संपादकीय
बार काउंसिल ऑफ़ गुजरात ने ज़रूरतमंद वकीलों को 31 दिसंबर 2020 तक वैकल्पिक काम/व्यवसाय करने की अनुमति दी
अपने सदस्य वकीलों को राहत देते हुए बार काउंसिल ऑफ़ गुजरात ने लॉकडाउन की वर्तमान स्थिति को देखते हुए ऐसे ज़रूरतमंद वकीलों को जो आर्थिक मुश्किलों से जूझ रहे हैं, इस वर्ष के अंत तक कोई वैकल्पिक काम/व्यवसाय करने की छूट दे दी है। राज्य बार काउन्सिल ने रविवार को एक प्रस्ताव पारित कर एडवोकेट अधिनियम की धारा 35 में तात्कालिक छूट देने का फ़ैसला किया है। यह अधिनियम लाइसेन्सधारी प्रैक्टिस करने वाले वकीलों को क़ानूनी प्रैक्टिस के अलावा कोई और काम करने से रोकता है।प्रस्ताव में कहा गया है, "रविवार को...
गुप्त मतदान का सिद्धांत संवैधानिक लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण संकेतक : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि गुप्त मतदान का सिद्धांत संवैधानिक लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण संकेतक है।न्यायमूर्ति एनवी रमना, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने लक्ष्मी सिंह और अन्य बनाम रेखा सिंह और अन्य मामले में कहा, "यह देखा जाना चाहिए कि चुनाव कानून के मूलभूत सिद्धांतों में से एक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के कायम रखने से संबंधित है, जो चुनाव की शुचिता को सुनिश्चित करता है। मतपत्रों की गोपनीयता का सिद्धांत संवैधानिक लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण...
तब्लीगी जमात गतिविधियों' में कथित संलिप्तता के लिए ब्लैकलिस्ट करने के MHA के फैसले के खिलाफ विदेशी नागरिक पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
'तब्लीगी जमात गतिविधियों' में कथित संलिप्तता के लिए विभिन्न देशों के विदेशियों को ब्लैकलिस्ट करने के गृह मंत्रालय (MHA ) के फैसले से दुखी सात विदेशी नागरिकों ने इस कदम की संवैधानिकता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।2 अप्रैल को, प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) ने 35 देशों के 960 विदेशियों को ब्लैकलिस्ट करने के सरकार के फैसले की सूचना दी, जो भारत में मौजूद थे। साथ ही, ऐसे विदेशी नागरिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशकों...
लॉकडाउन लागू करने में मनमानी की गई, सुप्रीम कोर्ट को अगली सुबह इस पर रोक लगा देनी चाहिए थी: वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे
नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली (एनएलयूडी) ने शुक्रवार को "सर्वोच्च न्यायालय और महामारी: श्री दुष्यंत दवे के साथ एक वार्तालाप" विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया। एक घंटे तक चले सत्र में कोरोनोवायरस संकट के दौरान सुप्रीम कोर्ट के कामकाज से जुड़े विभिन्न मुद्दों के पर चर्चा की गई। वेबिनार का आयोजन एनएलयूडी के अध्यापकों और छात्रों ने किया और श्री अनंत ने मॉडरेशन किया। सत्र की शुरुआत में वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे महामारी और उसके बाद के प्रवासी संकट पर सुप्रीम कोर्ट के रवैये पर चर्चा की। ...
किस्से, कानूनी दांवपेंच और इतिहास: जानिए क्या था राज नारायण-इंदिरा गाँधी मामला?
तारीख 18 मार्च और साल 1975। सुबह 10 बजने में 2 मिनट बाकी रह गए थे कि तभी इलाहाबाद हाईकोर्ट के कोर्ट रूम नंबर 24 में जस्टिस जगमोहन सिन्हा दाखिल हुए। यह दिन खास था, देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री, न्यायालय में प्रवेश करने वाली थीं। यह उनकी प्रतिपरीक्षा (Cross-examination) का दिन था, या यूँ कहें कि असल मायने में यह उनकी अग्नि-परीक्षा का दिन था। हालाँकि, जिस मामले में वे पेश होने अदालत आ रही थीं, उसे कई बार प्रकृति में त्रुटिपूर्ण तकनीकी मामला कहा जाता है। ब्रिटिश अखबार, 'द गार्जियन' ने इस मामले को...
विजय माल्या की तीन साल पहले दायर पुनर्विचार याचिका को सूचीबद्ध नहीं करने पर सुप्रीम कोर्ट ने एससी रजिस्ट्री से स्पष्टीकरण मांगा
विजय माल्या की ओर से तीन साल पहले दायर पुनर्विचार याचिका को सूचीबद्ध नहीं करने पर सुप्रीम कोर्ट ने एससी रजिस्ट्री से स्पष्टीकरण मांगा सुप्रीम कोर्ट ने एससी रजिस्ट्री से विजय माल्या की ओर से तीन साल पहले दायर पुनर्विचार याचिका को सूचीबद्ध नहीं करने के लिए स्पष्टीकरण मांगा है। माल्या ने पुनर्विचार याचिका तीन साल पहले दायर की थी, जिसे अब तक सुचीबद्ध नहीं किया गया, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने एससी रजिस्ट्री से स्पष्टीकरण मांगा। जस्टिस यू यू ललित और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने उन अधिकारियों के नाम...
सीमा अवधि बढ़ाने वाला शीर्ष अदालत का पूर्व का आदेश सीआरपीसी की धारा 167 (2) के तहत आरोपी के डिफॉल्ट ज़मानत के अधिकार को प्रभावित नहींं करता : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने माना कि 15 मार्च से सभी अपील दाखिल करने के लिए सीमा अवधि बढ़ाने वाला शीर्ष अदालत का पूर्व का आदेश, आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 167 (2) के तहत डिफ़ॉल्ट जमानत पाने के लिए किसी अभियुक्त के अधिकार को प्रभावित नहीं करेगा। जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यन की बेंच ने इस प्रकार एस कासी बनाम पुलिस इंस्पेक्टर के माध्यम से राज्य मामले में मद्रास उच्च न्यायालय की एकल पीठ के फैसले को पलट दिया, जिसमें कहा गया था कि सीमा विस्तार और लॉकडाउन प्रतिबंध के...
सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा, "क्या हम अधिकारियों को कानून के अनुसार काम करने से रोक सकते हैं?"
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र की प्रस्तावित महत्वकांक्षी सेंट्रल विस्टा परियोजना के काम पर रोक लगाने की याचिका ठुकरा दी।केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह यह आश्वासन नहीं दे सकती है कि सेंट्रल विस्टा परियोजना के संबंध में कोई काम नहीं किया जाएगा। जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि इस बात की कोई ग्यारंटी नहीं ली जा सकती कि कोई ज़मीनी काम नहीं होगा।सुप्रीम कोर्ट ने राजीव सूरी द्वारा दायर...
[मोटर वाहन अधिनियम] दुर्घटना की तारीख में जिसके नाम वाहन पंजीकृत है, वो ही ' मालिक' माना जाएगा : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि, वह व्यक्ति जिसके नाम पर मोटर वाहन पंजीकृत है, उसे ही मोटर वाहन अधिनियम के प्रयोजनों के लिए वाहन के मालिक के रूप में माना जाएगा। यह मामला सुरेंद्र कुमार भिलावे द्वारा किए गए बीमा दावे से उत्पन्न हुआ है। बीमा कंपनी ने इस दावे को इस आधार पर निरस्त कर दिया कि भिलावे ने उक्त ट्रक को पहले ही उक्त मोहम्मद इलियास अंसारी (लगभग तीन साल पहले) को बेच दिया था। भिलावे ने उपभोक्ता शिकायत दायर की जिसे जिला फोरम द्वारा अनुमति दी गई थी। बीमा कंपनी द्वारा दायर अपील राज्य आयोग द्वारा...
'नए वकीलों को अपने कार्यों से अपनी गंभीरता का परिचय देना चाहिए', 100 वर्षीय वकील लेखराज मेहता से लाइव लॉ की ख़ास बातचीत
एक अच्छा वकील होने का क्या मतलब होता है? यह प्रश्न, एक वकील के पूरे करियर को प्रेरित कर सकता है, चिंतन करने पर मजबूर कर सकता है या कुछ को शायद परेशान भी कर सकता है। हालाँकि, यदि इस प्रश्न का उत्तर देने का थोडा सा प्रयास किया जाए तो यह स्पष्ट हो सकता है कि, एक अच्छा वकील होना, एक महान वकील होने से कहीं ज्यादा कठिन है। चर्चित मामलों को जीतना और प्रशंसा अर्जित करने की तुलना में, कोर्ट में वर्षों तक याद किये जाने वाला कौशल, दृष्टिकोण, मनोवृत्ति व उत्तम आचरण का निर्माण करना कहीं ज्यादा कठिन होता...
उत्तर प्रदेश पुलिस ने 'द स्क्रॉल' की पत्रकार सुप्रिया शर्मा के खिलाफ दर्ज की एफआईआर, पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र पर की गई रिपोर्टिंग में गलत बयान छापने का आरोप
वेबसाइट स्क्रॉल डॉट इन की कार्यकारी संपादक सुप्रिया शर्मा के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई गई है। शर्मा ने लॉकडाउन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के एक गांव की हालत पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। रामनगर पुलिस थाने में एफआईआर दज कराने वाली माला देवी ने आरोप लगाया है कि सुप्रिया शर्मा ने अपनी रिपोर्ट में उनके बयान को गलत तरीके से प्रकाशित किया है और झूठे दावे किए हैं। पुलिस ने शर्मा के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण)...
"स्वतंत्रता और हमारे न्यायालय" विषय पर लाइव लॉ का ई- सेमिनार, जानिए Zoom, Facebook,Youtube पर कैसे जुड़ेंं
लाइव लॉ 19/6/2020 को शाम 6 बजे ई-सेमिनार आयोजित कर रहा है, जिसमें अधिवक्ता चिंतन चंद्रचूड़, गौतम भाटिया, गुलनार मिस्त्री, जाह्नवी सिंधु और सुहृद पार्थसारथी "स्वतंत्रता और हमारे न्यायालय" ("Freedom and our Courts") विषय पर चर्चा करेंगे। डॉक्टर चिंतन चंद्रचूड़ लंदन मेंं वकील हैं। वह "Balanced Constitutionalism: Courts and Legislatures in India and the United Kingdom" और "The Cases that India Forgot" के लेखक हैं। वह पत्रिकाओं, ब्लॉग और समाचार पत्रों के लिए अक्सर लिखते हैं। गौतम भाटिया ने...
जाति व्यवस्था के कारण युवाओं के लिए अपना जीवन साथी चुनना मुश्किल हुआ : गुजरात हाईकोर्ट
गुजरात हाईकोर्ट ने जाति-आधारित मतभेदों के कारण पत्नी के परिवार से अलग हो चुके एक जोड़े को राहत दी और ऐसी घटनाओं का सामाजिक प्रभाव बताते हुए महत्वपूर्ण टिप्पणी की। न्यायमूर्ति सोनिया गोकानी और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया की पीठ ने देखा कि, "... देश में जाति व्यवस्था युवाओं के लिए अपना जीवन साथी चुनना अधिक से अधिक कठिन बना रही है और यह परिवार में वयस्कों के दिमाग में कठोर मानवीय संबंधों के विभाजन का गंभीर कारण बन जाती है।" पीठ ने आगे कहा कि ऐसी घटनाएं "प्रशासन के लिए इस सामाजिक और...
"अगर रथ यात्रा को मंजूरी देते हैं तो भगवान जगन्नाथ हमें कभी माफ नहीं करेंगे " : सुप्रीम कोर्ट ने COVID-19 के चलते ओडिशा में रथ यात्रा व संबंधित गतिविधियों पर रोक लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आदेश दिया कि इस साल ओडिशा में भगवान जगन्नाथ मंदिर में किसी भी तरह की रथ यात्रा नहीं होनी चाहिए, क्योंकि महामारी की स्थिति चल रही है। भारत के मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने ओडिशा विकास परिषद द्वारा राज्य में वार्षिक भगवान श्री जगन्नाथ की रथ यात्रा को रोकने के लिए दायर एक याचिका पर आदेश पारित किया, जो 23 जून को होने वाली थी। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने प्रस्तुत किया कि भुवनेश्वर में लगभग 10 लाख लोगों के एकत्रीकरण को...
PSU से AGR संबंधी बकाया की 96 फीसदी मांग वापस लेने का फैसला किया : केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया
केंद्र ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दूरसंचार विभाग (DoT) ने गैर-दूरसंचार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, (जैसे गेल ) के खिलाफ समायोजित सकल राजस्व की 4 लाख करोड़ रुपये की 96 प्रतिशत राशि को वापस लेने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने अक्टूबर 2019 के फैसले में ये कहा था। जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर और जस्टिस एमआर शाह की एक बेंच को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि "हमने एक निर्णय लिया है क्योंकि वे आम जनता को टेलीकॉम सेवाएं प्रदान करने के व्यवसाय में नहीं...
"यह किस तरह की याचिका है", COVID 19 के बारे में चीन और WHO से पूरी जानकारी लेने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को COVID 19 के बारे में चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से सभी संगत जानकारियां हासिल करने के लिए भारत सरकार को निर्देश जारी करने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि याचिका जुर्माना लगाने को आकर्षित करेगी लेकिन पीठ ने इसे वापस लेने की अनुमति दी। पीठ ने याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए टिप्पणी की, "यह किस तरह की याचिका है?" याचिका...
मद्रास हाईकोर्ट ने स्टेट बार काउंसिल को जरूरतमंद अधिवक्ताओं को 'मुश्किल दिनों में' अंतरिम राहत प्रदान करने के लिए नियमों में संशोधन करने का दिया निर्देश
मद्रास हाईकोर्ट ने मंगलवार को सिफारिश की है कि स्टेट बार काउंसिल जल्द से जल्द अपने विनियमों में संशोधन करके उस प्रावधान को जोड़े,जिसके जरिए ''इन मुश्किल भरे दिनों में जरूरतमंद अधिवक्ताओं को अंतरिम भुगतान''किया जा सकें। डिवीजन बेंच ने इस मामले में एक वरिष्ठ अधिवक्ता की तरफ से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करने के बाद यह आदेश दिया है। इस याचिका में ''सामान्य रूप से एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया गया था और जो वर्तमान महामारी जैसी स्थिति में विशेष महत्व रखता है क्योंकि इस कठिनाई के समय में स्व-नियोजित...
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और RBI से मोहलत के दौरान लोन पर ब्याज पर फिर से विचार करने को कहा, " हमारी चिंता कठिन समय में बोझ कम करने पर"
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा दी गई 6 महीने की मोहलत के दौरान लोन पर ब्याज के खिलाफ जनहित याचिका याचिकाओं पर सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पहले हफ्ते तक के लिए स्थगित कर दिया। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने केंद्र, भारतीय रिजर्व बैंक से इस मुद्दे की "समीक्षा" करने के लिए कहा और इंडियन बैंक एसोसिएशन से पूछा कि क्या नए मानदंडों को लाया जा सकता है। "दलीलों में मुद्दा यह है कि ब्याज को अधिस्थगन के दौरान चार्ज नहीं किया जाना चाहिए और कम से कम...