पीएम मोदी डिग्री मानहानि केस -अहमदाबाद की अदालत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, राज्यसभा सांसद संजय सिंह को नया समन जारी किया

Sharafat

23 May 2023 12:33 PM GMT

  • पीएम मोदी डिग्री मानहानि केस -अहमदाबाद की अदालत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, राज्यसभा सांसद संजय सिंह को नया समन जारी किया

    गुजरात के अहमदाबाद जिले की एक अदालत ने मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को गुजरात यूनिवर्सिटी द्वारा दायर एक आपराधिक मानहानि की शिकायत में एक नया सम्मन जारी किया। इस मामले में आपराधिक शिकायत में कहा गया है कि केजरीवाल और संजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षणिक डिग्री विवाद के संबंध में कथित रूप से अपमानजनक बयान दिए।

    अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट जयेशभाई चोवाटिया की अदालत ने दोनों को 7 जून को पेश होने का निर्देश देते हुए नया समन जारी किया, क्योंकि उन्हें पिछले महीने अदालत द्वारा जारी किए गए समन में उन्हें 23 मई को पेश होने का निर्देश नहीं दिया गया, जो उन्हें प्राप्त नहीं हुआ दर्शाया गया।

    यह ताज़ा समन भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत गुजरात यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ पीयूष एम.पटेल के माध्यम से दायर एक आपराधिक शिकायत में जारी किया गया है। पिछले महीने कोर्ट ने उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला पाया था।

    शिकायत में, केजरीवाल और सिंह के कथित बयानों का हवाला दिया गया है, उन पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में व्यंग्यात्मक और अपमानजनक बयान देने का आरोप लगाया गया है और ट्विटर हैंडल पर मोदी की डिग्री को लेकर यूनिवर्सिटी को निशाना बनाया गया है।

    कथित बयान इस प्रकार है:

    "अगर डिग्री है और वह सही है तो डिग्री दी क्यों नहीं जा रही है...गुजरात और दिल्ली यूनिवर्सिटी डिग्री क्यों नहीं दे रही हैं? डिग्री इसलिए नहीं दे रहे हैं कि डिग्री हो सकता है फर्जी हो, डिग्री नकली हो...अगर प्रधानमंत्री जी दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़े, गुजरात यूनिवर्सिटी से पढ़े तो गुजरात यूनिवर्सिटी को सेलीब्रेट करना चाहिए कि हमारा लड़का जो है देश का प्रधानमंत्री बन गया...वो उनकी डिग्री को छुपने की कोशिश कर रहे हैं...(यूनिवर्सिटी) प्रधानमंत्री की फर्जी डिग्री को सही साबित करने में जुट गई।"

    शिकायत में कहा गया है कि कथित बयान गुजरात हाईकोर्ट द्वारा केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के 2016 के उस आदेश को खारिज करने के ठीक बाद दिया गया था, जिसमें आयोग ने गुजरात यूनिवर्सिटी को "श्री नरेंद्र दामोदर मोदी के नाम पर डिग्री के बारे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जानकारी" प्रदान करने का निर्देश दिया गया था।"

    शिकायत में आगे कहा गया है कि गुजरात हाईकोर्ट के आदेश के तुरंत बाद केजरीवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में गुजरात योनिवर्सिटी के खिलाफ मानहानिकारक बयान दिया, जबकि उन्हें इस तथ्य की जानकारी थी कि यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर प्रधानमंत्री की डिग्री बहुत पहले प्रकाशित हो चुकी है।

    महत्वपूर्ण बात यह है कि यूनिवर्सिटी ने अपनी शिकायतकर्ता में एक तर्क भी रखा है कि सीएम केजरीवाल ने राज्य की ओर से नहीं बल्कि अपनी "व्यक्तिगत क्षमता में बयान दिए। इस दलील से सहमत होते हुए कोर्ट ने पिछले महीने केस के टाइटल में केजरीवाल के नाम से 'चीफ मिनिस्टर' शब्द हटाने का आदेश दिया था।

    इसके अलावा अदालत ने यह भी पाया कि प्रथम दृष्टया, केजरीवाल और सिंह दोनों ने गुजरात यूनिवर्सिटी को निशाना बनाया क्योंकि उनके द्वारा बोले गए शब्द व्यंग्यात्मक थे और लोगों के मन में गुजरात यूनिवर्सिटी की छवि को निशाना बनाने के लिए थे।

    कोर्ट ने कहा, " यह स्वाभाविक है कि आरोपी लोगों के बयानों के कारण जो लोग गुजरात यूनिवर्सिटी का क्रेडिट जानते हैं और वे सभी लोग जो गुजरात यूनिवर्सिटी को नहीं जानते हैं, गुजरात यूनिवर्सिटी के प्रति अविश्वास विकसित करेंगे।"

    न्यायालय ने यह भी मत व्यक्त किया कि यदि राजनीतिक पदाधिकारी अपने लोगों के प्रति अपने कर्तव्य को पूरा करने के बजाय प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अपनी व्यक्तिगत शत्रुता या स्वार्थ के लिए विरोधियों या उसी व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए कोई कार्य करते हैं और यदि वे ऐसा कोई शब्द कहते हैं, उन शब्दों को लोगों द्वारा रखे गए भरोसे का उल्लंघन माना जाएगा और बोले गए शब्दों को व्यक्तिगत माना जाएगा।

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