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अगर डॉक्टरों की सुरक्षा नहीं की जा सकती तो सभी अस्पताल को बंद कर दें: केरल हाईकोर्ट ने महिला डॉक्टर की हत्या पर राज्य सरकार और पुलिस को फटकार लगाई
केरल हाईकोर्ट ने 23 वर्षीय हाउस सर्जन की भीषण हत्या को रोकने में विफलता के कारण राज्य और पुलिस अधिकारियों को फटकार लगाई है। हाउस सर्जन को एक घायल अभियुक्त ने कई बार चाकू मारा था। उसे पुलिस जीम में सरकारी अस्पताल लाया गया था। उक्त दुर्भाग्यपूर्ण घटना आज सुबह हुई।हाईकोर्ट ने आज आयोजित आपात सत्र में कहा, "यदि डॉक्टरों की सुरक्षा नहीं की जा सकती है, तो सभी अस्पतालों को बंद कर दें।"जस्टिस देवन रामचंद्रन और जस्टिस कौसर एडप्पागथ की खंडपीठ ने युवा महिला डॉक्टर की सुरक्षा में विफल रहने पर पुलिस को...
धारा 34, एसआरए | वाद संपत्ति में वादी सह-भागीदार हो तो बिक्री विलेख रद्द करने के मुकदमे में कब्जे की राहत की आवश्यकता नहीं: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने हाल ही में पाया कि वादी द्वारा बिक्री विलेख को रद्द करने के मुकदमे में कब्जे की राहत की मांग करने की आवश्यकता नहीं है, जब वादी वाद संपत्ति में सह-हिस्सेदार है। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की पीठ ने कहा कि ऐसे मामलों में, विशिष्ट राहत अधिनियम की धारा 34 के प्रावधान के तहत मुकदमा नहीं चलेगा। मोहम्मद अली बनाम जगदीश कलिता में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भरोसा जताते हुए, अदालत ने कहा-"सुप्रीम कोर्ट के पूर्वोक्त आदेश के मद्देनजर, यह स्पष्ट है कि विभाजन के एक मुकदमे में,...
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने टीवी पत्रकार भावना किशोर की अंतरिम जमानत बढ़ाई, दो अन्य को राहत दी
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार को टाइम्स नाउ की रिपोर्टर भावना किशोर को दी गई अंतरिम जमानत को बढ़ा दिया और उनके कैमरामैन मृत्युंजय कुमार और ड्राइवर परमेंद्र सिंह रावत को भी 22 मई तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी।जस्टिस ऑगस्टाइन जॉर्ज मसीह की बेंच ने में कहा कि गिरफ्तार करने वाले अधिकारी और फिर मामले से जुड़े न्यायिक अधिकारियों ने यंत्रवत गिरफ्तारी और रिमांड के आदेश पारित किए।न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट द्वारा यह प्रस्तुत करने के बाद कहा कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित...
तमिलनाडु सरकार ने सीएम एमके स्टालिन के खिलाफ बयानों के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया
तमिलनाडु सरकार ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के खिलाफ मानहानिकारक बयान देने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्य अध्यक्ष के अन्नामलाई के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए प्रिंसिपल जिला और सत्र न्यायालय चेन्नई का रुख किया है। नगर लोक अभियोजक के माध्यम से शिकायत की गई।अन्नामलाई ने 14 मई को 'डीएमके फाइल्स' जारी की थी, जिसमें दावा किया गया कि सत्ताधारी डीएमके पार्टी के कई सदस्य मुख्यमंत्री सहित भ्रष्टाचार में शामिल हैं। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री ने टेंडर देने के लिए इंडो-यूरोपीय शेल कंपनी...
धारा 50 का अनुपालन न करना तलाशी और दोषसिद्धि दोनों को खराब करता है, गुवाहाटी हाईकोर्ट ने एनडीपीएस मामले में दोषी को बरी किया
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने मंगलवार को एनडीपीएस एक्ट के तहत एक आरोपी की सजा को इस आधार पर खारिज कर दिया कि आरोपी की तलाशी के दरमियान एनडीपीएस एक्ट की धारा 50 का पालन नहीं किया गया था।जस्टिस पार्थिव ज्योति सैकिया की एकल न्यायाधीश की पीठ ने कहा कि किसी व्यक्ति द्वारा ले जाए गए बैग से नशीली दवाओं की बरामदगी पर एनडीपीएस एक्ट की धारा 50 लागू होगी, यदि इस तरह की तलाशी के दरमियान संदिग्ध के शरीर की भी तलाशी ली जाती है।अदालत ने कहा, "मामले में, इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि अपीलकर्ता की तलाशी ली गई थी। इसलिए,...
बृज भूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला: अदालत ने कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग वाली याचिका पर दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा
दिल्ली की एक अदालत ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न केस में कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग पर दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है। महिला पहलवानों की तरफ से दायर याचिका में बृजभूषण के खिलाफ दर्ज मामले में कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की गई है। साथ ही मामले में पुलिस की तरफ से की गई कार्रवाई पर एक रिपोर्ट की मांग की गई है।राउज एवेन्यू कोर्ट के एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने सीआरपीसी के सेक्शन 156 के तहत दायर याचिका पर नोटिस जारी...
कोर्ट घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम मामले में हलफनामे पर साक्ष्य की अनुमति दे सकता है: गुजरात हाईकोर्ट
गुजरात हाईकोर्ट ने कहा कि कोर्ट घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम, 2005 के नियम 6(5) के साथ पठित धारा 28 (1) के तहत मामले में हलफनामे पर साक्ष्य की अनुमति दे सकता है।जस्टिस समीर जे दवे की एकल न्यायाधीश पीठ ने कहा,“अदालत अपने विवेक से हलफनामे पर साक्ष्य की अनुमति दे सकती है और डी.वी. के उद्देश्यों और उद्देश्यों पर विचार कर सकती है। अधिनियम की धारा 28(2) के दायरे सहित, अदालत नियम 6(5) के साथ पठित धारा 28 की उप धारा (1) के तहत उल्लिखित प्रक्रिया से विचलित हो सकती है और अपनी स्वयं की...
"कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है, जो यह स्थापित कर सके कि बरामद राख और जली हुई हड्डियां मृतक की हैं", इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हत्या के दो अभियुक्तों को बरी किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए दो अभियुक्तों को बरी कर दिया। कोर्ट ने पाया कि अभियुक्तों को दोषी ठहराने वाली परिस्थितियों की श्रृंखला पूरी नहीं थी।जस्टिस कौशल जयेंद्र ठाकर और जस्टिस अरुण कुमार सिंह देशवाल की पीठ ने निष्कर्ष निकाला कि घटना के कथित चश्मदीद गवाहों ने अभियोजन पक्ष की कहानी का समर्थन नहीं किया और कोई दस्तावेजी सबूत भी नहीं था जो यह स्थापित कर सके कि बरामद राख और जली हुई हड्डियां मृतक की हैं।मामलाअभियोजन पक्ष के मामले के अनुसार, प्रथम...
राजेश जोशी, गौतम मल्होत्रा को जमानत देते समय ट्रायल कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणियों पर अन्य अभियुक्तों द्वारा भरोसा नहीं किया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राजेश जोशी और गौतम मल्होत्रा को जमानत देते समय निचली अदालत द्वारा की गई टिप्पणियों पर किसी अन्य सह-आरोपी द्वारा किसी भी कार्यवाही में भरोसा नहीं किया जा सकता।पिछले सप्ताह जोशी और मल्होत्रा को जमानत देने वाले विशेष न्यायाधीश द्वारा पारित आदेश को चुनौती देने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत का रुख किया, जिसके बाद जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने यह आदेश पारित किया।अदालत ने जमानत रद्द करने की जांच एजेंसी...
दिल्ली हाईकोर्ट ने मनीष सिसोदिया के मानहानि केस में भाजपा सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाई
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा दायर मानहानि के मामले में भाजपा सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी और आदेश दिया कि इस मामले में उनके खिलाफ कोई और कदम न उठाया जाए।जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने मानहानि के मामले में तिवारी की याचिका पर नोटिस जारी किया और इसे 20 नवंबर को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।सिसोदिया ने 2019 में भाजपा नेताओं मनोज तिवारी, हंस राज हंस, मनजिंदर सिंह सिरसा, परवेश साहिब सिंह वर्मा, हरीश खुराना और विजेंद्र...
2013 मुजफ्फरनगर दंगा: बेटे की गर्दन पर चाकू रख मां का किया था गैंगरेप, कोर्ट ने 20-20 साल की सजा सुनाई
तारीख 27 अप्रैल 2013। जगह यूपी का जिला मुजफ्फरनगर। इसी जिले के कवाल गांव में 3 लोगों की हत्या हुई थी। इसके बाद 7 सितंबर 2013 को सांप्रदायिक दंगा भड़क उठा था। दंगे में 40 लोगों की जान चली गई थी। और 50 हजार से अधिक लोग पलायन कर गए थे. पीड़िता उन 7 महिलाओं में शामिल थी, जिन्होंने आरोप लगाया था कि दंगों के दौरान उनका रेप हुए। हालांकि, धमकियों और डर की वजह से 6 महिलाओं ने केस को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया। जिसके चलते आरोपी बरी हो गए। अब बचा एक मामला जिसपर यूपी की निचली अदालत ने 9 मई यानी मंगलवार...
किशोर उम्र के प्रेम को अदालतों द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता, पॉक्सो मामलों में न्यायाधीशों को जमानत देने या अस्वीकार करने में सावधान रहना होगा: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि "किशोर उम्र के प्रेम" को अदालतों द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता और न्यायाधीशों को प्रत्येक मामले के तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर ऐसे मामलों में जमानत खारिज या मंजूर करते समय सावधान रहना होगा।जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने यह देखते हुए कि किशोर जो "फिल्मों और उपन्यासों की रोमांटिक संस्कृति की नकल करने की कोशिश करते हैं" कानूनों और सहमति की उम्र के बारे में अनजान रहते हैं, कहा,"यह अदालत यह भी देखती है कि शुरुआती प्रेम संबंधों विशेष रूप से किशोर उम्र के प्रेम के...
एनडीपीएस कोर्ट में मामलों की हाई पेंडेंसी, समयबद्ध तरीके से उनका निपटान करना मानवीय रूप से असंभव: कर्नाटक हाईकोर्ट ने केन्याई नागरिक को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा
कर्नाटक हाईकोर्ट ने हाल ही में विशेष एनडीपीएस कोर्ट के समक्ष लंबित मामलों की भारी संख्या पर विचार करते हुए केन्याई नागरिक को जमानत देने से इनकार कर दिया, जिसे दो साल पहले अधिनियम के तहत विदेशी मार्गों से देश में ड्रग्स की तस्करी करने का प्रयास करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।जस्टिस एम जी उमा की एकल न्यायाधीश पीठ ने कहा कि 1 अप्रैल, 2023 को ट्रायल कोर्ट के समक्ष 1,308 विशेष मामले लंबित है।उन्होंने टिप्पणी की,"उन सभी मामलों को समयबद्ध तरीके से निपटाना मानवीय रूप से असंभव है, क्योंकि इन सभी...
ओडिशा के जिलों में 100 और कोर्ट अगले 3 महीनों के भीतर पेपरलेस हो जाएंगे: चीफ जस्टिस मुरलीधर
उड़ीसा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. एस. मुरलीधर ने घोषणा की कि अगले तीन महीनों के भीतर ओडिशा के विभिन्न जिलों में 100 और पेपरलेस कोर्ट खोले जाएंगे। पिछले साल सितंबर में तत्कालीन सीजेआई यूयू ललित ने ओडिशा के सभी 30 जिलों में 34 पेपरलेस कोर्ट का उद्घाटन किया था।वह डिजिटलीकरण, पेपरलेस कोर्ट और ई-पहल पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह में बोल रहे थे, जिसमें जस्टिस ए.एस. बोपन्ना और जस्टिस कृष्ण मुरारी, सुप्रीम कोर्ट के जज भी शामिल थे।देश के सभी हाईकोर्ट के न्यायाधीशों और न्यायिक अधिकारियों...
मद्रास हाईकोर्ट ने लॉ ग्रेजुएट्स के लिए हाई इनरोलमेंट फीस के मुद्दे पर बीसीआई, स्टेट बार काउंसिल से जवाब मांगा
मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु और पुडुचेरी की बार काउंसिल को पांचवें वर्ष के लॉ स्टूडेंट मणिमारन की उस याचिका पर जवाब देने का निर्देश दिया है, जिसमें लॉ ग्रेजुएट्स से उसके द्वारा लिए जाने वाली इनरोलमेंट फीस को चुनौती दी गई है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टी राजा और जस्टिस भरत चक्रवर्ती की पीठ ने प्रथम दृष्टया इस बात पर सहमति जताई कि यह राशि बहुत अधिक है और याचिका पर नोटिस जारी किया। बार काउंसिल ऑफ इंडिया और राज्य सरकार को भी कोर्ट ने नोटिस जारी किया।मणिमारन ने तर्क दिया कि राज्य बार काउंसिल अनुसूचित...
हर साल एआईबीई शेड्यूल या टाइम टेबल की घोषणा करने पर विचार करें: दिल्ली हाईकोर्ट ने बीसीआई से कहा
दिल्ली हाईकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया को हर साल अखिल भारतीय बार परीक्षा (एआईबीई) के आयोजन के लिए पूर्व-निर्धारित कार्यक्रम या टाइम टेबल की घोषणा करने पर विचार करने का निर्देश दिया है। जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि प्रत्येक वर्ष कैलेंडर के हिस्से के रूप में एक पूर्व-निर्धारित कार्यक्रम या वार्षिक टाइम टेबल उम्मीदवारों की सहायता करने और आवश्यक व्यवस्था करने में एक लंबा रास्ता तय करेगी।अदालत ने कहा,“बीसीआई प्रत्येक कैलेंडर वर्ष में उन महीनों की अग्रिम घोषणा करने पर विचार करेगा जिनमें एआईबीई...
पश्चिम बंगाल सरकार के प्रतिबंध के खिलाफ 'द केरला स्टोरी' के निर्माता पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
विवादित फिल्म 'द केरला स्टोरी' के निर्माताओं ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के पश्चिम बंगाल सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि फिल्म तमिलनाडु में 'शेडो' प्रतिबंध का सामना कर रही है और दक्षिणी राज्य में फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए सुरक्षा की मांग कर रही है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को "घृणा और हिंसा की किसी भी घटना से बचने और राज्य में शांति बनाए रखने के लिए" फिल्म के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने के निर्णय की घोषणा...
[OXXII R4 CPC] मृत व्यक्ति के पक्ष में पारित डिक्री शून्य: एमपी हाईकोर्ट
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में दोहराया कि एक मृत व्यक्ति के पक्ष में पारित डिक्री शून्यत है और इस प्रकार निष्पादन योग्य नहीं है। जस्टिस जीएस अहलूवालिया की खंडपीठ ने ऑर्डर XXII रूल 4 सीपीसी के तहत एक आवेदन की सुनवाई के दरमियान उक्त अवलोकन किया, जिसे उत्तरदाताओं द्वारा उन्हें उस व्यक्ति के कानूनी प्रतिनिधियों के रूप में रिकॉर्ड पर लाने के लिए दायर किया गया था, जो उनके पक्ष में डिक्री पारित होने से पहले गुजर गया था।मामले के तथ्य यह थे कि डिक्री धारक की उसके पक्ष में फैसला आने से पहले ही मृत्यु...
जन सुरक्षा अधिनियम | निवारक हिरासत गिरफ्तारी नहीं, 24 घंटे में मजिस्ट्रेट के समक्ष पेशी की आवश्यकता नहीं: जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट
जम्मू एंड कश्मीर एंउ लद्दाख हाईकोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में कहा कि सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिए जाने को दंड कानून के तहत अपराध करने के लिए गिरफ्तारी नहीं माना जा सकता है।कोर्ट ने कहा, यह हिरासत में लिए गए व्यक्ति की पृष्ठभूमि के आधार पर उसके किसी भी संभावित हानिकारक कार्य से बचने के लिए एक निवारक उपाय है और इसलिए, 24 घंटे के भीतर मजिस्ट्रेट के समक्ष हिरासत में लिए गए व्यक्ति को पेश करने की कोई आवश्यकता नहीं है,चीफ जस्टिस कोटेश्वर सिंह और जस्टिस पुनीत गुप्ता ने एक एलपीए की...
धारा 73, साक्ष्य अधिनियम | विवादित हस्तलिपि से तुलना करने से पहले नमूना दस्तावेज को सभी पक्षों द्वारा स्वीकार किया जाना चाहिए: उड़ीसा हाईकोर्ट
उड़ीसा हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 73 के तहत विवाद में शामिल सभी पक्षों को पहले एक नमूना दस्तावेज स्वीकार करना चाहिए, फिर विवादित हस्ताक्षर या दस्तावेज की हस्तलिपि की तुलना उससे की जानी चाहिए।उक्त प्रावधान में निर्धारित आवश्यकताओं की व्याख्या करते हुए जस्टिस विभु प्रसाद राउत्रे की एकल न्यायाधीश पीठ ने कहा,“भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 73 अदालत को नमूना या स्वीकृत दस्तावेजों के साथ लेखन की तुलना करने का अधिकार देती है। धारा 73 में प्रयुक्त वाक्यांश 'स्वीकृत या...