टीचर का कर्तव्य जरूरतमंद छात्रों को ज्ञान और कौशल देना है, न कि आरामदायक पोस्टिंग पर टिके रहना : मद्रास हाईकोर्ट

Sharafat

23 May 2023 12:50 PM GMT

  • टीचर का कर्तव्य जरूरतमंद छात्रों को ज्ञान और कौशल देना है, न कि आरामदायक पोस्टिंग पर टिके रहना : मद्रास हाईकोर्ट

    मद्रास हाईकोर्ट ने एक स्कूल टीचर द्वारा दायर अपने तबादले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए स्कूल शिक्षक को राहत देने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि एक शिक्षक को जरूरतमंद छात्रों को ज्ञान और कौशल देने पर ध्यान देना चाहिए और आरामदायक पोस्टिंग पर रुकने के बारे में नहीं सोचना चाहिए।

    जस्टिस सीवी कार्तिकेयन ने आगे कहा कि स्कूल के शिक्षक को छात्रों के लिए एक उदाहरण पेश करना चाहिए और हर प्रशासनिक आदेश पर सवाल नहीं उठाना चाहिए।

    अदालत ने कहा,

    "एक शिक्षक के रूप में काम करने का उद्देश्य जरूरतमंद छात्रों को ज्ञान और कौशल देना है, न कि अपनी आराम की पोस्टिंग पर टिके रहना। याचिकाकर्ता को यह भी महसूस करना चाहिए कि उसे छात्रों के लिए एक उदाहरण पेश करना चाहिए और प्रत्येक प्रशासनिक अधिकारी के आदेश पर सवाल नहीं उठाना चाहिए।"

    याचिकाकर्ता, के सिंगारवेलु ने प्रस्तुत किया कि उन्हें शिक्षक भर्ती बोर्ड द्वारा किए गए चयन परीक्षण के अनुसार बीटी सहायक (भूगोल) के रूप में नियुक्त किया गया था और बाद में 2012 में सरकारी गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल थिरुथुरईपुंडी, तिरुवरूर जिले में स्थानांतरित कर दिया गया।

    सिंगारवेलु ने आगे कहा कि कर्मचारियों की संख्या तय करने के सरकार के फैसले के परिणामस्वरूप, यह पाया गया कि वह स्कूल में स्वीकृत संख्या से अधिक है और इस प्रकार स्थानांतरित करने का आदेश दिया गया। उन्होंने तर्क दिया कि यह निर्णय राज्य द्वारा पारित सरकारी आदेशों के खिलाफ है और उनकी वर्तमान पोस्टिंग को बाधित नहीं किया जाना चाहिए।

    उन्होंने आगे शिक्षकों की नियुक्ति और अधिशेष शिक्षकों के स्थानांतरण के संबंध में तमिलनाडु सरकार द्वारा पारित विभिन्न सरकारी आदेशों की ओर अदालत का ध्यान आकर्षित किया।

    अदालत ने हालांकि कहा कि याचिकाकर्ता, जो स्कूल में अतिरिक्त है, उसे स्वेच्छा से दूसरे स्कूल में स्थानांतरित करने के लिए स्थानांतरण स्वीकार करने के लिए तैयार होना चाहिए, जहां उसकी सेवाओं की बहुत अधिक आवश्यकता है।

    अदालत ने यह भी कहा कि विवादित आदेश में केवल याचिकाकर्ता को स्थानांतरण के लिए काउंसलिंग में भाग लेने का निर्देश दिया गया और उसके पास काउंसलिंग के दौरान आपत्तियां उठाने का अवसर है।

    इस प्रकार, अदालत कोई राहत देने से इनकार कर दिया और याचिका खारिज कर दी।


    केस टाइटल: के सिंगारवेलु बनाम तमिलनाडु सरकार और अन्य

    केस साइटेशन : 2023 लाइवलॉ 147

    याचिकाकर्ता के वकील: श्री आर.ससीथरन

    प्रतिवादी के वकील: श्री एन नवीन कुमार, सरकारी वकील

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