हर साल एआईबीई शेड्यूल या टाइम टेबल की घोषणा करने पर विचार करें: दिल्ली हाईकोर्ट ने बीसीआई से कहा

Sharafat

9 May 2023 3:22 PM GMT

  • हर साल एआईबीई शेड्यूल या टाइम टेबल की घोषणा करने पर विचार करें: दिल्ली हाईकोर्ट ने बीसीआई से कहा

    दिल्ली हाईकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया को हर साल अखिल भारतीय बार परीक्षा (एआईबीई) के आयोजन के लिए पूर्व-निर्धारित कार्यक्रम या टाइम टेबल की घोषणा करने पर विचार करने का निर्देश दिया है।

    जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि प्रत्येक वर्ष कैलेंडर के हिस्से के रूप में एक पूर्व-निर्धारित कार्यक्रम या वार्षिक टाइम टेबल उम्मीदवारों की सहायता करने और आवश्यक व्यवस्था करने में एक लंबा रास्ता तय करेगी।

    अदालत ने कहा,

    “बीसीआई प्रत्येक कैलेंडर वर्ष में उन महीनों की अग्रिम घोषणा करने पर विचार करेगा जिनमें एआईबीई आयोजित किए जाने की संभावना है। यह इस तथ्य पर विचार कर रहा है कि बड़ी संख्या में संभावित उम्मीदवार हैं जिन्हें एआईबीई में उपस्थित होना है, एआईबीई परीक्षा देने में सक्षम होने के लिए शारीरिक रूप से उपस्थित होने की व्यवस्था करनी पड़ सकती है।"

    जस्टिस सिंह ने 19 नवंबर, 2019 को बार काउंसिल ऑफ दिल्ली में नामांकित एक वकील निशांत खत्री द्वारा दायर याचिका का निस्तारण किया। यह उनकी दलील थी कि एआईबीई परीक्षा नहीं होने के कारण उन्हें अदालतों में प्रैक्टिस करने से प्रतिबंधित नहीं किया जाना चाहिए।

    अदालत ने पहले बीसीआई को एआईबीई परीक्षा के लिए पूर्व निर्धारित कार्यक्रम पर एक स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।

    बीसीआई की ओर से पेश वकील ने कहा कि प्री-सेट शेड्यूल की घोषणा करना मुश्किल हो सकता है क्योंकि परीक्षा की तारीख तय होने से पहले देश भर के विभिन्न हितधारकों से परामर्श करना होगा। यह भी प्रस्तुत किया गया कि संभावित रूप से अगली एआईबीई परीक्षा इस साल सितंबर के महीने में होने वाली है।

    जस्टिस सिंह ने परीक्षा के संचालन में देरी को ध्यान में रखते हुए पहले स्पष्ट किया था कि याचिकाकर्ता-वकील को अपने प्रोविज़नल रजिस्ट्रेशन पर निर्भर रहने और अगले आदेश तक अदालतों में पेश होने से वंचित या अयोग्य घोषित नहीं किया जाएगा।

    केस टाइटल : निशांत खत्री बनाम बीसीआई

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