दिल्ली दंगा: हाईकोर्ट मीडिया लीक के खिलाफ आसिफ इकबाल तन्हा के मामले की सुनवाई 02 अगस्त को करेगा
Shahadat
24 April 2023 11:54 AM IST
दिल्ली हाईकोर्ट 02 अगस्त को आसिफ इकबाल तन्हा द्वारा 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से संबंधित बड़ी साजिश में अपने कथित कबूलनामे के बयान को मीडिया में लीक करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करेगा।
जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने जस्टिस अमित शर्मा और जस्टिस अनूप जयराम भंभानी द्वारा हाल ही में इसकी सुनवाई से खुद को अलग कर लेने के बाद इस मामले पर विचार करने का फैसला किया।
तन्हा का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील सौजन्य शंकरन ने अदालत को अवगत कराया कि दिल्ली पुलिस, ज़ी न्यूज़ और ऑपइंडिया डॉट कॉम द्वारा इस मामले में दलीलें पूरी कर ली गई। अदालत को यह भी बताया गया कि YouTube और मेटा को नवंबर 2020 में पार्टियों की श्रेणी से हटा दिया गया।
अदालत ने कहा,
"वकील प्रस्तुत करता है कि हस्तक्षेप आवेदन एनबीएफ और एनबीडीए द्वारा दायर किए गए और निपटान के लिए लंबित हैं। नोटिस जारी होना बाकी है। मामले को 02 अगस्त को विचार के लिए निर्धारित किया जाए।”
जस्टिस भंभानी ने न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन (एनबीडीए) और न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन (एनबीएफ) द्वारा दायर हस्तक्षेप याचिकाओं के बाद मामले से खुद को अलग कर लिया, क्योंकि उन्हें आशंका थी कि मामले में फैसले से पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है और इससे पत्रकारों पर भी असर पड़ सकता है।
सूत्रों के खुलासे का सवाल हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति से पहले जस्टिस भंभानी ने मीडिया कानून में प्रैक्टिस किया और एनबीडीए का प्रतिनिधित्व भी किया।
तन्हा ने विभिन्न समाचार रिपोर्टों के खिलाफ याचिका दायर की, जिसमें दावा किया गया कि उसने कथित तौर पर दिल्ली के दंगों को आयोजित करने और उकसाने की बात कबूल की। Zee News इस मामले में उत्तरदाताओं में से एक है।
अदालत के समक्ष लंबित याचिका में जांच के संबंध में पुलिस द्वारा कथित रूप से लीक की गई संवेदनशील सूचनाओं को हटाने के लिए मीडिया हाउस के खिलाफ निर्देश देने की मांग की गई।
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने अदालत को सूचित किया कि पूछताछ के दौरान, जांच अधिकारी उन अधिकारियों या कार्यालय को स्थापित नहीं कर सका जहां से कथित तौर पर मीडिया के साथ जांच विवरण साझा किया गया। इसने यह भी कहा कि जांच अधिकारी ने विभिन्न मीडिया कर्मियों से पूछताछ की, जिन्होंने अपने स्रोतों का विवरण साझा करने से इनकार कर दिया, जहां से उन्होंने जांच संबंधी दस्तावेजों तक पहुंच बनाई।
केस टाइटल: आसिफ इकबाल तन्हा बनाम राज्य व अन्य।