मुख्य सुर्खियां
दिल्ली उच्च न्यायालय ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की याचिका पर ईडी की कार्यवाही में डेक्कन क्रोनिकल्स की संपत्तियों की कुर्की पर रोक लगाई
दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति प्रतीबा सिंह की पीठ ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) की याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा डेक्कन क्रॉनिकल्स होल्डिंग लिमिटेड की संपत्तियों की कुर्की से कार्यवाही पर रोक लगा दी है, जिसमें कहा गया है कि डेक्कन क्रोनिकल्स के खिलाफ कॉर्पोरेट दिवालिया समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) पहले ही शुरू की गई थी और ईडी द्वारा कुर्की इस तरह की कार्यवाही के बाद की गई है।हालांकि, अदालत ने शर्त लगाई है कि यह स्टे बैंक द्वारा संपत्ति से कमाई करने के लिए उठाए गए कदमों और...
कर्नाटक हाईकोर्ट ने कोर्ट के कार्य का बहिष्कार करने पर बार एसोसिएशनों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेकर अवमानना कार्यवाही शुरू की
कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया कि वे राज्य में बार एसोसिएशनों के उन पदाधिकारियों के खिलाफ स्वत: संज्ञान (Suo-Moto) लेते हुए अवमानना कार्यवाही शुरू करें, जिन्होंने अपने सदस्यों को अदालती काम से परहेज करने के लिए कहा था।मुख्य न्यायाधीश अभय ओका और न्यायमूर्ति सचिन शंकर मगदुम की खंडपीठ ने कहा कि,"यहां यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि Covid -19 के मद्देनजर, सभी अदालतें प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुईं, जो मुकदमों के पीड़ितों के साथ-साथ बार के सदस्यों के लिए भी दुखद...
हाईकोर्ट/अधीनस्थ न्यायालयों में फिजिकल तौर पर कामकाज फिर से शुरू करने के लिए मध्य प्रदेश, गुजरात और हिमाचल प्रदेश ने एसओपी जारी की
मध्य प्रदेश, गुजरात और हिमाचल प्रदेश राज्यों में COVID19 महामारी की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए, इन राज्यों के हाईकोर्ट ने एसओपी (स्टैंडिंग आॅपरेटिंग प्रोसीजर)जारी की हैं ताकि हाईकोर्ट/अधीनस्थ न्यायालयों में फिजिकल तौर पर कामकाज फिर से शुरू किया जा सके।मध्य प्रदेश हाईकोर्ट मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने हाईकोर्ट की विशेष समिति की सिफारिशों पर विचार करने और बार संघों के साथ विचार-विमर्श के बाद मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) (मामलों की फिजिकल/वर्चुअल सुनवाई के लिए हाइब्रिड...
दिल्ली हाईकोर्ट ने फर्जी एमबीबीएस घोटाले के आरोपी को जमानत देने से इनकार किया
दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस सुब्रमणियम प्रसाद की पीठ ने एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन दिलाने के नाम पर छात्रों के साथ धोखाधड़ी के आरोपी एक व्यक्ति को जमानत देने से इनकार कर दिया। आरोप था कि आवेदक 'क्रैक योर करियर प्राइवेट लिमिटेड' नाम की एक कंपनी द्वारा छात्रों को ठगने के लिए बड़े पैमाने पर रची गई साजिश का हिस्सा था। मामले में कंपनी और आरोपी (यों)ने विभिन्न कॉलेजों में एमबीबीएस पाठ्यक्रमों में छात्रों को प्रवेश का वादा करके पर्याप्त मात्रा में धन अर्जित किया था।जमानत आवेदन को खारिज करते हुए, अदालत...
"क्या अधिकारी पैरोल आवेदनों को निपटाने के लिए नियमित अंतराल पर जेल परिसर जा सकते हैं?" पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से पूछा
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार (09 फरवरी) को पंजाब सरकार से पूछा कि क्या एक तंत्र (Mechanism) पर काम किया जा सकता है ताकि इस तरह के आवेदनों पर निर्णय पहले ही लिया जाए सके। कोर्ट ने यह बात एक ऐसे मामले में कही, जिसमें याचिकाकर्ता की पैरोल अर्जी को तय करने में भारी देरी हुई थी।न्यायमूर्ति राजन गुप्ता और न्यायमूर्ति करमजीत सिंह की खंडपीठ 16 दिसंबर 2020 की पैरोल की अर्जी पर सुनवाई कर रही थी। यह पैरोल अर्जी राजीव सिंह द्वारा दायर की गई थी, जो अधिकारियों के पास लंबित थी और उस पर कोई निर्णय नहीं...
इस अपराध ने समाज की आत्मा को छलनी किया: केरल कोर्ट ने मंदिर के पुजारी को अपनी सौतेली बेटी का बलात्कार करने के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई
केरल कोर्ट ने (शनिवार) एक मंदिर के पुजारी को अपनी सौतेली बेटी का कई सालों से यौन उत्पीड़न करने के मामलें दोषी ठहराते हुए कहा कि, "अगर वार्ड के अभिभावक इस तरीके से व्यवहार करते हैं, तो वार्डों की रक्षा कौन करेगा? " केरल के अलप्पुझा जिले के हरिपद में फास्ट-ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सलेना वीजी नायर ने पुजारी को कानून के तहत बलात्कार, यौन उत्पीड़न और आपराधिक धमकी के लिए दोषी ठहराया और उसे आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई।जज ने कहा कि,"सौतेले पिता का वह घिनौना प्रकरण, जिसका पवित्र कर्तव्य पीड़ित की...
'केरल में नशीली दवाओं के इस्तेमाल की दर काफी ज्यादा', केरल हाईकोर्ट ने स्कूल और कॉलेजों में ड्रग्स का इस्तेमाल रोकने के लिए दिशा निर्देश जारी किए
केरल उच्च न्यायालय ने यह देखते हुए कि "केरल में नशीली दवाओं के इस्तेमाल की दर काफी ज्यादा है", युवाओं और छात्रों को नशीली दवाओं का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं।कोर्ट के दिए दिश निर्देशों में सबसे ज्यादा उल्लेखनीय यह है कि राज्य सरकार ने सभी शैक्षणिक संस्थानों में कैंपस पुलिस यूनिट की स्थापना की है ताकि कैंपस में नशीली दवाओं के इस्तेमाल को रोका जा सके। न्यायालय ने कैंपस यूनिट के गठन का आदेश दिया, क्योंकि यह पाया गया कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां शैक्षणिक संस्थानों...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार को ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित एक गरीब महिला को मुफ्त इलाज मुहैया कराने का निर्देश दिया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार और अस्पताल के अधिकारियों को ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित एक गरीब महिला को मुफ्त चिकित्सा सुविधा देने का निर्देश दिया है, जो आय और धन की कमी के कारण इलाज का खर्च उठाने में असमर्थ है।न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश दिया है। इस मामले में एक सौहार्द लखनपाल द्वारा याचिका दायर की गई है, जो अपनी मां के लिए वित्तीय मदद मांग रहा है। उसकी मां इन्फिल्ट्रेटिंग डक्टल कार्सिनोमा से पीड़ित है,जो ब्रेस्ट कैंसर का एक प्रकार...
सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय नौसेना के विमान वाहक पोत 'आईएनएस विराट'के विघटन पर लगाई रोक
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक निजी कंपनी द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी करते हुए भारतीय नौसेना के विमान वाहक पोत 'आईएनएस विराट' के विघटन पर रोक लगा दी। कंपनी द्वारा दायर याचिका मेंं राष्ट्रीय हित में प्रतिष्ठित जहाज को संरक्षित करने की पेशकश की गई है।भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ मैसर्स एनविटेक मरीन कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर एक याचिका पर विचार कर रही थी, जो वर्तमान मालिक से जहाज खरीद कर इसे एक समुद्री संग्रहालय में बदलने की इच्छुक है।जहाज को पिछले साल एक नीलामी...
गंगा प्रदूषण- बड़ी मात्रा में गंदा पानी अभी भी नदियों में बह रहा है, भारी मात्रा में जनता के धन की बर्बादी : समिति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से कहा
गंगा प्रदूषण को दूर करने के लिए बनी सलाहकार समिति, यू.पी. राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, केंद्र सरकार और एमिकस क्यूरी (एके गुप्ता) ने मंगलवार (09 फरवरी) को इलाहाबाद हाईकोर्ट को सूचित किया कि बड़ी मात्रा में गंदा पानी (Untreated Water) अभी भी नदियों में बह रहा है और भारी मात्रा में जनता का धन बर्बाद हो रहा है।न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता, न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजीत कुमार की खंडपीठ को टीम द्वारा आगे बताया गया कि शहर में प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग बड़े पैमाने पर जारी है और...
सीआरपीसी की धारा 107 और धारा 116 के तहत मनमाने और अवैध तरीके से चालान रिपोर्ट पेश की गई : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को फटकार लगाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह उत्तर प्रदेश सरकार के वाराणसी के एसडीएम को फटकार लगाई, जिसने दो व्यक्तियों को शांति भंग करने के आरोप में "मनमाने और अवैध रूप से" से हिरासत में रखने का काम किया। न्यायमूर्ति सूर्य प्रकाश केसरवानी और न्यायमूर्ति शमीम अहमद की खंडपीठ शिव कुमार वर्मा की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस याचिका में 12 अक्टूबर 2020 से 21 अक्टूबर 2020 तक सीआरपीसी की धारा 151, धारा 107 और धारा 116 के तहत वाराणसी के रोहनिया पुलिस थाने में अवैध हिरासत में रखने के बदले मुआवजे की मांग की गई...
भारतीय मछुआरों की हत्या के लिए श्रीलंकाई नौसेना कर्मियों की गिरफ्तारी की मांग, सुप्रीम कोर्ट में याचिका
जनवरी 2021 में चार भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी श्रीलंकाई नौसेना कर्मियों की गिरफ्तारी और पीड़ितों के परिवार को श्रीलंका सरकार की ओर से पांच करोड़ रुपये का मुआवजा देने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है।अधिवक्ता नरेन्द्र कुमार वर्मा द्वारा दायर और अधिवक्ता सीआर जया सुकिन द्वारा तैयार की गई इस याचिका में तमिलनाडु के मछुआरों और उनकी संपत्तियों को श्रीलंकाई नौसेना से बचाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की भी प्रार्थना की गई है।याचिका में यह...
'सत्रह साल की मुस्लिम लड़की मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत विवाह करने योग्य आयु प्राप्त कर लेती है' : पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सुरक्षा प्रदान की
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पिछले महीने एक मुस्लिम लड़की (17 वर्ष) को सुरक्षा प्रदान की, जिसने एक मुस्लिम व्यक्ति (36 वर्ष) से शादी की। साथ ही अदालत ने यह भी देखा कि दोनों मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत विवाह करने योग्य आयु में हैं। न्यायमूर्ति अलका सरीन की खंडपीठ मुस्लिम पति-पत्नी (याचिकाकर्ताओं) द्वारा दायर एक संरक्षण याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने 21 जनवरी 2021 को मुस्लिम रीति रिवाज के अनुसार शादी की थी।जबकि याचिकाकर्ता नंबर 1 (पति) के जन्म तारीख 01 अप्रैल 1984 है, याचिकाकर्ता नंबर 2...
दिल्ली दंगा मामला-''एक निर्दोष व्यक्ति को सिर्फ इसलिए बेरहमी से मार दिया गया क्योंकि वह दूसरे समुदाय से जुड़ा था'': अदालत ने सुलेमान मर्डर केस में आरोपी को जमानत देने से इनकार किया
यह देखते हुए कि एक निर्दोष व्यक्ति की बेरहमी से हत्या की गई थी, वो भी सिर्फ इस तथ्य के कारण कि वह दूसरे समुदाय से संबंध रखता था, कड़कड़डूमा कोर्ट (दिल्ली) ने सोमवार (08 फरवरी) को मर्डर केस के आरोपी आशीष कुमार को जमानत देने से इनकार कर दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने कहा कि आवेदक के खिलाफ लगाए गए आरोपों की प्रकृति बहुत गंभीर है और इस चरण में जमानत पर रिहा होने पर आवेदक द्वारा गवाहों को धमकाने या डराने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। न्यायालय के समक्ष मामला अभियोजन पक्ष के...
तांडव विवाद: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने वेब सीरीज की स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका खारिज की
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सोमवार (08 फरवरी) को अमेज़ॅन के ओटीटी प्लेटफॉर्म प्राइम वीडियो से "तांडव" वेब सीरीज की स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दी।मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला की खंडपीठ आदित्य तिवारी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में मांग की गई थी कि कोर्ट, सेंसरशिप कानूनों के तहत सभी ओटीटी प्लेटफार्मों को लाने के लिए उचित कानूनी कदम उठाए जाने के लिए निर्देश दे।शुरुआत में, डिप्टी एडवोकेट जनरल ने कहा कि इसी तरह की रिट याचिका को...
'मैं बिल्ली नहीं हूं', अमेरिकी वकील ने वर्चुअल सुनवाई के दरमियान गलती से कैट फिल्टर ऑन किया, जज ने संयम से दिया जवाब
अमेरिका की एक अदालत में वर्चुअल सुनवाई के दरमियान एक रोचक वाकया सामने आया, जब एक वकील ने जूम एप पर गलती से बिल्ली का फिल्टर ऑन कर दिया।394 वीं न्यायिक जिला न्यायालय, टेक्सास की सुनवाई का यह वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो चुका है। वाकये के तहत सुनवाई शुरू होने पर जज रॉय फर्ग्यूसन ने एडवोकेट रॉड पोंटन की स्क्रीन पर "कैट-फेस" का फिल्टर नोटिस किया था। संयम खोए बिना उन्होंने एडवोकेट को फिल्टर की जानकारी दी। उन्होंने कहा, "श्री पोंटन, मुझे लगता है कि आपकी वीडियो सेटिंग्स में एक फिल्टर ऑन हो गया...
स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत नोटिस देने का उद्देश्य व्यक्ति की विश्वसनीयता को परखना है: केंद्र ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा
विशेष विवाह अधिनियम (Special Marriage Act), 1954 की धारा 6 और धारा 7 को भारत के संविधान के तहत शून्य, अमान्य और अधिकारातीत (Ultra Vires) के रूप में घोषित करने की मांग करने वाली याचिका के जवाब में केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया है कि, "अधिनियम के पीछे की मंशा इसमें शामिल विभिन्न पक्षों के हितों के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय रखने की है", और अगर धारा 7 के तहत आवश्यक 30 दिनों का नोटिस नहीं दिया जाता है, तो यह संभव नहीं है कि विवाह के लिए इच्छुक व्यक्तियों की विश्वसनीयता को परखा जा...
'कल्पना कीजिए गड्ढों के कारण लोग मर रहे है!': कर्नाटक हाईकोर्ट ने बीबीएमपी को बेंगलुरु रोड एक्शन प्लान प्रस्तुत करने के लिए कहा
कर्नाटक हाईकोर्ट ने बृहत बेंगलुरु महानगर पालिक (बीबीएमपी) को निर्देश दिया है कि बेंगलुरु शहर में प्राथमिकता के आधार पर गड्ढों को भरने के लिए एक कार्ययोजना प्रस्तुत की जाए और उक्त कार्य योजना को समय सीमा के भीतर लागू किया जाएगा।न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्न और न्यायमूर्ति एम. जी. उमा की खंडपीठ ने कहा,"पहले यह सुनिश्चित करने के लिए बीबीएमपी की ओर से यह दृढ़ संकल्प होना चाहिए कि बैंगलोर शहर में सड़कें गड्ढा मुक्त होंगी।"हाल ही में हुए एक खराब सड़क के कारण हुए एक हादसे में एक मेडिकल छात्र की मौत हो...
''यदि कंपनियों/एलएलपीएस को पंजीकृत करने के लिए पेशेवर के रूप में वकीलों के लिए एमसीए पोर्टल में कोई फील्ड नहीं है तो यह भेदभावपूर्ण होगा'': दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार को उस याचिका पर हलफनामा दायर करने को निर्देश दिया है कि जिसमें वर्तमान कारपोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) के पोर्टल में अपने मुविक्कलों की ओर से कंपनियों और एलएलपी को पंजीकृत करने के लिए अधिवक्ताओं के लिए कोई फील्ड प्रदान न करने के मामले को चुनौती दी गई है।न्यायमूर्ति प्रतिभा सिंह की एकल पीठ ने कहा कि यदि यह सही है कि एमसीए के पोर्टल में उन अधिवक्ताओं के लिए कोई प्रावधान नहीं है जो बार काउंसिल के सदस्य हैं और बार काउंसिल की काउंसिल की सूची में एक विकल्प...
मुस्लिम पुरुष तलाक दिए बिना एक बार में एक से ज्यादा शादी कर सकता है, लेकिन एक मुस्लिम महिला पर यह लागू नहीं होता: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक मुस्लिम दंपति द्वारा दायर एक संरक्षण याचिका पर सुनवाई करते हुए हाल ही में देखा कि "एक मुस्लिम पुरुष अपनी पूर्व पत्नी को तलाक दिए बिना एक से अधिक शादी कर सकत है, लेकिन एक मुस्लिम महिला पर यह लागू नहीं होती है।"न्यायमूर्ति अलका सरीन की खंडपीठ ने उल्लेख किया कि याचिकाकर्ता नंबर 1, मुस्लिम महिला (जो पहले शादी कर चुकी है) ने याचिकाकर्ता नंबर 2, मुस्लिम पुरुष से शादी करने से पहले अपने पहले पति से कानूनी रूप से वैध तलाक नहीं लिया था।दूसरे शब्दों में इस मामले में...




















