राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के साथ संवेदनशील बनाने के लिए जेजे बोर्ड में प्रधान मजिस्ट्रेटों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए

LiveLaw News Network

15 July 2021 7:01 AM GMT

  • Install Smart Television Screens & Make Available Recorded Education Courses In Shelter Homes For Ladies/Children

    राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर खंडपीठ ने राज्य सरकार के बाल अधिकार विभाग को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में तैनात प्रधान मजिस्ट्रेटों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाए ताकि उन्हें जुवेनाइल जस्टिस एक्ट, 2015 के जनादेश के साथ संवेदनशील बनाया जा सके।

    न्यायमूर्ति मनोज कुमार गर्ग और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की खंडपीठ ने बाल अधिकार कार्यकर्ता गोविंद बेनीवाल को बाल अधिकार विभाग के सचिव से मिलने का भी निर्देश दिया ताकि बाल कल्याण समितियों के कामकाज की प्रभावी निगरानी के लिए एक कार्य योजना तैयार की जा सके।

    कोर्ट ने यह आदेश तब दिया जब जोधपुर के एक स्कूल छात्रावास में रहने वाले मौखिक और श्रवण विकलांग बच्चों द्वारा सामना की जा रही निराशाजनक स्थितियों से संबंधित 'दैनिक भास्कर' में प्रकाशित एक समाचार रिपोर्ट के आधार पर उसके द्वारा दर्ज एक स्वत: संज्ञान मामले से निपट रहा था।

    समाचार रिपोर्ट ने संकेत दिया कि सरकार और विशेष रूप से समाज कल्याण विभाग, जो मुख्य रूप से इन बच्चों को उचित सुविधा प्रदान करने के लिए जिम्मेदार हैं, संस्था में रखे गए बच्चों की भलाई सुनिश्चित करने के अपने कर्तव्य में पूरी तरह विफल रहे हैं।

    राज्य सरकार ने सुनवाई के दौरान कोर्ट को अवगत कराया कि जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट के फंड का इस्तेमाल महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए किया जा सकता है।

    न्यायालय ने इसे देखते हुए निर्देश दिया कि,

    "इस पृष्ठभूमि में यह उम्मीद की जाती है कि बाल अधिकार विभाग तुरंत संबंधित सदस्यों को खनिज ट्रस्ट फंड से धन के आवंटन के लिए राज्य या जिला ट्रस्ट को स्थानांतरित करेगा ताकि पूरे राज्य में बाल देखभाल संस्थानों को अपग्रेड किया जा सके।"

    कोर्ट ने आगे कहा कि,

    " बाल अधिकार विभाग की ओर से पेश एएजी अनिल गौर यह सुनिश्चित करेंगे कि किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण अधिनियम), 2015 के साथ प्रशिक्षण और संवेदनशील बनाने के लिए अगले 45 दिनों के भीतर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाए।"

    अब इस मामले पर सितंबर के पहले सप्ताह में विचार किया जाएगा।

    केस का शीर्षक: सू मोटो बनाम राज्य और अन्य।

    आदेश की कॉपी यहां पढ़ें:



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