सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगाई, जिसमें व्यक्तिगत उपयोग के लिए आयातित ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेटर्स पर लगाए गए IGST को असंवैधानिक घोषित किया गया था

LiveLaw News Network

1 Jun 2021 7:17 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली

    सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें व्यक्तिगत उपयोग के लिए आयातित ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेटर्स पर लगाए गए एकीकृत वस्तु और सेवा कर (IGST) को असंवैधानिक घोषित किया गया था।

    जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की अवकाश पीठ दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले (वित्त मंत्रालय बनाम गुरचरण सिंह) के खिलाफ वित्त मंत्रालय द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

    पीठ ने कहा कि मंत्रालय ने अपनी याचिका में "बहस योग्य सवाल उठाए हैं"। पीठ ने आदेश में कहा कि जीएसटी परिषद ने COVID-19 राहत के लिए GST छूट के मुद्दे पर विचार करने के लिए मंत्रियों के एक समूह का गठन किया है, और यह समूह 8 जून को अपनी रिपोर्ट देगा।

    एटॉर्नी जनरल के वेणुगोपाल ने केंद्रीय मंत्रालय की ओर से पीठ को बताया कि दिल्ली हाईकोर्ट ने अपनी फैसले के के जरिए "व्यापक जाल" फेंक दिया है।

    जब जस्टिस चंद्रचूड़ ने बताया कि केंद्र ने पहले ही सरकारी एजेंसियों द्वारा आयातित ऑक्सीजन कॉन्‍सनट्रेटर के लिए IGST से छूट दी है, तो अटॉर्नी जनरल ने जवाब दिया कि यह एक अलग उद्देश्य के लिए था। इस प्रकार की छूट का उद्देश्य राज्य एजेंसियों द्वारा आयात किए गए कॉन्‍सनट्रेटर को गरीब और जरूरतमंद लोगों में वितरित करना था। न‌िजी रूप से आया‌तित कॉन्‍सनट्रेटर के लिए ऐसा कोई उद्देश्य नहीं है।

    एजी ने आगे पीठ को बताया कि जीएसटी परिषद 8 जून को उसी मुद्दे पर विचार करेगी। लेकिन हाईकोर्ट के फैसले ने केंद्र के हाथ बांध दिए हैं।

    जस्टिस शाह ने कहा कि यह बहस का विषय है कि क्या संविधान का अनुच्छेद 14 कराधान नीति के मुद्दे पर लागू होता है। उन्होंने यह भी कहा कि हाईकोर्ट छूट के उद्देश्य में नहीं गया है।

    एजी के सबमिशन को ध्यान में रखते हुए, बेंच ने नोटिस जारी करते हुए स्थगन आदेश पारित किया। 4 हफ्ते के भीतर नोटिस का जवाब देना होगा।

    पीठ ने आदेश में कहा, "अटॉर्नी जनरल ने प्रस्तुत किया कि जीएसटी परिषद की 21 मई की बैठक में, यह निर्णय लिया गया था कि COVID राहत पर और छूट की आवश्यकता की जांच के लिए मंत्रियों के एक समूह का गठन किया जाएगा। वे 8 जून को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। यह प्रस्तुत किया गया है कि हाईकोर्ट का आदेश विशुद्ध रूप से नीतिगत मामले में हस्तक्षेप है। यह प्रस्तुत किया गया है कि ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेटर के लिए जो छूट दी गई है, वह एक अलग वर्गीकरण के लिए है। बहस योग्य प्रश्न उठाए गए हैं।"

    21 मई को हाईकोर्ट के जस्टिस राजीव शकधर और जस्टिस तलवंत सिंह की खंडपीठ ने उक्त फैसला सुनाया ‌था। हाईकोर्ट ने नोट किया था कि केंद्र ने सरकारी एजेंसियों द्वारा आयातित ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेटर पर IGST की छूट दी है। उस पृष्ठभूमि में, विदेशों से उपहार के रूप में आयात किए गए ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेटर को छूट का लाभ नहीं देना मनमाना और अनुचित है।

    हाईकोर्ट ने इस तथ्य पर भी ध्यान दिया था कि COVID-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान चिकित्सा ऑक्सीजन की तीव्र कमी से पैदा हुए संकट की पृष्ठभूमि में केंद्र द्वारा छूट अधिसूचना जारी की गई थी।

    हाईकोर्ट ने कहा, "... हमारे विचार में, इस आशय की एक घोषणात्मक राहत दी जा सकती है कि व्यक्तिगत उपयोग के लिए उपहार के रूप में आयात किए जाने वाले ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेटर पर आईजीएसटी लगाना, अर्थात, नि:शुल्क, संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है....।"

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