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लोकपाल के रूप में पुनर्नियुक्त रिटायर्ड हाईकोर्ट जज की पेंशन सैलरी से नहीं काटी जा सकती: केरल हाईकोर्ट
लोकपाल के रूप में पुनर्नियुक्त रिटायर्ड हाईकोर्ट जज की पेंशन सैलरी से नहीं काटी जा सकती: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में विचार किया कि क्या हाईकोर्ट के एक जज, जिसे सेवानिवृत्ति के बाद लोकपाल के रूप में नियुक्त किया गया है, की पेंशन उसके वेतन से काटी जा सकती है। कोर्ट ने सवाल का नकारात्मक उत्तर दिया।जस्टिस अनु शिवरामन ने इस संबंध में कहा,"पंचायत राज अधिनियम के प्रावधान और स्थानीय स्वशासन संस्थाओं के लिए लोकपाल (शिकायतों और सेवा शर्तों की पूछताछ) नियम, 1999 के नियम काफी स्पष्ट हैं क्योंकि प्रावधान में विशेष रूप से कहा गया है कि लोकपाल के रूप में नियुक्त व्यक्ति हाईकोर्ट के जज के बराबर...

तकनीकी आधार पर मातृत्व लाभ से इनकार नहीं करना चाहिए, महिला को मातृत्व और रोजगार के बीच पेंडुलम की तरह झूलने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता: मद्रास हाईकोर्ट
तकनीकी आधार पर मातृत्व लाभ से इनकार नहीं करना चाहिए, महिला को मातृत्व और रोजगार के बीच पेंडुलम की तरह झूलने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने एक अस्थायी कर्मचारी को मातृत्व लाभ का भुगतान करने के लिए संगठन को निर्देश देने वाले एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ तमिलनाडु राज्य परिवहन निगम द्वारा दायर अपील को खारिज करते हुए कहा कि मातृत्व लाभ अधिनियम जैसे कल्याणकारी कानून को केवल तकनीकी आधार पर अस्वीकार नहीं किया जा सकता है।पीठ ने कहा,“केवल व्याख्या और तकनीकी के आधार पर कल्याणकारी कानून और लाभों से वंचित नहीं किया जा सकता है, क्योंकि कानून की व्याख्या प्रवर्तन की दिशा में आगे बढ़ने के लिए उदार होनी...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने झूठे तथ्य पेश करने, भौतिक तथ्य छुपाकर याचिका दायर करने वाले व्यक्ति पर एक लाख रूपए का जुर्माना लगाया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने झूठे तथ्य पेश करने, भौतिक तथ्य छुपाकर याचिका दायर करने वाले व्यक्ति पर एक लाख रूपए का जुर्माना लगाया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में ऐसे व्यक्ति पर एक लाख रूपए का जुर्माना लगाया, जिसने झूठे तथ्य पेश किए हुए और मामले के भौतिक तथ्यों को छिपाते हुए रिट याचिका दायर की।जस्टिस सूर्य प्रकाश केसरवानी और जस्टिस जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता (आसिफ खालिक) को दो सप्ताह के भीतर हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति के पास जुर्माना जमा करने का निर्देश दिया।याचिकाकर्ता ने अपनी फर्म मैसर्स अम्ब्रेला कॉर्पोरेशन से संबंधित फैक्ट्री मशीनों को अपने कब्जे में लेने के लिए अदालत का रुख किया, जिसे प्रतिवादी नंबर दो द्वारा...

सुनिश्चित करें कि कैदी अपनी भाषा में KIOSK का उपयोग कर सकें: मद्रास हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा
सुनिश्चित करें कि कैदी अपनी भाषा में KIOSK का उपयोग कर सकें: मद्रास हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा

मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में राज्य को जेलों के अंदर KIOSK लगाने का निर्देश दिया, जिससे कैदियों को अपने मामलों की स्थिति जानने में मदद मिलेगी। अदालत ने कहा कि भले ही अदालत के पहले के निर्देश के अनुसार केंद्रीय कारागार पुझाल में इस तरह के KIOSK लगाए गए, लेकिन केवल हिंदी और अंग्रेजी भाषा ही उपलब्ध है, जिसे समझने में कैदियों को कठिनाई होती है।जस्टिस सुंदर मोहन ने इस प्रकार अधिकारियों को अंग्रेजी और तमिल में भाषाओं को बदलने के लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र से संपर्क करने का निर्देश दिया ताकि...

हाईकोर्ट ऑफ कर्नाटक
कर्नाटक हाईकोर्ट ने हत्या के मामले में समानता के आधार पर अभियुक्त को जमानत दी

कर्नाटक हाईकोर्ट ने हत्या के आरोपी को यह देखते हुए जमानत दे दी कि उसके और अन्य लोगों के खिलाफ आरोप गंभीर प्रकृति के हैं, लेकिन उसके खिलाफ कथित प्रत्यक्ष कार्य अन्य अभियुक्तों के समान है, जिन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है।कोर्ट ने कहा,"जांच अधिकारी द्वारा दायर चार्जशीट में याचिकाकर्ता सहित सभी आरोपियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है। माना जाता है कि वर्तमान याचिकाकर्ता के खिलाफ कथित ओवरट एक्ट आरोपी नंबर 2 और 3 के समान है। यह विवाद में नहीं है। आरोपी नंबर 2 और 3 पहले से ही जमानत पर छूटे हुए...

कानून का गलत प्रयोग विकृति की ओर नहीं ले जा रहा; मध्यस्थता के फैसले को रद्द नहीं किया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट
कानून का गलत प्रयोग विकृति की ओर नहीं ले जा रहा; मध्यस्थता के फैसले को रद्द नहीं किया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा कि केवल इसलिए कि मध्यस्थ ने डॉट इन डोमेन नेम डिस्प्यूट रिजोल्‍यूशन पॉल‌िसी (.INDRP) को गलत तरीके से लागू किया था, उक्त पॉलिसी के तहत डोमेन नामों पर विवाद का निर्णय करते समय विकृति के अभाव में फैसले को रद्द नहीं किया जा सकता है।जस्टिस चंद्रधारी सिंह की पीठ ने कहा कि मध्यस्थ ने निर्णय में वाक्यांश, पार्टी अपने दावे को "संदेह से परे" साबित करने में विफल रही, का प्रयोग किया है, इसे कानूनी वाक्य 'उचित संदेह से परे' के बराबर नहीं माना जा सकता, जैसा कि में क्रिमिनल...

मद्रास हाईकोर्ट ने आरोपों से बरी करने के बाद 8 महीने के लिए हिरासत में लिए गए व्यक्ति को मुआवजा देने का निर्देश दिया
मद्रास हाईकोर्ट ने आरोपों से बरी करने के बाद 8 महीने के लिए हिरासत में लिए गए व्यक्ति को मुआवजा देने का निर्देश दिया

मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में राज्य को ऐसे व्यक्ति को अंतरिम मुआवजा देने का निर्देश दिया, जिसे अवैध रूप से 8 महीने से अधिक समय तक जेल में बंद रखा गया, जबकि अदालत ने उसे हत्या के आरोपों से बरी कर दिया था।जस्टिस सुंदर मोहन ने कहा कि चूंकि उस व्यक्ति को अपने अधिकारों के बारे में पता नहीं था, इसलिए उसने अपील को प्राथमिकता नहीं दी। इस तरह उसे अपने बरी होने की जानकारी नहीं थी। इस प्रकार, न्यायालय के लिए ऐसे व्यक्तियों की सहायता के लिए आना आवश्यक है।इस अदालत ने आगे पाया कि याचिकाकर्ता के बेटे को अपने...

दिल्ली हाईकोर्ट ने जस्टिस चंद्रचूड़ की सीजेआई के रूप में नियुक्ति के खिलाफ पुनर्विचार याचिका खारिज की
दिल्ली हाईकोर्ट ने जस्टिस चंद्रचूड़ की सीजेआई के रूप में नियुक्ति के खिलाफ पुनर्विचार याचिका खारिज की

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के रूप में नियुक्ति के खिलाफ पुनर्विचार याचिका खारिज की।जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विकास महाजन की खंडपीठ ने कहा कि याचिका पुनर्विचार के रूप में प्रच्छन्न अपील है और यह पुनर्विचार के दायरे में नहीं आती है।पीठ ने कहा,"याचिकाकर्ता रिकॉर्ड के सामने स्पष्ट रूप से कोई त्रुटि दिखाने में सक्षम नहीं है। 30 नवंबर, 2022 को पारित किए गए आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है। याचिका खारिज की जाती है।”याचिकाकर्ता...

शिवसेना में विभाजन | चुनाव आयोग  एकनाथ शिंदे की याचिका के सुनवाई योग्य होने के मुद्दे पर फैसला करेगा
शिवसेना में विभाजन | चुनाव आयोग एकनाथ शिंदे की याचिका के सुनवाई योग्य होने के मुद्दे पर फैसला करेगा

भारत के चुनाव आयोग द्वारा पार्टी के नाम "शिवसेना" और प्रतीक "धनुष और तीर" को लेकर एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के बीच शिवसेना पार्टी के भीतर विभाजन से उत्पन्न मुद्दे को चुनाव चिह्न (आरक्षण एवं आवंटन) के पैराग्राफ 15 के तहत आदेश, 1968 दिनांक 10 जनवरी, 2023 को सुनवाई हुई।उद्धव ठाकरे गुट की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल और ईसीआई के अध्यक्ष को अवगत कराया कि उन्होंने शिंदे गुट द्वारा दायर याचिका की सुनवाई योग्यता के मुद्दे पर प्रारंभिक मुद्दे के रूप में विचार करने के लिए आवेदन दायर किया।...

हाईकोर्ट ने सड़कों पर जनसभाएं आयोजित करने पर रोक लगाने के आंध्र प्रदेश सरकार के फैसले पर रोक लगाई
हाईकोर्ट ने सड़कों पर जनसभाएं आयोजित करने पर रोक लगाने के आंध्र प्रदेश सरकार के फैसले पर रोक लगाई

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट (Andhra Pradesh High Court) ने हाल ही में सार्वजनिक सड़कों पर जनसभाओं के आयोजन पर रोक लगाने के आंध्र प्रदेश सरकार के फैसले पर रोक लगाई।जस्टिस बट्टू देवानंद और जस्टिस डॉ वी आर के कृपा सागर की खंडपीठ ने कहा,"मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए और संबंधित वकीलों द्वारा प्रस्तुत किए गए सबमिशन पर सावधानीपूर्वक विचार करने के साथ-साथ कोर्ट के समक्ष संबंधित वकीलों द्वारा रखे गए केस कानून के अवलोकन पर, इस कोर्ट की प्रथम दृष्टया राय में, आक्षेपित G.O. Rt नंबर 1...

दिल्ली हाईकोर्ट ने जामिया से पीएचडी दाखिले में नियमों का सख्ती से पालन करने को कहा, साक्षात्कार के अंक देने के बाद बाद विचार-विमर्श की प्रक्रिया पर सवाल उठाया
दिल्ली हाईकोर्ट ने जामिया से पीएचडी दाखिले में नियमों का सख्ती से पालन करने को कहा, साक्षात्कार के अंक देने के बाद बाद 'विचार-विमर्श की प्रक्रिया' पर सवाल उठाया

पीएचडी कार्यक्रम में साक्षात्कार के नतीजों की घोषणा के बाद "गुणात्मक मूल्यांकन" करने की एजेके मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए, दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि उसे "उम्मीद और अपेक्षा" है कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया शैक्षणिक अध्यादेश और विनियमों के तहत निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार सख्ती से प्रवेश प्रक्रिया का आयोजन करेगा।सेंटर में आयोजित पीएचडी प्रवेश कार्यक्रम में विफल रहे एक उम्मीदवार को राहत देने से इनकार करते हुए जस्टिस संजीव नरूला ने कहा कि साक्षात्कार के अंक प्रदान...

पेंशन प्राप्त करने की पात्रता से छह महीने पहले निर्माण श्रमिकों के आवेदन स्वीकार करने पर विचार करें: दिल्ली हाईकोर्ट ने वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड से कहा
पेंशन प्राप्त करने की पात्रता से छह महीने पहले निर्माण श्रमिकों के आवेदन स्वीकार करने पर विचार करें: दिल्ली हाईकोर्ट ने वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड से कहा

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड को निर्देश दिया है कि वह पेंशन प्राप्त करने की पात्रता पाने से छह महीने पहले कंस्ट्रक्‍शन वर्कर्स के आवेदन स्वीकार करने पर विचार करे।जस्टिस रेखा पल्ली ने कहा कि चूंकि बि‌‌‌‌ल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्‍शन वर्कर्स एक्ट 1996 और रूल्स उस समय अवधि के बारे में मौन हैं, जिस दरमियान श्रमिकों को 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद पेंशन स्वीकृत की जानी चाहिए। यदि उन्हें पेंशन प्राप्त करने के लिए पात्र होने से छह महीने पहले आवेदन जमा...

बीमा कंपनी ने भुगतान किया है या नहीं, दुर्घटना के मामलों में मुआवजा देते समय यह ध्यान रखें; दिल्ली हाईकोर्ट ने डीएसएलएसए से कहा
बीमा कंपनी ने भुगतान किया है या नहीं, दुर्घटना के मामलों में मुआवजा देते समय यह ध्यान रखें; दिल्ली हाईकोर्ट ने डीएसएलएसए से कहा

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएसएलएसए) से इस तथ्य को ध्यान में रखने को कहा है कि क्या मृत्यु या गंभीर चोटों के मामले में पीड़ितों या आश्रितों को मुआवजा देते समय कोई बीमा राशि प्राप्त हुई है या नहीं।जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने कहा, "भविष्य में, जब भी डीएसएलएसए मृत्यु या गंभीर चोटों के मामले में मुआवजे के मामलों पर विचार करता है, तो पीड़ितों को मुआवजा देते समय इस तथ्य को ध्यान में रखा जाएगा कि बीमा कंपनी से पीड़ित या उसके आश्रितों को कोई राशि प्राप्त हुई है नहीं?"अदालत ने...

निर्णयन प्राधिकरण के समक्ष जिरह के लिए आवेदन निर्णय प्रक्रिया का अभिन्न अंग, पीएमएलए कार्यवाही से अलग नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
निर्णयन प्राधिकरण के समक्ष जिरह के लिए आवेदन निर्णय प्रक्रिया का अभिन्न अंग, पीएमएलए कार्यवाही से अलग नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने पाया कि धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत एडज्‍यूडिकेटिंग अथॉरिटी के समक्ष जिरह के लिए दायर आवेदन एडज्यूडिकेशन प्रोसेस का एक अभिन्न अंग है और अधिनियम की धारा 8 के तहत कार्यवाही से अलग नहीं है। अदालत ने यह भी कहा कि हर मामले में जिरह की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि अधिनिर्णय प्रक्रिया के हिस्से के रूप में पारित कोई भी अंतरिम या प्रक्रियात्मक आदेश "इस अधिनियम के तहत आदेश" होंगे जैसा कि धारा 26 के तहत निर्धारित किया गया है।प्रावधान में कहा गया है...

आदिपुरुष का प्रदर्शन रोकने के ‌लिए जनहित याचिका, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीबीएफसी को नोटिस जारी किया
'आदिपुरुष' का प्रदर्शन रोकने के ‌लिए जनहित याचिका, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीबीएफसी को नोटिस जारी किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को एक जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया है, जिसमें बोर्ड को प्रभास, सैफ अली खान और कृति सेनन स्टारर फिल्म 'आदिपुरुष' को प्रदर्शन के लिए प्रमाण पत्र न देने की मांग की गई है। फिल्म जून 2023 में रिलीज होने वाली है।चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस बृज राज सिंह की खंडपीठ ने आदेश के साथ मामले को 21 फरवरी को आगे की सुनवाई के लिए पोस्ट कर दिया।सामाजिक कार्यकर्ता कुलदीप तिवारी और एडवोकेट रंजना अग्निहोत्री और सुधा शर्मा के माध्यम से दायर जनहित याचिका में कहा...

केरल सेवा नियम | कर्मचारी को सीमित अवधि के लिए नियुक्त किए जाने पर पेंशन का कोई दावा नहीं: केरल हाईकोर्ट
केरल सेवा नियम | कर्मचारी को सीमित अवधि के लिए नियुक्त किए जाने पर पेंशन का कोई दावा नहीं: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि जब एक कर्मचारी को सीमित अवधि के लिए नियुक्त किया जाता है तब केरल सेवा नियमों के नियम 4 और नियम 14ई (ए) के अनुसार पेंशन के लिए कोई दावा स्वीकार्य नहीं ‌होगा। कोर्ट ने कहा कि एक सहायता प्राप्त विद्यालय में नियमित पूर्णकालिक सेवा की अवधि ही पेंशन के लिए अर्हकारी सेवा मानी जाएगा।जस्टिस पीबी सुरेश कुमार और जस्टिस सीएस सुधा की खंडपीठ ने कहा कि,"अवकाश रिक्तियों में याचिकाकर्ता की नियुक्तियों को केवल सीमित समय के लिए नियुक्तियों के रूप में माना जा सकता है और नियम 4,...

Gauhati High Court
हाईकोर्ट ने गुवाहाटी यूनिवर्सिटी को 17 साल पहले नियुक्त एड-हॉक लेक्चरार को नियमित करने पर विचार करने का निर्देश दिया

गुवाहाटी हाईकोर्ट की एकल न्यायाधीश पीठ ने हाल ही में गुवाहाटी यूनिवर्सिटी लॉ कॉलेज में एड-हॉक लेक्चरार की सेवा के नियमितीकरण के लिए प्रार्थना करने वाली रिट याचिका की अनुमति दी, जिसे स्वास्थ्य के कारण इस्तीफा देने वाले पार्ट-टाइम लेक्चरार की अचानक रिक्ति के बाद 17 साल पहले अनियमित रूप से नियुक्त किया गया था।जस्टिस नेल्सन साइलो ने कहा,"याचिकाकर्ता ने यूनिवर्सिटी लॉ कॉलेज में लगभग 17 साल की सेवा की, उसे सेवानिवृत्ति की आयु प्राप्त करने तक अस्थायी कर्मचारी के रूप में बने रहने देना अनुचित होगा ......

निराश बाल अपराधी द्वारा जेजे होम में की गई आत्महत्या की घटना ने हमें झकझोर दिया दिया है, कलकत्ता हाईकोर्ट ने अधिकारियों से जवाबदेही मांगी
''निराश बाल अपराधी द्वारा जेजे होम में की गई आत्महत्या की घटना ने हमें झकझोर दिया दिया है", कलकत्ता हाईकोर्ट ने अधिकारियों से जवाबदेही मांगी

कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक ऐसी घटना का संज्ञान लिया, जिसमें कानून के साथ संघर्षरत एक बच्चे (सीसीएल) ने यह कहते हुए आत्महत्या कर ली कि घटना ने उसे जड़ों से हिला दिया है। एनडीपीएस एक्‍ट के संबंध में बच्चे की याचिका हाईकोर्ट के समक्ष लंबित थी।यह देखते हुए कि सीसीएल को गतहीन नहीं किया जा सकता, जस्टिस मौसमी भट्टाचार्य और जस्टिस सिद्धार्थ रॉय चौधरी की पीठ ने कहा, "हमारा मानना है कि जजों, न्यायिक अधिकारियों, अभियोजकों, बचाव पक्ष के वकील, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और वे सभी जो न्याय के पहियों को...