संपादकीय

[COVID-19]  : डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों को वेतन का भुगतान सुनिश्चित करें, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों को निर्देश दिए
[COVID-19] : डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों को वेतन का भुगतान सुनिश्चित करें, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों को निर्देश दिए

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि वे डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को बिना किसी कटौती के वेतन के भुगतान सुनिश्चित करें। न्यायालय ने यह भी आदेश दिया कि डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए क्क्वरंटीन सुविधाओं को सुनिश्चित किया जाएगा, भले ही वे 'उच्च जोखिम जोखिम' की श्रेणी में नहीं आ रहे हों। स्वास्थ्य निदेशालय को गुरुवार तक यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है। पीठ ने यह देखा कि सेंट्रल की अधिसूचना में केवल "उच्च जोखिम जोखिम" के दायरे में आने...

COVID-19 : स्टाफ के लोगोंं के कोरोना पॉज़िटिव पाए जाने की खबरोंं के बीच सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री का सेक्शन 1B बंद किया गया
COVID-19 : स्टाफ के लोगोंं के कोरोना पॉज़िटिव पाए जाने की खबरोंं के बीच सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री का सेक्शन 1B बंद किया गया

COVID-19 मामलों की लगातार वृद्धि के मद्देनज़र, विशेष रूप से राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री का सेक्शन 1 बी मंगलवार को बंद कर दिया गया। सूत्रों का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक यह दुर्गम बना रहेगा। हालांकि यह कहा जा रहा है कि इस सेक्शन को बंद करने का कदम कोर्ट की नियमित सफाई प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, लेकिन रजिस्ट्री के दो अधिकारियों ने लाइव लॉ को बताया कि यह होना ही था क्योंकि 2 सदस्यों को COVID-19 टेस्ट पॉज़िटिव आया है। सूत्रों ने...

सुप्रीम कोर्ट ने गोवा स्पीकर को 10 बागी विधायकों की अयोग्यता पर जल्द फैसला लेने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने गोवा स्पीकर को 10 बागी विधायकों की अयोग्यता पर जल्द फैसला लेने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को गोवा विधानसभा स्पीकर को एक महीने के भीतर कांग्रेस के 10 बागी विधायकों की अयोग्यता पर फैसला लेने का निर्देश देने की मांग करने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया।गोवा के कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश चोडणकर द्वारा दायर याचिका पर मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने तीन सप्ताह के भीतर जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया।याचिका में कहा गया है कि अयोग्य ठहराए जाने वाली याचिका अगस्त 2019 से पहले लंबित है, उस पर स्पीकर को शीघ्रता से फैसला करना...

पत्रकारों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई को रोकने के लिए निर्देश देने की मांग करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को केंद्र को प्रतिनिधित्व देने को कहा
पत्रकारों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई को रोकने के लिए निर्देश देने की मांग करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को केंद्र को प्रतिनिधित्व देने को कहा

भारत में किसी भी पब्लिकेशन, टेलीकास्ट या विचारों के प्रसारण के आधार पर पत्रकारों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई को रोकने के लिए निर्देश देने की मांग करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता इसे लेकर केंद्र सरकार को प्रतिनिधित्व दे। मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि ये सरकार पर है कि इस पर कोई फैसला ले। अदालत इस मामले में कोई आदेश नहीं देना चाहती। दरअसल वकील घनश्याम उपाध्याय द्वारा याचिका में रिपब्लिक टीवी और ज़ी मीडिया को "राष्ट्रवादी" और "देशभक्त" मीडिया...

सुप्रीम कोर्ट में रजिस्ट्री पर  पिक एंड चूज  कर मामलों को सूचीबद्ध करने का आरोप : अदालत में प्रभावशाली को वरीयता देने को रोकने के लिए याचिका
सुप्रीम कोर्ट में रजिस्ट्री पर  "पिक एंड चूज " कर मामलों को सूचीबद्ध करने का आरोप : अदालत में प्रभावशाली को वरीयता देने को रोकने के लिए याचिका

सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कहा गया है कि "पिक एंड चूज" नीति अपनाए बिना सूचीबद्ध करने वाले मामलों में शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री को निष्पक्षता और समान व्यवहार के निर्देश दिए जाएं।वकील रीपक कंसल द्वारा एक जनहित याचिका के माध्यम से याचिका दायर की गई है और कहा गया है कि रजिस्ट्री को ईको-सिस्टम में वादियों से भेदभाव करने और अपमानित करने से रोकने के लिए न्यायालय का हस्तक्षेप आवश्यक है।कंसल ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के अनुभाग अधिकारी और / या रजिस्ट्री नियमित रूप से कुछ कानून फर्मों और...

 विशाखापट्टनम गैस लीक: सुप्रीम कोर्ट ने एपी हाईकोर्ट से LG पॉलीमर की प्लांट निरीक्षण करने की अर्जी को जल्द निपटारे को कहा, 50 करोड़ के वितरण पर रोक लगाई
 विशाखापट्टनम गैस लीक: सुप्रीम कोर्ट ने एपी हाईकोर्ट से LG पॉलीमर की प्लांट निरीक्षण करने की अर्जी को जल्द निपटारे को कहा, 50 करोड़ के वितरण पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय से अनुरोध किया कि प्लांट की सीलिंग को चुनौती देने वाली और प्लांट तक पहुंच प्रदान करने की प्रार्थना पर LG पॉलीमर की लंबित याचिकाओं को जल्द से जल्द तय किया जाए।जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस एमएम शांतनागौदर और जस्टिस विनीत सरन की पीठ ने एलजी पॉलिमर द्वारा 50 करोड़ की जमा राशि के वितरण को 10 दिनों के लिए रोक दिया।ये आदेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी की दलील सामने आने के बाद सामने आया कि याचिकाकर्ता 1 जून, 2020 के नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश को...

सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ दर्ज FIR पर रोक लगाने से इनकार किया
सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ दर्ज FIR पर रोक लगाने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट की रविवार को हुई विशेष सुनवाई में शिमला पुलिस द्वारा पत्रकार विनोद दुआ को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 160 के तहत जारी किए गए निर्देश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। जांच पर रोक लगाने से इनकार करते हुए पीठ ने कहा कि जांच अधिकारी (एचपी पुलिस) दुआ से कानून के अनुसार उनसे पूछताछ करने से 24 घंटे पूर्व दुआ को सूचना देंगे। कोर्ट ने राज्य सरकार से जांच की स्थिति रिपोर्ट भी मांगी है। जस्टिस यू यू ललित और जस्टिस मोहन एम शांतनगौदर की एक पीठ ने केंद्र, हिमाचल प्रदेश सरकार और पुलिस को नोटिस...

केरल में गर्भवती हथिनी की मौत का मामला : वन्यजीवों के खिलाफ प्रयोग न किए जाएं जाल और बर्बरता के सामान, सुप्रीम कोर्ट में याचिका
केरल में गर्भवती हथिनी की मौत का मामला : वन्यजीवों के खिलाफ प्रयोग न किए जाएं जाल और बर्बरता के सामान, सुप्रीम कोर्ट में याचिका

केरल में गर्भवती हथिनी की दुखद मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है,जिसमें जंगली जानवरों से बचने के लिए जाल में बिछी धातु की छड़ या स्नेर और अन्य बर्बर साधनों का उपयोग करने की प्रथा को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि यह प्रथाएं गैरकानूनी और असंवैधानिक हैं, इसलिए, ऐसी घटनाओं से निपटने और देश के सभी राज्यों में फाॅरेस्ट फोर्स में खाली पड़े पदों को भरने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का निर्माण करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए जाएं। 27 मई को एक गर्भवती...

सफूरा जरगर की हिरासत अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनूरूप नहींः अमेरिकन बार एसोसिएशन ने तत्काल र‌िहाई की अपील की
सफूरा जरगर की हिरासत अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनूरूप नहींः अमेरिकन बार एसोसिएशन ने तत्काल र‌िहाई की अपील की

सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स, अमेरिकन बार एसोसिएशन ने कहा है कि सफूरा जरगर का प्री-ट्रायल डिटेंशन अंतरराष्ट्रीय कानून, जिनमें वो संधियां भी शामिल है, भारत जिनमें स्टेट-पार्टी है, के मानकों के अनुरूप प्रतीत नहीं होता है। सेंटर ने कहा है, "अंतरराष्ट्रीय कानून, जिनमें वो संधियां भी शामिल हैं, भारत जिनमें स्टेट पार्टी है, केवल संकीर्ण परिस्थितियों में प्री-ट्रायल कस्टडी की अनुमति देता है, सुश्री जरगर का मामला ऐसा है नहीं। इंटरनेशनल कोवनंट ऑफ सिविल एंड पॉलिटिकल राइट (ICCPR) कहता है कि "यह सामान्य नियम...

के के वेणुगोपाल का भारत के अटॉर्नी जनरल के रूप में कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ाया गया
के के वेणुगोपाल का भारत के अटॉर्नी जनरल के रूप में कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ाया गया

वरिष्ठ अधिवक्ता के के वेणुगोपाल ने केंद्र सरकार के भारत के अटॉर्नी जनरल के रूप में अपना कार्यकाल बढ़ाने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है।लाइव लॉ को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार के के वेणुगोपाल का अटॉर्नी जनरल के रूप में कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ गया है।30 जून को अटॉर्नी जनरल के रूप में के के वेणुगोपाल का 3 साल का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, इसीलिए यह निर्णय लेकर उनका कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ाया गया है। के के वेणुगोपाल संवैधानिक कानून में एक विशेषज्ञ के रूप में व्यापक रूप से सम्मानित हैं।...

मरीजों का COVID 19 टेस्ट न करना समस्या का समाधान नहीं है : सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को COVID 19 टेस्टिंग बढ़ाने के निर्देश दिए
मरीजों का COVID 19 टेस्ट न करना समस्या का समाधान नहीं है : सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को COVID 19 टेस्टिंग बढ़ाने के निर्देश दिए

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को " इन रि फॉर प्रॉपर ट्रीटमेंट ऑफ COVID -19 पेशेंट्स एंड डिग्नीफाइड हैंडलिंग ऑफ डेड बॉडीज इन द हॉस्पिटल, ETC" शीर्षक से दर्ज स्वतः संज्ञान केस में राज्य सरकारों को COVID -19 की टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति एमआर शाह की खंडपीठ ने कहा, "मरीजों का परीक्षण न करना समस्या का समाधान नहीं है, बल्कि टेस्टिंग सुविधा में वृद्धि करना राज्य का कर्तव्य है, ताकि लोगों को COVID 19 के बारे में उनकी स्वास्थ्य...

 राज्य में राष्ट्रीय दिशानिर्देशों के खिलाफ नीति नहीं हो सकती : सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा की क्वारंटीन नीति को लेकर सवाल उठाए 
" राज्य में राष्ट्रीय दिशानिर्देशों के खिलाफ नीति नहीं हो सकती" : सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा की क्वारंटीन नीति को लेकर सवाल उठाए 

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश राज्य से जवाब मांगा कि नोएडा (यूपी) प्राधिकरण और राष्ट्रीय दिशानिर्देशों में जारी किए गएक्वारंटीन दिशानिर्देशों (COVID 19 के लिए) में विसंगति क्यों है। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्तिए सके कौल और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने दिल्ली से सटे नोएडा, गुड़गांव और गाजियाबाद शहरों में प्रमुख रूप से दिल्ली-NCR में अंतर-राज्य आवागमन के नियमों से संबंधित एक याचिका में यह आदेश दिया। याचिका में इन विभिन्न राज्यों की विरोधाभासी नीतियों और उनके निरंतर...

सुप्रीम कोर्ट ने नियोक्ताओं और कर्मचारियों को केंद्र के नोटिफिकेशन की परवाह न करते हुए पूरे वेतन पर आपसी बातचीत करने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने नियोक्ताओं और कर्मचारियों को केंद्र के नोटिफिकेशन की परवाह न करते हुए पूरे वेतन पर आपसी बातचीत करने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 29 मार्च को गृह मंत्रालय द्वारा जारी निर्देश की परवाह किए बिना, मज़दूरी के पूर्ण भुगतान पर प्रतिष्ठानों और श्रमिकों के बीच बातचीत की वकालत की। न्यायमूर्ति भूषण ने फैसला पढ़ा, "कोई भी उद्योग श्रमिकों के बिना जीवित नहीं रह सकता है। इस प्रकार नियोक्ता और कर्मचारी को आपस में बातचीत और समझौता करने की आवश्यकता होती है। यदि वे इसे आपस में नहीं सुलझा पा रहे हैं, तो उन्हें मुद्दों को सुलझाने के लिए संबंधित श्रम अधिकारियों से संपर्क करने की आवश्यकता है।" पीठ...

विनोद दुआ के खिलाफ यूट्यूब शो से साम्प्रदायिक शत्रुता फैलाने के आरोप में दर्ज FIR में जांच पर दिल्ली हाईकोर्ट रोक लगाई
विनोद दुआ के खिलाफ यूट्यूब शो से साम्प्रदायिक शत्रुता फैलाने के आरोप में दर्ज FIR में जांच पर दिल्ली हाईकोर्ट रोक लगाई

दिल्ली हाईकोर्ट ने विनोद दुआ के खिलाफ एक एफआईआर में जांच पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है, जिसमें उनके द्वारा गलत सूचना फैलाने और उनके YouTube शो पर सांप्रदायिक शत्रुता फैलाने का आरोप लगाया गया है। यह कहते हुए कि दुआ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए कोई भी प्रथम दृष्टया मामला नहीं बनता, न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी की एकल पीठ ने उल्लेख किया कि मामले में कोई भी ऐसा आरोप नहीं है, जिसके शत्रुता, घृणा के कोई भी प्रतिकूल परिणाम हो और वेबकास्ट के परिणामस्वरूप हिंसा या शांति भंग हो। नवीन कुमार...

हमारा समाज उस स्तर तक नहीं पहुंचा है, जहां पुरुषों को महिलाओं से सुरक्षा की जरूरत होः जस्ट‌िस हिमा कोहली
हमारा समाज उस स्तर तक नहीं पहुंचा है, जहां पुरुषों को महिलाओं से सुरक्षा की जरूरत होः जस्ट‌िस हिमा कोहली

‌दि एसोस‌िएशन ऑफ आईएलआई एलुमनाई और इंडियन लॉ इंस्टीट्यूट ने घरेलू हिंसा पर वेबिनार का आयोजन किया, जिसका विषय था-एक अदृश्य महामारी। कार्यक्रम की अध्यक्षता दिल्ली हाईकोर्ट की जज ज‌स्टिस ह‌िमा कोहली और राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती रेखा शर्मा ने की, जबकि मॉडरेशन जेएनयू ‌के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ पी पुनीथ ने किया। जस्टिस हेमा कोहली ने चर्चा की शुरुआत में कहा कि महामारी ने घरेलू कामकाजी महिलाओं पर दोहरा बोझ डाला है। उन्हें लैंगिक दुराग्रहों द्वारा खड़ी की गई बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है।...