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मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा नियमों में संशोधन : सिविल जज जूनियर डिविजन एक्जाम के लिए लॉ ग्रेजुएशन डिग्री में 70% अंक या तीन साल की लॉ प्रैक्टिस अनिवार्य
मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा नियमों में संशोधन : सिविल जज जूनियर डिविजन एक्जाम के लिए लॉ ग्रेजुएशन डिग्री में 70% अंक या तीन साल की लॉ प्रैक्टिस अनिवार्य

मध्य प्रदेश के राज्यपाल ने हाईकोर्ट के परामर्श से मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा (भर्ती और सेवा की शर्तें) नियम, 1994 में संशोधन किया है।मुख्य संशोधन सिविल जज जूनियर डिवीजन एक्जाम में शामिल होने के लिए पात्रता मानदंड में है।संशोधित नियम 7 के अनुसार, उम्मीदवार परीक्षा के लिए पात्र होंगे यदि उनके पास लॉ में ग्रेजुएशन की डिग्री है और या तो आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि तक कम से कम 3 साल तक वकील के रूप में लगातार प्रैक्टिस करने का अनुभव हो या लॉ में उनका शानदार शैक्षणिक करियर रहा हो, जिन्होंने अपने पहले...

पंचायत सरकार भवन जैसे सरकारी भवनों के निर्माण पर निर्णय राज्य की नीति है, यह जनहित याचिका का विषय नहीं हो सकता: पटना हाईकोर्ट
पंचायत सरकार भवन जैसे सरकारी भवनों के निर्माण पर निर्णय राज्य की नीति है, यह जनहित याचिका का विषय नहीं हो सकता: पटना हाईकोर्ट

पटना हाईकोर्ट ने उस जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज कर दिया है जिसमें अमैठी में ग्राम पंचायत राज के पंचायत सरकार भवन को मसोना गांव में बनाने का निर्देश जारी करने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता मसोना निवासी महेंद्र सिंह ने तर्क दिया कि सुसाड़ी गांव की तुलना में अधिक आबादी के कारण उनके गांव में निर्माण को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।अदालत ने फैसला सुनाया कि पंचायत सरकार भवन जैसे सरकारी भवनों के निर्माण के संबंध में निर्णय संबंधित राज्य अधिकारियों के दायरे में हैं और यह जनहित याचिका का विषय नहीं हो...

लापरवाही से दिया गया अतिरिक्त भुगतान तब वसूल नहीं किया जा सकता जब कर्मचारी को इस बात की जानकारी न हो कि भुगतान उसकी पात्रता से अधिक है: केरल उच्च न्यायालय
लापरवाही से दिया गया अतिरिक्त भुगतान तब वसूल नहीं किया जा सकता जब कर्मचारी को इस बात की जानकारी न हो कि भुगतान उसकी पात्रता से अधिक है: केरल उच्च न्यायालय

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में माना कि नियोक्ता द्वारा कर्मचारी को लापरवाही से या असावधानीपूर्वक दिए गए अतिरिक्त भुगतान की वसूली नहीं की जा सकती है, विशेषकर तब जब कर्मचारी को यह जानकारी ना हो कि उसे जिस राशि का भुगतान किया गया है, वह उसके लिए अधिकृत राशि से अधिक है। जस्टिस अलेक्जेंडर थॉमस और जस्टिस सी जयचंद्रन की खंडपीठ ने एक शिक्षक, जिसे सरकारी आदेश के आधार पर अतिरिक्त वेतन वृद्धि का भुगतान किया गया था, के आवेदन पर विचार किया, और यह सुनिश्चित किया कि स्थिति को पंजाब राज्य और अन्य बनाम रफीक मसीह...

[POCSO एक्ट] जब पीड़िता की कहानी में सच्चाई का आभास हो तो पुलिस की ओर से उसकी जांच न करने का कोई मतलब नहीं: कलकत्ता हाईकोर्ट
[POCSO एक्ट] जब पीड़िता की कहानी में "सच्चाई का आभास" हो तो पुलिस की ओर से उसकी जांच न करने का कोई मतलब नहीं: कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने हाल ही में एक किशोर की सजा को बरकरार रखा, जिस पर आरोप था कि उसने एक पब्लिक एरिया में एक नाबालिग लड़की पर कथित तौर पर हमला किया था। उस समय वह अपनी मां के साथ थी।जस्टिस सिद्धार्थ रॉय चौधरी की सिंगल जज बेंच ने नाबालिग की गवाही के आधार पर दोषसिद्धि को बरकरार रखा और कहा कि पुलिस द्वारा पीड़िता से पूछताछ न करने का ऐसी परिस्थितियों में कोई परिणाम नहीं होगा।पीठ दोषसिद्धि के खिलाफ अपील पर सुनवाई कर रही थी। उत्तरदाताओं ने यह प्रस्तुत किया कि जब वे दोनों हावड़ा के एक बाजार से घर वापस जा...

मुस्लिम कानून विवाह पूर्व यौन संबंध को मान्यता नहीं देता; कुरान के तहत व्यभिचार एक अपराध: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अंतरधार्मिक लिव-इन जोड़े को राहत देने से इनकार किया
'मुस्लिम कानून विवाह पूर्व यौन संबंध को मान्यता नहीं देता; कुरान के तहत व्यभिचार एक अपराध': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अंतरधार्मिक लिव-इन जोड़े को राहत देने से इनकार किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अंतरधार्मिक लिव-इन जोड़े की एक याचिका, जिसमें उन्होंने पुलिस के हाथों हाथों कथित उत्पीड़न के खिलाफ सुरक्षा की मांग की थी, को खारिज़ कर दिया। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में टिप्पणी की कि इस्लाम में विवाह से पहले किसी भी प्रकार का यौन, वासनापूर्ण, स्नेहपूर्ण कृत्य जैसे चुंबन, स्पर्श, घूरना आदि वर्जित है। यह देखते हुए कि युगल/याचिकाकर्ताओं [29 वर्षीय हिंदू महिला और 30 वर्षीय मुस्लिम पुरुष] ने निकट भविष्य में शादी की इच्छा व्यक्त नहीं की है, जस्टिस संगीता चंद्रा और जस्टिस नरेंद्र...

सर्जरी के दौरान मरीज के अंदर छोड़ी गई फॉरेन ऑब्जेक्ट: केरल हाईकोर्ट ने पुलिस को मेडिकल लापरवाही पैनल को शिकायत अग्रेषित करने का निर्देश दिया
सर्जरी के दौरान मरीज के अंदर छोड़ी गई 'फॉरेन ऑब्जेक्ट': केरल हाईकोर्ट ने पुलिस को मेडिकल लापरवाही पैनल को शिकायत अग्रेषित करने का निर्देश दिया

केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एडाथला ग्राम पंचायत के स्टेशन हाउस अधिकारी को निर्देश दिया कि वह मरीज की पत्नी द्वारा उसके पति के शरीर के अंदर ऑपरेशन के बाद कथित तौर पर फॉरेन ऑब्जेक्ट छोड़े जाने के संबंध में दायर की गई शिकायत को मेडिकल लापरवाही के लिए विशेषज्ञ पैनल को अग्रेषित करें।जस्टिस कौसर एडप्पागथ की एकल पीठ ने निर्देश दिया,"दूसरा प्रतिवादी [स्टेशन हाउस अधिकारी] तीसरे प्रतिवादी [विशेषज्ञ पैनल (मेडिकल लापरवाही)] को उसकी राय के लिए Ext.P1 शिकायत अग्रेषित करेगा, यदि पहले से ही अग्रेषित नहीं किया...

विशिष्ट कारण बताएं: गुजरात हाईकोर्ट ने अस्पष्ट कारण बताओ नोटिस के आधार पर फर्म का जीएसटी पंजीकरण रद्द करने का आदेश रद्द किया
'विशिष्ट कारण बताएं': गुजरात हाईकोर्ट ने अस्पष्ट कारण बताओ नोटिस के आधार पर फर्म का जीएसटी पंजीकरण रद्द करने का आदेश रद्द किया

गुजरात हाईकोर्ट ने सोना मेटल्स के वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पंजीकरण को रद्द करने के विस्तृत कारणों की कमी का हवाला देते हुए रद्द करने के आदेश को रद्द कर दिया है।गुजरात वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम के तहत पंजीकृत याचिकाकर्ता ने रद्दीकरण आदेश को इस आधार पर चुनौती दी कि प्रतिवादी द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस अस्पष्ट था और पर्याप्त जानकारी प्रदान नहीं की थी।प्रतिवादी ने फॉर्म जीएसटी REG-17/31 में कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसे विभाग के पोर्टल पर अपलोड किया गया था। जीएसटी नियम, 2017 के नियम 22(1) के...

ए एंड सी एक्ट की धारा 16 के तहत आदेश को केवल असाधारण परिस्थितियों में ही अनुच्छेद 227 के तहत चुनौती दी जा सकती है: कलकत्ता हाईकोर्ट
ए एंड सी एक्ट की धारा 16 के तहत आदेश को केवल असाधारण परिस्थितियों में ही अनुच्छेद 227 के तहत चुनौती दी जा सकती है: कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने दोहराया कि मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 (ए एंड सी एक्ट) की धारा 16 के तहत अपने अधिकार क्षेत्र की चुनौती को खारिज करने वाले मध्यस्थ न्यायाधिकरण के आदेश के खिलाफ भारत के संविधान के अनुच्छेद 227 के तहत उपाय केवल मध्यस्थ के अंतर्निहित अधिकार क्षेत्र में गंभीर कमी, या असाधारण परिस्थितियों, या दूसरे पक्ष की ओर से 'बुरे विश्वास' के आधार पर ही लागू किया जा सकता है। जस्टिस बिवास पटनायक की पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 227 के तहत दायर पुनरीक्षण आवेदन को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की,...

‘पूरी सजा काटने के 14 साल बाद उसी अपराध में व्यक्ति को जेल भेजा गया’: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रिहाई का आदेश दिया
‘पूरी सजा काटने के 14 साल बाद उसी अपराध में व्यक्ति को जेल भेजा गया’: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रिहाई का आदेश दिया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक व्यक्ति को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया। दरअसल, उस व्यक्ति को दिसंबर में उसी अपराध के सिलसिले में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, जिसके लिए वो 14 साल पहले ही 7 साल की सजा काट चुका था।जस्टिस राजन रॉय की बेंच मामले की सुनवाई कर रही थी। बेंच ने हाईकोर्ट के 15 नवंबर, 2022 के आदेश को देखा जिसमें एक गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था और इसी के तहत अपीलकर्ता, जो पहले ही सजा काट चुका था, उसे फिर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।अदालत ने कहा,"अपीलकर्ता पहले ही सजा काट...

पार्टियों को एमएसएमई परिषद द्वारा प्रमाणित अवॉर्ड की प्रतियां प्रदान करना उचित नहीं: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
पार्टियों को एमएसएमई परिषद द्वारा प्रमाणित अवॉर्ड की प्रतियां प्रदान करना उचित नहीं: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास एक्ट, 2006 (एमएसएमईडी एक्ट) के तहत सुविधा परिषद द्वारा नियुक्त मध्यस्थ का यह अनिवार्य कर्तव्य है कि वह पार्टियों को मध्यस्थ अवॉर्ड की हस्ताक्षरित प्रतियां जारी करे, इस तथ्य के बावजूद कि पार्टियों ने कार्यवाही का विरोध किया है या एकतरफा कार्यवाह की गई है।अदालत ने संबंधित पक्षों को परिषद द्वारा प्रमाणित अवॉर्ड की एक प्रति प्रदान करने की सुविधा परिषद की प्रथा की निंदा की है। अदालत ने कहा कि यह मध्यस्थता और सुलह...

व्यापार मंडल चुनाव को बिहार सहकारी समिति अधिनियम और नियमों के प्रावधानों का पालन करना होगा: पटना हाईकोर्ट
व्यापार मंडल चुनाव को बिहार सहकारी समिति अधिनियम और नियमों के प्रावधानों का पालन करना होगा: पटना हाईकोर्ट

पटना हाईकोर्ट ने व्यापार मंडल सहकारी समिति के चुनाव के संबंध में बिहार राज्य चुनाव प्राधिकार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा जारी दिशानिर्देशों के संबंध में जनहित याचिका (पीआईएल) के रूप में दायर रिट याचिका खारिज कर दी।चीफ जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ ने कहा,"व्यापार मंडल का चुनाव बिहार सहकारी समिति अधिनियम और उसके तहत बनाए गए नियमों के प्रावधानों के तहत सहकारी आंदोलन के संदर्भ में आयोजित किया जाना आवश्यक है।"खंडपीठ ने कहा,"यदि समिति का गठन उन व्यक्तियों से नहीं...

दिल्ली हाईकोर्ट ने केवल सूचीबद्ध फर्मों से बोलियां आमंत्रित करने वाली निविदा को चुनौती देने वाली याचिका पर NCERT को नोटिस जारी किया
दिल्ली हाईकोर्ट ने केवल सूचीबद्ध फर्मों से बोलियां आमंत्रित करने वाली निविदा को चुनौती देने वाली याचिका पर NCERT को नोटिस जारी किया

दिल्ली हाईकोर्ट ने नई किट जादूई पिटारा की वस्तुओं की आपूर्ति के लिए NCERT द्वारा जारी निविदा को चुनौती देने वाली याचिका पर NCERT और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। याचिका में आरोप लगाया गया कि निविदा "पक्षपाती और एकतरफा" है, क्योंकि यह विशेष रूप से केवल NCERT के साथ सूचीबद्ध कंपनियों से ऑनलाइन बोलियां आमंत्रित करती है।खिलौनों के निर्माण और वितरण का काम करने वाले मेसर्स यूनिवर्सल सेल्स के मालिक समित खन्ना ने याचिका दायर कर आरोप लगाया कि NCERT द्वारा निर्धारित एक सूचीबद्ध फर्म के मानदंड...

कलकत्ता हाईकोर्ट ने पंचायत चुनावों की निगरानी के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त करने के एनएचआरसी का आदेश रद्द किया
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पंचायत चुनावों की निगरानी के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त करने के एनएचआरसी का आदेश रद्द किया

कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें 8 जुलाई को होने वाले आगामी पंचायत चुनावों के लिए आयोग के महानिदेशक (जांच) को विशेष मानवाधिकार पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था।जस्टिस सब्यसाची भट्टाचार्य की एकल पीठ ने कहा कि पंचायत चुनाव राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) द्वारा आयोजित किए जाते हैं और "एनएचआरसी द्वारा एसईसी के विशेष डोमेन में हस्तक्षेप" उचित नहीं है।इसमें जोड़ा गया,"कानून और व्यवस्था की स्थिति और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव...

निजता मानवीय गरिमा का मूल है: केरल हाईकोर्ट ने अपमान और साइबर हमलों का सामना कर रही महिला की ऑनलाइन तस्वीरें हटाने का आदेश दिया
'निजता मानवीय गरिमा का मूल है': केरल हाईकोर्ट ने अपमान और साइबर हमलों का सामना कर रही महिला की ऑनलाइन तस्वीरें हटाने का आदेश दिया

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में पुलिस डायरेक्टर जनरल को अनैतिक तस्करी (रोकथाम) अधिनियम, 1956 के तहत अपराध की शिकार महिला की ऑनलाइन तस्वीरों और विवरणों को हटाने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया।याचिकाकर्ता ने सोशल मीडिया पर प्रसारित अपने नाम और तस्वीरों वाले ऑनलाइन कंटेंट को हटाने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसके परिणामस्वरूप उसे अपमानित होना पड़ा और उस पर साइबर हमले हुए।जस्टिस के बाबू की एकल पीठ ने याचिकाकर्ता की इस दलील पर ध्यान देते हुए कि सोशल मीडिया पर इस तरह के कंटेंट का प्रसार उसके...

जीवित देवताओं के रूप में लोगों की सेवा करें: जस्टिस रवींद्रनाथ सामंत ने कलकत्ता हाईकोर्ट में आयोजित विदाई समारोह में कहा
'जीवित देवताओं के रूप में लोगों की सेवा करें': जस्टिस रवींद्रनाथ सामंत ने कलकत्ता हाईकोर्ट में आयोजित विदाई समारोह में कहा

कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को जस्टिस रबींद्रनाथ सामंत की विदाई के अवसर पर फुल-कोर्ट संदर्भ बुलाया। उन्हें अगस्त 2021 में एडिशनल जज के रूप में कलकत्ता हाईकोर्ट में पदोन्नत किया गया था, और मई 2022 में स्थायी न्यायाधीश बनाया गया। पदोन्नत होने से पहले उन्होंने 1987 से पश्चिम बंगाल में जिला न्यायपालिका के सदस्य के रूप में कार्य किया और पिछले 35 वर्षों की सेवा में जिला अदालतों के विभिन्न रैंकों के माध्यम से वह आगे बढ़ते गए।जस्टिस सामंत ने अपने भाषण में उन सभी लोगों को धन्यवाद दिया, जिनके साथ...

NHRC ने कैदियों द्वारा जानबूझकर खुद को नुकसान पहुंचाने, आत्महत्या के प्रयासों को रोकने के लिए केंद्र, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए एडवाइजरी जारी की
NHRC ने कैदियों द्वारा जानबूझकर खुद को नुकसान पहुंचाने, आत्महत्या के प्रयासों को रोकने के लिए केंद्र, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए एडवाइजरी जारी की

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने न्यायिक हिरासत में कैदियों द्वारा जानबूझकर खुद को नुकसान पहुंचाने और आत्महत्या के प्रयासों को कम करने के लिए केंद्र, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश प्रशासन के लिए एडवाइजरी जारी की।यह देखते हुए कि कैदियों की अधिकांश अप्राकृतिक मौतें आत्महत्या के कारण होती हैं, जस्टिस (सेवानिवृत्त) अरुण मिश्रा के नेतृत्व वाले आयोग ने केंद्र, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह दी है कि वे कैदियों की मानसिक भलाई पर ध्यान दें और बैरकों के साथ-साथ शौचालय, जहां अधिकांश...

किसी बीमारी के आधार पर दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहने से छूट की मांग नहीं की जा सकती : केरल हाईकोर्ट
किसी बीमारी के आधार पर दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहने से छूट की मांग नहीं की जा सकती : केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने माना कि दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनने से छूट पाने के लिए बीमारी कोई आधार नहीं है।याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि चूंकि उनका इलाज चल रहा है, इसलिए वे हेलमेट सहित अपने सिर पर भारी वस्तुएं नहीं रख सकते। याचिकाकर्ताओं ने राज्य में सड़कों पर हाल ही में एआई निगरानी कैमरों की स्थापना के आलोक में अदालत का दरवाजा खटखटाया।हालांकि, कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की प्रार्थना पर विचार करने से इनकार कर दिया और कहा कि किसी को भी दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनने से छूट नहीं दी जा सकती।जस्टिस...

लिव-इन मामलों पर सुप्रीम कोर्ट के विचारों को ऐसे संबंधों को बढ़ावा देने वाला नहीं माना जा सकता: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंटरफेथ लिव-इन जोड़े की सुरक्षा की मांग वाली याचिका खारिज की
लिव-इन' मामलों पर सुप्रीम कोर्ट के विचारों को ऐसे संबंधों को बढ़ावा देने वाला नहीं माना जा सकता': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंटरफेथ लिव-इन जोड़े की सुरक्षा की मांग वाली याचिका खारिज की

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस के हाथों कथित उत्पीड़न के खिलाफ सुरक्षा की मांग करने वाले एक अंतरधार्मिक लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे जोड़े द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए हाल ही में कहा कि 'लिव-इन' रिश्तों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा व्यक्त किए गए विचारों को ऐसे रिश्तों को बढ़ावा देने वाले विचार के रूप में नहीं माना जा सकता।जस्टिस संगीता चंद्रा और जारिस नरेंद्र कुमार जौहरी की पीठ ने यह देखते हुए कि परंपरागत रूप से कानून विवाह के पक्ष में पक्षपाती रहा है, इस तरह के रिश्तों से पैदा होने...

यूपी के पुलिस स्टेशनों में महिलाओं के लिए शौचालयों बनाने के लिए उठाए गए कदमों और आवंटित धनराशि का उल्लेख करें: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया
यूपी के पुलिस स्टेशनों में महिलाओं के लिए शौचालयों बनाने के लिए उठाए गए कदमों और आवंटित धनराशि का उल्लेख करें': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के अवर सचिव, गृह को एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है जिसमें राज्य भर के पुलिस स्टेशनों में महिला शौचालयों के निर्माण के लिए धन आवंटन और उठाए गए अन्य आवश्यक कदमों की प्रगति की जानकारी दी जाए।जटिस महेश चंद्र त्रिपाठी और जस्टिस गजेंद्र कुमार की पीठ ने 6 लॉ स्टूडेंट दीक्षा, कुमारी प्रिया, शाल्वी तिवारी, समीक्षा सिंह, विजय कुमार और देवांश सिंह द्वारा दायर जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।जनहित याचिका में महिलाओं की निजता और गरिमा को...

पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव : कलकत्ता हाईकोर्ट ने जबरदस्ती नामांकन वापस लेने के आरोपों पर एसईसी से जवाब मांगा
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव : कलकत्ता हाईकोर्ट ने जबरदस्ती नामांकन वापस लेने के आरोपों पर एसईसी से जवाब मांगा

कलकत्ता हाईकोर्ट ने 8 जुलाई को होने वाले आगामी पंचायत चुनावों के लिए उम्मीदवारों द्वारा दाखिल किए गए नामांकन को जबरदस्ती वापस लेने के आरोपों पर गुरुवार को पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग ("एसईसी") से जवाब मांगा।मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणन और जस्टिस उदय कुमार की खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा,“ हमें समझ में नहीं आ रहा है कि आयोग कैसे चलाया जा रहा है… मतदाता स्वयं शिकायत कर रहे हैं कि जो नामांकन दाखिल करने के इच्छुक थे, वह सक्षम नहीं थे और उनकी पसंद का अधिकार प्रभावित हो रहा है… यह कैसे संभव है। फिर यह...