मुख्य सुर्खियां
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस्तीफा 7 महीने तक लंबित रखने के बाद एक प्रोफेसर के खिलाफ जांच शुरू करने के यूपी सरकार के आदेश को खारिज किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजकीय मेडिकल कॉलेज में कार्यरत एक एसोसिएट प्रोफेसर के इस्तीफे की फाइल को 7 महीने तक लंबित रखने के बाद उसके खिलाफ जांच शुरू करने के राज्य चिकित्सा विभाग के आदेश को रद्द कर दिया।मेडिसिन के प्रोफेसर की दुर्दशा को ध्यान में रखते हुए जस्टिस विवेक चौधरी की पीठ ने जोर देकर कहा कि किसी भी कामकाजी महिला, विशेष रूप से, एक मां की आवश्यकता है। जहां तक संभव हो समायोजित किया जाए।दरअसल, राज्य सरकार के साथ अपनी नौकरी जारी रखने के दौरान अपने बच्चे को संभालने में कठिनाई का सामना करना पड़...
मद्रास हाईकोर्ट ने भाई को मानसिक रूप से विकलांग महिला के कानूनी अभिभावक के रूप में नियुक्त करने की अनुमति दी
मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै खंडपीठ ने एक स्किज़ोफ्रेनिक रोगी महिला के भाई को उसके कानूनी अभिभावक के रूप में नियुक्त करने की अनुमति दी।कोर्ट ने कहा कि ऑटिज़्म वाले व्यक्तियों के कल्याण के लिए राष्ट्रीय ट्रस्ट की धारा 2 (जे) में बहु विकलांगता से पीड़ित व्यक्ति, सेरेब्रल पाल्सी, मानसिक मंदता और एकाधिक विकलांगता अधिनियम, 1999 को "बेंचमार्क विकलांगता वाले व्यक्ति" के रूप में समझा जाना चाहिए, जैसा कि 2016 अधिनियम की धारा 2 (आर) में परिभाषित किया गया है।न्यायालय ने कहा कि यह 1999 के केंद्रीय 44 के तहत...
सीआरपीसी की धारा 125-बालिग अविवाहित बेटी केवल इस आधार पर पिता से भरण-पोषण पाने की हकदार नहीं है कि वह खुद का भरण-पोषण करने में असमर्थ हैः केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने बुधवार को दोहराया कि एक अविवाहित बेटी, जिसने वयस्कता प्राप्त कर ली है, अपने पिता पर सीआरपीसी की धारा 125 (1) के तहत केवल इस आधार पर भरण-पोषण का दावा नहीं कर सकती है कि उसके पास अपने भरण-पोषण के साधन नहीं हैं।न्यायालय ने कहा कि एक अविवाहित बेटी किसी भी शारीरिक, मानसिक असामान्यता या चोट के कारण खुद को बनाए रखने में असमर्थ है तो सीआरपीसी की धारा 125 (1) के तहत भरण-पोषण का दावा करने की हकदार है, हालांकि इस संबंध में दलील और सबूत अनिवार्य हैं।जस्टिस ए बदरुद्दीन ने यह भी स्पष्ट किया...
‘कानून और व्यवस्था राज्य का विषय, एनआईए राज्य पुलिस द्वारा अपराध के पंजीकरण से पहले आगे नहीं बढ़ सकती’: राजस्थान हाईकोर्ट ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर नोटिस जारी किया
राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बेंच ने हाल ही में एनआईए को एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर नोटिस जारी किया है।याचिका में एजेंसी द्वारा दर्ज एफआईआर को इस आधार पर चुनौती दी गई थी कि उसके पास राज्य के भीतर अनुसूचित अपराधों से जुड़ी किसी भी आपराधिक घटना को "दर्ज" करने की कोई वैधानिक शक्ति नहीं है। .याचिका में कहा गया है कि केंद्र के पास एनआईए अधिनियम की धारा 6 (3) के तहत कोई आदेश पारित करने की शक्ति नहीं है क्योंकि कानून और व्यवस्था राज्य का विषय है और यह किसी पूर्व दर्ज अपराध/प्राथमिकी के अभाव में आगे...
दिल्ली हाईकोर्ट ने इंटरनेट पर नॉन-फिल्मी गानों के रिलीज के लिए सेंसर बोर्ड की मांग वाली जनहित याचिका खारिज की
दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें नॉन फिल्मी गानों और वीडियो सहित उनकी सामग्री को इंटरनेट पर रिलीज़ करने से पहले समीक्षा करने और सेंसर करने के लिए एक नियामक प्राधिकरण या सेंसर बोर्ड की स्थापना की मांग की गई थी।याचिका में "अश्लील सामग्री वाले सभी नॉन-फिल्मी गानों पर वर्तमान प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी।जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने कहा कि विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से आम जनता के लिए उपलब्ध सूचना या...
आईपीसी की धारा 308 के लिए आशय या ज्ञान और परिस्थितियां जिनमें अपराध किया गया, महत्वपूर्ण हैं, न कि चोट: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने देखा है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 308 के तहत कोई अपराध गठित करने के उद्देश्य से इरादा या ज्ञान और जिन परिस्थितियों में अपराध किया गया, वे महत्वपूर्ण हैं, न कि चोटें। जस्टिस सैयद आफताब हुसैन रिजवी की खंडपीठ ने सत्र न्यायाधीश, वाराणसी के एक आदेश को बरकरार रखा, जिसमें आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 308 , 323, 504, 506 के तहत अपराध करने के आरोपी की आरोपमुक्त करने की याचिका खारिज कर दी गई थी।अदालत ने देखा," धारा 308 आईपीसी में दो भाग होते हैं। पहला गैर-चोट लगने के मामलों से...
उन्नाव रेप केस : दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर को मिली अंतरिम जमानत की अवधि घटाई
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को उन्नाव रेप केस में दोषी करार देकर उम्रकैद की सजा पाए बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की अंतरिम जमानत की अवधि घटा दी है। सेंगर को अपनी बेटी की शादी में शामिल होने की अनुमति देने के लिए अंतरिम जमानत दी गई है। जस्टिस मुक्ता गुप्ता और जस्टिस पूनम ए बंबा की खंडपीठ ने 16 जनवरी के अपने पहले के उस आदेश को संशोधित किया, जिसमें सेंगर को 15 दिनों की अवधि 27 जनवरी से 10 फरवरी तक के लिए अंतरिम जमानत दी गई थी। एक एकल न्यायाधीश ने भी सेंगर को पीड़िता के पिता की हत्या के...
फाइलिंग स्टेज पर चुनावी याचिका के समर्थन में हलफनामा दायर न करने की कमी को बाद में हलफनामा दाखिल करके ठीक नहीं किया जा सकता : इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि चुनाव याचिका के फाइलिंग स्टेज पर चुनाव याचिका के समर्थन में हलफनामा दाखिल न करने के दोष (कमी)को बाद में हलफनामा दाखिल करने से ठीक नहीं किया जा सकता है।जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी की पीठ ने एक चुनाव ट्रिब्यूनल के उस आदेश की पुष्टि करते हुए यह बात कही है, जिसने यूपी पंचायत राज अधिनियम, 1947 की धारा 12-सी के तहत दायर एक चुनाव याचिका को हलफनामा दाखिल न करने के आधार पर खारिज कर दिया था।न्यायालय ने निष्कर्ष निकाला कि चुनाव ट्रिब्यूनल ने सीपीसी के आदेश 6 नियम 15(4) के...
पुलिस स्टेशनों में पैरा-लीगल वालंटियर्स की नियुक्ति के लिए योजना लागू करने के लिए 'रोडमैप' बनाएं : दिल्ली हाईकोर्ट ने डीएसएलएसए से कहा
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएसएलएसए) से लापता बच्चों और बच्चों के खिलाफ अपराधों से संबंधित मामलों में सहायता के लिए 50 पुलिस स्टेशनों में पैरालीगल वालंटियर्स (पीएलवी) को नियुक्त करने की अपनी योजना को लागू करने के लिए एक रोडमैप देने के लिए कहा। जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस अनूप जयराम भंभानी की खंडपीठ ने कहा कि रोडमैप में यह शामिल होना चाहिए कि योजना के कार्यान्वयन के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है।सुप्रीम कोर्ट ने...
न्यायिक विवेक का उपयोग किए बिना प्रिंटेड प्रोफार्मा पर आदेश पारित करने में न्यायिक अधिकारियों का आचरण 'आपत्तिजनक': इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने कहा है कि न्यायिक विवेक का प्रयोग किए बिना प्रिंटेड प्रोफार्मा पर आदेश पारित करने में संबंधित न्यायिक अधिकारियों का आचरण आपत्तिजनक है और इसकी निंदा की जानी चाहिए।जस्टिस शमीम अहमद की खंडपीठ ने एसएसजे/पॉक्सो-II रायबरेली की अदालत के संज्ञान आदेश को रद्द करते हुए कहा कि आईपीसी की धारा 363, 366 और POCSO अधिनियम, 2012 की धारा 16 और 17 के तहत अपराध करने के आरोपी व्यक्ति को समन जारी किया गया है।अदालत ने पाया कि संबंधित मजिस्ट्रेट ने सीआरपीसी की धारा 173 के तहत...
'पीड़ित की शारीरिक भाषा आघात को प्रतिबिंबित नहीं करती, लंबे समय तक बनी रहती है': हाईकोर्ट ने पंजाब के पूर्व विधायक को जमानत दी
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने बलात्कार के मामले में पूर्व विधायक सिमरजीत सिंह बैंस को जमानत देते हुए बुधवार को कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि पीड़िता ने अपने हाव-भाव या आचरण से किसी आघात को प्रतिबिंबित किया या जबरन हमले के बारे में किसी से शिकायत की।जस्टिस अनूप चितकारा ने जमानत आदेश में कहा,"ऐसा कोई आरोप नहीं है कि उसने ऐसा इसलिए नहीं किया, क्योंकि वह सदमे में थी। इस बात का कोई सबूत नहीं है कि सहमति तथ्यों की गलत धारणा से प्राप्त की गई। इस प्रकार, आरोपों का विशेष रूप से तथ्य यह है कि...
कर्नाटक हाईकोर्ट ने 'पाकिस्तान जिंदाबाद' मैसेज के साथ फेसबुक पोस्ट करने वाले व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही रद्द की
कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने 'पाकिस्तान जिंदाबाद' मैसेज के साथ फेसबुक पोस्ट करने वाले आरोपी व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही रद्द की।पुलिस ने आपराधिक कार्यवाही शरू करते हुए कहा था कि पोस्ट सैनिकों का अपमान करने और समाज की शांति को भंग करने के समान है।जस्टिस वी श्रीशानंद ने केएम बाशा द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया और आईपीसी की धारा 505 के तहत उनके खिलाफ दायर चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए आदेश को रद्द कर दिया।अदालत ने कहा कि आईपीसी की धारा 505 के तहत दंडनीय अपराधों के लिए...
नॉन-डोमिसाइल कैंडिडेट पंजाब महिलाओं के लिए 33% आरक्षण के तहत नियुक्ति के हकदार नहीं: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि नॉन-डोमिसाइल कैंडिडेट को पंजाब से संबंधित महिलाओं के लिए 33% आरक्षित पदों में नियुक्ति के लिए विचार नहीं किया जा सकता।अदालत के सामने मुद्दा यह था कि क्या आरक्षण पंजाब राज्य की महिलाओं तक ही सीमित है या यह अन्य राज्यों की सभी महिलाओं पर भी लागू है।जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल ने पंजाब सरकार के विभिन्न विभागों में जूनियर इंजीनियर (सिविल) की नियुक्तियों से संबंधित याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि नियमों में कहीं भी प्रावधान नहीं है कि पंजाब राज्य की...
राजनीतिक हस्तक्षेप और मनमानी कर अंतिम समय में अनुबंध रद्द किया गया: कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य को ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के लिए बनी फिल्म के लिए भुगतान करने का निर्देश दिया
कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को मैसर्स बीबीपी स्टूडियो वर्चुअल भारत प्राइवेट लिमिटेड के बकाया भुगतान को जारी करने का निर्देश दिया, जिसे नवंबर 2022 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के दौरान 3डी फिल्म बनाने के लिए नियुक्त किया गया था, लेकिन पिछले दिनों अनुबंध रद्द कर दिया गया। साथ ही कार्यक्रम में फिल्म का प्रदर्शन नहीं किया गया।जस्टिस एम नागप्रसन्ना की सिंगल जज बेंच ने मार्केटिंग कम्युनिकेशन एंड एडवरटाइजिंग लिमिटेड द्वारा जारी 25-10-2022 के उस पत्र को रद्द कर दिया, जिसमें याचिकाकर्ता को फिल्म...
पटना हाईकोर्ट ने बिहार के 609 मदरसों की पात्रता पर जांच पूरी होने तक अनुदान सहायता रोकी, देरी पर सरकार से जवाब मांगा
पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार को बिहार सरकार को निर्देश दिया कि वह 609 मदरसों के पक्ष में अनुदान जारी करने पर तब तक रोक लगाए जब तक कि उनकी पात्रता और वैधानिक प्रावधानों के अनुपालन पर लंबित जांच पूरी नहीं हो जाती।चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस पार्थ सारथी की खंडपीठ ने आगे आदेश दिया कि आदेश की तारीख से चार सप्ताह के भीतर जांच पूरी की जाएगी। अदालत ने राज्य को यह भी स्पष्ट करने का निर्देश दिया कि क्या सभी 2459 रजिस्टर्ड मदरसों के पास आवश्यक बुनियादी ढांचा है और कानून के तहत निर्धारित मानदंडों को पूरा...
केरल हाईकोर्ट जादूगर गोपीनाथ मुथुकड को विशेष रूप से दिव्यांग बच्चों के उत्थान कार्य के लिए मान्यता प्रमाण पत्र देगा
केरल हाईकोर्ट ने बुधवार को जादूगर गोपीनाथ मुथुकड़ द्वारा दिव्यांग बच्चों के उत्थान के लिए किए जा रहे प्रयासों को मान्यता दी और रजिस्ट्रार जनरल से मुथुकड़ और विभिन्न कला केंद्र (डीएसी) की पूरी टीम को अदालत की सराहना करने के लिए कहा।शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों की मोटर कारों के लिए कराधान से छूट प्रदान करने वाली सरकारी अधिसूचना से 'मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्तियों' को बाहर करने को चुनौती देने वाली याचिका पर अदालत ने प्रसिद्ध जादूगर की सराहना की।जस्टिस पी.वी. कुन्हीकृष्णन ने कोर्ट के...
दोषसिद्धि के लिए अतिरिक्त-न्यायिक स्वीकारोक्ति की अन्य विश्वसनीय सबूतों द्वारा पुष्टि की जानी चाहिए: गुवाहाटी हाईकोर्ट
गुवाहाटी हाईकोर्ट की खंडपीठ ने दोहराया कि अतिरिक्त न्यायिक स्वीकारोक्ति (Extra-Judicial Confession) सबूत का छोटा टुकड़ा है और इसे ठोस और विश्वसनीय सबूतों से पुष्ट किया जाना चाहिए।ट्रायल कोर्ट द्वारा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत आवेदक की दोषसिद्धि और उम्रकैद की सजा रद्द करते हुए यह अवलोकन किया गया।जस्टिस सुमन श्याम और जस्टिस पार्थिव ज्योति सैकिया की खंडपीठ ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने चन्दन तांती को गवाह के रूप में अभियुक्तों द्वारा कथित रूप से किए गए अपुष्ट अतिरिक्त न्यायिक...
अपने तरीके से काम करवाने के लिए जजों को धमका नहीं सकते: केरल हाईकोर्ट ने तलाक मामले में फैमिली कोर्ट के खिलाफ पक्षपात के आरोप लगाने वाली महिला से कहा
केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में फैमिली कोर्ट के न्यायाधीश द्वारा कथित पक्षपात के आधार पर तलाक के मामले को ट्रांसफर करने की महिला की याचिका खारिज कर दी। तलाक का मुकदमा उसके पति ने दर्ज कराया है।जस्टिस सी.एस. डायस ने कहा कि याचिकाकर्ता महिला वकील ने फैमिली कोर्ट के न्यायाधीश की ईमानदारी और निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए "तीखा हमला" किया। यह हमला केवल इसलिए किया गया क्योंकि उन्होंने उसके खिलाफ कई आदेश पारित किए।अदालत ने कहा,"ट्रांसफर याचिका में बेतुके और तथ्यहीन आरोपों के अलावा आरोपों की पुष्टि करने के...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 1984 के दंगों में पत्नी और बेटी को खोने वाले 84 वर्षीय व्यक्ति को मुआवजे का भुगतान न करने पर यूपी सरकार के सचिव से हलफनामा मांगा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों में अपनी पत्नी और बेटी के नुकसान के मुआवजे की मांग करने वाले 84 वर्षीय व्यक्ति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सचिव, गृह (सांप्रदायिक नियंत्रण सेल), यूपी सरकार से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा।जस्टिस महेश चंद्र त्रिपाठी और जस्टिस विवेक कुमार सिंह की खंडपीठ ने प्यारा सिंह की याचिका पर यह आदेश पारित किया, क्योंकि यह पाया गया कि याचिकाकर्ता का दावा स्वीकार किया गया और मामला 2018 से लंबित है।प्यारा सिंह की पत्नी और बेटी (जो सिख समुदाय से हैं) को 1984 के...
‘दुर्भावनापूर्ण अभियोजन': मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने भारतीय रेलवे अधिकारी के खिलाफ रेप की एफआईआर रद्द की
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh Court) ने भोपाल के एडिशनल डिविजल रेलवे मैनेजर गौरव सिंह के खिलाफ उनके अधीन काम करने वाली एक क्लर्क के साथ बलात्कार के आरोप में दर्ज एफआईआर को 'दुर्भावनापूर्ण अभियोजन' और 'कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग' का मामला बताते हुए रद्द कर दिया।मामले के रिकॉर्ड का विश्लेषण करने के बाद जस्टिस संजय द्विवेदी की पीठ ने कहा कि मामले में पीड़िता ने याचिकाकर्ता के खिलाफ संभवतः अपने पति के दबाव में झूठा आरोप लगाया था क्योंकि उसके पति को याचिकाकर्ता के बीच संबंधों के बारे में...