संपादकीय

आंध्र प्रदेश के पंचायती राज और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री को हाउस अरेस्ट करने के चुनाव आयोग के निर्देश पर रोक, आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने रविवार को विशेष सुनवाई के बाद दिया निर्देश
आंध्र प्रदेश के पंचायती राज और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री को 'हाउस अरेस्ट' करने के चुनाव आयोग के निर्देश पर रोक, आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने रविवार को विशेष सुनवाई के बाद दिया निर्देश

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने आंध्र प्रदेश के पंचायती राज और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री पी रामचंद्र रेड्डी को घर में नजरबंद करने के आदेश पर रोक लगाने का निर्देश दिया है।जस्टिस डीवीएसएस सोमयाजुलु ने रविवार (7 फरवरी) को आयोग के आदेश के खिलाफ दायर मंत्री की याचिका पर पर विचार के लिए विशेष बैठक आयोजित की, जिसमें उन्होंने कहा कि राज्य चुनाव आयोग के पास मंत्री को 21.02.2021 तक घर में नजरबंद रहने का आदेश देने की श‌क्ति नहीं है।अदालत ने, हालांकि, आयोग के आदेश के उस हिस्से को बरकरार रखा, जिसमें चुनावी...

कोई आरोप नहीं : सुप्रीम कोर्ट ने महिला के अपहरण के सह आरोपी के खिलाफ आपराधिक मुकदमा निरस्त किया
'कोई आरोप नहीं' : सुप्रीम कोर्ट ने महिला के अपहरण के सह आरोपी के खिलाफ आपराधिक मुकदमा निरस्त किया

सुप्रीम कोर्ट ने महिला के अपहरण मामले के सह आरोपी के खिलाफ जारी आपराधिक मुकदमा निरस्त कर दिया। उस महिला ने कथित अपहरण की घटना के कुछ समय बाद मुख्य आरोपी से शादी कर ली थी। बाद में मुख्य आरोपी को अपहरण के आरोपों से बरी कर दिया गया था। इस मामले में लड़की की मां ने 2013 में एक शिकायत दर्ज करायी थी, जिसमें शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि विक्रम रूप राय और विश्वास भंडारी ने उसकी बेटी को शादी के उद्देश्य से बहला फुसलाकर अगवा कर लिया था। बाद में लड़की ने विक्रम रूप राय के साथ शादी कर ली थी, जिसे ट्रायल...

अन्य धार्मिक आस्‍थाओं को अपमान‌ित करने के लिए दिया गया लापरवाही भरा बयान केवल नफरत के बीज बोएगाः मद्रास हाईकोर्ट ने इवेंज‌लिस्ट के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करते हुए कहा
अन्य धार्मिक आस्‍थाओं को अपमान‌ित करने के लिए दिया गया लापरवाही भरा बयान केवल नफरत के बीज बोएगाः मद्रास हाईकोर्ट ने इवेंज‌लिस्ट के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करते हुए कहा

धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में ईसाई इंवेजलिस्ट मोहन सी लाजरुस के खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज करते हुए, मद्रास उच्च न्यायालय ने एक बहुलवादी समाज में अन्य धार्मिक आस्‍थाओं के लिए सम्मान और सहिष्णुता बनाए रखने की आवश्यकता के बारे में कुछ महत्वपूर्ण टिप्पणियां कीं हैं।जस्टिस आनंद वेंकटेश की एकल पीठ ने अपने बिना शर्त माफी के बाद 'जीसस रीडीम्स मिन‌िस्ट्री' के संस्थापक लाजरुस के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया, हालांकि न्यायालय ने अपने फैसले में लाजरुस के आचरण की तीखी आलोचना की और धर्म के...

प्रधानमंत्री मोदी हमारे सबसे लोकप्रिय, प्यारे, जीवंत और दूरदर्शी नेता, सुप्रीम कोर्ट के जज जस्ट‌िस शाह ने गुजरात हाईकोर्ट के कार्यक्रम में कहा
"प्रधानमंत्री मोदी हमारे सबसे लोकप्रिय, प्यारे, जीवंत और दूरदर्शी नेता", सुप्रीम कोर्ट के जज जस्ट‌िस शाह ने गुजरात हाईकोर्ट के कार्यक्रम में कहा

सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस एमआर शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को "हमारे सबसे लोकप्रिय, प्यारे, जीवंत और दूरदर्शी नेता" कहा है। वह गुजरात हाईकोर्ट की हीरक जयंती के अवसर पर स्मारक डाक टिकट जारी करने के लिए आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में बोल रहे थे।उन्होंने कहा, "मुझे गुजरात हाईकोर्ट के 60 साल पूरे होने पर, स्मारक डाक टिकट के विमोचन के इस महत्वपूर्ण समारोह में भाग लेने पर मुझे गर्व और खुशी महसूस हो रही है और वह भी हमारे सबसे लोकप्रिय, प्यारे, जीवंत और दूरदर्शी नेता, माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र...

IPC की धारा 124 A  मौलिक अधिकारों के लिए खतरा: सुप्रीम कोर्ट में राजद्रोह कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती
"IPC की धारा 124 A मौलिक अधिकारों के लिए खतरा": सुप्रीम कोर्ट में 'राजद्रोह' कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती

सुप्रीम कोर्ट में भारतीय दंड संहिता(IPC) की धारा 124-ए के तहत 'राजद्रोह' जैसा कानून भारत के संविधान के विपरीत है, को अधिकारातीत (Ultra-Vires) घोषित करने का आग्रह करने के लिए याचिका दायर की गई है। दलील में कहा गया है कि धारा 124A जैसे एक औपनिवेशिक प्रावधान जो ब्रिटिश ताज के विषयों को अधीन करने के उद्देश्य से था, को मौलिक अधिकारों के निरंतर विस्तार के दायरे में एक लोकतांत्रिक गणराज्य में जारी रखने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।याचिकाकर्ता, अधिवक्ता आदित्य रंजन, एडवोकट वरुण ठाकुर और एडवोकेट वी....

चाहे कारण कितना भी वास्तविक हो, लेकिन अदालती कामकाज के बहिष्कार से परहेज करें, कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की बार से अपील
'चाहे कारण कितना भी वास्तविक हो, लेकिन अदालती कामकाज के बहिष्कार से परहेज करें', कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की बार से अपील

कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अभय श्रीनिवास ओका ने राज्य में बार एसोसिएशनों के सदस्यों से अपील की है कि कारण के औच‌ित्य के बावजूद वे अदालत के कामकाज से अलग रहने या अदालत की कार्यवाही का बहिष्कार करने से परहेज करें, और ऐसी अवैधताओं में ‌लिप्त न हों।चीफ जस्टिस ओका ने एक सार्वजनिक संदेश में कहा, "मैं बार के सदस्यों से अपील करता हूं कि वे अधिक से अधिक संख्या में मामलों के निस्तारण में अदालत का सहयोग करें।"यह अपील जिला न्यायालयों से प्राप्त उन रिपोर्टों के बाद की गई है, जिसमें कहा गया था कि मांड्या...

महामारी के कारण शिक्षा रोकना सही नहीं: कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए कहा
महामारी के कारण शिक्षा रोकना सही नहीं: कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए कहा

कर्नाटक हाईकोर्ट ने (गुरुवार) राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का सुझाव दिया कि स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति में सुधार होना चाहिए। बिना शिक्षा के देश प्रगति नहीं कर पाएगा।न्यायमूर्ति बीवी नागरत्न और न्यायमूर्ति एमजी उमा की खंडपीठ ने राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत रिपोर्टों के माध्यम से संबंधित कक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों की उपस्थिति को विद्यागामा मोड और शारीरिक कक्षाओं के माध्यम से और आंगनवाड़ी से एलकेजी में छात्रों के नामांकन के लिए कहा कि, "एक बार सभी लोग सोचें कि यदि हम स्कूल नहीं...

वादकर्ता इस आधार पर जज को मामले की सुनवाई से हटाने की मांग नहीं कर सकता कि उसे पसंद का निर्णय नहीं मिलेगाः सुप्रीम कोर्ट
वादकर्ता इस आधार पर जज को मामले की सुनवाई से हटाने की मांग नहीं कर सकता कि उसे पसंद का निर्णय नहीं मिलेगाः सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के नाम पर आपत्त‌ि जाहिर करने पर एक याचिका को रद्द करते हुए कहा कि एक वादकारी को अपनी पसंद की बेंच की मांग करते हुए अदालत को धमकाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। अदालत ने देखा कि एक वादकारी किसी जज के नाम पर, उसके मामले की सुनवाई करने से इस आधार पर आपत्त‌ि नहीं कर सकता है कि उसे अनुकूल आदेश नहीं मिल सकता है।मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट, बेंगलुरु के समक्ष आया यह मामला घरेलू हिंसा की शिकायत था, जिसे उन्होंने खारिज कर दिया था। इस आदेश के खिलाफ दायर अपील...

सुप्रीम कोर्ट ने कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी को अंतरिम जमानत दी; एपी हाईकोर्ट और यूपी के प्रॉडक्शन वारंट पर रोक लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी को अंतरिम जमानत दी; एपी हाईकोर्ट और यूपी के प्रॉडक्शन वारंट पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के एक मामले में कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी को अंतरिम जमानत दे दी।"विद्वान वकील ने हमें बताया है कि इस तथ्य से काफी अलग प्राथमिकी में लगाए गए आरोप अस्पष्ट हैं जो धारा 41 सीआरपीसी में हमारे निर्णय द्वारा मान्य के रूप में" अरनेश कुमार बनाम बिहार राज्य व अन्य", (2014) 8 SCC 273 में निहित प्रक्रिया का याचिकाकर्ता को गिरफ्तार करने से पहले पालन नहीं किया गया। यह मामला होने के नाते, हम दोनों याचिकाओं में नोटिस जारी...

 पटकथा अच्छी लिखी गई है : सोनू सूद को नियमितीकरण के लिए एसएलपी वापस लेने की मुकुल रोहतगी की सलाह पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, कठोर कार्यवाही से संरक्षण दिया
" पटकथा अच्छी लिखी गई है" : सोनू सूद को नियमितीकरण के लिए एसएलपी वापस लेने की मुकुल रोहतगी की सलाह पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, कठोर कार्यवाही से संरक्षण दिया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को निर्देश दिया कि अभिनेता सोनू सूद के खिलाफ ग्रेटर मुंबई नगर निगम द्वारा कोई भी कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा जब तक कि उनकी इमारत के नियमितीकरण के लिए उनका आवेदन अधिकारियों द्वारा कानून के अनुसार तय नहीं किया जाता है।सीजेआई एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने बॉम्बे हाईकोर्ट के हालिया आदेश को चुनौती देने वाली सूद की याचिका पर सुनवाई की जिसमें सिविल कोर्ट द्वारा ग्रेटर मुंबई नगर निगम के खिलाफ अस्थायी निषेधाज्ञा देने में उसकी अपील को खारिज कर दिया गया था।सूद के लिए पेश...

सुप्रीम कोर्ट ने  व्हाट्सएप बिजनेस की नई निजता नीति को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता को दिल्ली हाईकोर्ट जाने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने  व्हाट्सएप बिजनेस की नई निजता नीति को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता को दिल्ली हाईकोर्ट जाने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सोशल मीडिया चैट प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप की नई निजता नीति के खिलाफ कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स की एक याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।याचिकाकर्ता-संगठन के लिए अधिवक्ता की ओर से दलील दी गई,"हम व्हाट्सएप बिजनेस खातों की निजता नीति पर हैं। व्हाट्सएप के दो प्रकार के ग्राहक हैं- सामान्य श्रेणी और व्हाट्सएप बिजनेस। उत्तरार्द्ध के बारे में निजता की चिंताएं महत्वपूर्ण हैं! वहां व्यापार उद्यमों की वित्तीय जानकारी का बहुत कुछ है।"सीजेआई एस ए बोबडे ने कहा,"हमें बताया गया...

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के लॉकडाउन के दौरान नष्ट की गई प्रवासियों की झोपड़ियों को फिर से बनाने के लिए राज्य सरकार को दिए आदेश पर रोक लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के लॉकडाउन के दौरान नष्ट की गई प्रवासियों की झोपड़ियों को फिर से बनाने के लिए राज्य सरकार को दिए आदेश पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा दिए गए उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को बेंगलुरू में कचकरहल्ली झुग्गी में नष्ट की गई प्रवासी श्रमिकों की झोपड़ियों अपनी लागत पर पुनर्निर्माण करने का निर्देश दिया था। इन झोपड़ियों को उस वक़्त नष्ट किया गया था, जब कोरोना वायरस के कारण संपूर्ण देश में लॉकडाउन लगा दिया गया था, और इनके निवासी अपने गृह राज्यों/नगरों को चले गए थे।हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ कर्नाटक राज्य द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका पर नोटिस जारी करते हुए...

National Uniform Public Holiday Policy
मादक पदार्थ के संवेदनशील मामले में की गई कार्यवाही भयानक : सुप्रीम कोर्ट ने एनसीबी मुख्यालय से स्पष्टीकरण मांगा

एनडीपीएस मामले में बरी होने के खिलाफ एसएलपी दायर करने में 652 दिनों की देरी के कारण, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एनसीबी मुख्यालय से स्पष्टीकरण मांगा कि किस तरह से इस मामले को खुला छोड़ा गया और किस अधिकारी के लिए लापरवाही बरतने पर क्या जवाबदेही तय की गई है।न्यायमूर्ति एस के कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, "हम यह भी जानना चाहेंगे कि प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।"बेंच अन्य बातों के साथ, राजस्थान हाईकोर्ट के दिसंबर, 2018 के फैसले को चुनौती देने वाली केंद्र की...

राज्य के कितने पुलिस स्टेशनों में महिलाओं के लिए टॉयलेट नहीं हैं? इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा
'राज्य के कितने पुलिस स्टेशनों में महिलाओं के लिए टॉयलेट नहीं हैं?' इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा

इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष विभिन्न लॉ कॉलेजों के छात्रों द्वारा एक याचिका दायर की गई है, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार को ऐसे पुलिस स्टेशनों में महिलाओं के शौचालयों के निर्माण को सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है, जहां लेडिज़ टॉयलेट का निर्माण नहीं हुआ है।याचिका में यह भी निर्देश देने की मांग की गई है कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करे कि इस तरह के शौचालयों में शौचालय, पानी, बिजली, पंखा, डोरबर्न जैसी सभी आवश्यक सुविधाएं हों, जिससे महिलाओं की निजता और गरिमा का ध्यान रखा जा...

अगर कॉरपोरेट देनदार ने उधारकर्ता के दायित्व का निर्वहन करने का वचन दिए बिना, केवल  शेयरों को गिरवी रखकर सिक्योरिटी  की पेशकश की है, तो वो IBC के तहत वित्तीय लेनदार नहीं बनेगा : सुप्रीम कोर्ट
अगर कॉरपोरेट देनदार ने उधारकर्ता के दायित्व का निर्वहन करने का वचन दिए बिना, केवल शेयरों को गिरवी रखकर सिक्योरिटी की पेशकश की है, तो वो IBC के तहत 'वित्तीय लेनदार' नहीं बनेगा : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि अगर किसी कॉरपोरेट देनदार ने उधारकर्ता के दायित्व का निर्वहन करने का वचन दिए बिना, केवल शेयरों को गिरवी रखकर सिक्योरिटी की पेशकश की है, तो ऐसे मामले में लेनदार 'वित्तीय लेनदार' नहीं बनेगा जैसा कि इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के तहत परिभाषित किया गया है।न्यायालय ने माना कि इस तरह के लेनदार एक सुरक्षित लेनदार हो सकते हैं, लेकिन दिवाला समाधान प्रक्रिया में भाग लेने के हकदार IBC के तहत वित्तीय लेनदार नहीं होंगे।उदाहरणों का जिक्र करते हुए, न्यायमूर्ति अशोक भूषण की...

आजीवन कारावास की सजा को कम करनाः सीआरपीसी की धारा 435 के तहत केंद्र की सहमति आवश्यक, हालांकि बिना किसी कारण इनकार नहीं किया जा सकता
आजीवन कारावास की सजा को कम करनाः सीआरपीसी की धारा 435 के तहत केंद्र की सहमति आवश्यक, हालांकि बिना किसी कारण इनकार नहीं किया जा सकता

दिल्ली उच्च न्यायालय ने माना है कि सीआरपीसी की धारा 435 के तहत किसी कैदी की समय से पहले रिहाई के लिए केंद्र सरकार की "सहमति" आवश्यक है।यह प्रावधान राज्य सरकार को कुछ मामलों में सीआरपीसी की धारा 432 (सजा को निलंबित या श‌िथिल करने की शक्ति) और 433 (सजा को कम करने की शक्ति ) के तहत प्रदान की गई शक्तियों का उपयोग करने के लिए प्रतिबंधित करता है, जहां विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 के तहत गठित दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान द्वारा जांच की गई है, या किसी अन्य एजेंसी को, केंद्र सरकार के साथ 'परामर्श'...

केवल करेंसी नोटों की बरामदगी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत अपराध कायम करने के लिए पर्याप्त नहीं : सुप्रीम कोर्ट
केवल करेंसी नोटों की बरामदगी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत अपराध कायम करने के लिए पर्याप्त नहीं : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केवल करेंसी नोटों का क़ब्ज़ा या बरामदगी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत अपराध कायम करने के लिए पर्याप्त नहीं है।आरोप साबित करने के लिए, यह उचित संदेह से परे साबित किया जाना चाहिए कि अभियुक्त ने स्वेच्छा से रिश्वत के रूप में जानते हुए ये पैसा स्वीकार किया। जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने भ्रष्टाचार के एक मामले में एक व्यक्ति को सजा देने के हाईकोर्ट के आदेश को रद्द करते हुए कहा।इस मामले में, आरोपी, जो मदुरै नगर निगम का...