2013 मुजफ्फरनगर दंगा: बेटे की गर्दन पर चाकू रख मां का किया था गैंगरेप, कोर्ट ने 20-20 साल की सजा सुनाई
Brij Nandan
10 May 2023 11:35 AM IST
तारीख 27 अप्रैल 2013। जगह यूपी का जिला मुजफ्फरनगर। इसी जिले के कवाल गांव में 3 लोगों की हत्या हुई थी। इसके बाद 7 सितंबर 2013 को सांप्रदायिक दंगा भड़क उठा था। दंगे में 40 लोगों की जान चली गई थी। और 50 हजार से अधिक लोग पलायन कर गए थे. पीड़िता उन 7 महिलाओं में शामिल थी, जिन्होंने आरोप लगाया था कि दंगों के दौरान उनका रेप हुए। हालांकि, धमकियों और डर की वजह से 6 महिलाओं ने केस को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया। जिसके चलते आरोपी बरी हो गए। अब बचा एक मामला जिसपर यूपी की निचली अदालत ने 9 मई यानी मंगलवार को फैसला सुनाया।
निचली अदालत ने दंगें के दौरान एक महिला के साथ गैंग रेप मामले में दो आरोपियों महेशवीर और सिकंदर को IPC की धारा 376 D, 376 (2)(G) और 506 के तहत दोषी ठहराया। एडिशनल डिस्ट्रीक्ट और सेशन जज अंजनी कुमार सिंह दोनों को 20-20 साल की सजा सुनाई। साथ ही 15-15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। बता दें, मामले में कुल तीन आरोपी थे। आरोपी कुलदीप की मौत हो चुकी है। पीड़िता की ओर से सुप्रीम कोर्ट की सीनियर एडवोकेट वृंदा ग्रोवर ने बहस की।
जज ने कहा, "दंगे के दौरान महिला अपने बेटे और खुद की जान बचाने के लिए गन्ने के खेतों से भाग रही थी। उसी दौरान आरोपियों ने महिला का रेप किया।“
जज ने 89 पन्नों में फैसला लिखा। कोर्ट ने नोट किया कि महिला के गांव के ही तीन लोगों ने रेप किया था। रेप के दौरान उसके तीन महीने के बेटे को हॉस्टेज किया था। महिला का पति दर्जी था। वो तीनों उसके ग्राहक थे।
अदालत ने ये भी कहा कि अभियोजन पक्ष ने साबित किया है कि घटना की तारीख यानी 8 सितंबर, 2013 को पीड़िता और उसका छोटा बेटा अपने घर पर अकेले थे। उसका पति डॉक्टर को लेने गया था। उसी समय ये अफवाह फैली कि बड़ी मस्जिद के पास एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई और दंगे शुरू हो गए हैं।
दंगें की डर से महिला अपने बेटे को लेकर गन्ने के खेतों से भागी। इसी दौरान उसका रेप हुआ था। आरोपियों के पास चाकू और पिस्तौल थी। तीन महीने के बेट की गर्दन पर चाकू रख दिया। इसके बाद आरोपियों ने महिला का गैंग रेप किया।
महिला ने अपने बयान में कहा कि आरोपियों में से एक कुलदीप ने उससे कहा कि उसे जो करना है करने दो नहीं तो वो बेटे को मार डालेंगे। उसने मुझे धक्का दिया। अन्य दो आरोपियों महेशवीर और सिकंदर ने बेटे को जमीन पर गिरा दिया और उसने कहा कि चिल्लाओ मत। नहीं तो बेटे को मार देंगे। बच्चा रो रहा था। कुलदीप ने मेरी सलवार का नाड़ा तोड़ दिया और मेरा रेप किया। उसके बाद महेशवीर ने रेप किया। फिर सिकंदर ने। जब एक मेरा रेप करता, तो दूसरा मेरे बेटे की गर्दन पर चाकू रखता था। रेप करने के बाद तीनों लोगों ने धमकी दी कि अगर पुलिस में शिकायत की तो तो जान से मार देंगे। उसके बाद तीनों वहां से चले गए। बेटा बेहोश पड़ा था। बेटे को पानी पिलाया। 15-20 मिनट बाद उसे होश आया।“
जज ने कहा कि पीड़िता के बयान और सबूत से घटना की पूरी स्थिति स्पष्ट है। कोई विरोधाभास नहीं है।
निचली अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के अनुसार, रेप पीड़िता की एकमात्र गवाही पर दोषसिद्धि हो सकती है।