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आबकारी नीति : मनीष सिसोदिया ने सीबीआई, ईडी मामलों में दिल्ली हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत की अर्जी वापस ली
आबकारी नीति : मनीष सिसोदिया ने सीबीआई, ईडी मामलों में दिल्ली हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत की अर्जी वापस ली

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने राष्ट्रीय राजधानी में पिछली आबकारी नीति को लागू करने में भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप वाले मामलों में अंतरिम जमानत की अर्जी बुधवार को वापस ले ली। दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष वापसी का अनुरोध किया गया था। जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने आदेश में दर्ज किया,"चूंकि [सीबीआई मामले में] मुख्य जमानत अर्जी पर आदेश सुरक्षित रखा गया है और तथ्य यह है कि याचिकाकर्ता की पत्नी की हालत स्थिर है, वह अंतरिम जमानत अर्जी पेश नहीं करना चाहते।.."एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी...

बच्चे की कस्टडी खोने वाले माता-पिता को बच्चे के साथ सामाजिक, मनोवैज्ञानिक संपर्क सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त मुलाक़ात का अधिकार दिया जाना चाहिए: कर्नाटक हाईकोर्ट
बच्चे की कस्टडी खोने वाले माता-पिता को बच्चे के साथ सामाजिक, मनोवैज्ञानिक संपर्क सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त मुलाक़ात का अधिकार दिया जाना चाहिए: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक महिला को अपने नाबालिग बेटे की संरक्षकता, कस्टडी और मुलाक़ात के अधिकारों के संबंध में अपने पति के साथ हुए समझौते का पालन करने का निर्देश दिया है।जस्टिस आलोक अराधे और जस्टिस अनंत रामनाथ हेगड़े की खंडपीठ ने नाबालिग बेटे को पेश करने के लिए पिता द्वारा दायर एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का निस्तारण किया और मां को गर्मी की छुट्टी के दौरान याचिकाकर्ता को उनके समझौते के अनुसार बेटे की हिरासत सौंपने का निर्देश दिया।कोर्ट ने कहा,"वार्ड की संरक्षकता की अवधारणा अनिवार्य रूप से वार्ड की...

सेक्स वर्क अपराध नहीं, एक बालिग सेक्स वर्कर को बिना किसी कारण के हिरासत में रखना अनुच्छेद 19 के तहत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है: मुंबई कोर्ट
सेक्स वर्क अपराध नहीं, एक बालिग सेक्स वर्कर को बिना किसी कारण के हिरासत में रखना अनुच्छेद 19 के तहत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है: मुंबई कोर्ट

"देश में सेक्स वर्क अपराध नहीं है, लेकिन सार्वजनिक स्थान पर वेश्यावृत्ति एक अपराध हो सकता है। अगर कोई सेक्स वर्कर अपनी किसी निजी जगह पर इस काम में लिप्त है तो गलत नहीं है।"ये कहते हुए मुंबई सेशन कोर्ट ने 34 साल की कथित सेक्स वर्कर को रिहा करने का आदेश दिया।एडिशनल सेशन जज सीवी पाटिल ने कथित सेक्स वर्कर को हिरासत में रखने के मजिस्ट्रेट के आदेश को रद्द कर दिया और शेल्टर होम में रखी गई महिला को रिहा करने का निर्देश दिया। महिला पर देह व्यापार का आरोप था।जज ने कहा,"दूसरों की तरह इस महिला को भी काम...

दिल्ली हाईकोर्ट ने बर्खास्तगी आदेश के खिलाफ पूर्व आईपीएस अधिकारी सतीश चंद्र वर्मा की याचिका खारिज की
दिल्ली हाईकोर्ट ने बर्खास्तगी आदेश के खिलाफ पूर्व आईपीएस अधिकारी सतीश चंद्र वर्मा की याचिका खारिज की

दिल्ली हाईकोर्ट ने इशरत जहां मुठभेड़ मामले की जांच करने वाले गुजरात के आईपीएस अधिकारी सतीश चंद्र वर्मा को सेवानिवृत्ति से एक महीने पहले बर्खास्त करने के केंद्र सरकार के आदेश को बुधवार को बरकरार रखा।चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस संजीव सचदेवा की खंडपीठ ने वर्मा द्वारा उनकी बर्खास्तगी के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया।जस्टिस सचदेवा ने फैसला सुनाते हुए कहा,"उपरोक्त के मद्देनजर, हमें रिट याचिका में कोई योग्यता नहीं मिली है... तदनुसार, इसे खारिज किया जाता है।"हालांकि शुरू में वर्मा ने...

दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्री ऑफिसर के संदर्भ के बिना 15.7 सेंटीमीटर तक के पेड़ की शाखाओं की छंटाई की अनुमति देने वाले नियम पर रोक लगाई
दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्री ऑफिसर के संदर्भ के बिना 15.7 सेंटीमीटर तक के पेड़ की शाखाओं की छंटाई की अनुमति देने वाले नियम पर रोक लगाई

दिल्ली हाईकोर्ट ने यह देखते हुए कि यह "पेड़ों का वैध जनसंहार होगा", हाल ही में एक खंड पर रोक लगा दी, जो ट्री ऑफिसर (Tree Officer) के संदर्भ के बिना 15.7 सेंटीमीटर तक के पेड़ की शाखाओं की नियमित छंटाई की अनुमति देता है।जस्टिस नजमी वजीरी ने 10 मई को पारित आदेश में कहा,"इसलिए यह सुनिश्चित करने के लिए कि पेड़ों की बड़ी शाखाओं को काटने के लिए पेड़ों की कटाई नहीं होती है, जिससे उन्हें केवल ध्रुव जैसी इकाई में कम किया जा सके (जैसा कि पृष्ठ 15 सुप्रा में फोटोग्राफ में उल्लेख किया गया है), खंड 5 का...

सीआरपीसी की धारा 91 | जांच अधिकारी और उनके सीनियर के बीच पत्राचार चार्जशीट का हिस्सा नहीं, इसलिए उन्हें तलब नहीं किया जा सकता: कर्नाटक हाईकोर्ट
सीआरपीसी की धारा 91 | जांच अधिकारी और उनके सीनियर के बीच पत्राचार चार्जशीट का हिस्सा नहीं, इसलिए उन्हें तलब नहीं किया जा सकता: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा कि चार्जशीट दायर करने से पहले जांच अधिकारी द्वारा अपने सीनियर अधिकारियों के साथ चर्चा में तैयार की गई रिपोर्ट को साक्ष्य के उद्देश्य से अदालत के समक्ष पेश नहीं किया जा सकता।जस्टिस के नटराजन की एकल न्यायाधीश की पीठ ने कहा,"सीआरपीसी की धारा 161 के तहत जांच अधिकारी द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों को छोड़कर साक्ष्य अधिनियम की धारा 145 के तहत विरोधाभास को छोड़कर शेष दस्तावेजों को तलब नहीं किया जा सकता।"अभियुक्त सिद्दप्पा बी एच ने विशेष अदालत के उस आदेश को चुनौती दी, जिसमें मुकदमा...

आरटीई एक्ट के डीजी/ईडब्ल्यूएस कोटा के तहत एडमिशन पाने वाले स्टूडेंट को एक रुपया भी देने की आवश्यकता नहीं, राज्य को सभी भुगतान करने होंगे: मद्रास हाईकोर्ट
आरटीई एक्ट के डीजी/ईडब्ल्यूएस कोटा के तहत एडमिशन पाने वाले स्टूडेंट को एक रुपया भी देने की आवश्यकता नहीं, राज्य को सभी भुगतान करने होंगे: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) और वंचित समूह (डीजी) निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम के तहत स्कूल में एडमिशन लेने वाले बच्चे द्वारा किए गए किताबों, अध्ययन सामग्री आदि पर होने वाले खर्च सहित सभी लागतों को वहन करना चाहिए।जस्टिस एम धंडापानी ने कहा,"... यह राज्य का कर्तव्य है कि वह एक्ट की धारा 2 (डी) और (ई) के तहत निर्दिष्ट बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करे, जो कि बच्चे के लिए उसके सिर पर देय सभी शुल्कों को अवशोषित...

राहुल गांधी ने नया पासपोर्ट जारी करने के लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट के लिए दिल्ली कोर्ट का रुख किया
राहुल गांधी ने नया पासपोर्ट जारी करने के लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट के लिए दिल्ली कोर्ट का रुख किया

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संसद सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित किए जाने पर अपने राजनयिक पासपोर्ट को सरेंडर करने के बाद उन्हें नए साधारण पासपोर्ट जारी करने के लिए ने ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट की मांग करते हुए दिल्ली की एक अदालत का रुख किया है।राहुल गांधी ने राउज एवेन्यू कोर्ट में उनके खिलाफ पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर नेशनल हेराल्ड मामले में आवेदन दिया है।दिसंबर 2015 में उन्हें अपनी मां सोनिया गांधी के साथ इस मामले में जमानत मिल गई थी। हालांकि, गांधी के वकील के अनुसार, अदालत ने उन पर...

पटना हाईकोर्ट ने जिला मजिस्ट्रेट को बिहार क्रिकेट संघ के चुनाव में कथित अवैधता की जांच 45 दिनों के भीतर पूरी करने का निर्देश दिया
पटना हाईकोर्ट ने जिला मजिस्ट्रेट को बिहार क्रिकेट संघ के चुनाव में कथित अवैधता की जांच 45 दिनों के भीतर पूरी करने का निर्देश दिया

पटना हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी, पटना को निर्देश दिया है कि बिहार क्रिकेट संघ के चुनावों में धांधली के आरोपों की जांच 45 दिनों के भीतर पूरी कर लें।अदालत बिहार क्रिकेट एसो‌सिएशन के शासी निकाय के चुनावों में की गई अवैधताओं से संबंधित महानिरीक्षक, मद्यनिषेध, आबकारी और पंजीकरण, बिहार सरकार द्वारा निर्देशित जांच को समाप्त करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट, पटना को निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी।प्रतिवादियों की ओर से पेश वकील ने तर्क दिया कि चुनाव के परिणाम के संबंध में याचिकाकर्ता या किसी...

स्टेट बार काउंसिल में नामांकन के लिए डोमिसाइल कोई शर्त नहीं, केवल दिल्ली बार काउंसिल ही इस पर जोर दे रही है: बीसीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा
स्टेट बार काउंसिल में नामांकन के लिए डोमिसाइल कोई शर्त नहीं, केवल दिल्ली बार काउंसिल ही इस पर जोर दे रही है: बीसीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया है कि कानून के अनुसार स्टेट बार काउंसिल में नामांकन के लिए लॉ ग्रेजुएट की डोमेसाइल या अधिवास कोई शर्त नहीं है और दिल्‍ली बार काउंसिल को छोड़कर किसी अन्य स्टेट बार काउंसिल ने यह आवश्यकता निर्धारित नहीं की है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने हाल ही में दिल्ली बार काउंसिल की ओर से निर्धारित क‌िए गए नामांकन के निए नियमों के खिलाफ एक वकील की ओर से दायर याचिका पर उक्त प्रस्तुतियां दी। बीसीडी के नए नियमों के तहत भविष्य में नामांकन के लिए आधार और...

अभियुक्तों और जमानतदारों को नोटिस जारी किए बिना केस ट्रांसफर के बाद जमानत बांड रद्द नहीं किया जा सकता: केरल  हाईकोर्ट
अभियुक्तों और जमानतदारों को नोटिस जारी किए बिना केस ट्रांसफर के बाद जमानत बांड रद्द नहीं किया जा सकता: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि जब एक अदालत किसी अन्य अदालत में मामला स्थानांतरित करती है तो स्थानांतरण अदालत को अभियुक्तों और जमानतदारों को नोटिस जारी करना चाहिए, जिसके बिना जमानत बांड रद्द नहीं किया जा सकता। जस्टिस बेचू कुरियन थॉमस की एकल पीठ ने कहा,"जब कोई मामला स्थानांतरित किया जाता है, वह भी अगली पोस्टिंग की तारीख से इसे आगे बढ़ाने के बाद यह जरूरी है कि ट्रांसफर कोर्ट नोटिस जारी करे या अभियुक्त और ज़मानतदारों को ट्रांसफर की सूचना दे। अभियुक्तों और ज़मानतदारों को इस तरह के नोटिस के अभाव...

टीचर का कर्तव्य जरूरतमंद छात्रों को ज्ञान और कौशल देना है, न कि आरामदायक पोस्टिंग पर टिके रहना : मद्रास हाईकोर्ट
टीचर का कर्तव्य जरूरतमंद छात्रों को ज्ञान और कौशल देना है, न कि आरामदायक पोस्टिंग पर टिके रहना : मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने एक स्कूल टीचर द्वारा दायर अपने तबादले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए स्कूल शिक्षक को राहत देने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि एक शिक्षक को जरूरतमंद छात्रों को ज्ञान और कौशल देने पर ध्यान देना चाहिए और आरामदायक पोस्टिंग पर रुकने के बारे में नहीं सोचना चाहिए।जस्टिस सीवी कार्तिकेयन ने आगे कहा कि स्कूल के शिक्षक को छात्रों के लिए एक उदाहरण पेश करना चाहिए और हर प्रशासनिक आदेश पर सवाल नहीं उठाना चाहिए।अदालत ने कहा,"एक शिक्षक के रूप में काम करने का उद्देश्य...

पीएम मोदी डिग्री मानहानि केस -अहमदाबाद की अदालत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, राज्यसभा सांसद संजय सिंह को नया समन जारी किया
पीएम मोदी डिग्री मानहानि केस -अहमदाबाद की अदालत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, राज्यसभा सांसद संजय सिंह को नया समन जारी किया

गुजरात के अहमदाबाद जिले की एक अदालत ने मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को गुजरात यूनिवर्सिटी द्वारा दायर एक आपराधिक मानहानि की शिकायत में एक नया सम्मन जारी किया। इस मामले में आपराधिक शिकायत में कहा गया है कि केजरीवाल और संजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षणिक डिग्री विवाद के संबंध में कथित रूप से अपमानजनक बयान दिए। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट जयेशभाई चोवाटिया की अदालत ने दोनों को 7 जून को पेश होने का निर्देश...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गलत श्रेणी के तहत आवेदन करने वाले सिविल जज (JD) उम्मीदवार को मुख्य परीक्षा में प्रोविज़नल रूप से उपस्थित होने की अनुमति दी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गलत श्रेणी के तहत आवेदन करने वाले सिविल जज (JD) उम्मीदवार को मुख्य परीक्षा में प्रोविज़नल रूप से उपस्थित होने की अनुमति दी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अंतरिम राहत में सोमवार को गलत श्रेणी के तहत आवेदन करने वाले एक उम्मीदवार को मंगलवार से शुरू होने वाली यूपी न्यायिक सेवा सिविल जज (जूनियर डिवीजन) परीक्षा -2022 की मुख्य परीक्षा लिखने की अनुमति दी। . जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह और जस्टिस राजेंद्र कुमार--IV की पीठ ने हालांकि स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता को प्रोविज़नल रूप से परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जा रही है , जो वर्तमान रिट याचिका के अंतिम परिणाम के अधीन है और निर्देश दिया कि न्यायालय की अनुमति को छोड़कर याचिकाकर्ता का इस...

वैवाहिक विवाद के निपटारे के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से निर्धारित समय-सीमा पत्नी ने छुपाई,  उड़ीसा हाईकोर्ट ने ₹25,000 का जुर्माना लगाया
वैवाहिक विवाद के निपटारे के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से निर्धारित समय-सीमा पत्नी ने छुपाई, उड़ीसा हाईकोर्ट ने ₹25,000 का जुर्माना लगाया

उड़ीसा हाईकोर्ट ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की ओर से निर्धारित समय-सीमा को छुपाने के कारण एक वैवाहिक विवाद में पत्नी पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। मामले को निस्तारित करने के लिए फैमिली कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया गया है।यह देखते हुए कि महिला ने अनुकूल आदेश प्राप्त करने के लिए न्यायालय को गुमराह करने का प्रयास किया, जस्टिस कृष्ण राम महापात्रा की एकल न्यायाधीश खंडपीठ ने कहा,"...यह अदालत पीड़ा के साथ यह कह रही है कि याचिकाकर्ता ने इस अदालत के समक्ष रिट याचिका में भौतिक तथ्यों को छुपाया है,...

सरकारी कर्मचारी को उसके खिलाफ लंबित आपराधिक मामले के परिणाम के आधार पर प्रोमोशन नहीं दिया जा सकता : उड़ीसा हाईकोर्ट
सरकारी कर्मचारी को उसके खिलाफ लंबित आपराधिक मामले के परिणाम के आधार पर प्रोमोशन नहीं दिया जा सकता : उड़ीसा हाईकोर्ट

उड़ीसा हाईकोर्ट ने हाल ही में दोहराया है कि किसी सरकारी कर्मचारी को एडहॉक या नियमित पदोन्नति उसके खिलाफ लंबित आपराधिक मामले के परिणाम के आधार पर नहीं दी जा सकती। मुख्य न्यायाधीश डॉ. एस. मुरलीधर और जस्टिस गौरीशंकर सतपथी की खंडपीठ ने कई सरकारी कर्मचारियों को इस तरह की पदोन्नति की अनुमति देने वाले एकल जज के आदेश को रद्द करते हुए कहा,"... इस न्यायालय के लिए वर्तमान मामलों में विद्वान एकल न्यायाधीश के विवादित आदेशों को बरकरार रखना संभव नहीं है, जिसमें अपीलकर्ताओं को उत्तरदाताओं को नियमित पदोन्नति...

जम्मू-कश्मीर में प्रेवेंटिव डिटेंशन कानून के तहत कैद व्यक्ति को एक साल पहले हाईकोर्ट के हिरासत में रखने के आदेश को रद्द करने के बावजूद रिहा नहीं किया गया
जम्मू-कश्मीर में प्रेवेंटिव डिटेंशन कानून के तहत कैद व्यक्ति को एक साल पहले हाईकोर्ट के हिरासत में रखने के आदेश को रद्द करने के बावजूद रिहा नहीं किया गया

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने पिछले साल सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिए गए एक बंदी की रिहाई को बहुत ही "परेशान करने वाले परिदृश्य" के रूप में बताया। कोर्ट ने बारामूला के जिला मजिस्ट्रेट को अगले सप्ताह व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है। कोर्ट ने साथ ही बंदी को भी पेश करने का आदेश दिया। जस्टिस राहुल भारती की बेंच ने कहा," इस रिट याचिका के माध्यम से इस न्यायालय के समक्ष एक बहुत ही परेशान करने वाला परिदृश्य प्रस्तुत किया गया है, जिसे नियमित रूप से निपटाए जाने के लिए...

आंशिक रूप से जमानत के लिए आवेदन करने की अनुमति नहीं, अभियुक्त को उन सभी अपराधों में जमानत लेनी चाहिए जिसके लिए वह वांछित है: इलाहाबाद हाईकोर्ट
आंशिक रूप से जमानत के लिए आवेदन करने की अनुमति नहीं, अभियुक्त को उन सभी अपराधों में जमानत लेनी चाहिए जिसके लिए वह वांछित है: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि कोई भी व्यक्ति आंशिक रूप से जमानत के लिए आवेदन नहीं कर सकता है और अभियुक्त को उन सभी अपराधों के लिए जमानत की आवश्यकता होती है जिसके लिए वह वांछित है।जस्टिस कृष्ण पहल की पीठ ने कहा,"किसी भी व्यक्ति को आंशिक रूप से जमानत के लिए आवेदन करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, वह भी पहले सीआरपीसी की धारा 437 और बाद में अन्य धाराओं में धारा 438 सीआरपीसी का सहारा लेकर जमानत प्राप्त करना होता है। उसे धारा 437 CrPC या 438 CrPC के तहत उन सभी सेक्शन में जमानत के लिए आवेदन करना...