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पीड़िता की आशंका मात्र बलात्कार के मामले को पुरुष जज की अदालत से स्थानांतरित करने का आधार नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
पीड़िता की आशंका मात्र बलात्कार के मामले को पुरुष जज की अदालत से स्थानांतरित करने का आधार नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि केवल पीड़िता की आशंका के आधार बलात्कार के मामले को पॉक्सो मामलों के लिए नामित विशेष अदालतों या महिला जज की अदालतों में स्थानांतरित नही किया जा सकता है।जस्टिस अनीश दयाल ने कहा कि ऐसी स्थिति ऐसे मामलों की बाढ़ ला देगी, जहां सभी बलात्कार के मामलों को विशेष पॉक्सो अदालतों या महिला जजों को स्थानांतरित करने की आवश्यकता होगी।बलात्कार के एक मामले को पुरुष जज की अदालत से महिला जज की अदालत में स्थानांतरित करने से इनकार करते हुए, अदालत ने कहा,"जैसा भी हो, याचिकाकर्ता की आशंका...

आरोपी-पीड़ित के बीच समझौते के आधार पर बलात्कार, पॉक्सो एक्ट के मामलों को रद्द करना कानूनी रूप से अस्वीकार्य: इलाहाबाद हाईकोर्ट
आरोपी-पीड़ित के बीच समझौते के आधार पर बलात्कार, पॉक्सो एक्ट के मामलों को रद्द करना 'कानूनी रूप से अस्वीकार्य: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद ‌हाईकोर्ट ने कहा है कि अभियुक्त और पीड़िता के बीच हुए समझौते के आधार पर बलात्कार के मामले या पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामलों को रद्द करने की कानूनी रूप से अनुमति नहीं है।जस्टिस अजय कुमार श्रीवास्तव-I की पीठ ने कहा कि एक ऐसे मामले में यह टिप्पणी की, जिसमें उसने पीड़िता की ओर से आरोपी के खिलाफ दायर 9 साल पुराने बलात्कार के मामले को इस आधार पर खारिज करने से इनकार कर दिया कि मामले में दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया था।इस संबंध में, कोर्ट ने ओम प्रकाश बनाम यूपी राज्य और दूसरा 2023 लाइवलॉ...

असमः विदेशी ट्रिब्यूनल ने याचिका के बावजूद गलत महिला पर खुद को विदेशी नहीं साबित करने का दबाव बनाया; गुवाहाटी हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा-ट्रिब्यूनल ने ऐसा क्यों किया, कारण बताएं
असमः विदेशी ट्रिब्यूनल ने याचिका के बावजूद गलत महिला पर खुद को विदेशी नहीं साबित करने का दबाव बनाया; गुवाहाटी हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा-ट्रिब्यूनल ने ऐसा क्यों किया, कारण बताएं

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने हाल ही में असम सरकार को एक विदेशी ट्रिब्यूनल के आदेश के संबंध में कारण बताने का निर्देश दिया, जिसमें संदिग्ध विदेशी, जिसे मूल रूप से नोटिस दिया जाना था, के बजाय एक महिला को यह निर्देश दिया था कि वह यह साबित करे की वह विदेशी नहीं है।जस्टिस अचिंत्य मल्ला बुजोर बरुआ और जस्टिस रॉबिन फुकन की खंडपीठ ने कहा,"गृह विभाग, असम सरकार को एक हलफनामा दायर करके यह बताना होगा कि फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल नंबर 2, धुबरी के सदस्य ने ऐसा व्यवहार क्यों किया, जब रिट याचिकाकर्ता ने ट्रिब्यूनल को वापस...

धारा 138 एनआई एक्ट| मांग की स्पष्टता चेक बाउंस नोटिस के लिए अनिवार्य कानूनी आवश्यकता: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
धारा 138 एनआई एक्ट| 'मांग' की स्पष्टता चेक बाउंस नोटिस के लिए अनिवार्य कानूनी आवश्यकता: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में कहा कि धारा 138 परक्राम्य लिखत अधिनियम अचूक शब्दों में बताती है कि नोटिस में स्पष्ट रूप से क्या दिखाना चाहिए और किस प्रकार की मांग करनी चाहिए। कोर्ट ने जोर देकर कहा कि चेक बाउंस होने के मामलों में मांग की स्पष्टता एक आवश्यक शर्त है।जस्टिस अजय मोहन गोयल ने एक अपील की सुनवाई के दरमियान यह टिप्पणी की। अपीलकर्ता ने उपमंडल न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय, जिला मंडी, हिमाचल प्रदेश द्वारा पारित फैसले को चुनौती दी थी, जिसके संदर्भ में एनआई एक्ट की धारा 138...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने एडवोकेट गुणरतन सदावर्ते को लाइसेंस निलंबन पर तत्काल राहत देने से इनकार किया, बीसीआई के समक्ष अपील दायर करने के लिए कहा
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एडवोकेट गुणरतन सदावर्ते को लाइसेंस निलंबन पर तत्काल राहत देने से इनकार किया, बीसीआई के समक्ष अपील दायर करने के लिए कहा

बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को विवादित एडवोकेट गुणरतन सदावर्ते की याचिका में तुरंत हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।उल्लेखनीय है कि बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा ने दो साल के लिए सदावर्ते का लाइसेंस दो साल के लिए निलंबित कर दिया है, जिसके खिलाफ उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर की है। गुरुवार को कोर्ट ने कहा कि मामले में वैकल्पिक वैधानिक उपाय उपलब्ध है।जस्टिस गौतम पटेल की अगुवाई वाली पीठ ने हालांकि कहा कि वह सदावर्ते के लिए "अपने दरवाजे पूरी तरह से बंद नहीं कर रही है" और अपील में राहत से इनकार...

मोटर व्हीकल एक्ट- मुआवजे के दावे को खारिज करने के लिए एफआईआर दर्ज करने में देरी मुख्य आधार नहीं हो सकता: आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट
मोटर व्हीकल एक्ट- मुआवजे के दावे को खारिज करने के लिए एफआईआर दर्ज करने में देरी मुख्य आधार नहीं हो सकता: आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट

सड़क दुर्घटना के एक मामले में मुआवजे के फैसले के खिलाफ एक बीमा कंपनी की अपील को खारिज करते हुए आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि एफआईआर दर्ज करने में देरी दावा याचिका खारिज करने का मुख्य आधार नहीं हो सकती है। कंपनी ने तर्क दिया था कि मुआवजे का दावा करने के बाद दुर्घटना के दो दिन बाद एफआईआर दर्ज की गई थी।जस्टिस टी. मल्लिकार्जुन राव की बेंच ने कहा,“एफआईआर निश्चित रूप से दुर्घटना के तथ्य को साबित करता है ताकि पीड़ित मुआवजा का मामला दर्ज कर सके, लेकिन एफआईआर दर्ज करने में देरी दावा याचिका को खारिज...

नागरिकों के विरोध करने और अपनी बात रखने का लोकतांत्रिक अधिकार: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ग्रीन एक्टिविस्ट के खिलाफ एफआईआर रद्द की
'नागरिकों के विरोध करने और अपनी बात रखने का लोकतांत्रिक अधिकार': बॉम्बे हाईकोर्ट ने ग्रीन एक्टिविस्ट के खिलाफ एफआईआर रद्द की

बॉम्बे हाईकोर्ट ने विरोध करने के लिए टेक्नोलॉजी के उपयोग पर एक महत्वपूर्ण फैसले में मेट्रो III कार के लिए आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई के खिलाफ 2018 में आईएएस अधिकारी अश्विनी भिडे को भेजे गए संदेशों पर उत्पीड़न के आरोप में एक ग्रीन एक्टिविट को बुक करने पर मुंबई पुलिस को फटकार लगाई। जस्टिस सुनील शुकरे और जस्टिस एमएम सथाये की खंडपीठ ने बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स पुलिस स्टेशन में बेंगलुरु निवासी अविजीत माइकल के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द कर दी और कहा कि संदेशों में कुछ भी "आपत्तिजनक" नहीं था और...

केवल धमकी और मांग के साधारण आरोपों से आईपीसी की धारा 384 का आरोप नहीं बन सकता, जब तक कि इसकी पुष्टि के लिए कोई सामग्री न हो : राजस्थान हाईकोर्ट
केवल धमकी और मांग के साधारण आरोपों से आईपीसी की धारा 384 का आरोप नहीं बन सकता, जब तक कि इसकी पुष्टि के लिए कोई सामग्री न हो : राजस्थान हाईकोर्ट

रजाक खान हैदरराजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में आरटीआई कार्यकर्ता के खिलाफ तत्कालीन सरपंच द्वारा उद्दापन (ब्लैकमेलिंग) के आरोप में दर्ज करवाई गई एफआईआर रद्द करने का आदेश देते हुए कहा कि केवल धमकी और मांग के साधारण आरोपों से आईपीसी की धारा 384 का आरोप नहीं बन सकता, जब तक कि इसकी पुष्टि के लिए कोई सामग्री नहीं हो। जस्टिस अशोक कुमार जैन की बेंच ने सभी पक्षों की सुनवाई के बाद ने आदेश में कहा कि केवल धमकी और मांग के साधारण आरोपों से धारा 384 का आरोप नहीं बन सकता, जब तक कि इसकी पुष्टि के लिए कोई...

आईबीसी के तहत रेज़ोल्यूशन प्रोफेशनल भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत लोक सेवक के अर्थ में आएगा: झारखंड हाईकोर्ट
आईबीसी के तहत रेज़ोल्यूशन प्रोफेशनल भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 'लोक सेवक' के अर्थ में आएगा: झारखंड हाईकोर्ट

झारखंड हाईकोर्ट के हालिया फैसले ने यह स्पष्ट कर दिया कि प्रस्ताव पेशेवर को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (पीसी अधिनियम) की धारा 2(c)(v) और (viii) दोनों के तहत लोक सेवक माना जाएगा, क्योंकि उनके कार्यालय में उन कार्यों के प्रदर्शन पर जोर दिया जाता है, जो सार्वजनिक कर्तव्य की प्रकृति में हैं।जस्टिस गौतम कुमार चौधरी की खंडपीठ ने उनके खिलाफ शुरू की गई पूरी आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने की प्रार्थना करने वाली याचिका खारिज करते हुए उपरोक्त फैसला सुनाया, साथ ही (कानूनी पारिश्रमिक के अलावा अन्य...

दिल्ली दंगों में यूएपीए मामला जल्द शुरू होने की संभावना, क्योंकि एक को छोड़कर सभी आरोपियों के लिए सप्लाई ऑफ डॉक्यूमेंट्स चरण समाप्त हो गया
दिल्ली दंगों में यूएपीए मामला जल्द शुरू होने की संभावना, क्योंकि एक को छोड़कर सभी आरोपियों के लिए 'सप्लाई ऑफ डॉक्यूमेंट्स' चरण समाप्त हो गया

यूएपीए मामले में 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों में बड़ी साजिश का आरोप लगाते हुए मुकदमा जल्द ही शुरू होने की संभावना है, क्योंकि दिल्ली की एक अदालत ने आरोपी व्यक्तियों के संबंध में सीआरपीसी की धारा 207 के तहत देवांगना कलिता को छोड़कर दस्तावेजों की आपूर्ति के चरण का निष्कर्ष निकाला है।इसका मतलब यह होगा कि पहली चार्जशीट दाखिल करने के साथ सितंबर 2020 में मामले की कार्यवाही शुरू होने के दो साल से अधिक समय बाद ट्रायल कोर्ट अब 18 आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ आरोप तय करने के चरण में आगे बढ़ेगी।दिल्ली...

राष्ट्रीय राजधानी में एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने पर विचार करने के लिए केंद्र, दिल्ली सरकार को निर्देश देने की मांग वाली याचिका हाईकोर्ट में दायर
राष्ट्रीय राजधानी में एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने पर विचार करने के लिए केंद्र, दिल्ली सरकार को निर्देश देने की मांग वाली याचिका हाईकोर्ट में दायर

राष्ट्रीय राजधानी में एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने पर विचार करने के लिए केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को निर्देश देने की मांग वाली याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई है।एडवोकेट दीपा जोसेफ और एडवोकेट अल्फा फिरिस दयाल की ओर से याचिका दायर की गई। याचिका में आरोप लगाया गया है कि दिल्ली में विभिन्न जिला अदालतों के अदालत परिसर के अंदर हिंसा की घटनाओं में "खतरनाक वृद्धि" हो रही है।इस महीने की शुरुआत में एक वकील वीरेंद्र कुमार की हत्या के मद्देनजर याचिका दायर की गई है। याचिका में अदालत परिसर...

नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के कर्तव्य से राज्य पीछे नहीं हट सकता: हाईकोर्ट ने एसएसपी को सेम सेक्स कपल की सुरक्षा अनुरोध पर विचार करने को कहा
'नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के कर्तव्य से राज्य पीछे नहीं हट सकता': हाईकोर्ट ने एसएसपी को सेम सेक्स कपल की सुरक्षा अनुरोध पर विचार करने को कहा

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सेम सेक्स कपल की सुरक्षा से जुड़ा एक केस आया। कोर्ट ने मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, यूटी चंडीगढ़ को निर्देश दिया कि वे समलैंगिक जोड़े की कथित खतरे की धारणा की जांच करें और अगर आवश्यक हो तो उन्हें सुरक्षा प्रदान करें।कोर्ट ने आगे कहा कि राज्य सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हट सकती है।जस्टिस गुरविंदर सिंह गिल की पीठ ने ये आदेश दो महिलाओं (21 और 24 वर्ष) की याचिका पर पारित किया। याचिकाकर्ताओं ने निजी प्रतिवादियों के खिलाफ...

पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभ मूल्यवान अधिकार, वितरण में देरी की भरपाई राज्य द्वारा की जानी चाहिए: पटना हाईकोर्ट
पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभ मूल्यवान अधिकार, वितरण में देरी की भरपाई राज्य द्वारा की जानी चाहिए: पटना हाईकोर्ट

पटना हाईकोर्ट ने हाल के एक फैसले में जल संसाधन विभाग से मार्च, 2009 से जून, 2017 के बीच की अवधि के लिए वैधानिक और दंडात्मक ब्याज के साथ याचिकाकर्ता के दिवंगत पति के पेंशन बकाया के भुगतान की मांग वाली रिट याचिका की अनुमति दी।मामले की पृष्ठभूमियाचिकाकर्ता के दिवंगत पति को 1968 में जल संसाधन विभाग में पत्राचार क्लर्क के रूप में नियुक्त किया गया और वह मार्च 2009 में सेवानिवृत्त हो गए। हालांकि, उन्हें पेंशन और ग्रेच्युटी सहित अपने सभी सेवानिवृत्ति बकाया 2017 में ही प्राप्त हुए, यानी 8 साल से अधिक की...

स्वास्थ्य कर्मियों पर हमलों से निपटने में अदालतों का लापरवाह रवैया भी इस तरह की हिंसा का सहारा लेने की प्रवृत्ति में योगदान देता है: केरल हाईकोर्ट
स्वास्थ्य कर्मियों पर हमलों से निपटने में अदालतों का लापरवाह रवैया भी इस तरह की हिंसा का सहारा लेने की प्रवृत्ति में योगदान देता है: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में सत्र अदालत द्वारा दो व्यक्तियों को दी गई जमानत खारिज कर दी गई, जिन्होंने अस्पताल में महिला द्वारा मृत बच्चे को जन्म देने के बाद कथित रूप से डॉक्टर पर हमला किया था।जस्टिस बेचू कुरियन थॉमस की एकल पीठ ने डॉक्टरों पर लगातार हो रहे हमलों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा,“जब किसी मरीज के साथ कोई दुर्घटना होती है तो डॉक्टरों को धमकियों का सामना करना पड़ता है। मामूली उकसावे पर भी स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला किया जाता है। केरल राज्य में प्रचलित कानून और स्वास्थ्य कर्मियों पर हमलों...

स्थानीय निकाय चुनाव: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उप्र सरकार को ओबीसी आयोग की रिपोर्ट चार दिनों में अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया
स्थानीय निकाय चुनाव: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उप्र सरकार को ओबीसी आयोग की रिपोर्ट चार दिनों में अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को शहरी स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के प्रतिनिधित्व का अध्ययन करने के लिए समर्पित उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट को अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया।उल्लेखनीय है कि इस साल जनवरी में आयोग की स्थापना की गई, जिसे समुदाय के राजनीतिक पिछड़ेपन पर अनुभवजन्य डेटा एकत्र करने और शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण के मुद्दे को देखने की प्राथमिक जिम्मेदारी सौंपी गई।जस्टिस राजन रॉय और...

विवाहित जोड़े की एक-दूसरे तक पहुंच साक्ष्य अधिनियम की धारा 112 के तहत निर्णायक रूप से बच्चे की वैधता को निर्धारित करती है: हिमाचल प्रदेश ‌हाईकोर्ट
विवाहित जोड़े की एक-दूसरे तक पहुंच साक्ष्य अधिनियम की धारा 112 के तहत निर्णायक रूप से बच्चे की वैधता को निर्धारित करती है: हिमाचल प्रदेश ‌हाईकोर्ट

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने माना कि यदि एक जोड़े की एक-दूसरे तक पहुंच है, तो यह एक बच्चे की वैधता का निर्णायक प्रमाण है और इसलिए, भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की धारा 112 के तहत अनुमान आकर्षित होता है।यह टिप्पणी जस्टिस ज्योत्सना रेवल दुआ ने जिला न्यायाधीश शिमला के एक आदेश के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई करते हुए दी। उक्त आदेश में बच्चे और पक्षों के डीएनए परीक्षण के ‌‌लिए याचिकाकर्ता-पति की मांग को खारिज कर दिया गया था।याचिका हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13(1)(ia) और (ib) के तहत याचिकाकर्ता (पति) और...

महिला के नहाने के दौरान बाथरूम में झांकना निजता का हनन, ताक-झांक करने का अपराध : दिल्ली हाईकोर्ट
महिला के नहाने के दौरान बाथरूम में झांकना निजता का हनन, ताक-झांक करने का अपराध : दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में कहा कि जब एक महिला नहा रही हो और उस दरमियान कोई पुरुष स्नानघर के अंदर झांकता है तो यह उस महिला की निजता पर हमला होगा और ताक-झांक करने का अपराध भी बनेगा।जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा कि किसी भी व्यक्ति का बाथरूम में नहाना, चाहे वह पुरुष हो या महिला, दरअसल एक "निजी कार्य" है क्योंकि यह बाथरूम की चार दीवारी के अंदर हो रहा है।कोर्ट ने कहा,"इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि बंद स्नानघर के अंदर नहा रही एक महिला उचित रूप से उम्मीद करेगी कि उसकी निजता...

यदि भारतीय जनसांख्यिकी प्रोफ़ाइल बदलती है तो संविधान नष्ट हो जाएगा, इसे बनाए रखने के लिए भारतीय परंपराओं और धर्म का पालन करें: मद्रास हाईकोर्ट के न्यायाधीश
यदि भारतीय जनसांख्यिकी प्रोफ़ाइल बदलती है तो संविधान नष्ट हो जाएगा, इसे बनाए रखने के लिए भारतीय परंपराओं और धर्म का पालन करें: मद्रास हाईकोर्ट के न्यायाधीश

मद्रास हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस जीआर स्वामीनाथन ने कहा कि भारतीय संविधान के अस्तित्व को जारी रखने के लिए संविधान का ड्राफ्ट तैयार करने के समय मौजूद जनसांख्यिकीय प्रोफ़ाइल को बनाए रखना आवश्यक है। उन्होंने तमिल में दिए गए भाषण में कहा,"संविधान सभी के लिए अंतिम है ... यदि संविधान को वही रहना है तो संविधान के निर्माण के समय मौजूद जनसांख्यिकीय प्रोफ़ाइल को बनाए रखना होगा। जनसांख्यिकीय प्रोफ़ाइल समान रहने पर ही संविधान बना रहेगा।" यदि जनसांख्यिकी प्रोफ़ाइल बदलती है तो संविधान नष्ट हो...

पीएम के बारे में टिप्पणी: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की एफआईआर खारिज करने की याचिका पर यूपी सरकार को नोटिस जारी किया
पीएम के बारे में टिप्पणी: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की एफआईआर खारिज करने की याचिका पर यूपी सरकार को नोटिस जारी किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा की उस याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ उनकी कथित 'नरेंद्र गौतम दास मोदी' टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ एफआईआर रद्द करने की मांग की गई है । सुप्रीम कोर्ट द्वारा कथित टिप्पणी को लेकर वाराणसी और असम में उनके खिलाफ एफआईआर को क्लब करने और उन्हें पुलिस स्टेशन, हजरतगंज, लखनऊ में स्थानांतरित करने के कुछ दिनों बाद खेड़ा ने हाईकोर्ट का रुख किया है । खेड़ा ने एफआईआर रद्द करने की मांग करते हुए...