[जावेद अख्तर मानहानि केस] - अभिनेत्री कंगना रनौत ने मजिस्ट्रेट द्वारा जारी प्रक्रिया शुरू करने के आदेश को सत्र न्यायालय में चुनौती दी

LiveLaw News Network

12 March 2021 7:14 AM GMT

  • [जावेद अख्तर मानहानि केस] - अभिनेत्री कंगना रनौत ने मजिस्ट्रेट द्वारा जारी प्रक्रिया शुरू करने के आदेश को सत्र न्यायालय में चुनौती दी

    जावेद अख़्तर मानहानि केस में अभिनेत्री कंगना रनौत ने अपने खिलाफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा प्रक्रिया शुरू करने को डिंडोशी में सिटी सिविल एंड सेशंस कोर्ट में चुनौती दी है। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने यह प्रक्रिया गीतकार जावेद अख्तर द्वारा कंगना रनौत के खिलाफ दायर मानहानि मामले में शुरू करने को कहा था। गीतकार जावेद अख्तर ने यह मामला कंगना रनौत के खिलाफ अर्नब गोस्वामी के साथ कंगना रनौत के एक इंटरव्यू में उनके खिलाफ कही गई बातों को लेकर दायर किया है।

    सत्र न्यायालय में पुनर्विचार आवेदन में कंगना ने कहा है कि सीआरपीसी की धारा 200 के तहत प्रक्रिया, जिसे सीआरपीसी की धारा 204 के तहत प्रक्रिया जारी होने से पहले शपथ पर गवाहों की भी जांच करनी होती है, लेकिन इसका पालन नहीं किया गया।

    मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट एए खान ने पिछली सुनवाई के दौरान कंगना रनौत के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था, जब जावेद अख्तर के वकीलों ने लाइवलॉ के ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कंगना अदालत द्वारा जारी किए गए सम्मन के बारे में जानती हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने उपस्थित नहीं रहने या छूट लेने के विकल्प को चुनने का आवेदन दायर नहीं किया।

    19 जुलाई को रिपब्लिक टीवी के एंकर अर्नब गोस्वामी के साथ अपने साक्षात्कार में अख्तर ने भारतीय दंड संहिता के तहत रानौत पर अपनी "बेदाग प्रतिष्ठा को गलत तरीके से बयान करने" के कारण नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया।

    अख्तर ने अपनी शिकायत में कहा कि वह एक आत्मनिर्भर व्यक्ति है, जो 4 अक्टूबर, 1964 को 27 रुपये, दो जोड़ी कपड़े और कुछ किताबों के साथ मुंबई पहुंचे, तब वह 19 साल के थे।

    याचिका में अख्तर की प्रतिष्ठा के बारे में बताया गया,

    "शिकायतकर्ता फिल्म उद्योग में सबसे वरिष्ठ कलाकारों में से एक है, जिन्होंनेअपने सफल करियर में 55 वर्षों से अधिक समय तक काम किया है, जो अपने आप में एक दुर्लभ उपलब्धि है। इसके अलावा, उन्हें मार्च 2010 से मार्च 2016 तक राज्यसभा के सदस्य के रूप में भी नामित किया गया था।"

    57 मिनट तक चलने वाले इस इंटरव्यू अख्तर का दावा है कि रनौत बिना किसी प्रत्यक्ष व्यक्तिगत ज्ञान के अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के आसपास की परिस्थितियों पर अपनी राय देते हुए दिखाई देती हैं। उनकी याचिका में आगे कहा गया है कि इस इंटरव्यू के दौरान उनके खिलाफ मानहानि के बयान दिए गए।

    अख्तर की शिकायत मिलने के बाद अदालत ने पिछले साल दिसंबर में शिकायत पर अपना बयान दर्ज किया और जुहू पुलिस को सीआरपीसी की धारा यू / एस 202 के तहत पूछताछ करने का निर्देश दिया। रिपोर्ट प्राप्त होने पर, अदालत ने उल्लेख किया कि एक प्रथम दृष्टया मामला बनाया गया है और रानौत के खिलाफ एक प्रक्रिया जारी की गई।

    इसके बाद अभिनेत्री कंगना रनौत को 1 मार्च को कोर्ट में पेश होने के लिए भी कहा गया था। हालांकि अब एडवोकेट रिजवान सिद्दीकी के माध्यम से दायर कंगना के संशोधित आवेदन पर 15 मार्च, 2021 को सुनवाई होगी।

    एडवोकेट ने कहा,

    "हां यह सच है कि हमने मजिस्ट्रेट, अंधेरी कोर्ट द्वारा जारी प्रक्रिया को चुनौती दी है। उक्त शिकायत अब सत्र न्यायालय के समक्ष लंबित है।

    रनौत के वकील रिजवान सिद्दीकी ने कहा कि सत्र न्यायालय के समक्ष हमारा दावा है कि सीआरपीसी की धारा 200 का अनिवार्य अनुपालन नहीं किया गया और जावेद अख्तर ने अपनी शिकायत में चार गवाहों की शपथ नहीं ली है।

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