[हवाई किराया वापसी ] लॉकडाउन से पहले की गई हवाई बुकिंग पर रिफंड और क्रेडिट शेल की सुविधा : DGCA ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

LiveLaw News Network

23 Sep 2020 6:33 AM GMT

  • [हवाई किराया वापसी ] लॉकडाउन से पहले की गई हवाई बुकिंग पर रिफंड और क्रेडिट शेल की सुविधा : DGCA ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

    नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने स्पष्ट किया है कि वो सभी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मार्गों पर 24 मई तक यात्रा के लिए, लॉकडाउन से पहले बुक किए गए हवाई टिकटों पर पूर्ण वापसी प्रदान करने के लिए कहेगा।

    दरअसल लॉकडाउन के दौरान रद्द की गई उड़ानों में रिफंड के लिए शीर्ष अदालत के समक्ष जनहित याचिका दायर की गई है। जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एमआर शाह की पीठ के समक्ष बुधवार को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

    पिछली सुनवाई में पीठ ने केंद्र से विमान किराया और प्रोत्साहन योजना के वापसी के मुद्दे पर केंद्र की प्रतिक्रिया मांगी थी कि क्या केंद्र द्वारा बनाई गई क्रेडिट शेल और प्रोत्साहन योजना केवल लॉकडाउन के दौरान बुक की गई टिकटों तक बढ़ाई गई थी या इससे पहले की अवधि के लिए भी है।

    DGCA ने यात्रियों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया है:

    1) 24 मई तक अवधि के लिए लॉकडाउन से पहले बुकिंग करने वालों के लिए, रिफंड क्रेडिट शेल योजना और उसके बाद के प्रोत्साहन द्वारा नियंत्रित किया जाएगा।

    2) लॉकडाउन के दौरान यात्रा के लिए लॉकडाउन के दौरान की गई बुकिंग के लिए, एयरलाइंस द्वारा तुरंत धनवापसी की जाएगी "क्योंकि एयरलाइंस को इस तरह के टिकट बुक नहीं करने थे।"

    3) 24 मई के बाद की तारीखों में यात्रा के लिए जो बुकिंग की गई थी, उसके लिए धनवापसी नागरिक उड्डयन आवश्यकताओं (CAR) द्वारा नियंत्रित की जाएगी।

    क्रेडिट योजना के मुद्दे पर, DGCA ने स्पष्ट किया है कि,

    "यदि टूर ऑपरेटर ने ग्राहक के लिए टिकट खरीदने के लिए एयरलाइन को पहले ही पैसे का भुगतान कर दिया है, लेकिन ग्राहक ने अभी तक एजेंटों को भुगतान नहीं किया है तो टिकट को रद्द करने और इसे क्रेडिट शेल में परिवर्तित करने पर, यात्री के नाम पर टिकट रहेगा और यदि यात्री क्रेडिट शेल का उपयोग करता है तो वह एजेंट को भुगतान करेगा और एयरलाइन को नहीं। हालांकि, अगर यात्री 31 मार्च 2021 तक क्रेडिट शेल का उपयोग नहीं करता है, तो एयरलाइन को धनवापसी करनी होगी। प्रस्तावित सूत्रीकरण के अनुसार राशि और पैसा एजेंट के उसी खाते में वापस जाएगा जहां से एयरलाइन को टिकट राशि का भुगतान किया गया था।"

    यह योजना उन सभी यात्रियों पर लागू होगी, जिन्होंने घरेलू वाहकों से व्यक्तिगत रूप से या ट्रैवल एजेंट के माध्यम से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय मार्गों पर यात्रा के लिए टिकट खरीदा किया है (बशर्ते उड़ान भारत से शुरू हो)।

    अगर एयरलाइंस विदेशी हैं, क्रेडिट शेल योजना लागू नहीं होगी और यात्री 15 दिनों के भीतर किराया वापस पाने के हकदार होंगे।

    9 सितंबर को जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने केंद्र से विमान किराया और प्रोत्साहन योजना के वापसी के मुद्दे पर केंद्र पर सफाई मांगी थी।

    पीठ ने यह भी जानने की कोशिश की कि क्या केंद्र का प्रस्ताव उन टिकटों को कवर करेगा जो पूर्व-लॉकडाउन चरण के दौरान बुक किए गए थे।

    अधिवक्ता जोस अब्राहम की ओर से प्रवासी लीगल सेल द्वारा याचिका दायर की गई है और इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि रद्द करने के कारण टिकटों के लिए एकत्र की गई पूरी धनराशि की गैर-वापसी की कार्रवाई "मनमानी है और नागरिक उड्डयन नागर विमानन महानिदेशालय की जारी की गई आवश्यकता के उल्लंघन में है।"

    इसके अलावा, याचिकाकर्ता ने कहा था कि एकत्र की गई धनराशि का पूरा रिफंड प्रदान करने के बजाय, "क्रेडिट शेल" अनिवार्य करने की एयरलाइंस की कार्रवाई DGCA की आवश्यकताओं के स्पष्ट उल्लंघन में है , जिसके अनुसार रिफंड का विकल्प "यात्री का विशेषाधिकार" है और एयरलाइन का डिफ़ॉल्ट प्रचलन नहीं है।

    इसके अलावा, याचिका में कहा गया है कि एयरलाइन कंपनियों को "चुनौतीपूर्ण समय का उपयोग करने के अवसर के रूप में" पहले से ही दुखी लोगों से गैरकानूनी लाभ लेने की बजाए "मानवीय गुण" दिखाना चाहिए।

    याचिकाकर्ता ने यह भी बताया कि लॉकडाउन के दौरान किसी को भी टिकट बुक करने का सवाल नहीं उठता है क्योंकि यात्री उड़ानें पहले ही रद्द कर दी गई थीं और इससे 16 अप्रैल का "ऑफिसर मेमोरेंडम "अस्पष्ट" और "किसी भी तर्क से रहित" हो जाता है।"

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