दिल्ली हाईकोर्ट ने मनीष सिसोदिया के मानहानि केस में भाजपा सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाई

Brij Nandan

10 May 2023 7:10 AM GMT

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने मनीष सिसोदिया के मानहानि केस में भाजपा सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाई

    दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा दायर मानहानि के मामले में भाजपा सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी और आदेश दिया कि इस मामले में उनके खिलाफ कोई और कदम न उठाया जाए।

    जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने मानहानि के मामले में तिवारी की याचिका पर नोटिस जारी किया और इसे 20 नवंबर को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

    सिसोदिया ने 2019 में भाजपा नेताओं मनोज तिवारी, हंस राज हंस, मनजिंदर सिंह सिरसा, परवेश साहिब सिंह वर्मा, हरीश खुराना और विजेंद्र गुप्ता के खिलाफ दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कक्षाओं के निर्माण में लगभग 2,000 करोड़ रुपये के कथित भ्रष्टाचार के आरोप के संबंध में मानहानि का मामला दायर किया गया था।

    सिरसा, हंस, वर्मा और खुराना के मामले में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर पहले ही रोक लगा दी गई है।

    सुनवाई के दौरान, तिवारी के वकील ने कहा कि मानहानि के मामले में तिवारी द्वारा दायर एसएलपी का फैसला करते समय सुप्रीम कोर्ट ने केवल सीआरपीसी के तहत मंजूरी देने के सवाल पर विचार किया था और बाद की याचिका कुछ खास वजहों से सुनवाई योग्य थी।

    वकील ने अदालत को अवगत कराया कि छह आरोपियों में से, विजेंद्र गुप्ता की कार्यवाही को सर्वोच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया था, जबकि तिवारी को छोड़कर अन्य चार भाजपा नेताओं के खिलाफ कार्यवाही पहले ही रोक दी गई है।

    यह प्रस्तुत किया गया कि तिवारी के खिलाफ कार्यवाही जारी रखने से कोई उद्देश्य हल नहीं होगा, जबकि वे पहले ही अन्य आरोपियों के खिलाफ रोक लगा चुके हैं।

    कार्यवाही पर रोक लगाने की प्रार्थना सहित याचिका का सिसोदिया के वकील ऋषिकेश कुमार ने जोरदार विरोध किया, जिन्होंने कहा कि याचिका "अदालत की प्रक्रिया का दुरुपयोग" है।

    उन्होंने प्रस्तुत किया कि इस मामले में बाद में कोई तथ्य सामने नहीं आया और सुप्रीम कोर्ट ने तिवारी की एसएलपी को खारिज कर दिया था और इस प्रकार, उनके खिलाफ कार्यवाही रोकना सिसोदिया के लिए प्रतिकूल होगा जिन्होंने इस मामले में पिछले पांच वर्षों से कोई प्रगति नहीं देखी है।

    भाजपा नेताओं को 2019 में एक अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 500 के साथ धारा 34 के तहत समन जारी किया गया था।

    केस टाइटल: मनोज तिवारी बनाम मनीष सिसोदिया व अन्य।



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