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सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर असंवेदनशील रिपोर्टिंग का मामला: एनबीएसए ने आजतक पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया, जी न्यूज,इंडिया टीवी व न्यूज 24 को माफी मांगने का निर्देश
समाचार प्रसारण मानक प्राधिकरण (एनबीएसए) ने इलेक्ट्रॉनिक समाचार चैनल आजतक, जी न्यूज, न्यूज 24 और इंडिया टीवी को निर्देश दिया है कि वह अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत को सनसनीखेज बनाने व असंवेदनशील रिपोर्टिंग करने के मामले में माफी मांगे और उसका प्रसारण किया जाए। स्वशासी प्राधिकरण ने आजतक, जी न्यूज और न्यूज 24 चैनल को वो असंवेदनशील टैग लाइन्स चलाने से भी रोक दिया है,जिनमें मृतक की निजता का उल्लंघन करने और उसकी गरिमा को प्रभावित करने का प्रभाव था।जबकि, आजतक के साथ इंडिया टीवी को भी...
हाथरस केसः पीड़िता के परिजनों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर की याचिका, उत्तर प्रदेश पुलिस की अवैध हिरासत से रिहा किए जाने की मांग
हाथरस मामले में पीड़िता के परिजनों ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कथित अवैध हिरासत के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है। अधिवक्ता काशिफ अब्बास रिजवी और जौन अब्बास के माध्यम से अखिल भारतीय वाल्मीकि महापंचायत ने हिरासत में लिए गए परिवार की ओर से रिट याचिका दायर की है।मामले जस्टिस को प्रीतिंकर दिवाकर और प्रदीप कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था, जिस पर उन्होंने फैसला सुरक्षित रखा । आरोप है कि मृतक पीड़िता के करीबी परिजनों यानी पिता, मां, दो भाइयों,...
आधिकारिक रिकॉर्ड में एंट्री किए बिना पुलिस ने मां-बेटी को हिरासत में रखाः पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने दिया दो लाख रुपए का मुआवजा
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने मंगलवार (06 अक्टूबर) को अवैध हिरासत के मामले में, राज्य सरकार को मां-बेटी को एक-एक लाख रुपए का मुआवजा देने का निर्देश दिया।जस्टिस राजीव शर्मा और हरिंदर सिंह सिद्धू की डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच की राय से सहमति जताई कि मां-बेटी को दो दिन तक थाने में रखना, वह भी बिना रोजनामचा में एंट्री के और बिना जिला/ इल्लाका मजिस्ट्रेट को बताए, अवैध हिरासत के बराबर है।मामले के तथ्य02.09.2019 को, हरविंदर कौर (बंदी) ने पुलिस स्टेशन, मोरिंडा, जिला रूपनगर में एक शिकायत की, कि उनके...
(COVID19), लोगों को इस गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए कि स्थिति में सुधार हुआ है और जीवन सामान्य हो सकता है : त्रिपुरा हाईकोर्ट
त्रिपुरा हाईकोर्ट ने मंगलवार (06 अक्टूबर) को कहा है कि राज्य के लोगों को इस गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए कि कोरोना वायरस प्रसार में आकस्मिक सुधार हुआ है और अब जीवन सामान्य हो सकता है। मुख्य न्यायाधीश अकिल कुरैशी और न्यायमूर्ति सुभाषिश तालपात्रा की खंडपीठ ने एक याचिका पर (हाईकोर्ट द्वारा लिए गए स्वत संज्ञान के बाद जनहित याचिका की प्रकृति में) सुनवाई करते हुए त्रिपुरा राज्य में कोरोनावायरस के प्रसार की स्थिति और संबंधित मुद्दों पर विचार किया था। न्यायालय ने 11 सितम्बर 2020, 18 सितम्बर 2020 और 28...
दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण योजना को लागू करने के लिए बीमा पॉलिसी को मंजूरी दी; 29077 अधिवक्ताओं ने लाभार्थियों के रूप में नाम दर्ज कराया
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण योजना (Chief Minister Advocate Welfare Scheme) को लागू करने के लिए बार काउंसिल ऑफ दिल्ली की सहायता से दिल्ली सरकार द्वारा तय की गई बीमा पॉलिसी को आखिरकार मंजूरी दे दी है।न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह की एकल पीठ ने उस नीति को मंजूरी दे दी है जो दिल्ली में रहने वाले 29077 प्रैक्टिस कर रहे अधिवक्ताओं को चिकित्सा और जीवन बीमा प्रदान करेगी।पिछले साल दिसंबर में दिल्ली सरकार ने योजना का प्रस्ताव करने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश कुमार खन्ना की...
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने ऑस्ट्रेलियाई एनआरआई को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की बहाली तक आपराधिक जांच में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल होने की अनुमति दी
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की बहाली तक एक ऑस्ट्रेलियाई एनआरआई को भारत में उसके खिलाफ लंबित एक आपराधिक जांच में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल होने की अनुमति दी। न्यायमूर्ति निर्मलजीत कौर की एकल पीठ ने कहा कि निचली अदालत द्वारा जारी समन के अनुपालन में याचिकाकर्ता- शेर प्रताप सिंह के खिलाफ 31 जनवरी, 2020 तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाएगी। बेंच ने कहा, "20.1.2020 से 31.1.2021 तक इस आदेश के अनुपालन में कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाएगा, इस उम्मीद के साथ...
भीम आर्मी चीफ चंद्र शेखर आजाद ने अपनी पार्टी का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए निर्देश जारी करने की मांग की, दिल्ली हाईकोर्ट ने EC से मांगा जवाब
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को भीम आर्मी प्रमुख चंद्र शेखर आजाद की उस याचिका पर चुनाव आयोग से जवाब मांगा है, जिसमें अज़ाद समाज पार्टी (कांसी राम) के नाम पर अपनी राजनीतिक पार्टी का पंजीकरण करने और आगामी बिहार चुनाव लड़ने के लिए चुनाव चिन्ह आवंटित करने की मांग की गई है। न्यायमूर्ति जयंत नाथ ने भारत निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी कर इस याचिका पर जवाब देने को कहा जिसमें किसी से भी आपत्तियां आमंत्रित करने के लिए 30 दिन की सेवा अवधि को घटाकर 7 दिन करने की मांग की गई थी और मामले को 20 अक्टूबर को अगली...
"वन आवरण कम हुआ, अतिक्रमण बढ़े": J&K हाईकोर्ट ने वन विभाग को कदम उठाने को कहा
जम्मू-कश्मीर घाटी में वन आवरण कम होने पर चिंता व्यक्त करते हुए, न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की एकल पीठ ने कहा कि स्थिति को मापने के लिए यूटी प्रशासन द्वारा तत्काल कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। न्यायालय ने यह भी कहा कि घाटी में वन विभाग के कामकाज का तरीका बहुत सराहनीय नहीं है क्योंकि वे अवैध अतिक्रमण को रोकने के लिए वन क्षेत्रों की निगरानी नहीं कर रहे हैं।"यह न्यायालय देखने के लिए विवश है कि जिस तरह से वन विभाग काम कर रहा है, उसकी सराहना नहीं की जा सकती है। इसका केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर...
अभिनेत्री पायल घोष अभिनेत्री ऋचा चड्ढा से माफी मांगने और उनके खिलाफ की गई टिप्पणी वापस लेने के लिए तैयार: पायल घोष के वकील ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया
अभिनेत्री पायल घोष के वकील ने बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि वह अभिनेत्री ऋचा चड्ढा के खिलाफ अपने बयानों के लिए माफी मांगने और उसे वापस लेने के लिए तैयार हैं।घोष की ओर से एडवोकेट नितिन सतपुते ने जस्टिस ए के मेनन के समक्ष सिविल एक्ट के मानहानि के मुकदमे में चड्ढा द्वारा घोष के विरूद्ध 1.1 करोड़ रूपए हर्जाने की मांग की है। पीठ ने कमाल आर खान के वकील से भी पूछा, जो मुकदमे में सह-प्रतिवादी हैं, अगर उनके मुवक्किल भी टिप्पणी वापस लेने के लिए तैयार थे।इस पर वकील ने जवाब दिया कि उसके मुवक्किल ने...
प्रॉपर्टी टैक्स के आंकलन के लिए वकीलों के ऑफिसों को 'कॉमर्शियल प्रॉपर्टी' में वर्गीकृत किये जाने के खिलाफ डीएचसीबीए की याचिका पर नोटिस जारी
दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रॉपर्टी टैक्स के आंकलन के लिए वकीलों के कार्यालयों को कॉमर्शियल प्रॉपर्टी में वर्गीकृत किये जाने को चुनौती देने वाली दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की याचिका पर नोटिस जारी किया है। न्यायमूर्ति डी एन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जलान की खंडपीठ ने दिल्ली के सभी नगर निगमों को नोटिस जारी किये हैं।दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिशएन (डीएचसीबीए) ने अपने अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर के जरिये दायर मौजूदा याचिका में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की ओर से 29 नवम्बर 2018 को जारी आंकलन आदेश और...
'किसी अंडरट्रायल को अभियोजन की दया के भरोसे, असीमित अवधि के लिए जेल में नहीं रखा जा सकता' : मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने कोर्ट के अधिकार को कमजोर करने की कोशिश के मामले में विदिशा एसपी को लगाई फटकार
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने गुरुवार (1 अक्टूबर) को कहा कि अभियोजन की दया के भरोसे एक अंडर ट्रायल को असीमित अवधि के लिए जेल में नहीं रखा जा सकता है। न्यायमूर्ति जीएस अहलूवालिया की खंडपीठ ने विदिशा के पुलिस अधीक्षक को भी फटकार लगाई है क्योंकि उन्होंने ट्रायल कोर्ट के आदेश पत्रों की सत्यता को चुनौती देने की कोशिश के साथ-साथ केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए देशव्यापी लाॅकडाउन को भी चुनौती देने की कोशिश की थी। वहीं न्यायालय के अधिकार को कमजोर करने का भी प्रयास किया था। कोर्ट के समक्ष मामला कोर्ट आरोपी की...
कोर्ट की अवमानना का मामला-गुजरात हाईकोर्ट ने वकील यतिन ओझा पर 2000 रुपये जुर्माना लगाया, कोर्ट की कार्यवाही खत्म होने तक खड़े रहने की सजा दी
गुजरात हाईकोर्ट ने बुधवार आपराधिक अवमानना के मामले में वकील यतिन ओझा पर 2000 रुपये का जुर्माना लगाया और कोर्ट की कार्यवाही खत्म होने तक खड़े रहने की सजा दी(punishment till rising of the Court)। ओझा के खिलाफ हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लेते हुए आपराधिक अवमानना की कार्रवाई शुरू की थी। ओझा ने फेसबुक पर एक लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हाईकोर्ट और उसकी रजिस्ट्री के खिलाफ ''अपमानजनक टिप्पणी'' की थी।जस्टिस सोनिया गोकानी और जस्टिस एनवी अंजारिया की डिवीजन बेंच ने उन्हें कल यानी मंगलवार को अवमानना का दोषी...
दिल्ली हाईकोर्ट ने विशेष विवाह अधिनियम के प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका में नोटिस जारी किया
दिल्ली उच्च न्यायालय ने विशेष विवाह अधिनियम के उन प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका में नोटिस जारी किया है जिसमें अंतर-विश्वास जोड़ों को अपनी शादी के पंजीकरण से 30 दिन पहले विवाह अधिकारी को नोटिस भेजना जरूरी है। चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस प्रफेसर प्रतीक जालान की डिविजन बेंच ने यूनियन ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया है।निदा रहमान द्वारा दायर याचिका में विशेष विवाह अधिनियम की धारा 6 और 7 को चुनौती दी गई है, जिसमें उनकी शादी के पंजीकरण की मांग करने वाले अंतर-विश्वास (Inter Faith) जोड़ों को...
अधिकारी अभ्यस्त हो रहे हैं और पहली बार में कोर्ट के आदेशों का अनुपालन नहीं कर रहे हैं, ये खेदजनक स्थिति है: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हाल ही में प्राधिकारियों/अधिकारियों द्वारा पहली बार में कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं करने पर नाराज़गी व्यक्त की।न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिड़ला की पीठ ने आगे कहा कि अधिकारियों के इस दृष्टिकोण के कारण, पीड़ित पक्ष को अवमानना आवेदन दाखिल करने के लिए मजबूर किया जाता है और अवमानना आवेदन में न्यायालय के आदेश का पालन करने के लिए समय देने के आदेश पारित किए जाने के बाद भी इसका अनुपालन नहीं किया जा रहा है। न्यायालय के समक्ष मामलाउल्लेखनीय रूप से, 1.11.2019 के फैसले और आदेश...
एम्बुलेंस सेवा को तत्काल बहाल करने की आवश्यकता: हड़ताल के खिलाफ याचिका पर पटना हाइकोर्ट ने राज्य से जवाब मांगा
पटना उच्च न्यायालय ने मंगलवार को एम्बुलेंस सेवाएं देने वाले कर्मचारियों द्वारा कथित हड़ताल के खिलाफ एक जनहित याचिका में राज्य सरकार से जवाब मांगा। राज्य में "आवश्यक सेवाओं" को रोकने पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायमूर्ति एस. कुमार की खंडपीठ ने कहा,"हम केवल आशा करते हैं और उम्मीद करते हैं कि आवश्यक सेवा यानी जरूरतमंदों को एम्बुलेंस सेवा को तुरंत बहाल कर दिया जाए। यह सेवा प्रदाताओं द्वारा या राज्य सरकार के प्रयास और प्रयास से स्वेच्छा से हो।"कथित तौर पर एम्बुलेंस...
वर्चुअल अदालती कार्यवाही में धूम्रपान करते पाए गए वकील की माफी गुजरात हाईकोर्ट ने स्वीकार की, कहा- उन्हें पेशे में अभी लंबा रास्ता तय करना है"
गुजरात हाईकोर्ट के एक वकील ने, जिसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हो रही अदालती कार्यवाही के दौरान धूम्रपान करते पाए जाने के बाद गुजरात हाईकोर्ट ने 10,000 रुपए जमा करने का निर्देश दिया था, अदालत के सामने बिना शर्त माफी मांगी है और रुपए जमा कर दिए हैं।सोमवार (05 अक्टूबर) को जस्टिस एएस सुपेहिया की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा था कि अधिवक्ता की माफी को बिना किया कठोर भावना या दुर्भावना के साथ स्वीकार किया जा रहा है। बेंच ने टिप्पणी की थी, "मैं उन्हें सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों के प्रति सावधान...
'छात्रों के मूल प्रमाण पत्र अपने पास रखकर, कालेज ब्लैकमेलिंग पर आ गए हैं', : हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने दी छात्रों को राहत
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने मंगलवार (06 अक्टूबर) को निजी शैक्षणिक संस्थानों के उस मामले में कड़ा रुख अपनाया है,जिसमें कालेजों ने अपने छात्रों के मूल प्रमाण पत्रों और अन्य दस्तावेजों को अपने पास रख लिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि छात्र किसी अन्य कॉलेज में दाखिला न ले पाएं या इस मामले के लिए कालेज न छोड़ पाएं। अपने मूल दस्तावेजों और प्रमाण पत्रों को वापस पाने में विफल रहने के बाद, वर्तमान मामले में याचिकाकर्ताओं ने निम्नलिखित राहत पाने के लिए तत्काल याचिका दायर की है- 1-प्रतिवादी नंबर 2 से...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट का नाम बदलने की याचिका खारिज की
हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खुद का नाम प्रयागराज हाईकोर्ट या उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट बदलने की याचिका को खारिज कर दिया।जस्टिस पंकज कुमार जायसवाल और जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की बेंच ने यह टिप्पणी की,"इस अदालत को संसद या राज्य विधानमंडल को एक विशेष कानून बनाने का निर्देश देने का अधिकार नहीं है और इसलिए, हम इस याचिका को एक तुच्छ याचिका पाते हैं, जो कुछ प्रचार प्राप्त करने के एकमात्र उद्देश्य से दायर की गई है।"संक्षिप्त में इलाहाबाद उच्च न्यायालय का इतिहास (जैसा कि न्यायालय ने चर्चा की)24 जून, 1864...
शस्त्र लाइसेंस को स्टेटस सिंबल के रूप में उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जा सकती: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
शस्त्र लाइसेंस को स्टेटस सिंबल के रूप में उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। हिमाचल प्रदेश उच्च न्याययालय ने एक आदेश में यह अवलोकन किया है और अधिकारियों को सभी शस्त्र लाइसेंसों की समीक्षा करने का निर्देश दिया है।न्यायमूर्ति तारलोक सिंह चौहान और ज्योत्सना रेवल दुआ की पीठ ने एक व्यक्ति द्वारा उसके दो शस्त्र लाइसेंस रद्द करने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज करते हुए उक्त निर्देश दिए। अदालत ने निर्देश दिया कि आवेदक द्वारा सशस्त्र अधिनियम और नियमों के तहत निर्धारित मापदंडों को पूरा नहीं करने की...
अधिकारी आदतन न्यायालय के आदेशों का प्रथम बार में अनुपालन नहीं करते; यह एक खेदजनक स्थिति है : इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हाल ही में प्राधिकारियों/अधिकारियों द्वारा प्रथम बार में कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं करने पर नाराजगी व्यक्त की। न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिड़ला की खंडपीठ ने आगे कहा कि अधिकारियों के इस दृष्टिकोण के कारण, पीड़ित पक्ष को अवमानना आवेदन दाखिल करने के लिए मजबूर किया जाता है और अवमानना आवेदन में पारित न्यायालय के आदेश का पालन करने के लिए और समय देने के बाद भी आदेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है।न्यायालय के समक्ष मामलाउल्लेखनीय रूप से, रिट याचिका संख्या 15554/2019 में...
















