावधान करता है। इसके अंतर्गत धारा 118 यह बताती है कि कौन व्यक्ति टेस्टिफाई करने/गवाही देने या साक्ष्य देने में सक्षम है, हालाँकि, इस धारा के अंतर्गत किसी ख़ास वर्ग के व्यक्तियों की सूची नहीं दी गयी है जिन्हें साक्ष्य देने में सक्षम कहा गया हो।गौरतलब है कि इस धारा के अंतर्गत, ऐसी कोई आयु या व्यक्तियों के वर्ग का उल्लेख नहीं किया गया है, जो गवाह के गावही/बयान/साक्ष्य देने की योग्यता के प्रश्न को निर्धारित करते हों। मसलन, यह धारा...

मकान मालिकों द्वारा छात्र / श्रमिक वर्ग के किरायेदारों से किराया मांगने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका
मकान मालिकों द्वारा छात्र / श्रमिक वर्ग के किरायेदारों से किराया मांगने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका

लॉकडाउन के बीच मकान मालिकों द्वारा छात्र / श्रमिक वर्ग के किरायेदारों से किराए की लगातार मांग पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की गई है। दिल्ली के वकील पवन प्रकाश पाठक और कैंपस लॉ सेंटर, दिल्ली के अंतिम वर्ष के एक छात्र अभिजीत द्वारा जनहित याचिका दायर की गई है जिसमें केंद्र की उस एडवाइजरी को लागू करने की अनुमति मांगी गई है जिसमें मकान मालिकों को लॉकडाउन अवधि के दौरान किराए का भुगतान करने में विफल सभी मजदूरों और छात्रों को अपने मकान खाली ना कराने के लिए कहा गया है। ...