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प्राइवेट स्कूलों को अपनी पसंद से छात्रों को एडमिशन देने का अधिकार उचित और पारदर्शी मानदंडों के आधार पर होना चाहिए: दिल्ली हाईकोर्ट
प्राइवेट स्कूलों को अपनी पसंद से छात्रों को एडमिशन देने का अधिकार उचित और पारदर्शी मानदंडों के आधार पर होना चाहिए: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट में प्राइवेट स्कूल में एक छात्र के एडमिशन से जुड़ा एक केस आया। कोर्ट ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों को अपनी पसंद से छात्रों को एडमिशन देने का अधिकार एक उचित और पारदर्शी मानदंड के आधार पर होना चाहिए।जस्टिस मिनी पुष्करणा की बेंच मामले की सुनवाई कर रही थी। उन्होंने कहा कि जनरल कोटा के तहत एडमिशन के मामलों में एक स्कूल की स्वायत्तता होती है। इसके लिए वो अपने मानदंड तैयार कर सकता है। लेकिन ये मानदंड भेदभावपूर्ण नहीं होने चाहिए। मानदंड उचित, निष्पक्ष और न्यायसंगत होने चाहिए।आगे कहा,“निजी...

दिल्ली दंगे: हाईकोर्ट के एक और जज ने आसिफ इकबाल तनहा के ज़ी न्यूज़ के ख़िलाफ़ मामले की सुनवाई से खुद को अलग किया
दिल्ली दंगे: हाईकोर्ट के एक और जज ने आसिफ इकबाल तनहा के ज़ी न्यूज़ के ख़िलाफ़ मामले की सुनवाई से खुद को अलग किया

जस्टिस अनूप जयराम भंभानी के बाद, दिल्ली हाईकोर्ट के एक और जज ने 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से संबंधित बड़ी साजिश में मीडिया को अपने कथित कबूलनामे के बयान को लीक करने के खिलाफ आसिफ इकबाल तन्हा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है।जस्टिस अमित शर्मा ने आज मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा के आदेशों के अधीन इसे 24 अप्रैल को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है। जस्टिस अमित शर्मा को पिछले साल अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था...

‘सुनिश्चित करें कि सीआईएस पंजीकरण औपचारिकताओं के कारण जमानत आवेदन में देरी नहीं हुई है’: गुजरात हाईकोर्ट ने न्यायिक मजिस्ट्रेटों को कहा
‘सुनिश्चित करें कि सीआईएस पंजीकरण औपचारिकताओं के कारण जमानत आवेदन में देरी नहीं हुई है’: गुजरात हाईकोर्ट ने न्यायिक मजिस्ट्रेटों को कहा

गुजरात हाईकोर्ट ने जनवरी में जारी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुपालन के लिए राज्य के सभी मजिस्ट्रेट न्यायालयों को एक सर्कुलर जारी किया है।जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय एस. ओका की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने ज़मानत देने के लिए एक व्यापक नीतिगत रणनीति जारी करने के उद्देश्य से शुरू की गई एक स्वत: संज्ञान रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए विचाराधीन कैदियों के मुद्दे पर 7 निर्देशों का एक सेट जारी किया जो जमानत आदेश या अन्यथा में निर्धारित शर्तों को पूरा करने में असमर्थता के कारण जमानत का लाभ दिए...

प्रथम दृष्टया वन अधिकारी तय प्रक्रिया का पालन किए बिना तडोबा टाइगर रिजर्व के पास आदिवासियों को बेदखल करना चाहते हैं: बॉम्बे हाईकोर्ट
प्रथम दृष्टया वन अधिकारी तय प्रक्रिया का पालन किए बिना तडोबा टाइगर रिजर्व के पास आदिवासियों को बेदखल करना चाहते हैं: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह देखते हुए कि प्रथम दृष्टया वन विभाग के अधिकारी उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना महाराष्ट्र में प्रसिद्ध ताडोबा टाइगर रिजर्व की सीमाओं पर रहने वाले आदिवासी को बेदखल करना चाहते हैं, राज्य द्वारा दायर नागरिक संशोधन आवेदन खारिज कर दिया।जस्टिस एमएस जावलकर ने कहा कि आदिवासी को सुनवाई दिए बिना चार हेक्टेयर भूमि पर उनका दावा खारिज कर दिया गया और उन्हें आदेश भी नहीं बताया गया।पीठ ने कहा,"...यह उम्मीद की जाती है कि आदिवासियों को सबूत पेश करने का अवसर दिया जाना चाहिए और पारित करने के...

हिंदू उत्तराधिकार एक्ट की धारा 6 (1) के अपवाद न्यायालय के आदेशों के उल्लंघन में हस्तांतरित संपत्तियों पर लागू नहीं होता: कर्नाटक हाईकोर्ट
हिंदू उत्तराधिकार एक्ट की धारा 6 (1) के अपवाद न्यायालय के आदेशों के उल्लंघन में हस्तांतरित संपत्तियों पर लागू नहीं होता: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि हिंदू उत्तराधिकार एक्ट की धारा 6 (1) के तहत किए गए अपवाद का लाभ उस व्यक्ति द्वारा उठाया जा सकता है, जिसने कानूनी रूप से संपत्तियों को हस्तांतरित किया है और यदि अलगाव अदालत के उल्लंघन में किया गया है तो लाभ नहीं बढ़ाया जा सकता है।एक्ट की धारा 6 (1) को वर्ष 2005 में संशोधित किया गया और यह 20 दिसंबर 2004 से पहले की गई संपत्ति के अलगाव के अपवाद के साथ पूर्वव्यापी रूप से हिंदू पुरुष की बेटी को सहदायिक का दर्जा प्रदान करता है।धारवाड़ खंडपीठ में बैठे जस्टिस अनंत...

शिलांग ट्रैफिक समस्या: मेघालय हाईकोर्ट ने राज्य को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश, कहा- कोई योजना लागू होती नजर नहीं आ रही है
शिलांग ट्रैफिक समस्या: मेघालय हाईकोर्ट ने राज्य को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश, कहा- कोई योजना लागू होती नजर नहीं आ रही है

मेघालय हाईकोर्ट ने सोमवार को राज्य सरकार को राजधानी शहर शिलांग में यातायात की भीड़ को कम करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।ये आदेश चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी और जस्टिस डब्ल्यू डेंगदोह की पीठ ने शहर में बढ़ती यातायात भीड़ के बारे में चिंता जताने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया।अपने आदेश में, पीठ ने कहा कि कई महीने पहले, राज्य सरकार ने संकेत दिया था कि शहर में स्कूल जाने वाले बच्चों के अधिकांश माता-पिता अपने बच्चों को बस से स्कूल ले जाने का...

ट्रायल कोर्ट का कर्तव्य है कि वह 10 साल के बच्चे का इंटरव्यू करे और उसकी इच्छा को समझे: बॉम्बे हाईकोर्ट ने पिता को कस्टडी देने का आदेश रद्द किया
ट्रायल कोर्ट का कर्तव्य है कि वह 10 साल के बच्चे का इंटरव्यू करे और उसकी इच्छा को समझे: बॉम्बे हाईकोर्ट ने पिता को कस्टडी देने का आदेश रद्द किया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने बच्चे की इच्छा का पता लगाने के लिए उसका इंटरव्यू करने में निचली अदालत की विफलता का हवाला देते हुए कस्टडी आदेश रद्द कर दिया।नागपुर खंडपीठ की जस्टिस उर्मिला जोशी फाल्के ने मामले को नए सिरे से विचार करने के लिए निचली अदालत में वापस भेज दिया और कहा कि मामले का फैसला करने से पहले निचली अदालत को बच्चे का बंद कमरे में इंटरव्यू करना चाहिए।अदालत ने कहा,"यह ट्रायल कोर्ट का कर्तव्य है कि वह नाबालिग बच्चे को अदालत के सामने पेश करे और पर्याप्त समझ के साथ कथित रूप से बच्चे के बारे में जानने...

मीडिया लोकतंत्र का महत्वपूर्ण स्तंभ, इसे न तो रोका जा सकता है और न ही धमकाया जा सकता है: कलकत्ता हाईकोर्ट ने टीवी पत्रकार के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर रोक लगाई
मीडिया लोकतंत्र का महत्वपूर्ण स्तंभ, इसे न तो रोका जा सकता है और न ही धमकाया जा सकता है: कलकत्ता हाईकोर्ट ने टीवी पत्रकार के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर रोक लगाई

कलकत्ता हाईकोर्ट ने कथित "भड़काऊ भाषण" देने के लिए टीवी पत्रकार के खिलाफ दायर एफआईआर पर रोक लगाते हुए कहा कि मीडिया किसी भी लोकतंत्र का समान रूप से महत्वपूर्ण स्तंभ है, जिसे कम नहीं किया जा सकता है या डराया नहीं जा सकता।जस्टिस राजशेखर मंथा ने कहा कि अदालत प्रथम दृष्टया इस बात से संतुष्ट है कि पत्रकार मनोज्ञा लोईवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जाना गंभीर रूप से संदिग्ध है।अदालत ने कहा,"मीडिया किसी भी लोकतंत्र का चौथा और समान रूप से महत्वपूर्ण स्तंभ है। चौथे स्तंभ को कम या भयभीत नहीं किया जा सकता...

ट्रेडिशनल राइट्स के बिना मछुआरे पारंपरिक अधिकारों का दावा नहीं कर सकते: मद्रास हाईकोर्ट ने मरीना लूप रोड अतिक्रमण पर कहा
ट्रेडिशनल राइट्स के बिना मछुआरे पारंपरिक अधिकारों का दावा नहीं कर सकते: मद्रास हाईकोर्ट ने मरीना लूप रोड अतिक्रमण पर कहा

मद्रास हाईकोर्ट ने फिश स्टालों द्वारा लूप रोड पर यातायात अराजकता से संबंधित स्वत: संज्ञान जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि मछुआरे, जिन्होंने सड़कों के दोनों किनारों पर स्टॉल लगाए हैं, उन पर बिना किसी वैधानिक समर्थन (ट्रेडिशनल राइट्स) के पारंपरिक अधिकार का दावा नहीं कर सकते।जस्टिस एसएस सुंदर और जस्टिस पीबी बालाजी की खंडपीठ ने पिछले सप्ताह सड़क के दोनों ओर अतिक्रमण करने वाले सभी फिश स्टालों को एक सप्ताह के भीतर हटाने का आदेश दिया था। अदालत ने चेन्नई निगम को यह पता लगाने का भी निर्देश दिया था...

अतीक अहमद मर्डर -  एनएचआरसी ने संज्ञान लिया, राज्य के डीजीपी, प्रयागराज के पुलिस आयुक्त से विस्तृत रिपोर्ट मांगी
अतीक अहमद मर्डर - एनएचआरसी ने संज्ञान लिया, राज्य के डीजीपी, प्रयागराज के पुलिस आयुक्त से विस्तृत रिपोर्ट मांगी

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने 15 अप्रैल, 2023 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में पुलिस हिरासत में बदमाशों द्वारा माफिया से राजनेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या से संबंधित शिकायतों का संज्ञान लिया है। आयोग ने पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश और पुलिस आयुक्त, प्रयागराज को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर निम्नलिखित रिपोर्ट मांगी है:(i) मौत के सभी पहलुओं को शामिल करते हुए विस्तृत रिपोर्ट (गिरफ्तारी/हिरासत में लिए जाने का समय, स्थान और कारण सहित)।(ii) मृतक के खिलाफ दर्ज की गई...

उत्तरदाताओं को नोटिस और सुनवाई का उचित अवसर देने के बाद ही मोटर दुर्घटना न्यायाधिकरण धारा 166 के तहत अवॉर्ड पारित कर सकता है: जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट
उत्तरदाताओं को नोटिस और सुनवाई का उचित अवसर देने के बाद ही मोटर दुर्घटना न्यायाधिकरण धारा 166 के तहत अवॉर्ड पारित कर सकता है: जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने हाल ही में मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण, शोपियां द्वारा एक व्यक्ति के खिलाफ उसे बिना किसी नोटिस के दिए गए मुआवजे के एक फैसले को रद्द करते हुए कहा कि एक व्यक्ति किसी अपराध के लिए न्यायिक कार्यवाही द्वारा संपत्ति या स्वतंत्रता का नुकसान नहीं उठा सकता है, जब तक कि उसके पास उसके खिलाफ मामले का जवाब देने का उचित अवसर न हो।जस्टिस वसीम सादिक नरगल ने कहा,"प्रतिवादियों को आवेदन का नोटिस देने और उन्हें सुनवाई का अवसर देने के बाद ही और मामले की उचित जांच करने के...

कामकाजी पत्नी के कारण संभवतः बेरोजगार पति में हीनता की भावना रही होगीः कर्नाटक हाईकोर्ट ने आईपीसी की धारा 498A के तहत पति को दी गई सजा को बरकरार रखा
कामकाजी पत्नी के कारण संभवतः बेरोजगार पति में हीनता की भावना रही होगीः कर्नाटक हाईकोर्ट ने आईपीसी की धारा 498A के तहत पति को दी गई सजा को बरकरार रखा

कर्नाटक हाईकोर्ट ने हाल ही में आईपीसी की धारा 498-ए (क्रूरता) के तहत एक पति की सजा को बरकरार रखा। अपनी पत्नी के उत्पीड़न के दोष में उसे सजा दी गई है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने फैसले में कहा कि पति ने शायद हीन भावना विकसित कर ली हो।जस्टिस रामचंद्र डी. हड्डर की सिंगल जज बेंच ने एचडी नवीन की ओर से दायर पुनरीक्षण याचिका को खारिज करते हुए कहा,“आरोपी नंबर एक बेरोजगार है। शायद उसमें हीन भावना रही होगी, क्योंकि शिकायतकर्ता की पत्नी बीए, बीएड है। स्नातक है। शिक्षक के रूप में कार्यरत। इसने आरोपी नंबर एक और उसके...

अविवाहित बेटी किसी भी धर्म की हो, उसे अपने पिता से विवाह का उचित खर्च प्राप्त करने का अधिकार: केरल हाईकोर्ट
अविवाहित बेटी किसी भी धर्म की हो, उसे अपने पिता से विवाह का उचित खर्च प्राप्त करने का अधिकार: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट के समक्ष हाल ही में विचार के लिए प्रश्न पेश हुआ कि क्या क्या एक ईसाई बेटी अपने पिता की अचल संपत्ति या उससे होने वाले मुनाफे से अपनी शादी का खर्च प्राप्त कर सकती है? और कोर्ट ने इसका सकारात्मक जवाब दिया। जस्टिस अनिल के नरेंद्रन और जस्टिस पीजी अजीतकुमार ने हिंदू दत्तक ग्रहण और भरणपोषण अधिनियम, 1956 के प्रावधानों के साथ-साथ इस्माईल बनाम फातिमा और अन्य (2011) में उक्त पहलू पर मुस्लिम स्थिति का भी अध्ययन किया और कहा, "अपने पिता से शादी के ल‌िए उचित खर्च पाने का एक अविवाहित बेटी का...

यौन क्रिया को समझना एक बच्चे की समझ से बाहर, उसे सिखाया नहीं जा सकताः मद्रास हाईकोर्ट ने बलात्कार के मामले में सजा बढ़ाई
यौन क्रिया को समझना एक बच्चे की समझ से बाहर, उसे सिखाया नहीं जा सकताः मद्रास हाईकोर्ट ने बलात्कार के मामले में सजा बढ़ाई

मद्रास हाईकोर्ट ने एक नाबालिग बच्चे के यौन उत्पीड़न के मामले में एक व्यक्ति को दी गई सजा को बरकरार रखते हुए कहा कि एक बच्चा जो यौन हमले का शिकार हुआ है, उसे सबूत देने के लिए सिखाया नहीं जा सकता है क्योंकि एक बच्चे के लिए यौन क्रिया को समझना उसकी समझ से बाहर होता है। कोर्ट ने सजा को भी तीन साल से बढ़ाकर सात साल कर दिया है। जस्टिस आनंद वेंकटेश ने कहा कि एक बाल गवाह मोटे तौर पर दो श्रेणियों में आता है- एक जहां बच्चा घटना का गवाह होता है और दूसरा जहां बच्चा खुद पीड़ित होता है। अदालत ने कहा,‘‘पहली...

पोक्सो एक्ट के तहत पेनिट्रेटिव सेक्सुअल असॉल्ट को साबित करने के लिए स्‍खलन पूर्वशर्त नहीं: आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट
पोक्सो एक्ट के तहत 'पेनिट्रेटिव सेक्सुअल असॉल्ट' को साबित करने के लिए स्‍खलन पूर्वशर्त नहीं: आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा पॉक्सो एक्ट की धारा 3 के तहत परिभाषित 'पेनिट्रेटिव सेक्सुअल असॉल्ट' के अपराध को साबित करने के लिए केवल पेनिट्रेशन आवश्यक है।कोर्ट ने उक्त टिप्पणियों के साथ बलात्कार के एक मामले में आरोपी की दोषसिद्धि को बरकरार रखा।2016 में छह साल की बच्ची के साथ गंभीर यौन उत्पीड़न और बलात्कार करने के लिए आरोपी को निचली अदालत ने दस साल की अवधि के लिए कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। अपील में दोषी की ओर से तर्क दिया गया कि चिकित्सा साक्ष्य से पता चलता है कि पीड़ित लड़की के...

शराब नीति: दिल्ली कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा
शराब नीति: दिल्ली कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा

दिल्ली की एक अदालत ने राष्ट्रीय राजधानी की आबकारी नीति 2021-22 के कार्यान्वयन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा दायर जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज एमके नागपाल 26 अप्रैल को शाम चार बजे फैसला सुनाएंगे।अदालत ने पहले वकील जोहेब हुसैन को सुना, जो प्रवर्तन निदेशालय के लिए पेश हुए थे। सीनियर एडवोकेट दयान कृष्णन और एडवोकेट मोहित माथुर ने सिसोदिया का प्रतिनिधित्व किया।सिसोदिया फिलहाल...

COVID-19 : मद्रास हाईकोर्ट कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टी राजा ने वकीलों से मास्क पहनने का आग्रह किया कहा, तीन-चार जज का टेस्ट पॉज़िटिव आ चुका है
COVID-19 : मद्रास हाईकोर्ट कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टी राजा ने वकीलों से मास्क पहनने का आग्रह किया कहा, तीन-चार जज का टेस्ट पॉज़िटिव आ चुका है

देश में COVID-19 के बढ़ते मामलों के बीच मद्रास हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टी राजा ने मंगलवार को अदालतों में पेश होने वाले सभी वकीलों से बहस न करने पर मास्क पहनने का आग्रह किया। जस्टिस राजा ने यह भी पूछा कि हाइब्रिड सिस्टम होने के बावजूद भी कई वकील कोर्ट हॉल में भीड़ क्यों लगा रहे हैं। न्यायाधीश ने यह भी खुलासा किया कि हाईकोर्ट के तीन से चार न्यायाधीश पहले ही कोरोनो वायरस पॉज़िटिव आ चुके हैं।जस्टिस राजा ने कहा, "तीन-चार न्यायाधीशों का कोविड-19 टेस्ट पॉज़िटिव आया है। आप बहस करते समय...

क्रॉस एग्जामिनेशन का स्तर बहुत नीचे चला गया है, ट्रायल कोर्ट के वकील अपने कौशल का विकास नहीं कर रहे हैं: मद्रास हाईकोर्ट
'क्रॉस एग्जामिनेशन का स्तर बहुत नीचे चला गया है, ट्रायल कोर्ट के वकील अपने कौशल का विकास नहीं कर रहे हैं': मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट एक बलात्कार के मामले में दोषसिद्धि को चुनौती देने वाली एक अपील पर सुनवाई कर रहा था। हाईकोर्ट ने मामले में निचली अदालतों में जिस तरह से क्रॉस एग्जामिनेशन की जा रही है, उस पर अपनी अप्रसन्नता दर्ज की। कोर्ट ने कहा कि ये काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि ट्रायल कोर्ट के वकील क्रॉस एग्जामिनेशन के अपने कौशल का विकास नहीं कर रहे हैं।जस्टिस आनंद वेंकटेश ने कहा कि क्रॉस एग्जामिनेशन की कला को वकालत कौशल में एक मुकुट माना जाता है और अगर यह कला खो गई तो अदालत के समक्ष सुनवाई करने का आकर्षण भी चला...