संपादकीय

एक नागरिक को सरकार की आलोचना का अधिकार, जब तक कि वह लोगों को हिंसा के लिए नहीं भड़काता: विनोद दुआ मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा
एक नागरिक को सरकार की आलोचना का अधिकार, जब तक कि वह लोगों को हिंसा के लिए नहीं भड़काता: विनोद दुआ मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा

एक नागरिक को सरकार और उसके पदाधिकारियों द्वारा किए गए उपायों की आलोचना या टिप्पणी करने का अधिकार है, जब तक कि वह लोगों को सरकार के खिलाफ हिंसा के लिए या सार्वजनिक अव्यवस्था पैदा करने के इरादे से भड़काता नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ दर्ज देशद्रोह के मामले को खारिज करते हुए उक्त टिप्पणी की।जस्टिस उदय उमेश ललित और जस्टिस विनीत सरन की पीठ ने कहा कि केवल तभी जब शब्दों या भावों में सार्वजनिक अव्यवस्था या कानून और व्यवस्था की गड़बड़ी पैदा करने की हानिकारक प्रवृत्ति या इरादा होता...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
अदालत के आदेश की जानबूझकर अवज्ञा करने पर ही अवमानना ​​की कार्रवाई की जा सकती है, सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया

सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया है कि अदालत के आदेश की जानबूझकर अवज्ञा करने पर ही अवमानना ​​की कार्रवाई की जा सकती है।जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने कहा, "अवमानना ​​क्षेत्राधिकार का प्रयोग करने में प्राथमिक चिंता यह होनी चाहिए कि क्या कृत्य या चूक को उस पक्ष का अपमानजनक आचरण कहा जा सकता है, जिस पर न्यायालय के निर्णय और आदेश में दिए गए निर्देशों का पालन करने में चूक करने का आरोप लगाया गया है।"मौजूदा मामलों में, उत्तर प्रदेश जल निगम ने उस भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया था, जिसके...

National Uniform Public Holiday Policy
'नाम पहचान का एक मूलभूत तत्व है': सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई प्रमाणपत्रों में सुधार और परिवर्तन दर्ज करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को उसके द्वारा जारी किए गए प्रमाणपत्रों में सुधार या परिवर्तन दर्ज करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए।न्यायमूर्ति एएम खानविलकर, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की खंडपीठ ने बोर्ड द्वारा जारी प्रमाणपत्रों के उम्मीदवारों या उनके माता-पिता के नाम/उपनाम/जन्म तिथि में संशोधन/परिवर्तन से संबंधित कानूनी प्रतिबंधों पर सवाल उठाने वाली अपीलों के एक बैच का निपटारा करते हुए ये निर्देश जारी किए।अदालत ने सीबीएसई को अपने...

सुप्रीम कोर्ट ने न्यायमूर्ति शिव कीर्ति सिंह को नई नियुक्ति होने तक TDSAT अध्यक्ष के रूप में काम करते रहने के लिए कहा
सुप्रीम कोर्ट ने न्यायमूर्ति शिव कीर्ति सिंह को नई नियुक्ति होने तक TDSAT अध्यक्ष के रूप में काम करते रहने के लिए कहा

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश, न्यायमूर्ति शिव कीर्ति सिंह को नई नियुक्ति होने तक दूरसंचार विवाद निपटान अपीलीय न्यायाधिकरण (TDSAT) के अध्यक्ष के रूप में काम जारी रखने का निर्देश दिया।जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस एस रवींद्र भट की पीठ ने यह निर्देश मद्रास बार एसोसिएशन द्वारा दायर ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स ऑर्डिनेंस 2021 को चुनौती देने वाली याचिका पर पारित किया है।पीठ ने भारत के मुख्य न्यायाधीश से नियुक्ति की प्रक्रिया में तेजी लाने का भी अनुरोध...

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई/आईसीएसई को कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा की मूल्यांकन नीति तय करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई/आईसीएसई को कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा की मूल्यांकन नीति तय करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सीबीएसई और आईसीएसई को कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा की मूल्यांकन नीति तय करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। दरअसल, केंद्र सरकार ने मंगलवार (1 जून) को COVID-19 के कारण कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया था।जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की अवकाश पीठ ने जनहित याचिका (एडवोकेट ममता शर्मा बनाम यूनियन ऑफ इंडिया और अन्य) की सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी, जिसमें कक्षा 12 की बोर्ड की परीक्षा को रद्द करने की मांग की गई थी।पीठ को सीबीएसई...

प्रत्येक पत्रकार केदारनाथ फैसले के तहत सुरक्षा पाने का हकदार है : सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ देशद्रोह का मामला खारिज किया
'प्रत्येक पत्रकार केदारनाथ फैसले के तहत सुरक्षा पाने का हकदार है' : सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ देशद्रोह का मामला खारिज किया

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ देशद्रोह और अन्य अपराधों के लिए दर्ज प्राथमिकी को खारिज किया। दरअसल, हिमाचल प्रदेश में एक स्थानीय भाजपा नेता ने दुआ के यूट्यूब शो में प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार के खिलाफ आलोचनात्मक टिप्पणी करने के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।जस्टिस यू यू ललित और जस्टिस विनीत सरन की पीठ ने 6 अक्टूबर, 2020 को दुआ, हिमाचल प्रदेश सरकार और मामले में शिकायतकर्ता की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था।पीठ ने कहा कि,"प्रत्येक पत्रकार केदार नाथ सिंह...

सुप्रीम कोर्ट ने COVID-19 वैक्सीन की भारतीय एवं अंतरराष्ट्रीय कीमतों का तुलनात्मक ब्योरा मांगा
सुप्रीम कोर्ट ने COVID-19 वैक्सीन की भारतीय एवं अंतरराष्ट्रीय कीमतों का तुलनात्मक ब्योरा मांगा

इस बात का संज्ञान लेते हुए कि केंद्र सरकार ने छूट या किसी अन्य तरीके से वैक्सीन के उत्पादन में वित्तीय मदद तथा सहायता प्रदान की थी, सुप्रीम कोर्ट ने इस बात को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है कि क्या यह कहना सटीक होगा कि निजी इकाइयों ने निर्माण का जोखिम और लागत अकेले वहन किया है।इसने कहा कि मैन्यूफैक्चरर्स को केंद्र सरकार द्वारा इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन दिया गया था, जिससे उनके जोखिम कम हुए, तो इसे मूल्य निर्धारण में शामिल किया जाना चाहिए था।कोर्ट ने भारत में उपलब्ध करायी जा रही वैक्सीन की कीमत एवं...

संविधान की परिकल्पना यह नहीं है कि जब कार्यपालिका की नीतियां नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन करे तो न्यायालय मूक दर्शक बना रहे: COVID वैक्सीन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा
संविधान की परिकल्पना यह नहीं है कि जब कार्यपालिका की नीतियां नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन करे तो न्यायालय मूक दर्शक बना रहे: COVID वैक्सीन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा

केंद्र सरकार की COVID वैक्‍सीनेशन पॉलिसी पर कई सवाल उठाते हुए और पॉलिसी के कुछ पहलुओं को प्रथम दृष्टया "मनमाना और तर्कहीन" मानते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट करने का प्रयास किया है कि वह शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत का उल्लंघन नहीं कर रहा है और वह केवल संविधान द्वारा परिकल्पित भूमिका निभा रहा है।जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस एस रवींद्र भट की पीठ ने स्वत: संज्ञान मामले में कहा, "हमारा संविधान अदालतों को मूक दर्शक बने रहने की परिकल्पना नहीं करता है, जब नागरिकों...

हम सर्च इंजन हैं, सोशल मीडिया इंटरमीडियरी नहीं; IT Rules 2021 के खिलाफ संरक्षण के लिए Google ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपील दायर की
हम सर्च इंजन हैं, सोशल मीडिया इंटरमीडियरी नहीं; IT Rules 2021 के खिलाफ संरक्षण के लिए Google ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपील दायर की

Google LLC ने इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल एथिक्स कोड) रूल्स 2021 (आईटी रूल्स 2021) के तहत "सोशल मीडिया इंटरमीडियरी" (SMI) घोषित किए जाने के खिलाफ अंतरिम सुरक्षा की मांग करते हुए आज दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया । याचिका पर चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की खंडपीठ सुनवाई कर रही थी।Google ने स‌िंगल जज बेंच के आदेश के खिलाफ अपील में अदालत का रुख किया है, जिसने उसे एक महिला याचिका द्वारा "अपमानजनक" होने के कारण "आपत्तिजनक" के रूप में चिन्हित की गई सामग्री...

यूथ बार एसोसिएशन ने गंगा में तैरते शवों को हटाने और किसी भी नदी में शवों को फेंकने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रूख किया
यूथ बार एसोसिएशन ने गंगा में तैरते शवों को हटाने और किसी भी नदी में शवों को फेंकने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रूख किया

यूथ बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर कर गंगा नदी में तैरते शवों को हटाने के लिए उचित कदम उठाने और यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने की मांग की है कि किसी को भी किसी भी नदी में शव फेंकने की अनुमति नहीं है क्योंकि इससे पर्यावरण को नुकसान हो सकता है।न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ की मंगलवार को उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में हुई घटना से संबंधित टिप्पणी के बाद याचिका दायर की गई, जिसमें नदी में तैरते शवों पर COVID-19 स्वत: संज्ञान मामले के दौरान दो...

विवाहेतर संबंध इस नतीजे पर पहुंचने का आधार नहीं कि महिला अच्छी मां साबित नहीं होगी और उसे बच्चे की कस्टडी नहीं दी जा सकती : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट
विवाहेतर संबंध इस नतीजे पर पहुंचने का आधार नहीं कि महिला अच्छी मां साबित नहीं होगी और उसे बच्चे की कस्टडी नहीं दी जा सकती : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट

पुरुष प्रधान समाज में महिला के नैतिक चरित्र के बारे में टीका टिप्पणी करना आम बात बताते हुए तथा चार साल की बच्ची की कस्टडी मां के हक में मंजूर करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल में इस प्रकार टिप्पणी की है :"यह भी मान लेने पर कि महिला का विवाहेतर संबंध है या रहा है तो भी इससे यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता कि वह महिला अच्छी मां नहीं है और उसके बच्चे की कस्टडी उसे नहीं दी जानी चाहिए।''न्यायमूर्ति अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल की एकल बेंच उस मां की ओर से दायर याचिका की सुनवाई कर रही थी, जिसने अपनी...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
'COVID-19 के कारण 346 पत्रकारों की मौत': सुप्रीम कोर्ट में मीडियाकर्मियों के लिए मुआवजा, फ्री मेडिकल सुविधा की मांग वाली याचिका दायर

सुप्रीम कोर्ट के समक्ष COVID-19 स्वत: संज्ञान मामले में एक हस्तक्षेप आवेदन दायर किया गया, जिसमें महामारी के दौरान पत्रकारों और मीडिया कर्मियों की स्थिति पर प्रकाश डाला गया है और पत्रकारों और उनके परिवारों को उचित और पर्याप्त COVID-19 उपचार सुनिश्चित करने के निर्देश देने की मांग की गई है। डॉ कोटा नीलिमा की ओर से एडवोकेट लुबना नाज़ द्वारा याचिका दायर की गई और सीनियर एडवोकेट सलमान खुर्शीद द्वारा निपटाया गया। डॉ कोटा नीलिमा इंस्टीट्यूट ऑफ परसेप्शन स्टडीज और इसकी मीडिया पहल 'रेट द डिबेट' की...

आइए ईश्वर से प्रार्थना करें कि सभी का वैक्सीनेशन हो जाए ताकि फिजिकल सुनवाई शुरू हो सके: जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा
"आइए ईश्वर से प्रार्थना करें कि सभी का वैक्सीनेशन हो जाए ताकि फिजिकल सुनवाई शुरू हो सके": जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा

सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को बार और बेंच के बीच COVID-19 वायर से संबंधित सावधानी, मास्क और वैक्सीनेशन के संबंध में अनौपचारिक चर्चा हुई।न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ सीबीआई-पश्चिम बंगाल कोयला खनन मामले पर विचार कर रही थी।मामले में एक आरोपी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे ने संकेत दिया कि चूंकि उन्होंने वह पहले भी वायरस से संक्रमित हो चुके है। इस दौरान उन्होंने जो कुछ पढ़ा है, उसे देखते हुए वह अपेक्षाकृत सुरक्षित महसूस करते हैं।इस पर एसजी तुषार मेहता...

National Uniform Public Holiday Policy
मुस्लिम लीग ने अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए कुछ जिलों में रहने वाले अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने की अनुमति देने वाली केंद्र की अधिसूचना को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने केंद्र की उस अधिसूचना को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए कुछ जिलों में रहने वाले अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने के लिए आमंत्रित किया गया है।इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने याचिका में नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 को चुनौती देते हुए कहा कि केंद्र ने पहले कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम पर रोक लगाने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियम नहीं बनाए गए हैं।इंडियन...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगाई, जिसमें व्यक्तिगत उपयोग के लिए आयातित ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेटर्स पर लगाए गए IGST को असंवैधानिक घोषित किया गया था

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें व्यक्तिगत उपयोग के लिए आयातित ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेटर्स पर लगाए गए एकीकृत वस्तु और सेवा कर (IGST) को असंवैधानिक घोषित किया गया था।जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की अवकाश पीठ दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले (वित्त मंत्रालय बनाम गुरचरण सिंह) के खिलाफ वित्त मंत्रालय द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर रही थी।पीठ ने कहा कि मंत्रालय ने अपनी याचिका में "बहस योग्य सवाल उठाए हैं"। पीठ ने आदेश में कहा कि जीएसटी परिषद...

नदी में फेंके जा रहे शवों को दिखाने पर चैनल के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज हुआ? जस्टिस चंद्रचूड़ ने कटाक्ष किया
नदी में फेंके जा रहे शवों को दिखाने पर चैनल के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज हुआ? जस्टिस चंद्रचूड़ ने कटाक्ष किया

मीडिया के खिलाफ देशद्रोह के मामले दर्ज करने की बढ़ती प्रवृत्ति पर कटाक्ष करते हुए, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने पूछा कि क्या किसी समाचार चैनल के खिलाफ नदी में फेंके गए शव को दिखाने के लिए कोई देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है?यह चुटकी स्वत संज्ञान COVID19 मामले की सुनवाई के दौरान उस समय ली गई, जब एमिकस क्यूरी वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा प्रस्तुत कर रही थी कि शवों के सम्मानजनक दाह-संस्कार के लिए दिशानिर्देश तैयार किए जाने चाहिए।न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव ने तब कहा कि उन्होंने एक समाचार...

COVID Vaccines: राज्यों को अधिक कीमत क्यों चुकानी पड़ रही है? कीमत एक समान होनी चाहिए, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा
COVID Vaccines: राज्यों को अधिक कीमत क्यों चुकानी पड़ रही है? कीमत एक समान होनी चाहिए, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा

सुप्रीम कोर्ट ने COVID-19 से संबंधित मुद्दों (महामारी के दौरान आवश्यक सेवाओं और आपूर्ति के पुन: वितरण में) पर स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई के दौरान कहा, "देश भर में COVID-19 टीकों के लिए एक कीमत होने की आवश्यकता है।"जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस एस रवींद्र भट की तीन जजों की बेंच ने केंद्र सरकार द्वारा अपनाई गई COVID-19 वैक्सीन की दोहरी कीमत और खरीद नीति के औचित्य पर केंद्र सरकार से कड़े सवाल किए।न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने सोमवार की सुनवाई में यह मुद्दा उठाया कि क्या 18...