मैं डॉकेट एक्सप्लोज़न नहीं, डॉकेट एक्‍सक्लूज़न को लेकर चिंतित हूं: बॉम्बे हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस

Avanish Pathak

24 April 2023 4:08 PM IST

  • मैं डॉकेट एक्सप्लोज़न नहीं, डॉकेट एक्‍सक्लूज़न को लेकर चिंतित हूं: बॉम्बे हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस

    बॉम्‍बे हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस एसवी गंगापुरवाला ने शनिवार को न्याय प्रणाली में वैकल्पिक विवाद समाधान के महत्व के बारे में बात करते हुए कहा, "मैं एक पल के लिए भी डॉकेट एक्‍सप्लोज़न (विस्फोट) के बारे में चिंतित नहीं हूं, हमारे जज इससे निपटने में सक्षम हैं ... मैं डॉकेट एक्सक्लूजन (बहिष्करण) के बारे में चिंतित हूं।"

    जस्टिस गंगापुरवाला मुंबई के मझगांव में नए सिटी सिविल एंड सेशंस कोर्ट और मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट बिल्डिंग के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

    उन्होंने डॉकेट एक्सक्लूजन के सबंध में चिंता व्यक्त की। डॉकेट एक्सक्लूजन यान मामलों को तय करने के लिए अदालतों द्वारा ज्यादा समय लेने के कारण लोग अदालतों का रुख ना करें। इस प्रकार, उन्होंने वकीलों से समस्या के समाधान के लिए एडीआर लेने का अनुरोध किया।

    “हम अक्सर बड़ी संख्या में लंबित मामलों, डॉकेट एक्‍सप्लोज़न के खतरे के बारे में बात करते हैं। खैर, मैं एक पल के लिए भी डॉकेट एक्‍सप्लोज़न से चिंतित नहीं हूं। हमारे जज इससे निपटने में सक्षम हैं। लेकिन मैं इससे भी अधिक चिंतित बड़ी संख्या में लंबित मामलों को लेकर हूं, मामलों को निपटाने लगने वाले समय को लेकर हूं। मैं डॉकेट एक्‍सक्लूजन के बारे में चिंतित हूं। उन व्यक्तियों के लिए चिंतित हूं, जो मामलों की लंबितता के कारण अपनी शिकायतों के निवारण के लिए अदालत में नहीं आते हैं।

    जस्टिस गंगापुरवाला ने यह भी कहा कि उचित बुनियादी ढांचे के बिना न्याय तक पहुंच असंभव है। नए भवन की सुविधाओं के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि यह ई-फाइलिंग सुविधा सहित सभी आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित है। उन्होंने कहा, 'हम ई-फाइलिंग का दायरा बढ़ा रहे हैं।'

    उल्‍लेखनीय है कि पुरानी इमारत को 2013 में असुरक्षित माने जाने के बाद खाली करा लिया गया था। बीएमसी ने बाद में उसे ध्वस्त कर दिया।

    मझगांव कोर्ट के सभी संचालन वर्तमान में सेवरी कोर्ट परिसर में किए जा रहे हैं। हालांकि, 24 अप्रैल सोमवार से नए 17 मंजिला भवन में अदालतें काम करना शुरू कर देंगी।

    जस्टिस गंगापुरवाला ने वकीलों और जजों से न्याय के वितरण के लिए कंधे से कंधा मिलाकर चलने और मामलों को स्थगित करने के बजाय काम करने का अनुरोध करते हुए अपना संबोधन समाप्त किया।

    जस्टिस गंगापुरवाला ने कहा,

    "24 तारीख से आप यहां काम शुरू कर रहे हैं, पहले मामले को स्थगित न होने दें, इस पर काम किया जाना चाहिए।"

    इस कार्यक्रम में बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस केआर श्रीराम, एमएस कार्णिक, कमल खाता, शर्मिला देशमुख और नीला गोखले भी शामिल हुए।

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