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अवमानना कार्यवाही शुरू करने से इनकार करने वाले एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ इंट्रा-कोर्ट अपील सुनवाई योग्य नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
अवमानना कार्यवाही शुरू करने से इनकार करने वाले एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ इंट्रा-कोर्ट अपील सुनवाई योग्य नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि कथित अवमाननाकर्ता के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने से इनकार करने वाले एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ एक इंट्रा-कोर्ट अपील सुनवाई योग्य नहीं है।जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस विकास बधवार की पीठ ने आगे कहा कि अदालत की अवमानना अधिनियम, 1971 की धारा 19 के तहत अवमाननाकर्ता के खिलाफ अवमानना कार्यवाही को समाप्त करने के खिलाफ कोई अपील सुनवाई योग्य नहीं है, क्योंकि इसका समाधान भारत के संविधान के अनुच्छेद 136 के तहत सुप्रीम कोर्ट के समक्ष उपलब्‍ध है।इसके अलावा,...

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन, यूटी पुलिस विभाग को ट्रांसजेंडर व्यक्ति को कांस्टेबल पोस्ट के लिए आवेदन करने की अनुमति देने का निर्देश दिया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन, यूटी पुलिस विभाग को ट्रांसजेंडर व्यक्ति को कांस्टेबल पोस्ट के लिए आवेदन करने की अनुमति देने का निर्देश दिया

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने ट्रांसजेंडर व्यक्ति की उस याचिका पर चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस जारी किया, जिसमें याचिकाकर्ता को केंद्र शासित प्रदेश में कांस्टेबल (कार्यकारी) की पोस्ट के लिए आवेदन करने की अनुमति देने के निर्देश देने की मांग की गई है।जस्टिस विक्रम अग्रवाल ने नोटिस जारी करते हुए आदेश दिया कि यदि याचिकाकर्ता ट्रांसजेंडर व्यक्ति के रूप में कैटेगरी का उल्लेख करते हुए ऑनलाइन फॉर्म जमा करता है तो "उसे स्वीकार किया जाएगा और उसके बाद उचित प्राधिकारी द्वारा अपने नियमों के अनुसार विचार किया...

लाइफ मिशन मामला: केरल हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत की मांग वाली शिवशंकर की याचिका में मेडिकल रिकॉर्ड मांगा
लाइफ मिशन मामला: केरल हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत की मांग वाली शिवशंकर की याचिका में मेडिकल रिकॉर्ड मांगा

केरल हाईकोर्ट ने बुधवार को कक्कनाड जिला जेल के जेल अधीक्षक को केरल के मुख्यमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव एम शिवशंकर की अस्वस्थता के आधार पर और अपनी पसंद के निजी अस्पताल में इलाज कराने के लिए 3 महीने की अवधि के लिए अंतरिम जमानत की याचिका पर उनके सभी मेडिकल रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश दिया। 14 फरवरी को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से शिवशंकर लाइफ मिशन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हिरासत में हैं। 24 फरवरी, 2023 को शिवशंकर को 8 मार्च, 2023 तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। इसके...

यदि बच्चा तर्कसंगत उत्तर देता है तो वह गवाही दे सकता है: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बाल गवाहों की गवाही के आधार पर हत्या की सजा को बरकरार रखा
"यदि बच्चा तर्कसंगत उत्तर देता है तो वह गवाही दे सकता है": छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बाल गवाहों की गवाही के आधार पर हत्या की सजा को बरकरार रखा

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक फैसले में दोहराया कि एक 'बाल-गवाह' की गवाही हत्या जैसे गंभीर अपराधों में सजा का आधार बन सकती है, यदि वह प्रश्नों को समझने और उनके उत्तर देने में तर्कसंगत पाया जाता है।हत्या के आरोपी एक व्यक्ति की सजा को बरकरार रखते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस संजय कुमार जयसवाल की खंडपीठ ने कहा,“साक्ष्य अधिनियम की धारा 118 में परिकल्पना की गई है कि सभी व्यक्ति गवाही देने के लिए सक्षम होंगे, जब तक कि न्यायालय यह नहीं मानता कि उन्हें कम उम्र या अधिक उम्र या बीमारी के कारण उनसे पूछे गए...

सभी कैदियों के लिए स्वच्छ पेयजल पहली प्राथमिकता: तलोजा जेल में पानी की कमी की रिपोर्ट पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने निर्देश दिया
'सभी कैदियों के लिए स्वच्छ पेयजल पहली प्राथमिकता': तलोजा जेल में पानी की कमी की रिपोर्ट पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने निर्देश दिया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को स्थानीय योजना प्राधिकरण और राज्य जेल अधिकारियों को तलोजा सेंट्रल जेल के कैदियों के लिए जल्द से जल्द अलग से स्वच्छ पेयजल सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस गौरी गोडसे की खंडपीठ को सूचित किया गया कि पानी की गंभीर कमी है और कैदियों को पीने, कपड़े और बर्तन धोने, नहाने के साथ-साथ शौचालय सुविधाओं के लिए प्रतिदिन केवल 1-1.5 बाल्टी गंदा पानी मिलता है।बेंच ने कहा,"सभी कैदियों के लिए स्वच्छ पेयजल पहली प्राथमिकता है। उन्हें साफ पीने का पानी दें।...

केरल हाईकोर्ट ने मीडिया को फटकारा; कहा- वादी की गरिमा और निजता को नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकता; जिम्मेदार पत्रकारिता के आचरण का आह्वान किया
केरल हाईकोर्ट ने मीडिया को फटकारा; कहा- वादी की गरिमा और निजता को नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकता; 'जिम्मेदार पत्रकारिता के आचरण' का आह्वान किया

केरल हाईकोर्ट ने प्रिया वर्गीस की अपील स्वीकार करते हुए मामले की मीडिया कवरेज के खिलाफ कुछ गंभीर टिप्पणियां कीं। प्रिया वर्गीस के.के. रागेश, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के निजी सचिव की पत्नी है।जस्टिस एके जयशंकरन नांबियार और जस्टिस मोहम्मद नियास सीपी की खंडपीठ ने मामले पर मीडिया के व्यवहार को ध्यान में रखते हुए प्रेस को वादी की निजता के अधिकार का सम्मान करने और जिम्मेदार पत्रकारिता आचरण का पालन करने की याद दिलाई। कोर्ट ने कहा कि किसी व्यक्ति की निजता का अधिकार न केवल राज्य के खिलाफ है बल्कि मीडिया...

जम्मू-कश्मीर भूमि अधिग्रहण अधिनियम | कलेक्टर को मुआवजा अवार्ड वापस लेने या उस पर पुनर्विचार करने का अधिकार नहीं: हाईकोर्ट
जम्मू-कश्मीर भूमि अधिग्रहण अधिनियम | कलेक्टर को मुआवजा अवार्ड वापस लेने या उस पर पुनर्विचार करने का अधिकार नहीं: हाईकोर्ट

जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने माना कि एक बार राज्य भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1990 की धारा 11 के तहत अवार्ड दिया गया है तो वही अंतिम है और पार्टियों पर बाध्यकारी है। इसमें स्पष्ट किया गया कि कलेक्टर के पास अवार्ड पारित होने के बाद उसे वापस लेने या उस पर पुनर्विचार करने का कोई अधिकार नहीं है।जस्टिस संजीव कुमार और जस्टिस राजेश सेखरी की खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओं की सुनवाई करते हुए ये टिप्पणियां कीं, जिन्होंने कलेक्टर भूमि अधिग्रहण (एसडीएम), गंदोह के आदेश पर सवाल उठाया, जिसके तहत अंतिम अवार्ड के...

मौलिक और वैधानिक अधिकारों का उल्लंघन: तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी का परिवार ईडी की हिरासत के खिलाफ बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में मद्रास हाईकोर्ट पहुंचा
'मौलिक और वैधानिक अधिकारों का उल्लंघन': तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी का परिवार ईडी की हिरासत के खिलाफ बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में मद्रास हाईकोर्ट पहुंचा

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी के परिवार ने गुरुवार को मद्रास हाईकोर्ट के समक्ष दलील दी कि केंद्रीय एजेंसी द्वारा सीआरपीसी की धारा 41 और संविधान के अनुच्छेद 22 का उल्लंघन किया गया।जस्टिस निशा बानू और जस्टिस भरत चक्रवर्ती की खंडपीठ के समक्ष बालाजी की पत्नी द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई के दौरान सीनियर एडवोकेट एनआर एलंगो ने यह दलील दी। जबकि ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार...

क्या उच्च योग्यता में कम योग्यता शामिल होगी, यह नियोक्ता को अपने मूल्यांकन और आवश्यकताओं के आधार पर तय करना होगा: केरल हाईकोर्ट
क्या उच्च योग्यता में कम योग्यता शामिल होगी, यह नियोक्ता को अपने मूल्यांकन और आवश्यकताओं के आधार पर तय करना होगा: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि क्या उच्च योग्यता में कम योग्यता शामिल होगी या क्या योग्यता दूसरी योग्यता के बराबर है, यह नियोक्ता द्वारा उनके मूल्यांकन और आवश्यकताओं के आधार पर तय किया जाने वाला मामला है।जस्टिस एन. नागरेश की एकल न्यायाधीश पीठ ने कहा,"क्या योग्यता दूसरी योग्यता के बराबर है या क्या योग्यता दूसरी कम योग्यता को समाहित कर लेगी, ये शिक्षाविदों के दायरे में आने वाले कारक हैं और सेवाओं में भर्ती के मामले में यह नियोक्ताओं पर निर्भर है कि वे अपने मूल्यांकन और आवश्यकताओं के आधार पर...

[केरल हेडलोड वर्कर्स एक्ट] अगर विशेष सहायता की आवश्यकता हो तो नियोक्ता धारा 9A के तहत कुशल व्यक्तियों को नियुक्त करने के लिए स्वतंत्र है: केरल हाईकोर्ट
[केरल हेडलोड वर्कर्स एक्ट] अगर विशेष सहायता की आवश्यकता हो तो नियोक्ता धारा 9A के तहत कुशल व्यक्तियों को नियुक्त करने के लिए स्वतंत्र है: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में माना कि अगर लोडिंग और अनलोडिंग के काम में कुशल व्यक्तियों की सहायता की आवश्यकता होती है, तो एक नियोक्ता अपेक्षित कौशल या मशीनरी वाले व्यक्तियों को नियुक्त कर सकता है और नियोक्ता का यह अधिकार केरल हेडलोड वर्कर्स अधिनियम, 1978 की धारा 9 ए के प्रावधान के तहत सुरक्षित है।सिंगल बेंच के जस्टिस एन नागरेश ने कहा,“धारा 9ए का प्रावधान यह स्पष्ट कर देगा कि ऐसे कार्यों के संबंध में जिन्हें कुशल व्यक्तियों की सहायता की आवश्यकता होती है और जिन्हें उचित परिश्रम के साथ किया जाना है...

जब परिवार का कोई अन्य सदस्य सरकारी सेवा में हो तो अदालत अनुकंपा नियुक्ति चाहने वाले व्यक्ति की वित्तीय निर्भरता की जांच नहीं कर सकती: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ
जब परिवार का कोई अन्य सदस्य सरकारी सेवा में हो तो अदालत अनुकंपा नियुक्ति चाहने वाले व्यक्ति की वित्तीय निर्भरता की जांच नहीं कर सकती: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने बुधवार को कहा कि यदि 'अनुकंपा नियुक्ति' के नियम किसी मृत सरकारी कर्मचारी के परिवार के सदस्यों की नियुक्ति पर इस आधार पर रोक लगाते हैं कि परिवार का कोई सदस्य पहले से ही सरकारी सेवा में है, तो हाईकोर्ट यह निर्धारित करने कि के लिए जांच का आदेश नहीं दे सकता है, कि परिवार के अन्य सदस्यों की उस सदस्य पर क्या निर्भरता है, जो पहले से ही सरकारी कर्मचारी है। डिवीजन बेंच द्वारा दिए गए संदर्भ का जवाब देते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा, जस्टिस संजय के अग्रवाल और जस्टिस पार्थ...

निर्णय में केवल संदेह का लाभ की अभिव्यक्ति का मतलब यह नहीं कि बरी करना सम्मानजनक नहीं था; संपूर्ण तर्क की व्याख्या की जानी चाहिए: बॉम्बे हाईकोर्ट
निर्णय में केवल 'संदेह का लाभ' की अभिव्यक्ति का मतलब यह नहीं कि बरी करना सम्मानजनक नहीं था; संपूर्ण तर्क की व्याख्या की जानी चाहिए: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि सिर्फ इसलिए कि किसी व्यक्ति को बरी करने के फैसले में 'संदेह का लाभ' अभिव्यक्ति का इस्तेमाल किया गया है, इसका मतलब यह नहीं है कि बरी करना सम्मानजनक नहीं था और व्यक्ति अपने निलंबन की अवधि को पेंशन निर्धारण के लिए ड्यूटी पर अवधि के रूप में मानने का हकदार नहीं है। जस्टिस एनजे जमादार ने कहा कि बरी किए जाने की प्रकृति का निर्धारण करने के लिए फैसले में दिए गए तर्क को उसकी संपूर्णता में देखा जाना चाहिए। पीठ ने रिश्वतखोरी के आरोप में निलंबित किए गए कर्मचारी की...

गुजरात हाईकोर्ट ने दरगाह को गिराने के खिलाफ याचिकाओं पर राज्य सरकार, जूनागढ़ नगर निगम को नोटिस जारी किया
गुजरात हाईकोर्ट ने दरगाह को गिराने के खिलाफ याचिकाओं पर राज्य सरकार, जूनागढ़ नगर निगम को नोटिस जारी किया

गुजरात में कथित अनधिकृत दरगाहों को गिराने के लिए गुजरात राज्य सरकार ने नोटिस जारी किया था। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की गईं थीं। अब हाईकोर्ट ने विध्वंस को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर राज्य सरकार, जूनागढ़ नगर निगम, राज्य वक्फ बोर्ड और दूसरे अधिकारियों को नोटिस जारी किया है।जस्टिस वैभवी नानावती मामले की सुनवाई कर रही थी। उन्होंने मामले को 27 जून के लिए पोस्ट कर दिया है। सरदुम्शा, रेशमशा पीर दरगाह ट्रस्ट और समस्त सुन्नी मुस्लिम ने जूनागढ़ में मुस्लिम समुदाय से संबंधित धार्मिक संरचनाओं...

सरकार में बदलाव के बाद सामाजिक नीति में बदलाव लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा, मनमाना नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट
सरकार में बदलाव के बाद सामाजिक नीति में बदलाव लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा, मनमाना नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि सरकार बदलने के बाद सामाजिक नीति में बदलाव लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है और इसे मनमाना या दुर्भावनापूर्ण नहीं माना जा सकता।जस्टिस जीएस पटेल और जस्टिस नीला गोखले की खंडपीठ ने 2021 में उद्धव ठाकरे सरकार द्वारा नियुक्त दो सदस्यों और महाराष्ट्र राज्य अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति रद्द करने के एकनाथ शिंदे सरकार के आदेश को बरकरार रखा।अदालत ने कहा,"सरकार में बदलाव के बाद सामाजिक नीति में बदलाव लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है और...

दिल्ली हाईकोर्ट ने जामिया मिलिया इस्लामिया के गैर-शिक्षण पदों पर भर्ती में एससी और एसटी आरक्षण की बहाली की मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी किया
दिल्ली हाईकोर्ट ने जामिया मिलिया इस्लामिया के गैर-शिक्षण पदों पर भर्ती में एससी और एसटी आरक्षण की बहाली की मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी किया

दिल्ली हाईकोर्ट ने जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए भर्ती अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका में एससी और एसटी श्रेणियों को आरक्षण नहीं देने पर जामिया मिलिया इस्लामिया और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया।जस्टिस विकास महाजन ने यह देखते हुए कि "मामले पर विचार की आवश्यकता है", उत्तरदाताओं को नोटिस जारी किया और उन्हें तीन सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।कोर्ट ने कहा,“इस बीच प्रतिवादी यूनिवर्सिटी को प्रत्येक श्रेणी में...

विभिन्न क्षेत्रीय न्यायक्षेत्रों में किए गए मोटर दुर्घटना दावों को ट्रांसफर करने के लिए दावेदारों को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की आवश्यकता नहीं: उड़ीसा एचसी रजिस्ट्री
विभिन्न क्षेत्रीय न्यायक्षेत्रों में किए गए मोटर दुर्घटना दावों को ट्रांसफर करने के लिए दावेदारों को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की आवश्यकता नहीं: उड़ीसा एचसी रजिस्ट्री

उड़ीसा हाईकोर्ट की रजिस्ट्री ने बुधवार को अधिसूचित किया कि मोटर दुर्घटना दावा मामलों में यदि दावेदारों ने विभिन्न हाईकोर्ट के क्षेत्रीय क्षेत्राधिकार में अलग-अलग दावा याचिकाएं दायर की हैं तो उनके द्वारा दायर की गई पहली दावा याचिका को बनाए रखा जाएगा। उक्त दावा ट्रिब्यूनल और उसके बाद की दावा याचिकाएं उस ट्रिब्यूनल को हस्तांतरित कर दी जाएंगी जहां पहला दावा याचिका दायर की गई और लंबित है।यह भी स्पष्ट किया गया कि गोहर मोहम्मद बनाम उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम एवं अन्य में सुप्रीम कोर्ट के...

केरल हाईकोर्ट ने कहा- उसके पास लक्षद्वीप में जिला और अधीनस्थ न्यायालय के जजों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने की शक्ति है
केरल हाईकोर्ट ने कहा- उसके पास लक्षद्वीप में जिला और अधीनस्थ न्यायालय के जजों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने की शक्ति है

केरल हाईकोर्ट ने बुधवार को माना कि संविधान के अनुच्छेद 235 के आधार पर केरल हाईकोर्ट के पास केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप की जिला अदालत और अधीनस्थ अदालतों पर नियंत्रण, जिसमें ऐसी अदालतों के पीठासीन अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की शक्ति भी निहित है।जस्टिस पी वी कुन्हिकृष्णन की एकल पीठ ने कहा,“भारत के संविधान के अनुच्छेद 235 के आलोक में, यह घोषित किया जाता है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 235 में उल्लिखित जिला न्यायालय और उसके अधीनस्थ न्यायालयों पर नियंत्रण में जिला न्यायालय के...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने शिवसेना (यूबीटी) विधायक रवींद्र वायकर को होटल की अनुमति रद्द करने के बीएमसी के आदेश पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने शिवसेना (यूबीटी) विधायक रवींद्र वायकर को होटल की अनुमति रद्द करने के बीएमसी के आदेश पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी के विधायक रवींद्र वाईकर को अस्थायी राहत देते हुए मुंबई में लक्जरी होटल बनाने के लिए उन्हें और चार अन्य को दी गई अनुमति रद्द करने के संबंध में दो सप्ताह के लिए यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया।जस्टिस सुनील शुकरे और जस्टिस राजेश पाटिल की खंडपीठ ने हालांकि वायकर द्वारा अपनी याचिका में दिए गए कुछ बयानों पर आपत्ति जताई और पूछा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण क्यों किया जा रहा है।हालांकि, पीठ ने बीएमसी को वाइकर और चार अन्य द्वारा दायर...

खून खराबा जारी रहा तो मतदान रोक देना चाहिए: कलकत्ता हाईकोर्ट ने पंचायत चुनावों के लिए नामांकन के दौरान हिंसा की सीबीआई जांच के आदेश दिए
खून खराबा जारी रहा तो मतदान रोक देना चाहिए': कलकत्ता हाईकोर्ट ने पंचायत चुनावों के लिए नामांकन के दौरान हिंसा की सीबीआई जांच के आदेश दिए

कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के लिए आठ जुलाई को होने वाले चुनावों के लिए नामांकन के दौरान हुई हिंसा और भ्रष्टाचार के कथित मामलों की जांच करने का निर्देश दिया। जस्टिस अमृता सिन्हा की एकल-न्यायाधीश पीठ ने संभावित उम्मीदवारों के कुछ समूहों के खिलाफ नामांकन दाखिल करने के चरण में होने वाली घृणित हिंसा के दावों पर आपत्ति जताई और मौखिक रूप से टिप्पणी की, “हिंसा के इतने सारे उदाहरण? अगर खूनखराबा जारी रहा तो चुनाव रोक...

अगर अधिकारी इतने व्यस्त हैं तो बेहतर है कि वे अपना काम बंद कर दें : कलकत्ता हाईकोर्ट ने पंचायत चुनावों के बीच अपर्याप्त केंद्रीय बलों की मांग के लिए एसईसी की आलोचना की
अगर अधिकारी इतने व्यस्त हैं तो बेहतर है कि वे अपना काम बंद कर दें ": कलकत्ता हाईकोर्ट ने पंचायत चुनावों के बीच अपर्याप्त केंद्रीय बलों की मांग के लिए एसईसी की आलोचना की

कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग ("एसईसी") को 24 घंटे के भीतर पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव 2023 के लिए अतिरिक्त केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती की मांग करने के नए निर्देश जारी किए।मुख्य न्यायाधीश शिवगणमन और जस्टिस उदय कुमार की खंडपीठ ने 2013 में तैनात 825 कंपनियों की तुलना में एसईसी द्वारा अर्धसैनिक बलों की केवल 22 कंपनियों की मांग पर आपत्ति जताई। इसने मौखिक रूप से टिप्पणी की,"बहुत खेदजनक स्थिति है...आप एक तटस्थ निकाय हैं...आपको किसी निर्धारित रेखा पर चलने की...