संपादकीय

173 सीआरपीसी - मजिस्ट्रेट को आरोपी के खिलाफ आगे बढ़ने से पहले प्रारंभिक अंतिम रिपोर्ट और पूरक रिपोर्ट दोनों पर विचार करना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट
173 सीआरपीसी - मजिस्ट्रेट को आरोपी के खिलाफ आगे बढ़ने से पहले प्रारंभिक अंतिम रिपोर्ट और पूरक रिपोर्ट दोनों पर विचार करना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि क्या यह मानने का आधार है कि आरोपी ने अपराध किया है, न्यायिक मजिस्ट्रेट को यह तय करने से पहले सीआरपीसी की धारा 173 (2) के तहत प्रस्तुत प्रारंभिक अंतिम रिपोर्ट (initial final report) और धारा 173 (8) के तहत प्रस्तुत पूरक रिपोर्ट (दोनों supplementary report) पर विचार करना चाहिए।जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने केरल हाईकोर्ट के 3 मार्च, 2021 के आदेश के खिलाफ एक आपराधिक अपील पर विचार करते हुए यह टिप्पणी की।इस मामले में (लुकोस जकारिया @ ज़क नेदुमचिरा...

केरल हाईकोर्ट ने मीडिया वन चैनल पर प्रसारण प्रतिबंध को बरकरार रखा, एकल पीठ के फैसले के खिलाफ अपील खारिज की
केरल हाईकोर्ट ने मीडिया वन चैनल पर प्रसारण प्रतिबंध को बरकरार रखा, एकल पीठ के फैसले के खिलाफ अपील खारिज की

केरल हाईकोर्ट (Kerala High Court) ने मलयालम समाचार चैनल मीडिया वन (MediaOne) पर राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा हाल ही में लगाए गए प्रतिबंध को बरकरार रखने वाले एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ दायर अपील को खारिज कर दिया।मुख्य न्यायाधीश एस. मणिकुमार और न्यायमूर्ति शाजी पी. चाली की खंडपीठ ने केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा मीडिया वन को दिए गए प्रसारण लाइसेंस को नवीनीकृत करने से इनकार करने वाले आदेश को बरकरार रखा है।केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (KUWJ) ने...

परिसीमा अवधि के विस्तार के दौरान एन आई एक्ट 138 के तहत दर्ज शिकायतें प्री -मेच्योर नहीं : गुरुग्राम बार ने मांगा सुप्रीम कोर्ट से स्पष्टीकरण का आग्रह किया
परिसीमा अवधि के विस्तार के दौरान एन आई एक्ट 138 के तहत दर्ज शिकायतें प्री -मेच्योर नहीं : गुरुग्राम बार ने मांगा सुप्रीम कोर्ट से स्पष्टीकरण का आग्रह किया

गुरुग्राम डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन ने नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 की धारा 138 के प्रावधान (बी) और (सी) के लिए परिसीमा अवधि को निलंबित करने वाले अदालत के आदेशों की व्याख्या के बारे में स्पष्टीकरण की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।एसोसिएशन की ओर से स्वत: संज्ञान मामले में परिसीमा अवधि बढ़ाए जाने के संबंध में एक अर्जी दाखिल की गई है।एसोसिएशन ने स्पष्टीकरण मांगा है कि नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1882 की धारा 138 के तहत 15 मार्च 2020 को या उसके बाद आज तक दर्ज किए गए शिकायत...

सेक्स वर्कर्स को नाको /राज्य प्रमाण पत्र के अधीन निवास के औपचारिक प्रमाण के बिना आधार कार्ड दिया जा सकता है: राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया
सेक्स वर्कर्स को नाको /राज्य प्रमाण पत्र के अधीन निवास के औपचारिक प्रमाण के बिना आधार कार्ड दिया जा सकता है: राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को सूचित किया कि अगर राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (NACO) या राज्य स्वास्थ्य विभाग में कोई राजपत्रित अधिकारी प्रमाण पत्र देता है तो यौनकर्मियों के लिए आधार कार्ड जारी करने के लिए निवास के किसी औपचारिक प्रमाण की आवश्यकता नहीं है।न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बीआर गवई की खंडपीठ ने कहा कि जानकारी, विशेष रूप से यौनकर्मियों के पेशे के विवरण को गोपनीय रखना महत्वपूर्ण होगा।यूआईडीएआई का प्रतिनिधित्व...

तलाक के बाद पुनर्विवाह पर प्रतिबंध सिर्फ सीमा अवधि के दौरान दूसरे पक्ष द्वारा अपील दाखिल करने पर ही लागू हो जाएगा : सुप्रीम कोर्ट
तलाक के बाद पुनर्विवाह पर प्रतिबंध सिर्फ सीमा अवधि के दौरान दूसरे पक्ष द्वारा अपील दाखिल करने पर ही लागू हो जाएगा : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि तलाक के बाद पुनर्विवाह पर प्रतिबंध, जैसा कि हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 15 के तहत निर्दिष्ट है, को लागू करने के लिए, यह आवश्यक नहीं है कि दूसरा पक्ष सीमा अवधि के भीतर हाईकोर्ट के समक्ष फैमिली कोर्ट डिक्री के खिलाफ अपील लाए। धारा 15 को लागू करने के लिए केवल सीमा अवधि के भीतर अपील दायर करना पर्याप्त है।हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 15 जो इस प्रकार कहती है: "जब तलाक की डिक्री द्वारा एक विवाह को भंग कर दिया गया है और या तो डिक्री के खिलाफ अपील करने का कोई अधिकार नहीं...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
दूरसंचार कंपनियों के खिलाफ उपभोक्ता शिकायत उपभोक्ता फोरम/आयोग के समक्ष सुनवाई योग्य : सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन आइडिया की अपील खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि दूरसंचार कंपनियों के खिलाफ उपभोक्ता शिकायत उपभोक्ता फोरम/आयोग के समक्ष सुनवाई योग्य है।जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस विक्रम नाथ की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 के तहत एक मध्यस्थ उपाय का अस्तित्व उपभोक्ता मंच के अधिकार क्षेत्र से बाहर नहीं होगा। इस मामले में, वोडाफोन आइडिया सेल्युलर लिमिटेड की ओर से सेवा में कमी का आरोप लगाते हुए जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम, अहमदाबाद के समक्ष एक उपभोक्ता शिकायत दर्ज की गई। ...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
सीआरपीसी धारा 207 - पहचान में संशोधन कर आरोपी को संरक्षित गवाहों के बयानों की प्रति दी जा सकती है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (" यूएपीए")1967 की धारा 44 के साथ पठित आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 ("सीआरपीसी) की धारा 173 (6) के तहत संरक्षित गवाहों के लिए भी ऐसा घोषित किया गया है कि आरोपी उनके संशोधित बयानों की प्रतियां प्राप्त करने के लिए सीआरपीसी की धारा 207 और 161 के तहत अपने अधिकार का प्रयोग कर सकते हैं, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि गवाह की पहचान का खुलासा नहीं किया जाएगा।जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एम एम सुंदरेश ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
सुनवाई के लिए स्वीकार किये जाने के बाद भी अग्रिम जमानत याचिका पर अनिश्चितकाल का स्थगन व्यक्तिगत स्वतंत्रता के लिए हानिकारक: सुप्रीम कोर्ट

"जब अग्रिम जमानत के लिए एक आवेदन एकल न्यायाधीश के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था, जिसके साथ अंतरिम राहत के लिए एक आवेदन भी था, तो जहां तक अंतरिम प्रार्थना का संबंध है, न्यायाधीश को कोई न कोई फैसला करना चाहिए था, या सरकार को कुछ उचित समय देने के बाद उस याचिका को विचार के लिए लिया जाना चाहिए था।"सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम सुरक्षा की मांग करने वाले एक आवेदन पर विचार किए बिना, सुनवाई के लिए स्वीकृत अग्रिम जमानत याचिका को बाद में सूचीबद्ध करने के लिए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट द्वारा निर्देश दिये जाने की प्रक्रिया...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
चश्मदीद गवाह के साक्ष्य को केवल इसलिए खारिज नहीं किया जा सकता, क्योंकि उसने मृतक पर हमले के समय हस्तक्षेप नहीं किया था: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एक चश्मदीद गवाह के साक्ष्य को केवल इस कारण से खारिज नहीं किया जा सकता है कि उसने कथित तौर पर खतरे की कोई घंटी नहीं बजाई थी या मृतक पर हमला होने पर हस्तक्षेप करने की कोशिश नहीं की थी।कोर्ट ने यह टिप्पणी एक आरोपी द्वारा दायर अपील खारिज करते हुए की, जिसे हत्या के एक मामले में आईपीसी की धारा 302 और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 और 27 के तहत अपराधों का दोषी ठहराया गया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपी का मृतका के साथ प्रेम संबंध था, लेकिन जब उसने मृतका को दूसरे लड़के से बात...

आईपीआर उल्लंघन के खिलाफ मजबूत प्रवर्तन प्रावधानों की आवश्यकता: सीजेआई एनवी रमाना
आईपीआर उल्लंघन के खिलाफ मजबूत प्रवर्तन प्रावधानों की आवश्यकता: सीजेआई एनवी रमाना

भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमाना ने भारत में आईपीआर विवादों के न्यायनिर्णयन पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में बोलते हुए शनिवार को कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकारों के उल्लंघन के कृत्यों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है।सीजेआई रमाना ने कहा, "उल्लंघन के खिलाफ सख्त प्रवर्तन और कार्रवाई के प्रावधान समय की जरूरत है।" उन्होंने यह भी कहा कि आईपीएबी से उच्च न्यायालयों में आईपीआर क्षेत्राधिकार का अधिकार ऐसे समय में आया है जब सिस्टम बैकलॉग से अधिक बोझ है।इस संदर्भ में, सीजेआई ने न्यायिक बुनियादी ढांचे...

दुर्घटना के बाद दावेदार की स्थिति सुविधाओं और खुशी के नुकसान के मद में मुआवजा निर्धारित करने के लिए प्रासंगिक कारक: सुप्रीम कोर्ट
दुर्घटना के बाद दावेदार की स्थिति 'सुविधाओं और खुशी के नुकसान' के मद में मुआवजा निर्धारित करने के लिए प्रासंगिक कारक: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दुर्घटना के बाद दावेदार की स्थिति 'सुविधाओं और खुशी के नुकसान' के मद में मुआवजे का निर्धारण करने के लिए एक प्रासंगिक कारक है।न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की पीठ ने आठ साल से कोमा में रहने वाले व्यक्ति को दर्द, सदमा और पीड़ा तथा सुख-सुविधाओं और जीवन की खुशी के नुकसान के मद में दिए जाने वाले मुआवजे को बढ़ाकर दस लाख रुपये कर दिया।कोर्ट ने कहा, "दावेदार द्वारा झेले गए दर्द, पीड़ा और आघात की भरपाई पैसे के रूप में नहीं की जा सकती है। हालांकि, फिर भी यह...

इस तरह से देह व्यापार में धकेले जाने वाली हर महिलाओं के लिए मेरे मन में सम्मान है: जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने 14 साल की लड़की की तस्करी के दर्द को याद किया
'इस तरह से देह व्यापार में धकेले जाने वाली हर महिलाओं के लिए मेरे मन में सम्मान है': जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने 14 साल की लड़की की तस्करी के दर्द को याद किया

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की जज जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने गुरुवार को 'गंगूबाई काठियावाड़ी (Gangubai Kathiawadi)' फिल्म पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए एक 14 साल की लड़की से मुलाकात को याद किया, जिसे नौकरी के झूठे बहाने से तस्करी कर लाया गया था।जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने कहा,"यह अदालत उत्पीड़न को समझती है जिससे ऐसे लोगों को गुजरना पड़ता है। अगर आप मुझसे व्यक्तिगत रूप से पूछें, तो मैं उन महिलाओं के लिए पूरा सम्मान रखती हूं जिन्हें इस तरह धकेला जाता है। मैं पश्चिम बंगाल विधिक...

सुप्रीम कोर्ट ने चार साल बाद रिटायर्ड मुख्य न्यायाधीश/हाईकोर्ट के जज, एओआर से सीनियर एड्वोकेट डेसिग्नेशन के आवेदन आमंत्रित किए
सुप्रीम कोर्ट ने चार साल बाद रिटायर्ड मुख्य न्यायाधीश/हाईकोर्ट के जज, एओआर से सीनियर एड्वोकेट डेसिग्नेशन के आवेदन आमंत्रित किए

सुप्रीम कोर्ट ने सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीशों/उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों और एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड/एडवोकेट (Retired Chief Justices/Judges of High Courts and Advocates-on-Record / Advocates) से सीनियर एडवोकेट के डेसिग्नेशन (पदनाम) के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में शुक्रवार को नोटिस जारी किया।उल्लेखनीय है कि इंदिरा जयसिंह बनाम सेक्रेटरी जनरल और अन्य के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के मामले में दिए गए दिशा निर्देशों के अनुपालन में तैयार किए गए सीनियर एडवोकेट (वरिष्ठ...

सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेताओं की पश्चिम बंगाल के स्थानीय चुनावों में केंद्रीय बलों की तैनाती की याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेताओं की पश्चिम बंगाल के स्थानीय चुनावों में केंद्रीय बलों की तैनाती की याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पार्टी के नेता मौसमी रॉय और प्रताप बनर्जी द्वारा पश्चिम बंगाल के स्थानीय चुनावों में केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग वाली याचिका खारिज कर दी।जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्य कांत की पीठ ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया, जिसने 27 फरवरी को होने वाले पश्चिम बंगाल की शेष 108 नगर पालिकाओं के आगामी चुनावों के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती के लिए निर्देश जारी करने से इनकार कर दिया था।बुधवार को...

Russia-Ukraine Conflict: एडवोकेट ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षा के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया
Russia-Ukraine Conflict: एडवोकेट ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षा के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष (Russia-Ukraine Conflict) को देखते हुए एक वकील ने यूक्रेन में फंसे यूक्रेन में फंसे हजारों भारतीय छात्रों और परिवारों की सुरक्षा के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।एडवोकेट विशाल तिवारी द्वारा एक जनहित याचिका दायर कर भारत सरकार को यूक्रेन में छात्रों और परिवारों सहित फंसे हुए भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए तुरंत प्रभावी राजनयिक कदम और उपाय करने का निर्देश देने की मांग की है।यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को चिकित्सा...

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से एसी/एसटी के लिए प्रमोशन में आरक्षण से संबंधित डेटा साझा करने के लिए कहा
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से एसी/एसटी के लिए प्रमोशन में आरक्षण से संबंधित डेटा साझा करने के लिए कहा

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की तीन जजों की बेंच ने जरनैल सिंह एंड अन्य बनाम लच्छमी नारायण गुप्ता एंड अन्य 2022 लाइव लॉ (SC) 94 में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए प्रमोशन में आरक्षण संबंधी मामले में आदेश पारित करते हुए व्यक्तिगत अपीलों को मैरिट के आधार पर बाद की तारीख में लेने का फैसला किया है।कोर्ट ने निर्देश दिया कि केंद्र को एक हलफनामा दाखिल करना चाहिए जिसमें अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए पदोन्नति में आरक्षण प्रदान करने से संबंझित उपलब्ध समसामयिक डेटा का विवरण दिया गया...